नैनो तकनीक पर निबंध Essay on Nanotechnology In Hindi: मित्रों आपका हार्दिक स्वागत है आज के लेख में हम नैनो टेक्नोलॉजी निबंध बता रहे हैं. इस निबंध, भाषण, अनुच्छेद, लेख, आर्टिकल पैराग्राफ में हम जानेगे कि नैनो तकनीक, प्रकार, विकास, गुणधर्म, ,चुनौतियां, विभिन्न क्षेत्रों में अनुप्रयोग, विधि, नैनो मिशन , मटेरियल क्या है आदि को इस नेनोटेक्नोलॉजी एस्से में कवर करने का प्रयास किया गया हैं.
Essay on Nanotechnology In Hindi
नमस्कार दोस्तों इस आर्टिकल के माध्यम से आप जान पाएंगे नैनो तकनीक क्या होती है इसके कौन-कौन से प्रकार हैं यह किस प्रकार काम करती है इसका विकास कैसे हुआ और नैनो पदार्थों के या इस तकनीक के क्या गुणधर्म है.
साथ ही साथ नैनो पदार्थों के प्रकार तथा नैनो तकनीक के समक्ष वर्तमान चुनौतियों का परिचय दिया जाएगा साथ ही बात करेंगे नैनो तकनीक का विभिन्न क्षेत्रों में क्या क्या उपयोग है.
और नैनो तकनीक किस प्रकार वर्तमान समय में उपयोगी साबित हो सकती हैं इनके अलावा नैनो तकनीक का भारत में किस तरह विकास हुआ और भारत ने नैनो मिशन के माध्यम से इसको किस प्रकार बढ़ावा दिया है.
नैनो तकनीक क्या है (what is nanotechnology in hindi)
नैनो तकनिकी विज्ञान यानि अति सूक्ष्म मशीनें तथा उनके निर्माण और अध्ययन करने वाला विज्ञान है। वो मशीनरी जो मानव के देह में उतर कर उसकी धमनियों में चल-फिर कर वहीं रोग का ऑपरेशन कर सकें। तथा उसकी जानकारी को संगृहीत कर सकें.
पदार्थ का सूक्ष्मतम रूप परमाणु माना जाता है जब पदार्थों को आणविक तथा परमाण्विक स्तर पर जाकर अध्ययन करके विभिन्न भौतिक संरचनाओं का निर्माण किया जाता है तो उसे नैनो तकनीक कहा जाता है इसका मतलब यह हुआ कि आणविक तथा परमाण्विक स्तर पर अध्ययन करने वाली तकनीक को ही नैनो तकनीक कहा जाता है.
नैनो शब्द की बात करें तो इसकी उत्पत्ति ग्रीक भाषा से हुई है जिसका अर्थ है -बौना ꫰ इस तरह नैनो का अर्थ परमाणु से लिया जाता है.
नैनो पदार्थ वे पदार्थ होते हैं जो नैनो परास पर जिन पदार्थों का अध्ययन किया जाता है नैनो परास से आश्य एक नैनोमीटर से लेकर 100 नैनोमीटर तक की परास को नैनो परास कहा जाता है एक नैनोमीटर का मान 1 मीटर के एक अरबवें हिस्से के बराबर होता है.
नैनो तकनीक के प्रकार (Types of nanotechnology in hindi)
नैनो तकनीक को प्रमुखता दो भागों में बांटा गया है
- Top-down नैनो तकनीक के तहत बड़े पदार्थों को काट कर नैनो परास के अंतर्गत लाया जाता है यह तकनीक काफी जटिल है महंगी भी है इस तकनीकी के जनक नोरियो तानी गुची जापानी वैज्ञानिकों माना जाता है.
- बॉटम अप नैनो तकनीक इस तकनीक के तहत आणविक परमाण्विक स्तर पर पाए जाने वाले पदार्थों को जोड़ते हुए नैनो स्केल पर लाकर अन्य पदार्थों का निर्माण किया जाता है
इस तकनीक के अंतर्गत उन पदार्थों का निर्माण किया जा रहा है जिनका अस्तित्व वर्तमान में नहीं है जैसे नैनो रोबोट अमेरिकी वैज्ञानिक एरिक डेक्सलर को इस तकनीक का जनक माना जाता है.
नैनो तकनीक का विकास (Nanotechnology development in hindi)
नैनो तकनीक के विकास के पहले सोपान के अंतर्गत एमआईटी विश्वविद्यालय संयुक्त राज्य अमेरिका के भौतिक शास्त्री रिचर्ड फिनमैन के व्याख्यान आधार तल में काफी जगह है से मानी जाती है
इसी कारण फिनमैन को नैनो तकनीक का जनक माना जाता है.नैनो तकनीकी शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग जापान के वैज्ञानिक नोरियो तानी गुची ने किया.
