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ऑनलाइन शिक्षा पर निबंध | Essay On Online Education In Hindi

ऑनलाइन शिक्षा पर निबंध नमस्कार मित्रों आपका स्वागत हैं, आज हम Essay On Online Education In Hindi पर स्टूडेंट्स के लिए हिंदी एस्से, स्पीच, निबंध, पैराग्राफ लेकर आए हैं. ऑनलाइन स्टडी क्या हैं, इसकी सम्भावना व चुनौतियां, भारत के लिए वरदान या अभिशाप, इसके लाभ और हानि के बारे में इस निबंध में हम गहन अध्ययन करने जा रहे हैं.

ऑनलाइन शिक्षा पर निबंध Essay On Online Education In Hindi

ऑनलाइन शिक्षा पर निबंध | Essay On Online Education In Hindi

प्रस्तावना Online Learning

ऑनलाइन स्टडी को सरल शब्दों में इंटरनेट आधारित शिक्षा व्यवस्था कहा जा सकता हैं. कोरोना वायरस के में जब सरकार ने समस्त स्कूलों एवं शिक्षण संस्थाओं को अनिश्चित काल के लिए बंद कर दिया तो भारत समेत कई देशों में ऑनलाइन शिक्षा को प्रोत्साहन दिया गया.

चूँकि आज प्रत्येक बच्चें की इन्टरनेट तक पहुँच हैं, इस कारण यह शिक्षा का लोकप्रिय माध्यम भी बन गई हैं. इस माध्यम से शिक्षक इंटरनेट के द्वारा देश दुनियां के किसी भी कोने में बैठे अपने छात्र के साथ संवाद स्थापित कर सकते हैं.

हालांकि ऑनलाइन शिक्षा की परिकल्पना कोई नई नहीं हैं. कई सालों से विभिन्न प्लेटफॉर्म के माध्यम से यह दी जा रही थी, मगर इसे उतना गम्भीरता से नहीं लिया जाता था.

मगर लॉकडाउन के कारण तेजी से इसका उपयोग बढ़ा और स्कूल न जा सकने वाले विद्यार्थी वर्चुअल रूप से अपनी अधूरी पढ़ाई को फिर से जारी रख सके. यदि यह शिक्षा माध्यम न होता तो यकीनन करोड़ो बच्चों की पढ़ाई बीच में ही छुट जाती.

ऑनलाइन शिक्षा क्या है.(what is online education in Hindi )

सरल भाषा में हम ऑनलाइन शिक्षा को उस प्रणाली के रूप में समझ सकते हैं, जिसके द्वारा विद्यार्थी अपने ही घर में बैठकर इंटरनेट और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण यथा कंप्यूटर, लैपटॉप, स्मार्टफोन और टेबलेट के द्वारा शिक्षा प्राप्त कर सके.

इस नई शिक्षा प्रणाली में दूरी और समय के बंधन को बिलकुल दूर कर दिया हैं. विद्यार्थी जहाँ चाहे वहां बैठकर रियल टाइम अथवा रिकार्डेड लेक्चरर की मदद से पढ़ाई कर सकते हैं.

महामारी के इस दौर में डिजिटल शिक्षा को लोकप्रिय बनाने में हमारे शिक्षकों और सरकारों का भी बड़ा योगदान रहा हैं. कई विद्यालयों ने नियमित रूप से अपने गुरुजनों की शिक्षण गतिविधियों को बच्चों तक वर्चुअल रूप में पहुंचाना शुरू किया हैं.

इससे छात्रों के लिए घर बैठकर विद्याययन में बेहद सुविधा मिली हैं. उदाहरण के लिए राजस्थान सरकार ने स्माइल प्रोजेक्ट के तहत स्कूली बच्चों को व्हाट्सएप्प के जरिये रोजाना स्टडी मेटेरियल विडियो ऑडियो आदि पहुचाएं जाते हैं.

इस नई पहल से शिक्षा व्यवस्था बाधित होने की बजाय अधिक आसान हुई हैं.ऑनलाइन शिक्षा माध्यम कई कारणों से लोकप्रिय हुआ हैं. इसका संचालन और प्रदत्त सुविधाए आसान और हर इंसान तक आसानी से सुलभ हैं. 

