मिताली राज का जीवन परिचय Biography Of Mitali Raj In Hindi- हमारे देश में अनेक क्रिकेटर हुए है. जैसे- महेंद्र सिंह धोनी, कपिल देव तथा सचिन तेंदुलकर आदि. पर आज हम जिस खिलाडी की बात कर रहे है, वो भारतीय महिला आज हम भारतीय महिला क्रिकेटर मिताली राज के जीवन के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे.
मिताली राज का जीवन परिचय Biography Of Mithali Raj In Hindi
भारतीय महिला क्रिकेट का एक सितारा मिताली राज जिसने अपने प्रदर्शन के दम पर भारत में ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण विश्व में अपना नाम रोशन किया. मिताली राज राजस्थान के जोधपुर जिले की एक महान महिला क्रिकेटर रही. जिसने कई साल तक भारतीय महिला टीम का नेतृत्व किया.
भारत जैसे देश में एक महिला होते हुए सभी के सामने अपनी प्रतिभा को प्रदर्शित किया तथा लाखो परिवारों की बेटियों को इस खेल के लिए प्रोत्साहित किया. मिताली हमेशा से ही भारतीय खिलाडियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी हुई है.
इन्होने अनेक रिकॉर्ड नाम किये. जिसमे सबसे अधिक रन बनाने का रिकॉर्ड, एकदिवसीय क्रिकेट में सबसे पहली खिलाडी बनी जिसने 6 हजार रन पूरे किये. तथा टेस्ट क्रिकेट में पहला दोहरा शतक लगाने वाली पहली महिला क्रिकेटर बनी.
मिताली राज एक अच्छी खिलाडी के साथ साथ भारतीय टीम की बेहतर कप्तान भी थी. मिताली क्रिकेट जगत की एकमात्र खिलाडी है. जिसने अपनी कप्तानी में टीम को दो बार फाइनल में पहुँचाया. अनेक कीर्तिमान रचने वाली भारतीय महिला क्रिकेटर मिताली राज ने अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया है.
मिताली सबसे अधिक मैचो में कप्तानी करने वाली महिला थी. मितालिराज एक मात्र ऐसी महिला रही जिसने लगातार 6 बार अर्द्ध शतक लगता तथा वर्ल्ड कप में १२ अर्द्ध शतक लगाने वाली खिलाडी भी बनी.
मिताली ने ३९ वर्ष की आयु में क्रिकेट से सन्यास ले लिया है. भारतीय टीम में वैसे तो अनेक खिलाडी है. जो देश के लिए अच्छा प्रदर्शन कर रहे है. आशा है, भारतीय टीम मिताली की गैरहाजरी में अच्छा प्रदर्शन करें. क्रिकेट को ऐसी मिताली राज की हमेशा जरूरत रहेगी.
Biography Of Mitali Raj In Hindi
हमारे देश की सबसे बड़ी क्रिकेटर महिला मिताली राज पर जो कि वर्तमान मे हमारे देश की क्रिकेट टीम की कप्तान है। मिताली राज आज तक की सभी महिला क्रिकेट मे सबसे खतरनाक तथा दिग्गज क्रिकेट बल्लेबाज मे से एक है।
मिताली राज की तुलना क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर से की जा रही है।भारत देश का सबसे लोगप्रिय खैल क्रिकेट है। इस खेल मै अनेक सितारे आए और रिकॉर्ड पर रिकॉर्ड की लाइन लगाकर अपने देश का गौरव बढ़ाया.
भारतीय महान महिला क्रिकेटर मिताली राज का जन्म 3 दिसम्बर 1982 राजस्थान राज्य के जोधपुर जिले मे हुआ था। ये सिकंदरबाद गाँव के निवासी थे।
ये 12वी कक्षा तक ही पढे और क्रिकेटर बनने के लिए पढ़ाई को छोड़ दिया। मिताली का जन्म हिन्दू धर्म के तमिल परिवार मे हुआ था। इनका पूरा नाम मिताली दोराई राज था।
मिताली राज के माता का नाम लीला राज तथा पिता का नाम धीरज राज था। मिताली राज की माता एक सरकारी अधिकारी थी। तथा पिता राज बैंक में नौकरी थे।
जो कि पूर्व एयर फोर्स मे थे। बाद मे वे एक क्रिकेटर भी रहे। इसलिए मिताली को उनके पिताजी ने एक क्रिकेटर बनने कि रह दी।
मिताली राज ने बचपन के समय मे नाटक तथा क्रिकेट दोनों मे बहुत ही अनुभवी तथा प्रभावशाली थी। इनका सबसे ज्यादा लगाव क्रिकेट के प्रति था।
उसने 'भरतनाट्यम' नृत्य में भी ट्रेंनिग प्राप्त की है। और उसके बाद कई कार्यकर्मो मे अपना टेलेंट पेश किया वह क्रिकेट तथा नृत्य दोनों की अच्छी जानकार थी।
इसलिए उसे उनके शिक्षको ने उसे इन दोनों मे से किसी एक का चयन कर अपने भविष्य मे लक्ष्य बनाने को कहा इस पर मिताली राज ने क्रिकेट को चयन किया.