नैनो तकनीक की पीढ़ियां (Generations of nanotechnology in hindi)
प्रोफ़ेसर मिहैल रोको ने नैनो तकनीकी के विकास क्रम की चार पीढ़ियां बताई हैं
- पहली पीढ़ी की शुरुआत सन 2000 से होती है तथा इस पीढ़ी के अंतर्गत निर्मित पदार्थों को निष्क्रिय नैनो नैनों संरचना नाम दिया गया इस पीढ़ी में बनाए गए प्रमुख पदार्थों में एयरोसोल पॉलीमर्स को शामिल किया गया है.
- द्वितीय पीढ़ी की शुरुआत सन 2005 से मानी जाती है तथा इस पीढ़ी के अंतर्गत निर्मित पदार्थों को सक्रिय नैनो संरचना नाम दिया गया इसके तहत बनाए गए पदार्थों में नैनो संवेदक नैनोकैप्सूल्स नैनो रसायन नैनो ड्रग्स तथा 3D ट्रांजिस्टर को सम्मिलित किया गया है.
- तृतीय पीढ़ी का आरंभ वर्ष 2010 से माना गया है और इसके अंतर्गत बनाए गए पदार्थों को सिस्टम ऑफ नैनो सिस्टम नाम दिया गया है प्रमुख पदार्थों की बात करें तो इस पीढी के अंतर्गत नैनो रोबोट और 3डी नेटवर्क को शामिल किया जाता है.
- चतुर्थ पीढ़ी की शुरुआत सन 2015 से हुई तथा इस पीढ़ी के अंतर्गत बनने वाले पदार्थों को मॉलिक्यूलर ऑफ नैनो सिस्टम नाम दिया और इस पीढ़ी में पहले की तीनों पीढ़ियों में बने पदार्थों के आधुनिकरण पर बल दिया गया
नैनो पदार्थों के गुणधर्म (Properties of nano materials in hindi)
- नैनो पदार्थों मैं कठोर तथा लचीले दोनों गुणों का सामंजस्य पाया जाता है अर्थात नैनो पदार्थों में जहां अत्यधिक कठोरता का गुण पाया जाता है
- उसके साथ ही साथ लचीलेपन का गुण भी पाया जाता है जो सामान्य भौतिक पदार्थों में नहीं पाया जाता उदाहरण के लिए ग्रिफिन को लेते हैं ग्रिफिन स्टील की तुलना में 200 गुना अधिक मजबूत होता है.
- नैनो पदार्थों के विद्युतीय गुण की बात करें तो नैनो पदार्थ विद्युत के अच्छे सुचालक होते हैं नैनो पदार्थों के द्वारा ऊर्जा के उत्पादन को भी बढ़ाया जा सकता है तथा साथ ही साथ ऊर्जा हानि को भी कम किया जा सकता है इसके अलावा नैनो पदार्थों की सहायता से अति चालकों का भी निर्माण किया जा सकता है.
- नैनो पदार्थ रासायनिक स्तर पर अत्यधिक क्रियाशील होते हैं उदाहरण के लिए देखा जाए तो सोना केवल अमलराज से ही क्रिया करता है परंतु इसे नैनो गोल्ड में अगर बदल दिया जाए तो यह अत्यधिक क्रियाशील हो जाता है.
नैनो तकनीक के समक्ष चुनौतियां (challenges of nanotechnology in hindi)
- नैनो तकनीक के समक्ष प्रमुख चुनौती नैनो स्केल पर पदार्थों के मूलभूत गुणों को बनाए रखना है.
- नैनो स्केल पर पदार्थों को तोड़ने और जोड़ने के लिए जिन उपकरणों की आवश्यकता है उनका निर्माण करना भी चुनौतीपूर्ण कार्य है.
- नैनो पदार्थ अत्यंत ही सूक्ष्म होते हैं जिससे यह मानव शरीर में आसानी से प्रवेश कर सकते हैं तथा कोशिकाओं को हानि पहुंचा सकते हैं कुछ वैज्ञानिकों का कहना है कि सिल्वर नैनो कण के उपयोग से मस्तिष्क संबंधी बीमारियां देखी गई है.
- नैनो तकनीक के सम्मुख प्रमुख चुनौतियों में इस तकनीक के वैज्ञानिकों तथा कुशल मानव संसाधन की कमी का होना भी है.
