मेरा प्रिय अध्यापक निबंध | Essay on My Favourite Teacher in Hindi Language
विद्यालय वर्तमान शिक्षा के केंद्र हैं. जहाँ शिक्षार्थी शिक्षा ग्रहण करने जाते हैं. शिक्षा शिक्षकों के द्वारा दी जाती हैं. वे ही हमारे भावी जीवन का निर्माण कर हमें सुनागरिक बनाते हैं.
शिक्षक हमारे लिए सम्मानीय हैं. वे हम पर बहुत उपहार करते हैं. इसलिए उनको गुरु का सम्मान दिया जाता हैं. और उन्हें गोविन्द से भी ऊँचा माना गया हैं. संत कबीर ने कहा है कि
गुरु गोविन्द दोऊ खड़े काके लागू पायबलिहारि गुरु आपने गोविन्द दियो मिलाय,
मैं राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में पढ़ता हूँ. हमारे विद्यालय में ग्यारह अध्यापक हैं. वैसे तो हमारे विद्यालय के सभी अध्यापक विभिन्न विषयों के ज्ञाता और परिश्रमी हैं, पर जिस शिक्षक ने मुझे विशेष रूप से प्रभावित किया है वे हैं श्री संजीव कुमार जी. ये अपनी विशेषताओं के कारण हमारे प्रिय अध्यापक हैं.
मेरे प्रिय शिक्षक की विशेषताएं- मेरे प्रिय शिक्षक मेरे विषयाध्यापक के साथ साथ कक्षाध्यापक भी हैं. वे हमारी कक्षा को हिंदी विषय पढाते हैं. उनके पढ़ाने का ढंग इतना सरल और रोचक हैं. कि सभी शिक्षार्थी उनकी बात को बड़े ध्यान से सुनते और ग्रहण करते हैं.
पूरी कक्षा अनुशासित और प्रसन्नचित होकर पढ़ती हैं. केवल पढाने में ही नहीं अपितु अन्य व्यक्तिगत गुणों के कारण भी वह मेरे प्रिय शिक्षक हैं.
वे सादा जीवन उच्च विचार के पोषक हैं. विद्यालय और कक्षा में नियमित रूप से समय पर आना, शिक्षार्थियों के साथ पुत्रवत स्नेह करना, ईमानदारी और परिश्रम के साथ पढ़ाना, गरीब छात्रों की सहायता करना, हमेशा सत्य बोलना, दूसरों के साथ मधुर व्यवहार करना आदि अनेक ऐसे गुण हैं जो हमें प्रभावित करते हैं.
इनके साथ ही वे पढ़ाने के अलावा विद्यालय के अन्य सहशैक्षिक कार्यक्रमों में भी अपना उत्तरदायित्व आगे बढकर हमेशा निभाते हैं. यही कारण है कि सभी शिक्षक, शिक्षार्थी यहाँ तक कि प्रधानाध्यापक भी उन्हें सम्मान की दृष्टि से देखते हैं.
उपसंहार- मेरे प्रिय शिक्षक योग्य, परिश्रमी, स्नेही, कर्मठ, ईमानदार, अनुशासनप्रिय एवं व्यवहारकुशल हैं. पूरा विद्यालय ही नहीं बल्कि पूरा कस्बा उन्हें सम्मान की दृष्टि से देखता हैं मेरी आकांक्षा है कि वे हमें अगली कक्षा में भी पढ़ाए और अपने आदर्श गुणों के कारण हमारे प्रिय शिक्षक बने रहे.
My Favourite Teacher Essay in Hindi
आज के इस संसार में ज्ञान का दीपक जलने वाले और विद्यार्थियों का सच्चा मार्गदर्शन करने वाले शिक्षक होते है, जो विद्यार्थी को बेहतर बनाने के लिए विद्यार्थियों का हौसला बढ़ाते है.
उन्हें बेहतर से बेहतर करने की सलाह देते है. वैसे तो मेरे लिए सभी गुरुजन मेरे लिए भगवान है, क्योकि सभी हमें शिक्षा प्रदान करते है, तथा मार्गदर्शन कराते है.
मेरे सबसे अच्छे ओर प्रिय शिक्षक मोतीसिंह जी है, जो शिक्षा के साथ साथ सामाजिक और मानसिक शिक्षाए भी ग्रहण कराते है. मोतीलाल जी हमारे कक्षा अध्यापक भी है. जिस कारण हमारा मेल जोल हर समय होता रहता है. मोतीलाल जी हिंदी के शिक्षक है.
मोतीलाल जी हमारे विद्यालय के सबसे श्रेष्ठ शिक्षक है. मोतीलाल जी हर समय अपनी इमानदारी सत्यनिष्ठा के साथ हमे शिक्षा प्रदान कराते है. मेरे प्रिय शिक्षक आत्मविश्वास ईमानदारी तथा सत्य के पथ पर चलने के लिए हमें प्रेरित करते है.
