Here is the Letter to my motherland in Hindi Language In Essay Format With Various Word Length Like 100, 200, 250, 300, 400, 500 And 1000 words. motherland Letter Basically On Self Feelings, Thought And Expression About my motherland. Lets Start Letter to my motherland In Mothertoung Hindi.
मेरे देश के नाम पत्र Letter To My Motherland In Hindi
मेरे प्रिय देश,
आर्यावर्त
नवम्बर 2024
सप्रेम नमस्कार ,
आज कुछ पढ़ रहा था आपका प्रसंग आते ही आपकी बड़ी याद आई, तो सोचा क्यों न आज पत्र के जरिये ही आपके समाचार जान लू. कैसे हो मेरे प्रिय भारत, मैं उम्मीद करता हूँ.
आप हष्ट पुष्ट एवं प्रसन्नचित्त होंगे. तथा नित्य नई कामयाबी के झंडे गाड़ रहे होंगे. जब हमारी पिछली मुलाकात हुई तो आप बेहद खुश लग रहे थे. वातावरण खुशनुमा था,
झरनों का सरगम, पक्षियों की चहचहाहट, नदियों की लहरों के साथ आप बेहद खुश थे. जिस तरह विगत 75 वर्षों में आपने प्रत्येक क्षेत्र में जो उन्नति की हैं वह दुनियां के लिए मिसाल बनी हैं.
आजादी के बाद की इस यात्रा में तमाम विपरीत हालातों को झेलते, विभाजन के कष्ट को सहकर भी जिस दृढ इच्छा शक्ति से प्रगति की हैं उसी का ही नतीजा हैं कि आज आपकी संताने सम्रद्धि के गीत गा रही हैं.
आपका व्यक्तित्व इतना विकराल है कि आपके जन्म से अब तक की यात्रा को जानते समझते एक जीवन भी पर्याप्त नहीं हैं. आपने बहुत कुछ पाया और खोया भी. कई गलतियाँ भी की.
कई गद्दारों को पनाह भी दी और आज भी ऐसा लगता हैं कि आपका खाने वाले आपकी ही थाली में छेद कर रहे हैं. मगर आप निश्चित रहे एक मित्र पुत्र होने के नाते जीवन की अंतिम सांस तक आपके साथ दुबारा वह कभी गलती नहीं होगी, जो अतीत के पन्नों में हमनें पढ़ी हैं.
मुझे भारतीय कहने पर बड़ा गर्व होता हैं इस पत्र के माध्यम से मैं अपनी भावनाएं आपके साथ साझा करना चाहता हूँ, साथ ही आपकों तमाम तत्कालीन उपलब्धियों की सराहना करना चाहता हूँ.
जिस तरह से अपनी संतानों को आपने शिक्षित कर साक्षरता दर को 74 प्रतिशत, जीडीपी को 7 प्रतिशत, खुले में शौच मुक्त भारत का निर्माण किया तथा मंगल यान व अन्तरिक्ष में जो उपलब्धियाँ अर्जित की हैं
वह सराहनीय है अद्वितीय हैं. आपके यहाँ से निकले प्रतिभावान लोग आप पूरी दुनियां को चला रहे हैं. आपका ध्वज आप माउंट एवरेस्ट से लेकर चन्द्रमा तथा अब मंगल पर फहरा रहा हैं जिन्हे देखकर आपको भी अपार प्रसन्नता मिली होगी.
जिस तरह से आजादी के बाद अपने एक अभिन्न भाग को आपने मुख्यधारा से अलग रखकर गलती की तथा दुश्मनों को आँख उठाने का अवसर दिया, आपके पुत्र ने वह गलती सुधार ली है.
आपने एक ऐसा नेतृत्व दिया है जो न केवल भारतवासियों को भ्रष्टाचार, आतंकवाद, कन्या भ्रूण हत्या, बेरोजगारी, महंगाई से निकालने की क्षमता रखता हैं इसके लिए एक बार फिर आपकों साधुवाद देना चाहूँगा.
आपने अब तक कई बार उत्क्रष्ट मार्गदर्शन दिया हैं मगर कई मामलों में आपकी लापरवाही चिंता का विषय हैं तेजी से बढ़ रही आबादी तथा आपके ही घर में पल रहे दुश्मन के प्रति आपकों गम्भीरता से अमल करना चाहिए.
तुम्हारा शुभ चिंतक
राम चौधरी
Letter To My Motherland In 1000 Words In Hindi
मातृभूमि के प्रति पत्र :
प्रिय मातृभूमि,
इस पहले पत्र को लिखते समय मुझे अपार खुशी और आशीर्वाद मिलता है मेरे द्वारा लिखे आपके प्रति मेरी मन की भावनाएं शब्दों के रूप में कागज पर उतरती हैं.