- आतंकवादी तथा आपराधिक गतिविधियों में लिप्त लोगों के द्वारा इस तकनीक से हथियारों का निर्माण कर व्यापक स्तर पर तबाही मचा सकते हैं.
नैनो तकनीक के विभिन्न क्षेत्रों में अनुप्रयोग (application & Uses And Benefits of nanotechnology in hindi)
नैनो तकनीक के समक्ष वर्तमान में अनेक चुनौतियां होने के बावजूद भी इसका उपयोग सीमित स्तर पर अनेक क्षेत्रों में किया जा रहा है इसकी असीमित संभावनाओं को देखते हुए नैनोटेक्नोलॉजी को सपनों का विज्ञान भी कहा जाता है.
चिकित्सा के क्षेत्र में नैनो तकनीक का उपयोग (Use of nanotechnology in the field of medicine)
नैनो तकनीक की चिकित्सा के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन लाने की संभावना है इसके द्वारा उपचार की अवधि कम हो जाएगी इलाज प्रभावी होने के साथ-साथ त्वरित भी होगा नैनो तकनीकी का उपयोग रोगों की पहचान उपचार तथा निदान स्तर पर किया जा रहा है.
इसकी सहायता से नैनोमेडिसिन नैनो रोबोट आदि का निर्माण किया जा रहा है जिसने ने बिना किसी साइड इफेक्ट के दवाई को सटीक मात्रा में रोग ग्रसित अंग तक पहुंचाई जा सकती हैं.
चिकित्सा के क्षेत्र में प्रयुक्त नैनो पदार्थों में कार्बन नैनोट्यूब सिल्वर नैनो कण नैनो बैंडेज के रूप में उपयोग होते हैं तथा स्वर्ण नैनो कण कैंसर की पहचान व उपचार में उपयोगी है. नैनोफाइबर शल्य चिकित्सा में उपयोगी सिद्ध हो सकता है.
वाहन निर्माण क्षेत्र में नैनो तकनीक का उपयोग (Use of nanotechnology in the vehicle manufacturing sector)
नैनो तकनीक का उपयोग करते हुए हल्के तथा मजबूत वाहनों का निर्माण किया जा सकता है उदाहरण के लिए ग्रिफिन का उपयोग करते हुए वाहनों के इंजन का निर्माण किया जा सकता है जिससे उसकी ऊर्जा दक्षता ज्यादा होगी इसके अलावा नैनो फिल्टर का उपयोग करके पर्यावरण के प्रदूषण को कम किया जा सकता है.
ऊर्जा के क्षेत्र में नैनो तकनीक के उपयोग प्रयोग (Nanotechnology in Energy)
ऊर्जा के क्षेत्र में नैनो तकनीकी अत्यधिक उपयोगी साबित हो सकती है ऊर्जा के उत्पादन भंडारण तथा संरक्षण तीनों ही क्षेत्रों में नैनो तकनीक का उपयोग वर्तमान में किया जा रहा है.
जैसे सामान्य फोटोवॉल्टिक सेल सौर विकिरण के केवल 15% भाग को विद्युत में परिवर्तन कर पाते हैं किंतु नैनो वॉल्टिक सेल सौर विकीरणो के 50% तक के भाग को विद्युत में परिवर्तन करने में सक्षम है.
इससे ऊर्जा उत्पादन में वृद्धि होती है तथा इसके साथ ही भारतीय वैज्ञानिक भार्गव के द्वारा नैनो बल्ब का आविष्कार किया गया जो कम ऊर्जा पर अधिक प्रकाश देने की क्षमता रखता है.
इनके अलावा बायो ननोजेनरेटर शरीर को ऊर्जा उत्पन्न करने में सक्षम बनाता है तथा नैनो जनरेटर का भी विकास किया जा रहा है नैनो जनरेटर पीजों इलेक्ट्रिसिटी सिद्धांत पर कार्य करता है जो यांत्रिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में बदलने का कार्य करेगा हाइड्रोजन ईंधन के विकास के लिए भी नैनो उत्प्रेरक का निर्माण किया जा रहा है.
सूचना संचार तकनीकी में नैनो टेक्नोलॉजी के अनुप्रयोग (Applications of Nanotechnology in Information Communication Technology)
नैनो तकनीक के द्वारा ही सूचना उपकरणों के आकार में कमी आई है तथा सूचनाओं के प्रसारण की तीव्रता में अत्यधिक बढ़ोतरी देखने को मिल रही है जैसे कंप्यूटर लैपटॉप मोबाइल आदि में टच स्क्रीन के रूप में नैनो पदार्थों का उपयोग किया जा रहा है.