मेरे प्रिय शिक्षक हर विषय का ज्ञान रखते है. जिसमे गणित और विज्ञान भी शामिल है. जिनमे ये निपुण है. कई बार विषय अध्यापक के लिए मुसीबत बनने वाला प्रश्न या प्रक्रिया मेरे प्रिय शिक्षक छुटकियो में कर लेते है.
मेरे प्रिय शिक्षक हिंदी के है. इस विषय में मेरे प्रिय शिक्षक हमे अध्यायों को कहानी के अनुसार बताते है. जिससे हमे एक बार पढ़ने पर भी याद हो जाता है. मेरे प्रिय शिक्षक का स्वभाव मुझे बहुत पसंद है, वो हमेशा दयालुता का परिचय देते है. और शांत प्रवृति में ही लीन रहते है.
विद्यार्थियों द्वारा गलती हो जाने पर उन्हें पीटने की बजाय उन्हें समझाते है. और अगली बार इस कार्य में सुधार के लिए उत्तेजित करते है. जिस कारण हमारे ओर शिक्षक के बीच प्रेमभाव बना रहता है. और हम प्रिय शिक्षक के सम्मान में हर कार्य कर देते है. और मुश्किल से मुश्किल प्रक्रिया का समाधान निकाल लेते है.
पहले हमे लगता था, कि कैसे हम अगली कक्षा में पढ़ पाएँगे, पर मोतीलाल जी के कारण हम केवल हिंदी में ही नहीं बल्कि विज्ञानं और गणित में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे है.
जिस विषय से हमे डर लगता था, वो विषय मेरी सबसे मजबूत विषय बन चुकी है. इसका सम्पूर्ण श्रेय मेरे प्रिय गुरूजी मोतीलाल को जाता है.
मोतीलाल जी हमारे शिक्षक ही नहीं हमारे भगवान है. वे हमेशा शिक्षण के कार्य कराने में व्यस्त रहते है. एक बार विषय का सेलेबस हो जाने पर हमे दुबारा पढ़ाते है. और एक एक प्रश्न को बारीकी से समझाते है. किसी भी विद्यार्थी का प्रश्न सुनकर धैर्य से उसका उत्तर देते है.
मेरे प्रिय शिक्षक जितने प्यारे है, उतने ही न्यारे भी है, वे सभी शिक्षको से अलग स्वभाव के है, फिर भी वे उनके साथ घुल-मिलकर रहते है.
मोतीलाल जी हर सप्ताह हमारे कक्षा के बच्चो को मजबूत तैयारी कराने के लिए एक टेस्ट लेते है. जिससे सभी बच्चे अपना रिवीजन कर सकें.
मेरे प्रिय शिक्षक का सिद्धांत है, कि वे हर विद्यार्थी के प्रश्न को सुनकर उन्हें समझाते है. पर फिर समझ में नहीं आने पर दुबारा समझाते है. जब तक विद्यार्थी उस प्रश्न को खुद नहीं कर पाटा तब तक आगे नहीं बढ़ते और उसी प्रश्न पर लगे रहते.
लेकिन सात दिनों की अवधि के बाद जब बच्चो का टेस्ट लिया जाता है. जिसमे कम प्राप्तांक प्राप्त करने वाले बच्चो को डांट भी खानी पडती है.
लेकिन श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले बच्चो को सम्मानित किया जाता है. तथा मोतीलाल जी हर टेस्ट के बाद विद्यार्थियों के हौसले को बढाने के लिए एक पेन देते है. और उनका सम्मान करते है.
साप्ताहिक टेस्ट में अधिकांश बार में ही प्रथम आता हूँ, जिस कारण मेरे प्रिय शिक्षक मुझे भी बहुत प्यार करते है. तथा सम्मान देते है.
मेरे प्रिय शिक्षक पर मुझे गर्व है, कि मुझे ऐसे शिक्षक मिले जो मानवतावादी विचारधारा से सभी के भविष्य के सुधार के लिए अपना श्रेष्ठ दे रहे है.
मेरे प्रिय शिक्षक हर विद्यार्थी को समान रूप से देखते है. और किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं करते है, जो उनकी सबसे बड़ी खासियत है. वे हमेशा साफ सफाई को बढ़ावा देते है.
तथा एक सकारात्मक सोच उत्पन्न करते है. प्रिय शिक्षक से मुझे काफी प्रेरणा और शिक्षा मिली है. जिस कारण में जीवनभर उनका आभारी रहूँगा.
मेरे प्रिय शिक्षक हमें अपने बच्चो को भांति प्यार देते है. और हमारे जीवन में हमारा साथ देते है. सत्यपथी बनने के लिए प्रेरित करते है. मै हमेशा उनका सम्मान करता हूँ, और करता रहूँगा. उनकी कही हुई हर बात को मै तन मन से पूर्ण करता हूँ.