"भारतवर्ष" ये मेरे वतन का नाम हैं आजकल इन्हें भारत के रूप में दुनियां पहचानती हैं मगर यह मुझे पीड़ा देने की बजाय अपार श्रद्धा व भक्ति का एहसास कराता हैं कि मेरी भारत माता दुनियां की सभी भाषाओं का कितना सम्मान करती हैं यह मेरी मातृभूमि की महानता को दिखाती है.
माँ भारती के पुत्र सभी मेरे भाई बहिन है उनकी लग्न एवं परिश्रम तथा आपके आशीर्वाद की बदौलत भारत भूमि स्वर्ग की तरह लगती हैं. यहाँ वह सब कुछ है जो स्वर्ग की कल्पना में सोचा जाता हैं दिनकर हमें अपने ताप व रोशनी से अँधेरे को भगाता हैं.
आपके आशीर्वाद से वर्षभर नदिया बहती हैं.ठंडी पवने, पेड़, इनके मीठे फल सब आपकी कृपा से हैं जिन्हें खाकर हम अपना पेट भरते हैं. प्रिय मातृभूमि आपने रोगग्रस्त मानव के ईलाज के लिए भी औषधि हमें जड़ी बूटियों के रूप में प्रदान की हैं. गर्मी के मौसम में ठंडी हवा के झोके त्रस्त जीवन में आनन्द की अनुभूति दिलाते हैं. ये हवा, पक्षी, गगन सब कुछ आपका हैं.
प्रिय मातृभूमि, हजारों सालों का यह भारत एक दर्दांत दौर से अभी निकला हैं. अपनी स्वतंत्रता के 70 सालों के बाद से इसने विकास की प्रतिस्पर्धा में बड़े बड़े शक्तिशाली देशों को पीछे धकेल कर एक बार फिर भारत का परचम लहराया हैं.
खनिज, वन व भारत भूमि के प्राकृतिक संसाधनों ने भारत को नई ताकत दी है, देश को हर रात सोने के बाद फिर से उठ खड़ा होता है और अपने दायित्वों को पूरा करने में लग जाता हैं.
माता आपने हमें सच्चाई, इमानदारी का पाठ पढाया हैं. वंदेमातरम् और भारत माता के जयकारे हर भारत प्रेमी के दिल को छू जाते हैं.
प्रिय मातृभूमि आपने हमें सब कुछ दिया, आपने ही सभी को साथ लेकर चलने की गति प्रदान की, आपके ही वर से बुद्धिमता व कौशल से सही राह चुनने की क्षमता मिली है, जो मानव कल्याण में सार्थक सिद्ध हुई हैं. आपने किसी मजहब पंथ का होने की बजाय एक इन्सान बनने की परवरिश दी.
मानव की उन्नति और प्रगति के लिए आपने आर्यभट्ट, ब्रह्मगुप्त, सत्येंद्रनाथ बोस, जगदीश चंद्र बसु, सी आर राव, पी सी महलानोबिस, श्रीनिवास रामानुजन, सी वी रमन, ए पी जे अब्दुल कलाम, विक्रम साराभाई जैसे गणितज्ञों तथा वैज्ञानिकों को कुछ करने की सद्बुद्धि प्रदान की.
आपने हमें मानवता को अन्धकार से उजाले की ओर ले जाने वाले श्री रामकृष्ण, स्वामी विवेकानन्द, नेताजी सुभाष बोस, गांधीजी, ए पी जे अब्दुल कलाम सरीके संत और समाज सुधारक दिए. माँ आपने अमृता देवी जैसी देवियों के साथ अपना आशीर्वाद हम तक पहुंचाया.
रवीन्द्रनाथ टैगोर, दिनकर, निराला, प्रेमचन्द, पंत जैसे महान कवियों को इस लोक में अवतरित किया, जिनकी उपलब्धियों का कोई अंत नहीं हैं. हम सभी माँ आपके बालक हैं आप ही हमारी सच्ची गुरु मार्गदर्शक व पालन हार हो.
अंत में, मैं आपसे वायदा करता हूँ मैं पावन धरा भारत भूमि की महिमा को कभी झुकने न दूंगा. मैं अपनी मातृ भूमि को कभी भी गुलामी की जंजीरों में फिर से जकड़ने दूंगा. मैं अपनी जान देकर भी भारत भूमि और इस भूमि पर सभी संतानों को अपना भाई बहिन मानते हुए उनके सम्मान की रक्षा का पूर्ण प्रयत्न करूँगा.
- माँ का पुत्र
ये भी पढ़ें