वाहन प्रदूषण पर निबंध Essay On Vehicle Pollution In Hindi- वर्तमान समय की सुविधा हमारे लिए बनेगी भविष्य में दुविधा. आज हम जिन वाहनों को सुविधा के लिए प्रयोग कर रहे है.
आने वाले समय में ये हमारे लिए मुसीबत बनकर सामने आने वाले है. आज के आर्टिकल में वाहनों द्वारा किये जाने वाले प्रदुषण के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे.
वाहन प्रदूषण पर निबंध Essay On Vehicle Pollution In Hindi
आज हमारे पर्यायवरण को सबसे ज्यादा सती वाहनों से होती है. इसी कारण वाहन हमारे पर्यायवरण के लिए बहुत ही नुकसान दायक है. वाहन हमारे पर्यायवरण के लिए प्रदूषक के रूप में हमारे पर्यायवरण को प्रदूषित कर रहे है.
वाहनों द्वारा निकलने वाली वायु सबसे खतरनाक वायु होती है. ये वायु हमारे पर्यायवरण के साथ-साथ हमारे जीवन को भी प्रभावित करती है. ये पर्यायवरण को प्रदूषित करने वाला मुख्य तत्व है.
आज दुनिया के हर कोने में वाहनों की लाइन लगी रहती है. हर व्यक्ति के पास एक वाहन है. तथा दुनिया भर में अनेक सड़को का निर्माण वाहनों के लिए किया जाता है.
फिर भी वाहनों की संख्या इनती बढ़ती जा रही है. कि हर समय सड़क पर जाम लगा रहता है. पर्यायवरण को सबसे ज्यादा प्रदूषित वाहन ही करते है. हमारे देश में शहरीकरण के बढ़ने से पर्यायवरण को काफी नुकसान हुआ है.
लोगो के लिए खतरे के रूप में उभरने वाला पर्यायवरण प्रदुषण मानव ही फैला रहे है. हर रोज लाखो की संख्या में लोग वाहन खरीदते है. जिस कारण पर्यायवरण प्रदूषित हो रहा है.
वाहन प्रदूषण के कारण
आज हर व्यक्ति अपने अपने जीवन को सरल बनाने के लिए नए-नए वाहन खरीदते है. वाहनों की संख्या निरंतर बढ़ती जा रही है. लोगो वाहन को अपनी पहली जरुरत समझते है. जो कि हमारे लिए तथा पर्यावरण के लिए नुकसान दायक साबित हो सकता है.
वाहनों द्वारा छोड़ी जाने वाली गैस बहुत जहरीली होती है. जैसे-नाइट्रोजन ऑक्साइड, कार्बन मोनो ऑक्साइड, ऑक्साइड सल्फर आदि अनेक प्रदूषित गैसे छोड़ते है. जो कि हमारे पर्यावरण को काफी प्रभावित करते है.
आज के ज़माने में जिस प्रकार वाहनों से हमारे पर्यावरण को प्रदूषित किया जा रहा है. इस प्रकार यदि आने वाले कई दशको तक रहा तो हमारे हालात बहुत नाजुक हो जायेंगे.
वाहनों द्वारा छोड़ी गई जहरीली गैस हमारे पर्यावरण को नष्ट करने में समर्थ है. इस समय में हमें अपने पर्यावरण को बचाने के लिए प्रयास करने चाहिए.
वर्तमान समय में हमें प्रकृति की सहयता करनी चाहिए. प्रकृति की रक्षा में ही हमारी रक्षा है.लोग इस समय में भी प्रदुषण को बढ़ाते जा रहे है. हमारी प्रकृति नष्ट होने की कगार पर है.कारो और ट्रक इंजन में आंतरिक दहन का प्रयोग होता है. जिसमे काफी संख्या में इंधन की जरुरत पड़ती है.
यदि हमें अपना भविष्य सुरक्षित बनना है. तो हम सब को मिलकर प्रकृति की रक्षा करनी चाहिए. पर्यावरण को सुरक्षित करने से ही हम अपना भविष्य सुरक्षित कर सकते है.
अतः हमें अपने भविष्य की सुरक्षा के लिए प्रकृति की रक्षा करनी होगी. जो कि हमारा नैतिक कर्तव्य है. वाहनों से निकलने वाला धुँआ हमारे लिए बेहद घातक होता नजर आ रहा है.