नैनो तकनीक के माध्यम से इलेक्ट्रिक सर्किट का भी निर्माण किया जा रहा है इसके साथ ही साथ ऐसी नैनो चिप का निर्माण किया जा रहा है जिसमें एक छोटे से क्षेत्र में सूचनाओं को बड़े स्तर पर संगठन किया जाना संभव हो पाएगा.
पर्यावरणीय क्षेत्र में नैनो तकनीक के उपयोग (Use of nanotechnology in the environmental field)
ब्लैक नैनो गोल्ड की सहायता से CO2 को अवशोषित करके उसे मिथेन में परिवर्तित किया जा सकता है जो ईंधन के रूप में उपयोगी होगा यह जलवायु परिवर्तन की समस्या से निपटने में आसानी होगी, नैनो ट्यूब फिल्टर का निर्माण बीएचयू के वैज्ञानिकों के द्वारा किया गया है जिसका उपयोग करके जल में पाई जाने वाली जैविक तथा अजैविक अशुद्धियों को दूर करने में सहायक होगा.
नदियों की सफाई हेतु सिल्वर नैनो कण पर आधारित नैनो चिप्स का निर्माण किया जा रहा है हाल ही में इसका परीक्षण महानदी में किया गया नदियों तथा तालाबों की सफाई के लिए टाइटेनियम फेराइट नैनो कण उपयोगी है.
औद्योगिक क्षेत्र में नैनो टेक्नोलॉजी (Use of Nanotechnology in Industrial Sector)
औद्योगिक क्षेत्र में नैनो टेक्नोलॉजी नवीन क्रांति का संचार करेगी इसके अंतर्गत नैनोट्यूब का उपयोग करते हुए भवनों को मजबूती प्रदान की जा सकती है नैनो पॉलीमर्स तथा सिरेमिक का उपयोग कर कम घिसने वाले टायरों का निर्माण संभव है इसके साथ ही साथ नैनो टेक्नोलॉजी का उपयोग करते हुए स्मार्ट मटेरियल का निर्माण किया जा सकता है.
कृषि के क्षेत्र में भी नैनो तकनीक (Use of nanotechnology in agriculture)
कृषि के क्षेत्र में भी नैनो तकनीक उपयोगी है इसका उपयोग उत्पादन भंडारण तथा संरक्षण तीनों क्षेत्रों में किया जा सकता है नैनो उर्वरक तथा नैनो कीटनाशक का उपयोग करके फसलों को नुकसान से बचाया जा सकता है इसके अलावा ऐसे जैव संवेदको का भी विकास किया जा रहा है जो कीटनाशकों की पहचान करने में भीसहायक होंगे.
रक्षा के क्षेत्र में निर्मित तकनीकी के अनुप्रयोग (Application of technology created in the field of defense)
नैनो तकनीकी के माध्यम से हल्के तथा मजबूत हथियारों का निर्माण संभव हुआ है जो पहाड़ी तथा दुर्गम इलाकों में सहायक साबित हो रहे हैं. विस्फोटकों का पता लगाना आसान हो जाएगा तथा नैनो तकनीक के कारण सूक्ष्म ड्रोन का निर्माण किया जा सकता है. नैनो पदार्थों की सहायता से बुलेट प्रूफ जैकेट का निर्माण किया जा रहा है.
नागरिक सुरक्षा के रूप में जैसे बायोनेनो डिटेक्शन स्कीम के माध्यम से ऐसे बायो सेंसर का निर्माण किया जा रहा है जिसकी सहायता से जैविक हथियारों का पता लगाना आसान हो जाएगा.
वर्तमान में इसका उपयोग अमेरिका में किया जा रहा है. मेहनत तकनीकी का उपयोग करते हुए स्टील्थ तकनीक आधारित ऐसे एयरक्राफ्ट का निर्माण संभव होगा जो रडार की पकड़ में नहीं आ पाएंगे.
उपयुक्त क्षेत्रों में नैनो तकनीक उपयोगी होने के साथ-साथ नैनो तकनीक का उपयोग समुद्री खारे जल को पीने योग्य बनाने के लिए भी किया जा सकता है साथ ही नैनो पदार्थों से ऐसी टेनिस गेंद का निर्माण किया जा सकता है जो लंबे समय तक टप्पे के गुण को बनाए रख सकेगी.
नैनो तकनीक पशु चिकित्सा में भी उपयोगी साबित होगी वर्तमान में ऐसे सेंसर का निर्माण किया जा रहा है जिनसे पशुओं में होने वाले रोगों की पहचान की जा सकती है.