महिला दिवस निबंध International Women Day Essay In Hindi Language आप सभी को महिला दिवस की हार्दिक बधाईयाँ और शुभकामनाएं है. जैसा कि आप जानते है. भारतवर्ष में 8 मार्च को मनाया जाता है.
अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर निबंध Essay on International Women’s Day in Hindi
अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस हर साल 8 मार्च को मनाया जाता है. ये दिवस महिलाओ के सम्मान के लिए समर्पित है. ये दिवस महिलाओ के प्रति महिलाओ को सशक्त बनाने के लिए मनाया जाता है.
वैसे तो महिलाओ के सम्मान की दृष्टि से हर दिन उनके लिए महत्वपूर्ण है. और हमें हर दिन महिलाओ के प्रति प्रेमभाव प्रकट रखना चाहिए.
हमारे जीवन में महिलाए बहुत महत्वपूर्ण है. महिलाओ के जीवन से ही हमारा जीवन संभव है. एक लड़की को हम महिला की उपाधि देते है. महिलाए इस संसार की सबसे बड़ी प्रेम की प्रतीक होती है.
महिलाए खुद की रक्षा के साथ साथ दूसरो की रक्षा के लिए भी तत्पर रहती है. महिलाए पुरुषो से कम नहीं है. हर क्षेत्र में महिलाए पुरुषो की तुलना में मजबूती और सशक्त है. आधुनिक महिलाओ को अपने कार्यो पर ध्यान केन्द्रित कर जीवन में प्रगति की राह पर चलना चाहिए.
महिला दिवस पर निबंध International Women’s Day Essay in Hindi
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस दुनियाभर में 8 मार्च के दिन मनाया जाता हैं. इस दिन नारी शक्ति को सम्मानित किया जाता हैं. भारतीय समाज में प्राचीनकाल से ही स्त्री पुरुष समानता के साक्ष्य तथा नारी महिमा से इतिहास भरा पड़ा हैं.
यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता की परम्परा हमारे ग्रंथों में लिखी गई हैं जिसका अर्थ है जहाँ महिलाओं का सम्मान किया जाता हैं वहां देवता निवास करते हैं. इस तरह हम कह सकते है कि हमारी संस्कृति में पुरुषों के मुकाबले महिलाओं को अधिक सम्मान दिया गया हैं.
नारी को जगत जननी की उपाधि दी गई हैं. सृष्टि का अस्तित्व नारि से जुड़ा हुआ हैं इन्हें ही सृष्टि का आधार माना गया हैं. नारी के बिना पुरुष को अधुरा ही माना गया हैं. आधुनिक विश्व में हर साल 8 मार्च को समूचे विश्व में 8 मार्च को अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है.
हमारे ग्रंथों को ध्यान से पढ़ा जाए तो प्रतीत होता है कि पूर्व सतयुग, त्रेता और द्वापर युग में भी नारियों का सम्मान किया जाता था.
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस जैसे कार्यक्रमों के आयोजन का मूल उद्देश्य नारियों को न केवल सशक्त जागरूक करना है. बल्कि उन्हें समाज की उन्नति के लिए आगे आने के लिए प्रेरित करना भी हैं.
पहला अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवसअंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस सबसे पहले अमेरिका में सोशालिष्ट पार्टी के आह्वान पर 28 फरवरी 1909 को अमेरिका के न्यूयार्क शहर में किया गया था.
यह एक सामाजिक आन्दोलन था जिसका उद्देश्य महिला को पुरुषों के समान अधिकार देने की मांग तथा उन्हें मताधिकार जैसे अधिकार को देने की मुख्य मांग थी.
यह वह समय था जब महिलाओं को पुरुषों से कमतर आँका जाता था तथा किसी भी देश में महिलाओं को मत देने का अधिकार नही था.
महिला अधिकार जागृति के इस आन्दोलन का प्रभाव दुनियां के कई देशों में देखा गया जब सोवियत रूस में भी महिलाओं ने रोटी कपड़े की मांगों को लेकर आन्दोलन शुरू कर दिया था.
जुलियन कैलेंडर के मुताबिक 28 फरवरी, रविवार के दिन यह ऐतिहासिक महिला आन्दोलन आरम्भ हुआ था. जबकि ग्रेगोरियन केलेंडर के मुताबिक़ यह 8 मार्च का दिन था. यही वजह है कि अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 28 फरवरी को ना मनाकर 8 मार्च को मनाया जाता है.
8 मार्च के दिन महिलाओ के सामान प्रशंसा और उनके प्रति प्रेमभाव को दर्शाता है. प्रथम बार महिला दिवस न्युयोर्क में मनाया गया था. ये एक राजनैतिक कार्यक्रम था.
आज विश्व में अधिकांश देशो में ये दिवस मनाया जाता है. इस दिवस पर सामान्यत महिलाओ को सम्मान दिया जाता है. तथा उन्हें उपहार देकर उनके प्रति प्रेमभाव प्रकट किया जाता है.
एक राष्ट्र, समाज के निर्माण में महिलाओ का विशेष योगदान होता है. एक पुरुष की सफलता के पीछे एक महिला का हाथ होता है. आज महिलाओ के प्रति गलत मानसिकताओं को दूर करने के लिए तथा उन्हें सम्मान देने के लिए महिला दिवस एक विशेष पर्व है.
हम भारतीय लोगो को लिए ये दिवस अधिक मायने नहीं रखता है, क्योकि हमारी संस्कृति में हमेशा से ही महिलाओ को पूजनीय माना जाता है. हमारे यहाँ हर दिन महिला दिवस के समान है.
एक राष्ट्र में एक महिला की विशेष भूमिका होती है. महिलाओ की आज का पुरुषप्रधान समाज कमजोर समझ रहा है. जिस कारण महिलाओ की पर्याप्त अवसर नहीं मिल पाते है.
नारी देवी की प्रतिमूर्ति होती है. जो हर परस्थिति को सहन कर प्रेमभाव का विकास करती है. आज हमें मानसिक चिंतन कर महिलाओ के प्रति सम्मान और प्रेमभाव प्रकट करना चाहिए.
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