इस पर समय रहते काबू नहीं पाया गया. तो आने वाले समय में हमारी पृथ्वी बर्बाद हो सकती है. और हमारा इसमे ये कर्तव्य बनता है. कि हमें अपनी मातृभूमि की रक्षा करना हमारा दायित्व बनता है.
इंसानों द्वारा ही पर्यावरण को नष्ट किया जा रहा है. जो कि अपने आप में शर्म करने योग्य बात है. अपनी रक्षा करने वाली ,हमारी मातृभूमि को हम बर्बादी की तरह अग्रसर कर रहे है.
इससे बड़ी दुविधा क्या हो सकती है? पर लोग समझ ही नहीं पा रहे है. उन्हें बस खुद से ही मतलब है. लोगो को वाहन प्रदुषण से हमें आवगत करना होगा. ये कितना हानिकारक होता है. हमारी प्रकृति की हो रही बर्बादी बारे में लोगो को समझकर इसकी रक्षा के लिए प्रेरित करना हमारा दायित्व है.
वाहन प्रदूषण के प्रति ज़िम्मेदारियाँ
कई लोग होते है. जिन्हें वास्तव में वाहन प्रदुषण है. इससे क्या नुकसान होते है. इस प्रकार के लोगो को प्रदुषण क्या है. ये क्यों हो रहा तथा इसके निवारण के प्रयास के बारे में परिचित करना हमारी मुख्य जिम्मेदारी बनती है.
एक व्यक्ति चाहकर भी देश में हो रहे प्रदुषण को नहीं रोक सकता इसलिए सभी को इसके लिए प्रेरित करना होगा. जिसमे-आप लोगो को संगठन बनाकर,सरकारी जागृति तथा ज्ञान रूपी सन्देश देकर लोगो को प्रेरित करना होगा.
वाहन चलाना कोई गुनाह नहीं है. वाहन चलाने के लिए ही तो बनाये गए है. पर इनका प्रयोग करके भी हम प्रदुषण को कम कैसे कर सकते है? इसके बारे में हमें समझना जरुरी है.
यदि कोई कार्य बिना वाहन किया जा सकता है. तो उसमे वाहन का प्रयोग नहीं करना चाहिए. इस प्रकार हम हमारे पर्यावरण का रक्षा में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सकते है.कहते है. बूंद-बूंद घडा भरता है. इसी प्रकार थोडा-थोडा करते हम अपनी प्रकृति की रक्षा कर सकते है.
अधिक पुरानी गाड़ी का उपयोग नहीं करना चाहिए. पुरानी गाड़ी अधिक पेट्रोल या डीजल मांगती है. तथा अधिक धुँआ फेंकती है. इसलिए हमें ज्यादा पुरानी गाड़ी को नहीं चलाना चाहिए.
जहा तक हो सार्वजानिक वाहनों का प्रयोग करके हम प्रकृति की काफी सहायता कर सकते है. इसलिए हमारे देश में अनेक सार्वजनिक वाहन उपलब्ध है. जो हमारे परिवहन के लिए होता है. हमें सार्वजनिक वाहन का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करना चाहिए. जिससे किसी अन्य को प्रदुषण करने की जरुरत न पड़े.
हमारे देश में टूटी फूटी सड़को का निर्माण करने के लिए सरकार से प्रार्थना करें. तथा सभी मिलकर संगठन बनाये और शपथ ले की हम जहा तक हो सके प्रकृति को प्रदुषण से बचाने में प्रयास करेंगे. तथा इसके लिए दूसरो को भी प्रेरित करेंगे. ये कार्य सभी मिलकर ही कर सकते है.
सरकार द्वारा ऐसा नियम बनाये जाए जिसके अनुसार अधिक प्रदुषण करने वाले वाहनों पर रोक लगाई जाए. तथा साईकिल जैसे परिवहन के साधन का ज्यादा प्रयोग किया जाए. जिसमे आप नीदरलैंड का उदहारण ले सकते है.
नीदरलैंड में साईकिल पर लोग अपने कार्यालय जाते है. क्योकि वहा की सरकार उन्हें साइकिल पर आने के अतिरिक्त पैसे देती है. इसी प्रकार पर्यावरण को बचाया जा सकता है.
निष्कर्ष- वाहन प्रदुषण आज सबसे ज्यादा कही है. तो वह है. शहरी क्षेत्र. वाहन प्रदुषण के कारण ही शहरी लोग हर समय बीमारियों से घिरे रहते है. शहरों में हर समय वाहनों का जाम लगा रहता तथा सड़के भरी रहती है. जिसमे कई वाहन ख़राब स्थिति में भी होते है. वे सबसे ज्यादा प्रदुषण करते है,
प्रदुषण से प्रकृति के साथ-साथ हमारा भी नुकसान हो रहा है. वाहनों के धुए से फेफड़े ख़राब हो जाते है.आज जितना भी प्रदुषण हो रहा है. उसका जिम्मेदार मानव जाति है.