तथा एक क्रिकेटर बनाने के लिए रात-दिन खूब जमकर मेहनत की तथा उसे एक सफलता हशील भी हुई वे आज के समय मे भारत ही नहीं बल्कि पूरे संसार मे अपने दमदार प्रदर्शन के लिए विख्यात है।
मिताली राज का क्रिकेटर बनने का सबसे प्रमुख कारण उनके पिताजी थे। जो कि क्रिकेटर रह चुके थे। उन्होने अपनी बेटी को एक सफल क्रिकेटर बनाने के लिए हर संभव प्रयास किए।
मिताली राज का क्रिकेटर बनने का सबसे प्रमुख कारण उनके पिताजी थे। जो कि क्रिकेटर रह चुके थे। उन्होने अपनी बेटी को एक सफल क्रिकेटर बनाने के लिए हर संभव प्रयास किए।
साथ ही मिताली राज का साथ उनकी माता ने भी दिया तथा अपनी बेटी के लिए सरकार नौकरी को त्याग दिया।
मिताली का भाई क्रिकेट की कोचिंग करता था।
मिताली का भाई क्रिकेट की कोचिंग करता था।
मिताली राज अपने भाई के साथ खेलकर बहुत ही शानदार प्रदर्शन करती थी। जिससे उनके परिवार वालो ने इसे एक क्रिकेटर बनाने की ठान ली तथा मिताली को अपने इस लक्षय की और आगे बढ़ाने के बहुत प्रोत्साहित किया।
माता-पिता के सपोर्ट तथा उनके लगाव के कारण मिताली राज आज एक महान क्रिकेटरों मे एक है। भारतीय महिल क्रिकेटर मिताली राज ने हैदराबाद के लिए अपना प्रथम एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच में 1999 में खेला था। ये मिताली राज का प्रथम एक दिवसीय मैच था।
इस समय मिताली की आयु मात्र 17 साल थी। इस मैच मे मिताली ने 114 रन की ताबड़ तोड़ बल्लेबाजी करते हुए अपनी टीम को मैच जीता दिया और इस मैच का मैन ऑफ द मैच मिताली को मिला था।
मिताली राज ने अपना प्रथम टेस्ट मैच इंग्लैंड के विरुद्ध 2001-2002 मे खेला था। यह मैच लखनऊ मे था। इस मैच मे मिताली राज शून्य के स्कोर पर आउट हो गई। परंतु उनके हौशाले बहुत बड़े थे।
उन्होने बाद मे खूब मेहनत की और 2002 मे इंग्लैंड के ख़िलाफ़ 214 रन की पारी खेलकर कीर्तिमान स्थापित कर दिया उन्होने आस्ट्रेलिया टीम की थाकड़ महिला क्रिकेटर करेन बोल्टन के 209 रन के रिकार्ड को तोड़ दिया।
मिताली राज टेस्ट क्रिकेट मे दोहरा शतक जमाने वाली भारत की प्रथम महिला है। तथा सबसे श्रेष्ठ स्कोर का रिकॉर्ड भी इनके नाम है। मिताली राज बचपन से ही आलसी थी।
इसलिए उसके पिताजी उन्हे डांस के साथ-साथ क्रिकेट भी खेलाते थे। मिताली राज बचपन से ही क्रिकेट से प्रेम करती थी। वह टेलीविजन मे हर समय क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर के शॉट्स को देखती थी। तथा उनके शॉट को खुद सीखती थी।
मिताली राज ने क्रिकेटर बनने का लक्ष्य बनाने के बाद उन्होने अपने कोच के रूप मे संपत कुमार को चुना जो कि क्रिकेट के बहुत ही जानकार थे। उन्होने मिताली को बहुत ज्यादा प्रभावित किया।
मिताली को किसी भी परस्थिति मे दिल्ली जाना था। तथा वह जाकर खूब जमकर मेहनत करना उनका नित्यकर्म था। यही इनके जीवन का महत्वपूर्ण समय था.
