Raja Ram Mohan Roy jayanti In Hindi Short Essay राजा राम मोहन राय की जयंती 2019: राजाराम मोहन राय को आधुनिक भारत के जनक कहा जाता हैं. 22 मई को Raja Ram Mohan Roy jayanti मनाई जानी हैं. आज के भारत के सच्चे सपूत एवं महान भारतीय नेता थे. जिन्होंने सैकड़ों वर्षों से बिखरे भारत को एक भाव में बांधकर जागृत करने में अहम भूमिका निभाई.
22 मई सन् 1772 को राधानगर बिहार में राजा राम मोहन राय जी का जन्म हुआ था. विद्यार्थी काल से ही समाज सुधार तथा समाज की समस्याओं की तरफ उनका गहरा रुझान था. बहुविवाह एवं बालविवाह का सबसे पहले इन्होने जमकर प्रतिरोध किया.
उनका वैवाहिक जीवन काफी कठिनाइयों में व्यतीत हुए. राजाराम मोहन राय ने तीन विवाह किये, दुर्भाग्य से उनकी दो पत्नियों का पूर्व में उनका देहांत हो गया था. मोहन राय ने अपने करियर की शुरुआत ईस्ट इंडिया कम्पनी में राजस्व महकमे के एक कर्मचारी के रूप में किया.
सन् 1809 में कलेक्टर के दीवान बने तथा यहाँ उनकी मुलाक़ात कई धर्म से जुड़े विद्वानों से हुई. कई संगोष्ठी के बाद उन्होंने ब्रह्म समाज की स्थापना की. वर्ष 1812 में उन्ही के प्रयासों से भारत के इतिहास में पहली बार सती प्रथा को अवैधानिक घोषित कर दिया था.
Raja Ram Mohan Roy jayanti In Hindi Short Essay राजा राम मोहन राय की जयंती 2019
एक ऐसे समतामूलक भारतीय समाज के निर्माता राजा राममोहन राय ने समाज की तमाम बाधाओं को खत्म कर प्रगति की राह पर लेकर आए. मानवता के सच्चे पुजारी तथा पुनर्जागरण व सुधारवाद का प्रथम प्रर्वतक इन्हें माना गया हैं.
उनका वैवाहिक जीवन काफी कठिनाइयों में व्यतीत हुए. राजाराम मोहन राय ने तीन विवाह किये, दुर्भाग्य से उनकी दो पत्नियों का पूर्व में उनका देहांत हो गया था. मोहन राय ने अपने करियर की शुरुआत ईस्ट इंडिया कम्पनी में राजस्व महकमे के एक कर्मचारी के रूप में किया.
सन् 1809 में कलेक्टर के दीवान बने तथा यहाँ उनकी मुलाक़ात कई धर्म से जुड़े विद्वानों से हुई. कई संगोष्ठी के बाद उन्होंने ब्रह्म समाज की स्थापना की. वर्ष 1812 में उन्ही के प्रयासों से भारत के इतिहास में पहली बार सती प्रथा को अवैधानिक घोषित कर दिया था.
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