प्रदुषण को लोग ही फैला रहे है. वे इसको कम भी कर सकते है. इसलिए सभी देशवासियों से निवेदन है. कि वे कम से कम प्रदुषण फैलाये तथा हमारे और हमारे भविष्य की रक्षा में अपना अमूल्य योगदान दें.
वाहन प्रदुषण
वाहन प्रदुषण भिन्न-भिन्न तरीको से हमारी प्रकृति को प्रभावित कर रहा है. खासकर शहरों में तो लोगो के लिए इस वाहन प्रदुषण के चलते जीना हराम हो गया है.
शहरी लोगो को मुंह ढककर बाजार जाना पड़ता है. हर जगह प्रदुषण ही प्रदुषण फैला रहता है. लोग राहत से श्वांस भी नहीं ले पाते है. जो कि अच्छा संकेत नहीं देता है.
प्रदुषण को रोकने में पेड़-पौधों का योगदान
आज भी प्रदुषण को रोका जा सकता है. आप जंगलो के रस्ते से कही गए है. तो आपने गौर किया होगा. कि जंगलो में प्रदुषण क्यों नहीं होता है? इसलिए तो हमारी सरकार पिछले कुछ सालो से पेड़ लगाओ पेड़ बचाओ आदि अनेक योजनाए चला रही है.
प्रदुषण को रोकने का सबसे बड़ा संसाधन पेड़-पौधे है. इसी कारण जंगलो में प्रदुषण नहीं होता है. क्योकि पेड़-पौधे अपशिष्ट गैसों को ग्रहण कर लेते है. इसलिए हमें प्रदुषण से बचने के लिए पेड़-पौधों को बचाना होगा.
यदि पेड़ पौधों की संख्या में इसी प्रकार कमी होती गई. तो फिर प्रदुषण को रोकना असंभव हो जायेगा. इसलिए ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाए और वनों की हो रही कटाई पर रोक लगाए. अधिक से अधिक पेड़-पौधे लगाकर हम अपने भविष्य की कामना कर सकते है.
वाहन प्रदूषण के प्रभाव
(i) ग्लोबल वार्मिंग- जब वायु प्रदूषित हो जाती है. तो ये आकाश में उठती है. वायुमंडल में ग्रीनहाउस से ओजोन परत का अपचयन हो रहा है. ओजोन परत का क्षय ही ग्लोबल वार्मिंग होता है.
ग्लोबल वार्मिंग अपशिष्ट गैसों द्वारा होता है. ग्लोबल वार्मिंग के चलते पिछले कुछ सालो में हमारी पृथ्वी का तापमान काफी बढ़ा है. यदि हालत ऐसे ही रहे तो हमारे लिए जीना असंभव हो जायेगा. इसलिए ग्लोबल वार्मिंग हमारे लिए एक चिंता का विषय है.
ओजोन पर का क्षय का प्रमुख कारण प्रदुषण ही है. और इसे कम करके हम प्रदुषण तथा ओजोन परत के क्षय दोनों से बच सकते है. इसके लिए सभी को जागरूक होकर इसे कम करना चाहिए.
(ii) वायु की खराब गुणवत्ता- आज हमारे देश के हालात देखे जाए तो अन्य देशो की तुलना में काफी हद तक सही है. कई देशो में तो प्रदुषण इतना बढ़ गया है. कि लोग हर समय मुंह को ढककर रखते है. बिना मास्क वहा पर खड़ा भी नहीं रहा जा सकता है.
इतने ख़राब हालात देखकर हमें सिख लेनी चाहिए. जिससे इस प्रकार की समस्या का सामना हमें न करना पड़े. यदि ये स्थिति हमारे देश में बन गई. तो जीना असंभव हो जायेगा.
इसी कारण अभी-भी हमारे पास समय है. अपने देश को बचाने में अपने भविष्य को आरामदायक बनाने के लिए पर्यावरण की रक्षा करनी होगी.