जिसे उन्होने खूब अपनाया और रात-दिन को एक करके मेहनत की मिताली राज को अपनी मेहनत का फल जब मिला जब उन्हे मात्र 17 वर्षीय आयु मे ही उसका सिलेक्शन भारतीय टीम मे हुआ था।
उन्होने अपने पहले मैच मे आयरलेण्ड के खिलाफ नाबाद 114 की पारी खेलकर अपनी टीम को जीत दिलाई थी।
मिताली राज के इस रिकॉर्ड को आज तक कोई महिला क्रिकेटर नहीं तोड़ पायी है।
मिताली राज के इस रिकॉर्ड को आज तक कोई महिला क्रिकेटर नहीं तोड़ पायी है।
ये स्कोर महिला क्रिकेट का सर्वाधिक स्कोर है। मिताली राज के दमदार प्रदर्शन को देखते हुए। मिताली राज को कप्तानी का जिम्मा दिया गया था।
इसके बाद भारतीय टीम चार साल के लंबे अंतराल के बाद इंग्लैंड की धरती पर दौरा कर रही थी। इस महिला क्रिकेट टीम की अगुवाई मिताली राज कर रही थी।
भारत महिला और इंग्लैंड महिला टेस्ट मैच था। ये मैच इंग्लैंड के टांटन मे खेला गया था। इस सीरीज मे भारत की
महिला टीम ने इंग्लैंड की टीम को उनकी धरती पर हराकर इस सीरीज को 1-0 से जीत लिया जिसके बाद मिताली राज तथा भारतीय महिला टीम की भरपूर प्रशंसा होने लगी।
मिताली राज को लेडी सचिन भी कहते है। इनका फेमस फॉर महिला क्रिकेट के जगत मे सबसे ज्यादा रन बनाने वाली महिला है।
इनकी लंबाई 164 सेमी. है। ये शीर्ष क्रम की बल्लेबाज है। मिताली राज राइट हेंड से बल्लेबाजी करती है। इनका सबसे प्रसिद्ध शॉट कवर ड्राइव है।
मिताली राज ने 209 अंतर्राष्ट्रीय एकदिवसीय मैच खेले जिसमे उन्होने मैचों में 50.64 की औसत से 6,888 रन बनाए हैं। जिसमे 7 शतकीय तथा 53 अर्धशतकीय परिया भी शामिल है।
इनका अंतर्राष्ट्रीय एकदिवसीय मैचो मे 125 रन उनका सर्वोच्च है। मिताली राज कभी-कभी गेदबाजी भी करती थी। उनके 8 विकेट तथा 53 कैच भी उन्होने लिए थे। वनडे मे इनका औसत 50 है। इन्होने लगातार 7 अर्धशतक लगाए थे।
मिताली राज ने अपने जीवन मे मात्र 10 टेस्ट खेले जिसमे उन्होने 663 रन बनाए। जिसमे उन्होने एक दोहरा शतक भी जादा था। उनके नाम एक शतक और 4 अर्धशतक शामिल हैं।
उनका टेस्ट क्रिकेट का औसत 50 था। मिताली राज ने टेस्ट मैचो मो बॉलिंग कि परंतु वह एक भी विकेट झटकने मे सफल नहीं हुई थी। उन्होने 11 कैच लिए थे।
मिताली राज एकमात्र महिला क्रिकेटर हैं। जिसने अंतर्राष्ट्रीय ट्वेंटी 20 में 2000 से ज्यादा रन बनाए हो। मिताली राज ने 37 के शानदार औसत रेट से 2364 रन बनाए।
इनका T-20 मे श्रेष्ठ स्कोर 97 रन है। इन्होने अपना पहला T-20 क्रिकेट मैच 5 अगस्त 2006 को खेला था। इन्होने 17 अर्धशतक भी लगाए परंतु T-20 मे शतक नहीं लगा पाई। मिताली राज अपना आखिरी टी-20 मार्च 2019 में गुवाहाटी में इंग्लैंड के खिलाफ खेला था।
मिताली राज मे भारतीय महिला टीम के 2005 के विश्व कप मे कप्तानी की तथा भारत की और से बेहतरीन प्रदर्शन किया। मिताली राज ने 2010,2011 एवं 2012 में आईसीसी रैंकिंग मे प्रथम स्थान पर रही थी।
- मिताली राज को 2003 में उन्हें “अर्जुन अवार्ड” से सम्मानित किया गया।
- 2015 में उन्हें पदम् श्री से सम्मानित किया गया। 2015 विजडन इंडियन क्रिकेटर ऑफ द ईयर
- 2017 मे इन्हे तीन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।यूथ स्पोर्ट्स आइकन ऑफ एक्सीलेंस अवार्ड, 2017 मे वोग स्पोर्ट्सपर्सन ऑफ द ईयर तथा बीबीसी 100 महिला सूची 2017
भारत की प्रथम महिला जिसे 2015 में “Wisden Indian cricketer of the Year” का ख़िताब मिला। इस आवर्ड को प्राप्त करने वाली भारत की एकमात्र महिला थी।
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