परिवार नियोजन बढ़ती जन संख्या पर नियंत्रण पाने के लिए शुरू किया गया है.परिवार नियोजन का अर्थ पारिवारिक संख्या में नियंत्रण बनाना है.परिवार नियोजन की शुरुआत ब्रिटेन से हुई जिसके बाद ये पुरे विश्व में फ़ैल गया और आज हर देश में परिवार नियोजन के नियम भी बनाये गए है.
हमारे देश में भी इस पर विचार-विमर्श किये जा रहे है.और कई योजनाए भी चलाई जा रही है.पर ये अभी तक कारागार साबित नहीं हुआ है.परिवार नियोजन के अंतर्गत चीन में हम दो हमारे दो जैसे नियम बनाये गए है.
परिवार नियोजन पर निबंध - Family Planning Essay in Hindi Language
बढ़ती हुई जनसंख्या का संकट
देश की तेजी से बढ़ती हुई जनसंख्या हमारे लिए संकट का कारण बन चुकी हैं. जनसंख्या की वृद्धि दो गुणा के गुणात्मक सिद्धांत पर होती हैं जबकि उत्पादन के साधनों की वृद्धि एक धन एक के योग के सिद्धांत से होती हैं.
अर्थात जब आवश्यकता की वस्तुएं एक से दो होती हैं, तब उपभोक्ताजनों की संख्या दो से चार हो जाती हैं. इस तरह विकास के सभी उपाय तेजी से बढ़ती हुई जनसंख्या के सामने छोटे पड़ जाते हैं. और समाज में वस्तुओं का अभाव बना रहता हैं. भोजन, वस्त्र और आवास की कमी बढ़ती ही जाती हैं. यही बढ़ती हुई जनसंख्या का संकट हैं.
जनसंख्या का दवाब
भारत में हर क्षेत्र में विकास हुआ है परन्तु उस पर जनसंख्या वृद्धि का भीषण दवाब हैं हरित क्रांति हुई हैं. खाद्य पदार्थों की उपलब्धता बढ़ी हैं किन्तु फिर भी भूख की समस्या हल नहीं हो रही हैं. एक बहुत बड़ी संख्या में लोगों को आधे पेट या खाली पेट रहना पड़ता हैं. इतने विशाल देश में जगह का अभाव हैं.
स्कूल में प्रवेश नहीं मिलता, बीमार होने पर अस्पताल में बैड नहीं मिलता, रेलों और बसों में सीट नहीं मिलती. प्रत्येक क्षेत्र में अभाव हैं. मांग बढ़ती ही जा रही हैं. किन्तु आपूर्ति नही बढ़ रही हैं. इतनी लम्बी चौड़ी दुनिया हैं फिर भी इसमें जगह नही हैं. रहने को घर नहीं हैं, सारा जहाँ हमारा.
जनसंख्या वृद्धि पर नियंत्रण
जनसंख्या वृद्धि पर नियंत्रण हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए. अन्य देशों ने इस कार्य में सफलता पाई हैं. जापान का प्रयास अनुकरणीय हैं. चीन ने भी अपनी जनसंख्या वृद्धि को कठोरता से नियंत्रित किया हैं. किन्तु इस दिशा को कोई ठोस नीति ही निर्धारित नहीं कर सके हैं. हम लोगों को कुछ लालच देकर बढ़ती हुई जनसंख्या को रोकने का भ्रम पाल बैठे हैं.
कारण
भारत में जनसंख्या पर नियंत्रण न होने के अनेक कारण हैं. यहाँ परिवार नियोजन की बाते करना उचित नहीं माना जाता, बालक के जन्म को इश्वर की देंन माना जाता हैं. पुत्र का जन्म परिवार के लिए आवश्यक और गौरवपूर्ण माना जाता हैं. बेटा पैदा होने की आशा में बेटियों को बार बार जन्म दिया जाता हैं.