(iii) स्वास्थ्य पर प्रभाव- प्रदूषित गैसों से हमारे स्वास्थ्य पर बहुत बुरा प्रभाव देखने को मिलता है. प्रदूषित गैसों से कैंसर जैसी भयानक बीमारी उतपन्न होती है. तथा कार्बन जैसी गैसों से हमारा ह्रदय कार्य करना बंद कर देता है. तथा दम घुटता है, और कार्बन के सेवन से व्यक्ति की मौत भी हो सकती है.ये हमारे स्वस्थ्य के लिए अच्छे संकेत नहीं है.
(iv) धुंध और अम्लीय वर्षा- हमारे वायुमंडल में लगभग 78 प्रतिशत नाइट्रोजन गैस है. आपने अम्लीय वर्षा का नाम तो सुना ही होगा. ये एक ऐसी वर्षा होती है. जिसमे जल के साथ नाइट्रोजन ऑक्साइड मिलकर पृथ्वी पर बरसते है. जिसे हम अम्लीय वर्षा कहते है.
ये वर्षा बहुत हानिकारक होती है. इसमे पाया जाने वाला नाइट्रोजन ऑक्साइड पेड़-पौधोंतथा पशुओ के लिए बहुत हानिकारक होता है. ये वर्षा पशुओ की चमड़ी उदेड देती है. इतनी खतरनाक होती है.
ये वर्षा इसका कारण प्रदुषण ही है. अब आप अनुमान अलग सकते है. कि एक प्रदुषण के फैलने से हमें कितने नुकसान होते है. और ऐसे ही फैलता रहा तो आने वाले कल में हमें कितनी समस्याओ का सामना करना पड़ेगा.
उपसंहार- यदि हम अपने प्रकृति तथा अपनी धरती की रक्षा करना चाहते है. तो ये कार्य हम सभी मिलकर ही कर सकते है. अक्सर कहा जाता है. मिलकर किया गया कार्य अच्छा ही होता है.
हम सभी को मिलकर अपनी मातृभूमि के लिए कुछ अर्पण करना चाहिए. हमें सकल्प लेना होना कि हम अपनी पृथ्वी की रक्षा करेंगे. तथा सभी को इसके लिए आगे लाने का प्रयास करेंगे. और तब तक नहीं रुकेंगे जब तक हम अपनी पृथ्वी को प्रदुषण रहित न बना दें.
Essay On Vehicle Pollution Hindi
प्रस्तावना- आज के ज़माने में लोग वाहन का प्रयोग ही न करें. ऐसा तो संभव नहीं है. और इस प्रकार हम पर्यावरण की रक्षा नहीं कर सकते है. पर इसके प्रबंध बनाकर प्रदुषण को कम किया जा सकता है.
प्रदुषण से हो रहे प्रकृति के नुकसान को देखते हुए हमें शक्त नियम बनाने चाहिए. तथा बड़े कार्यो के लिए कदम उठाने चाहिए.
वाहन प्रदुषण का एक मुख्य भागीदार है. सरकार द्वारा इस प्रकार के नियम चलाये जाए जिससे लोग प्रभावित हो तथा पर्यावरण की रक्षा के लिए प्रेरित हो. वाहनों से निकालने वाला धुए की मात्रा इतनी बढ़ गई है. कि हम जिस वायु को श्वास के लिए लेते है.
उसमे में वाहनों के धुंए की मात्रा मिली होती है. इससे आप अनुमान लगा सकते है. कि ये वायु में मिल चुकी है. तो ये हमारे लिए प्रकृति के लिए तथा जानवरों के लिए कितना हानिकारक साबित हो सकता है.
वाहनों से निकलने वाली कार्बन-डाइ-ऑक्साइड, कार्बन-मोनो-ऑक्साइड, नाइट्रोजन-ऑक्साइड, हाइड्रो-कार्बन इत्यादि गैसे हमारे जीवन को अस्त व्यस्त कर सकती है.
गैसें उत्सर्जित होती हैं, जो मानवीय जीवन के साथ-साथ अन्य जीव-जंतुओं के लिए भी हानिकारक हैं. ये हमारे जीवन के साथ-साथ जीव-जन्तुओ के लिए भी हानिकारक है.
वाहन प्रदूषण से बचाव के उपाय
(i) जागरूकता- हमारे देश में अधिकांश लोग प्रदुषण क्या है? ये कैसे फैलता है? इसके बारे में भी नहीं जानते है. इस प्रकार के लिए भला क्या प्रदुषण को कम करेंगे. इन्हें खुद प्रदुषण के बारे में जानकारी नहीं होती है.
