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नीम के पेड़ पर निबंध | Essay on neem tree in hindi

नीम के पेड़ पर निबंध Essay on neem tree in hindi: नमस्कार दोस्तों आपका हार्दिक स्वागत हैं, आज हम आपकों नीम के पेड़ का संक्षिप्त निबंध बता रहे हैं. हम जिस वातावरण में रहते हैं वहां पाए जाने वाले वृक्षों में नीम का पेड़ भी एक हैं. आज हम विस्तार से इस पेड़ की जानकारी, महत्व और उपयोगिता के बारे में विस्तार से जानेगे. 

नीम के पेड़ पर निबंध Essay on neem tree in hindi

परिचय 

हमारे देश मे सबसे ज्यादा पाया जाने वाला पेड़ नीम है।नीम का पेड़ 50 फिट तक लंबा होता है। नीम पर सफ़ेद तथा बहुत सुंदर फूल लगते है। 

नीम से हमारे देश मे महत्वपूर्ण औषधिया बनाई जाती है। नीम जीवनकाल बहुत बड़ा होता है। ये बहुत तेजी से व्रद्धि करता है। तथा ज्यादा समय तक रहता है.

नीम के पौधे की उत्पति बर्मा के पौधे से हुई थी। इसके कई उपयोग तथा लाभ है। नीम आज पूरे संसार मे उगाया जाने वाला पेड़ है। नीम का पौधा पतली जमीन पर भी उगाया जाता है। इसे ज्यादा धूप तथा कम पानी की जरूरत होती है। ये सबसे ज्यादा गांवो मे पाया जाता है।  

नीम के पौधे के विभिन्न भागों का उपयोग करना

नीम के पेड़ के कई भाग उपयोगी होते है। जिसमे व्यापक रूप से बीज,पेड़ की छाल तथा पत्ते उपयोगी होते है। नीम पर फल भी लगता है। ये फल बहुत छोटा तथा स्वादिष्ट होता है।

नीम के बीज का उपयोग

नीम की गुठली को नीम का बीज कहते है। नीम के बीज को पिचकर उसमे से तेल निकाला जाता है। दुनिया का सबसे कीटनाशक तेल नीम का तेल माना जाता है। निमका तेज हमारे शरीर की त्वचा को ठीक करता है। नीम के बीज से हम नए नीम के पौधे का निर्माण कर सकते है।   

नीम की पत्तियों का उपयोग 

नीम के पौधे की पत्तिया बहुमुखी तथा हमे आसानी से प्राप्त हो जाती है। पत्तियों मे कई सक्रिय तत्व पाये जाए है। नीम की पत्तिया हमारे लिए पूरे वर्ष मे हर समय मे उपलब्ध होती है। 

नीम की पत्तियों को पिचकर उसमे से रस निकालकर पिया जाता है। ये रस बहुत कड़वा तथा बहुत उपयोगी तथा लाभदायी होता है। इसे पीने से शरीर के रोग का निवारण होता है। इसकी पत्तियों से कई औषधियो का निर्माण किया जाता है। नीम का पौधा सदाबहार होता है। नीम के पत्ते रक्त को शुद्ध बनाए रखने मे सहायक है।

नीम के छाल का उपयोग 

नीम के पेड़ की छाल से हमारे शरीर मे कई लाभ होते है। छाल का रंग भूरा  होता है।  हमारे शरीर को किसी भी प्रकार की चोट लगने पर छाल को लगाया जाता है। छाल से रक्त बहाव भी रुक जाता है। 

तथा दर्द कम होता है। छाल पत्तियों की तुलना मे ज्यादा सक्रिय होते है। छाल से मसूड़े की बीमारी की बीमारी का उपचार होता है। 

नीम की टहनी

नीम की टहनी का उपयोग हमारे पूर्वज कुल्ला करने मे इसका उपयोग करते थे। तथा आज भी हम टहनी का उपयोग कुल्ला करने मे ही करते है। नीम की टहनी से हमारे शरीर का सौंदर्य भी बढ़ता है। टहनी को चबाने से हमारे शरीर के सभी रोग दूर हो जाते है। 

नीम का सांस्कृतिक महत्व 

नीम एक ऐसा पेड़ है। जो भारत मे हर कोने मे पाया जाता है। कहा जाता है। कि जिस घर मे नीम का पेड़ होता है। उन्हे स्वर्ग का रास्ता मिलता है। बुरी आदतों को दूर रखने के लिए लोग घरो के आगे नीम के पत्ते को लगाते है। 

नीम से हमे सुद्ध ऑक्सीज़न मिलती है। इसे हम एक सुरक्षा कवच भी कह सकते है। ये हमारे कई तरीको से सहायता करता है। अन्य पेड़ो की तुलना मे नीम हमारे लिए सबसे लाभदायी पेड़ है। 

निष्कर्ष  

नीम के पेड़ का उपयोग हमारे पूर्वज भी करते थे। तथा आज हम भी करते है। नीम से कई जड़ीबूटियों का निर्माण किया जाता है। तथा ये हमारे अन्य तरीको से भी हमारी सूरक्षा करता है। 

ये हमे सुद्ध ऑक्सीज़न भी देता है। इसलिए हमे हमारे घर मे, विद्यालय मे, कार्यालय, तथा अन्य जगहो पर हमे वृक्ष लगने चाहिए। जिससे हमारा वातावरण सुद्ध रहे।

हमे वनो की अंधाधुंध  कटाई पर प्रतिबंध लगाना चाहिए। हमे प्रत्येक वार्षिक उत्सव के दिन पेड़-पौधो को लगाना चाहिए। तथा उनकी नियमित तरीके से सेवा करनी चाहिए।