यही कारण है कि नर्सरी की कक्षाओं से लेकर बड़े बड़े डिग्री कोर्स की ऑनलाइन क्लासेज चल रही हैं और बच्चें रूचि से उसमें भाग भी लेते हैं.

इस कक्षा से जुड़ने के लिए सिर्फ अच्छे इन्टरनेट कनेक्शन की जरूरत होती हैं. इसमें विडियो, ऑडियो और वेब कंटेट के माध्यम से बच्चों को प्रशिक्षित किया जाता हैं. वर्ष 1993 से ऑनलाइन शिक्षा को वैध दर्जा दिया गया था.

ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली में कठिनाइयां और सम्भावनाएं (Online Education Challenges And Opportunities In Hindi)

अभी तक ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली अपनी आरम्भिक अवस्था हैं इस कारण इसे उतना अमल में नहीं लाया जा सका हैं जिससे व्यवस्था में आने वाली मुशिबतों की शिनाख्त की जाए.

मगर कई बड़े और मूलभूत कारणों से आज भी इस पद्धति का सभी बच्चें लाभ नहीं उठा पाते हैं. जिनमें पहली समस्या हैं तीव्र गति के इंटरनेट का अभाव.

आज भी सुदूर प्रान्तों में इन्टरनेट की स्पीड उतनी नहीं है जिससे ऑनलाइन क्लास अटेंड की जा सके. दूसरी समस्या इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को लेकर हैं.

मध्यम और निम्न परिवारों के बच्चों को स्मार्ट फोन आदि नहीं दिया जाता हैं अथवा परिवार की आर्थिक स्थिति उस दर्जे की नहीं होती है जो यह खर्च निर्वहन कर सके.

एक बड़ी बाधा यह भी हैं चूँकि शिक्षकों के लिए पढ़ाने का यह नवीन माध्यम हैं, परम्परागत अध्यापक इस तरह की तकनीक के समक्ष स्वयं को प्रस्तुत करने से भी हिचकिचाते हैं.

यदि हम ऑनलाइन शिक्षा की सम्भावनाओं की बात करें इंटरनेट के इस युग में इस पद्धति का महत्व तेजी से बढ़ रहा हैं. आज बहुत से संस्थान कम्पीटीशन की तैयारी करने वाले स्टूडेंट्स के घर ऑनलाइन कोर्स मुहैया करवा रहे हैं.

दूरस्थ शिक्षा की संस्थाएं भी तेजी से इस विकल्प को अपनाने की ओर बढ़ रही हैं. ऐसे में हम आने वाले दशक में भारत में ऑनलाइन शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व वृद्धि देख सकते हैं.

ऑनलाइन शिक्षा के फायदे व नुकसान Online Education Advantages And Disadvantages

ऑनलाइन शिक्षा के लाभ : यदि हम समग्र रूप से सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए डिजिटल एज्युकेशन की बात करें तो हमें इसके लाभ हानि, वरदान या अभिशाप (Boon or curse) महत्व (Importance) आदि की भी बात करनी होगी. यहाँ कुछ बिन्दुओं के जरिये इस नवीन पद्धति के फायदों को समझने का प्रयास करते हैं.

  1. ऑनलाइन शिक्षा के कई सारे लाभ घर बैठकर पढ़ाई करने की सुविधा के कारण जन्म लेते हैं.
  2. विभिन्न प्रकार के मौसम, परिस्थतियाँ, गृहणी या विकलांगता जैसी बाधाओं से शिक्षा प्रभावित नहीं हो पाती हैं.
  3. नियमित रूप से आवागमन की बाधा समाप्त हो जाने से बहुत सा समय और खर्च की बचत भी हो जाती हैं.
  4. विद्यालय के संसाधनों एवं संभारतन्त्र की बचत भी हो जाती हैं.
  5. पढाई से पूर्व की औपचारिकता में व्यय होने वाले समय को बचाया जा सकता हैं.
  6. डिजिटल डेटा को आसानी से सेव किया जा सकता हैं जिस कारण पूर्व में दिए गये लेक्चर को किसी भी समय पुनः उपयोग किया जा सकता हैं.


