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दीपावली पर निबंध - दीपों का त्योहार - मेरा प्रिय त्योहार - Essay on Diwali in Hindi Language

दीपावली पर निबंध - दीपों का त्योहार - मेरा प्रिय त्योहार - Essay on Diwali in Hindi Language

दीपावली पर निबंध - दीपों का त्योहार - मेरा प्रिय त्योहार - Essay on Diwali in Hindi Language: हमारे देश में प्रतिवर्ष अनेक त्यौहार मनाये जाते हैं. हिन्दुओं के त्योहारों में रक्षाबंधन, दशहरा, दीपावली और होली ये चार प्रमुख त्योहार हैं. इनमें भी दीपावली प्रमुख त्योहार हैं. इस त्योहार पर लोग दीपकों को पक्तियों में रखकर रौशनी करते हैं. इसलिए हम इसे दिवाली या दीपावली अर्थात दीपकों की पक्तियों को अवली कहते हैं.

मनाने का समय- यह कार्तिक मॉस की अमावस्या को मनाया जाता हैं. यह त्योहार अमावस्या के दो दिन पूर्व पूर्व त्रयोदशी से लेकर इसके दो दिन बाद द्वितीया तक चलता हैं. इस प्रकार यह त्योहार पांच दिनों तक मनाया जाता हैं.

मनाने का कारण-इस त्योहार के साथ हमारी अनेक ऐतिहासिक तथा धार्मिक परम्पराएं जुड़ी हुई हैं. हिन्दुओं की मान्यता है कि इसी दिन श्रीराम चौदह वर्ष का वनवास पूर्ण कर अयोध्या लौटे थे. उनके आने की ख़ुशी में अयोध्यावासियों ने अपने अपने घरों में दीप जलाकर उनका स्वागत किया था. पौराणिक कथा के अनुसार इसी दिन समुद्रमंथन से धन की देवी लक्ष्मी प्रकट हुई थी. जैन धर्म वाले महावीर स्वामी से सम्बन्धित कथा कहते हैं. कुछ लोग इस दिन हनुमान जी की जयंती बताते हैं. मत चाहे जो कुछ भी हो, परन्तु उल्लास आनन्द की दृष्टि से मनाये जाने वाले त्योहारों में यह प्रमुख त्यौहार हैं.

मनाने की विधि- दीपावली से पहले धनतेरस के दिन गृहणियां नयें बर्तन खरीदना शुभ मानती हैं. रूप चौदस को घरों की सजावट कर छोटी दीपावली मनाई जाती हैं. अमावस्या को दीपावली का त्योहार उल्लास से मनाया जाता हैं. इसी दिन प्रत्येक घर में लक्ष्मी पूजन होता हैं. दूसरे दिन गोवर्धन पूजा होती हैं. लोग गोबर का गोवर्धन बनाकर उसे पूजते हैं. कहते है कि इसी दिन श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी अंगुली पर उठाकर ब्रज की मूसलाधार वर्षा से रक्षा की थी. इसके बाद भाई दोज का त्योहार मनाते हैं. बहिनें अपने भाइयों के ललाट पर तिलक लगाती हैं. और उन्हें मिठाइयाँ खिलाती हैं. दीपावली के दिन व्यापारी लोग दावत पूजन भी करते हैं. और अपने बहीखाते भी बदलते हैं. इस प्रकार यह त्योहार पांच दिन तक बड़ी धूमधाम से मनाया जाता हैं.

महत्व-हर त्योहार का अपना महत्व हैं. जिस प्रकार ईद मुसलमानों में भाईचारे का त्यौहार माना जाता हैं. उसी प्रकार दीपावली भी स्नेह का त्योहार हैं. इस दिन सभी व्यक्ति अपने इष्ट मित्रों से मिलते हैं. और उन्हें शुभकामनाओं सहित मिठाई आदि भेट करते हैं. सांस्कृतिक पर्व की दृष्टि से यह त्योहार पौराणिक परम्पराओं को बनाए रखने वाला हैं.

उपसंहार-हिन्दुओं में मनाए जाने वाले त्योहारों में दीपावली का विशेष महत्व हैं. यह हमारी सांस्कृतिक मंगलेच्चा का प्रतीक हैं. स्वयं गरीबी को झेलते हुए भी भारतवासी बड़े उत्साह के साथ दीपावली का पर्व मनाते हैं. लक्ष्मी पूजा करते है और करते रहेगे.