गरीब परिवार के बच्चों को भी किसी काम में लगाकर कुछ न कुछ कमाई कराई जाती हैं. भारत में अनेक धर्म और जातियों के लोग रहते हैं. कुछ समझदार लोगों को छोड़कर हर जाति धर्म के लोग अपनी संख्या बढाने के विचार से परिवार नियोजन का विरोध करते हैं. सरकार केवल पुरस्कार देकर परिवार नियोजन कराना चाहती हैं. इसके लिए कठोर दंड की व्यवस्था नहीं करती.
आर्थिक कारण
जन संख्या का सबसे ज्यादा प्रभाव देश की आर्थिक स्थिति पर पड़ता है.देश में जन संख्या अत्यधिक होने के कारण देश में वितीय संकट छा जाता है.अत्यधिक जनसँख्या के कारण सभी नागरिको को सम्मान अवसर प्राप्त नहीं किये जा सकते है.देश के विकास के लिए संकट बन रही है.देश की अत्यधिक जन संख्या.जनसँख्या अधिक होने के कारण सभी पर नियंत्रण भी नहीं बनाया जा सकता है.इसलिए भारत सरकार और अन्य देश परिवार नियोजन की और अपना ध्यान केन्द्रित कर रहे है.जो कि एक मायने से देश के लिए लाभदायक भी है.
राष्ट्र की उन्नति
देश की उन्नति में नागरिको की अहम भूमिका होती है.पर अनियंत्रित जन संख्या देश के विकास के लिए संकट बन रही है.देश में अधिक जन संख्या होने के कारण देश के सभी नागरिको को शिक्षा तथा खाद्य सुरक्षा जैसे सभी नियमो का लाभ नहीं मिल सकेगा.इस प्रकार देश में विकास के लिए परिवार नियोजन अति आवश्यक है.आज सभी विकसित देशो को देखा जाए तो उनकी जन संख्या नियंत्रण में है.
निवारण
परिवार नियोजन पर खुलकर विचार होना आवश्यक हैं. कवि, लेखकों, धार्मिक पुरुषों, राजनैतिक नेताओं तथा मीडिया के लोगों को इस पर खुलकर आन्दोलन चलाना चाहिए. धर्म- जाति का भेदभाव छोड़कर जनसंख्या वृद्धि पर रोक के लिए एक समान कानून बनाना चाहिए, जिसमें कठोर दंड की व्यवस्था हो.
यदि ऐसा न हुआ तो सामाजिक संतुलन टूटेगा. जाति धर्म का सामाजिक अनुपात बिगड़ेगा. स्त्री पुरुषों की संख्या का अनुपात भी बिगड़ाएगा. इससे भीषण समस्याएं उत्पन्न होगी. समाज को सबसे बड़ी हानि यह होगी कि बुद्धिमान लोगों की संख्या घटकर मूर्खों की संख्या बढ़ेगी.
परिवार नियोजन के महत्व तथा इससे होने वाले लाभ इनके बारे में लोगो को जानकारिया देकर तथा लोगो को इसके लिए जागरूक कर हम इस अभियान में सफल हो सकते है.इसमे सभी को जागरूक होना जरुरी है.और इसके लिए सरकार को कई कदम उठाने की जरुरत है.
उपसंहार- परिवार नियोजन की उपेक्षा खतरनाक होगी. देश में भूखे नंगों की बढ़ती हुई संख्या विकास को ध्वस्त कर देगी. भयंकर अशांति और हिंसा भी होगी. महामारी और युद्ध से भी भीषण संकट आएगा. सब कुछ उल्ट पुलट हो जाएगा. सरकारी योजनाएं धरी की धरी रह जायेंगी. अतः उस विषय पर कहना तो पड़ेगा ही, कुछ करना भी पड़ेगा.
आशा करता हु दोस्तों Family Planning Essay in Hindi Language का यह निबंध आपकों पसंद आया होगा. परिवार नियोजन निबंध में दी जानकारी पसंद आई हो तो प्लीज इसे अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करे.