ऑनलाइन शिक्षा के हानियाँ : अभी तक हमने ऑनलाइन शिक्षा माध्यम क्या हैं इसका महत्व क्या हैं इसकी आज के समय में सम्भावनाएं, चुनौतियों और फायदे के बारें में जाना हैं.

एक तरफ इस पद्धति के कई सारे लाभ हैं तो दूसरी ओर इसके कई दुष्परिणाम भी सामने आने लगे हैं. नीचे दिए गये बिन्दुओं की मदद से इस शिक्षण पद्धति की हानियों के बारें में भी जानते हैं.

  1. सभी बच्चें एक जैसे नहीं होते है उनमें व्यापक स्तर पर विविधता पाई जाती हैं. इसलिए स्क्रीन पढना या देखना उतना सहज भी नहीं होता हैं. हार्डकॉपी की तुलना में स्क्रीन पर पढना बहुत कठिन हो जाता हैं.
  2. ऑनलाइन शिक्षा से होने वाले बड़े नुकसानों में बच्चों के नेत्र, अंगुलियों तथा रीढ़ की हड्डी में आने वाली विकृति भी हैं.
  3. अमूमन ऑनलाइन क्लास में एक शिक्षक सभी बच्चों के साथ संवाद स्थापित नहीं कर पाता हैं, ऐसे में एक तरफे संवाद की स्थिति अधिगम के लिए उपयुक्त नहीं मानी जाती हैं.
  4. ऑनलाइन तरीके से बच्चें के अधिगम उनकी समझ व कमजोरियों का परीक्षण सही रूप में नहीं किया जा सकता हैं.
  5. यह शिक्षा माध्यम विद्यार्थी को अधिक स्वतंत्रता देता हैं इसके कारण वह अपने मन के मुताबिक़ कार्य करने लगता हैं, इससे अनुशासन की भावना बच्चें में विकसित नहीं हो पाती हैं.
  6. जब बालक को मोबाइल अथवा कोई गेजेट दे दिया जाता है तो उसकी मोनिटरिंग भी नहीं हो पाती हैं, वह क्या देखता हैं आदि. बच्चे के चरित्र को गलत दिशा देने वाले कंटेट की कमी नहीं हैं. ऐसे में माँ बाप भी उन्हें स्मार्ट फोन देने से हिचकिचाते हैं.

ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली को सुधारने के उपाय The Online Education Essay

जब भी कोई नई पद्धति प्रभाव में आती हैं तो कुछ दुष्प्रभावों के अछूत हो यह कल्पना नहीं की जा सकती. उसके उपयोग और प्रायोगिकता के बाद हम नकारात्मक बिन्दुओं को पहचान सकते हैं.

चूँकि ऑनलाइन शिक्षा एक उपयोगी क्षेत्र हैं जिस पर बच्चों और पूरे देश का भविष्य टिका हो तो हमें पद्धति के सभी पहलुओं का अध्ययन कर इसमें सुधार के उपायों की ओर देखना चाहिए.

बच्चों को शिक्षा के इस माध्यम पर पूरी तरह निर्भर नहीं किया जाना चाहिए. बच्चे प्रिंट पुस्तकों को भी पढ़े तथा उन्हें ऑनलाइन सामग्री पढने के भी अवसर खुले रखने चाहिए.

रोचक तरीके से अध्यापन कराने वाले अनुभवी शिक्षकों को इसमें प्रोत्साहित किया जाना चाहिए. विभिन्न स्तरों पर बच्चों की समस्याओं के समाधान के लिए हेल्प केंद्र खोले जाने चाहिए. बच्चों  को प्रायोगिक अध्ययन के अवसर भी उपलब्ध कराने चाहिए. 

निष्कर्ष
अंत में निष्कर्ष के रूप में यह कहा जा सकता हैं यदि प्रबंधित रूप से बच्चों को ऑनलाइन माध्यम द्वारा सीखने के अवसर दिए जाए तो वह तनाव रहित होकर रूचि के साथ सीख सकता हैं. हम टेक्स्ट बुक्स के पाठ्यक्रम के साथ इस नवीन पद्धति को नहीं अपना सकते हैं.