यही अंतर होता है. एक शिक्षित देश में तथा एक अशिक्षित देश में हमारे देश में जो व्यक्ति शिक्षित है. वे जानते है. कि हम संकट में है. हमारा पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है.
इसी प्रकार होता रहा तो हमारे लिए जीवन संभव नहीं हो पायेगा. पर जो लोग इससे परिचित ही नहीं है. वे क्या जानेगे. इसलिए नागरिको को नियमो के माध्यम से या संगठनों के माध्यम से प्रदुषण के बारे में शिक्षा दी जाए.
ये कार्य केवल शिक्षित लोग ही नहीं कर सकते है. ये देश के हर नागरिक के सहयोग से हो सकता है. इसलिए सभी को प्रदुषण से आवगत करवाना शिक्षित लोग की जिम्मेदारी है.सभी इसे गंभीर रूप से लें. और जहा तक हो सहयोग दें.
(ii) प्रगतिशील नीतियां- सरकार चाहकर भी वाहनों पर रोक नहीं लगा सकती पर सरकार कुछ ऐसे नियम अपना सकती है. जिससे प्रदुषण के स्तर में कमी देखने को मिले.
प्रत्येक वाहन पर अलग-अलग नियम लागु किये जाए. तथा कुछ ऐसे बुनियादी नियम बनाये जाए जो प्रदुषण को कम करने में हमारी सहायता करें.ऐसे नियम बनाये जिसे हर नागरिक मानाने को तैयार हो.
तथा यातायात के नियमो के साथ प्रदुषण के नियमो को भी जोड़ा जाए. तथा नियमो का उलंघन करने वालो पर जुर्माना ठोका जाए. और शक्त सजा दी जाए. जिससे सभी व्यक्ति इन नियमो का बारीकी से पालन करें. और प्रकृति की सहायता में अपना योगदान दें.
(iii) वाहन का रख-रखाव- प्रत्येक वाहन की अपनी अलग-अलग प्रदूषक क्षमता होती है. जो पुराने वाहन होते है. वे ज्यादा पेट्रोल खर्च करते है. और ज्यादा धुआं छोड़ते है. जो नए वाहन है.
वे बहुत कम प्रदुषण करते है. प्रत्येक वाहन जो नया होता है. वह पुराना हो ही जाता है. पर वाहन का रख-रखाव अच्छा हो तो पुरानी गाड़ी भी प्रदूषक कम कर सकती है.
वाहनों के रख-रखाव के अनेक साधन है. जिसमे- तेल फिल्टर को समय पर बदलना, इंजन को फ़िल्टर करवाना तथा ऑयल को समय पर बदलना आदि अनेक गतिविधिया है. जिससे हम नियमित रूप से करने से वाहन सुरक्षित रहता है. तथा बहुत कम प्रदुषण करता है.
निष्कर्ष- हमें प्रदुषण के बचने के लिए सभी को प्रेरित करना होगा. एक व्यक्ति या एक संगठन इसमे कुछ नहीं कर सकता जब तक हर नागरिक इसके लिए अग्रसर नहीं होगा. तब तक प्रदुषण को कम नहीं किया जा सकता है. जो अनपढ़ लोग है. या इसके बारे में नहीं जानते है. उन्हें इसके बारे में जानकारी प्राप्त करवाना हमारी जिम्मेदारी है.
हमें प्रदुषण को कम करने के लिए हर समय तैयार रहना होगा. हम एक उदहारण से आपको समझाते है. कि प्रदुषण को कम कैसे करे? यदि आपके परिवारजन या पडौसी किसी मंदिर जा रहे है. उनके पास वाहन है. तो हम जहा तक हो उनके साथ जाने का प्रयास करें.
किसी दुसरे वाहन में न जाए. क्योकि वाहन में एक व्यक्ति बैठेगा तो भी वह वाहन उतना ही प्रदुषण करेगा. जितना 10 लोग बैठने पर करता है. प्रदुषण एक ऐसी समस्या है. जिससे भारत ही नहीं वरन पूरा संसार लड़ रहा है. इसमे अमेरिका जैसे देश भी शामिल है.
अमेरिका प्रदुषण को कम करने के लिए काफी पैसे भी खर्च कर रही है. पर अभी-भी प्रदुषण बढ़ता ही जा रहा है. पर हम हमारे देश में ऐसा नहीं होने देंगे. ''हमारा देश हमारी जिम्मेदारी'' के साथ हम देश को प्रदुषण से मुक्त कराने के प्रयास करेंगे.
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