राष्ट्रीय स्तर पर बच्चों के लिए हल्के फुल्के क्रेस कोर्स बनाए जाए जो अल्प समय में सीखे जा सकते हैं. कोचिंग संस्थान भी निरंतर दस और बारह घंटों की भारी भरकम क्लास लेने की बजाय बच्चों की सेहत का ख्याल करते हुए कम समय में आकर्षक फीचर के साथ अध्यापन की व्यवस्था कराएं तो इस तकनीक आधारित शिक्षण से अधिकतम लाभ लिया जा सकता हैं.

क्या ऑनलाइन लर्निंग शिक्षा का भविष्य है पर निबंध ( Essay On Is Online Learning the Future Of Education in Hindi)

जिस तेजी से ई लर्निंग यानी ऑनलाइन पढ़ाई पर बच्चे और उनके अभिभावक यकीन कर रहे है उससे यह प्रश्न उठता है कि क्या ऑनलाइन शिक्षा आने वाले समय में पढ़ाई का एक सशक्त माध्यम बन पाएगा.

हर साल लाखों की संख्या में स्टूडेंट्स ऑनलाइन कोर्सेज में अपनी रूचि दिखाते हैं इनके आधार पर यही कहा जा सकता है कि आने वाले समय में निश्चित तौर पर यह शिक्षा का भविष्य बनने की ओर अग्रसर हैं.

पुरातन काल से चली आ रही परम्परागत शिक्षा में नवाचारो के उपयोग के साथ स्मार्ट एजुकेशन के रूप में एक नया स्वरूप हमारे स्वरूप उपस्थित हुआ,

जिसमें कक्षाएं तो वही पुराने माध्यम के अनुसार एक कक्षा कक्ष में चल रही थी. मगर डिजिटल बोर्ड, ग्राफिक्स, ऑडियो विडियो की मदद से शिक्षण को अधिक रुचिकर बनाया गया था, 

यह स्वरूप काफी हद तक सफल और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार भी लेकर आया. मगर कोरोना के बाद के विश्व में स्मार्ट क्लास से वर्चुअल क्लास के सफर में अभी अधिक समय नहीं हुआ हैं.

मगर निश्चित रूप से सिखने और सीखाने के दोनों स्तम्भों को यह उच्चतर स्तर की ओर लेकर जा रहा हैं.

नयें माध्यम में फिजिकल उपस्थिति और कक्षा कक्ष के माध्यम को पूरी तरह समाप्त कर दिया हैं. बोर्ड के सामने अब शिक्षक तो है मगर विद्यार्थी बैच की बजाय अपने अपने रूम में बैठकर उन्हें देख व सुन रहे हैं.

शिक्षक के पास अपने शिक्षण प्रतिपुष्टि के अवसर जरुर सिमित हुए हैं, मगर बच्चों को अधिक आजादी और नयें तरीके से सीखने के अवसर मिले हैं.

शिक्षा में ज्ञान के साथ ही साथ अनुशासन समेत अनेक गुणों को भी बालक में विकसित किया जाता हैं, वर्चुअल क्लास की अवधारणा में इसकी कमी अवश्य प्रतीत होती हैं.

ऑफलाइन क्लास की अधिकतर सामग्री बच्चे को उनके मोबाइल या लेपटोप की स्क्रीन पर उपलब्ध तो हो रही हैं, मगर वह उसे कितना ग्रहण कर पा रहा है, उसकी उपस्थिति कक्षा के समय कितनी रही हैं.

इन सवालों के जवाब नदारद हैं. वैसे भी जब कोई नया माध्यम प्रस्तुत होता हैं तो उसका सम्पूर्ण एवं उपयोगी स्वरूप बनने में कड़ी दर कड़ी सुधारों की आवश्यकता होती हैं.

ऑनलाइन शिक्षा की अवधारणा बेहद उपयोगी और गुणवत्तापूर्ण हैं. परन्तु अभी भी बहुत से सुधारों को अपनाए जाने की जरूरत महसूस होती हैं.

जब हम शिक्षा के भविष्य के रूप में ई लर्निंग को स्वीकार करते है तो हमें कई गम्भीर सवालों के जवाब भी बताने होंगे. नर्सरी के एक बच्चें को यदि डिजिटल गेजेट्स के समक्ष बिठाया जाए तो बहुत सम्भव है.

वह उसका सही यूज नहीं कर पाए ऐसा कुछ बड़ी उम्र के बच्चों के साथ भी देखा जा सकता हैं. ऐसे में माता पिता की जिम्मेदारी भी बढ़ जाती है कि वे बच्चें को इस माध्यम का अधिकतम लाभ दिलाएं.

फायदों की तरफ देखे तो समय की बचत और धन की बचत हो रही हैं. ऑनलाइन शिक्षा के प्रति बच्चों के रुझान भी सकारात्मक भी हैं. उन्हें वे समस्त क्रियाकलाप करने के अवसर भी उपलब्ध हो जाते हैं.

पेरेंट्स भी बच्चें को स्कूल छोड़ने और वापिस लाने के समय की बचत कर सकते हैं. इस प्रणाली को वैधानिक रूप से मान्यता देने से पूर्व इसका मूल्यांकन किये जाने की महत्ती आवश्यकता हैं.

ऑनलाइन शिक्षा का महत्व पर निबंध Online Shiksha Ka Mahatva Par Nibandh

ऑनलाइन शिक्षा का महत्व पर निबंध Essay On Importance of Online Education In Hindi
शिक्षा हमारे जीवन में सबसे महत्वपूर्ण संसाधन है. शिक्षा से हमारे जीवन का विकास होता है.शिक्षा ही एक व्यक्ति के प्रति सकारात्मक रवैया पैदा कर सकती है.

शिक्षा प्राप्त करने के आज हमारे पास अनेक संसाधन उपलब्ध है. उन्ही में से एक है. ऑनलाइन शिक्षा. जो आज कोरोना काल के संकट में हमारे लिए बहुत उपयोगी साबित हो रही है. 

इन्टरनेट के माध्यम से आज हम अपने मोबाइल या कम्प्यूटर के माध्यम से कही पर भी बैठकर ऑनलाइन पढाई कर सकते है. घर बैठे ऑनलाइन शिक्षा की प्राप्ति से हमारे समय की बचत होती है.

कोरोना काल में हमारे सभी विद्यालय बंद है. इस समय ऑनलाइन शिक्षा ही हमारा एकमात्र शिक्षा प्राप्त करने का सहारा है. जो हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है.

आज ,के इस तकनिकी युग में ऑनलाइन शिक्षा का प्रभाव लगातार बढ़ता जा रहा है. ऑनलाइन हम शिक्षण की सभी गतिविधियों को इन्टरनेट से प्राप्त कर सकते है.

ऐसे में विद्यार्थी और अभिभावक ऑनलाइन शिक्षा को बेहतर मानते है. ऑनलाइन शिक्षा में केवल शिक्षा ही नहीं दी जाती है.

यहाँ हमें ऑनलाइन कोर्स ऑनलाइन टेस्ट और ऑनलाइन परिक्षाए भी होती है. जो विद्यार्थी के लिए काफी उपयोगियो साबित होती है.

ऑफलाइन शिक्षा की भांति ऑनलाइन शिक्षा काफी बेहतर है, क्योकि विद्यालय जाने पर बच्चो को काफी समय लगता है. तथा आर्थिक बचत भी होती है. लेकिन ऑनलाइन शिक्षा में हमें कोई शुल्क की जरुरत नहीं होती है. ऑनलाइन शिक्षा आधुनिक पीढ़ी का भविष्य बन सकता है. इसलिए ये बहुत महत्वपूर्ण है.

Essay On Importance of Online Education In Hindi

विद्यालय या कॉलेज में जाकर ऑफलाइन शिक्षा ग्रहण करने की बजाय इन्टरनेट के माध्यम से घर बैठे शिक्षा प्राप्त करने को हम ऑनलाइन शिक्षा कहते है.

विद्यार्थी जीवन में ऑनलाइन शिक्षा आज बहुत महत्वपूर्ण बन गई है. क्योकि आज किसी कारणवश विद्यालय बंद रहे तो इस समय ऑनलाइन शिक्षा ही शिक्षा प्राप्त करने का साधन होता है.

जिस प्रकार कोरोना महामारी के समय में ऑनलाइन शिक्षा ने बेहतर भूमिका निभाई उसी प्रकार हर समय ऑनलाइन शिक्षा हमारे लिए एक बेहतर विकल्प हो सकती है.

ऑनलाइन शिक्षा हम देश के किसी भी भाग में बैठकर पढ़ सकते है. और अपने शिक्षस से हर प्रश्न के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त कर सकते है.

आधुनिक युग में इन्टरनेट के माध्यम से अनेक सॉफ्टवेयर बनाए गए है. जिसमे हमें ऑनलाइन शिक्षा प्राप्त करने तथा ऑनलाइन कोर्स खरीदने की सुविधा मिलती है.

जहा से हम कोर्स लेकर या वीडियोस देखकर अपनी शिक्षा में विकास कर सकते है. आज इन्टरनेट पर एक से बढकर एक ऑनलाइन क्लासेस चल रही है. जिसमे भाग ;लेकर हम घर बैठे शिक्षा प्राप्त कर सकते है.

ऑनलाइन शिक्षा हमारे लिए किसी वरदान से कम नहीं है. ऑनलाइन शिक्षा हम बिना पैसो के प्राप्त कर सकते है. जिस कारण अधिक लोग ऑनलाइन शिक्षा को पसंद करते है.

ऑनलाइन शिक्षा के लाभ
  • ऑनलाइन शिक्षा से आर्थिक बोझ कम हो जात है.
  • जो व्यक्ति ऑफलाइन शिक्षा ग्रहण नहीं कर पाते है, वे घर बैठे भी ऑनलाइन शिक्षा प्राप्त कर सकते है.
  • ऑनलाइन शिक्षा में एक टॉपिक को अलग अलग लोगो के साथ समझकर उसका हल किया जा सकता है.
  • ऑनलाइन शिक्षा में हमें बेसिक ज्ञान मिलता है. और हम हर विषय को ट्रिक से याद कर पाते है.
  • विद्यार्थी ऑनलाइन अपने सभी सवालो का जवाब ढूंढ सकता है.
  • ऑनलाइन शिक्षा में समय की बचत की जा सकती है.
  • बच्चो को कुसंगति से बचाया जा सकता है.
ऑनलाइन शिक्षा की हानियाँ
  • बच्चो का शारीरिक श्रम न होने पाने के कारण अस्वस्थ होना.
  • विडियो और ऑनलाइन बैठने से आँखे कमजोर होती है.
  • कुछ लोग मोबाइल तक नहीं खरीद पाते है. उनके बच्चे शिक्षा से वंचित रह जाते है.
  • ऑनलाइन शिक्षा में विद्यार्थी के अनुशासन पर गहरा प्रभाव पड़ता है. और इस समय विद्यार्थी अनुसासन भूल जाते है.
  • आजकल के बच्चे ऑनलाइन शिक्षा के बहाने गेम खेलते है. और अन्य विडियो देखते है. जिस कारण माता पिता बच्चो को मोबाइल देने से मन कर देते है. जिससे बच्चे शिक्षा से वंचित रह जाते है.
आज के समय में ऑनलाइन शिक्षा बड़ी क्रांति का रूप धारण कर चुकी है. ऑनलाइन शिक्षा आर्थिक रूप से कमजोर लोगो को शिक्षा प्राप्त कराने के लिए उपयोगियो है.

ऑनलाइन शिक्षा बड़े बुजुर्ग लोग भी प्राप्त कर सकते है. और ज्ञान का विकास कर सकते है. हमें ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों का शिक्षा का समान उपयोग कर शिक्षण विधि को दुगुनी रफ़्तार से बढ़ाना चाहिए.

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