माफ़ी या क्षमा पर निबंध Essay on Forgiveness in Hindi: मानव जीवन में व्यवहार, एहसास और चरित्र के बड़े मायने हैं. जीवन में क्षमा को परम धर्म माना गया हैं. माफ़ी माँगना या क्षमा करना बेहद सादगी एवं नम्रता को प्रदर्शित करने वाले शब्द हैं. आज हम क्षमा के महत्व पर निबंध स्पीच यहाँ बता रहे हैं.
Essay on Forgiveness in Hindi
भली भली सब कोई कहे,
भली क्षमा का रुप।
जाके मन क्षमा नही,
सो बूडे भव कूप॥
मनुष्य को सभी प्रकार के जीवों में श्रेष्ठ माना गया हैं. मानव की श्रेष्ठता का कारण उनके अपने गुण तथा कर्म होते है जिसके चलते वह महान कहलाता हैं. सम्भवतः ईश्वर ने मानव को जब बनाया होगा तब एक चीज उसके साथ अवश्य बनाई वो है गलती.
अक्सर कहा जाता है मानव गलतियों का पुतला है यानि हम मानव है इसलिए हमसे गलती त्रुटी हो सकती हैं मगर हममें अपनी गलती को परखने और समझने की बुद्धि और विवेक भी हैं. कई बार अनजान में भी गलती हो जाती है तो कभी बेपरवाह बनकर गलती कर दी जाती हैं.
मनुष्य अपनी गलती के बाद चिंतन करता है तो पाता है कि उसे ऐसा नहीं करना चाहिए था मगर एक बार की गई गलती को सुधारा तो नहीं जा सकता मगर भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति न हो इसकी सीख ली जा सकती हैं.
एक श्रेष्ठ चरित्रवान इन्सान की यह पहचान होती है कि वह गलती का एहसास होते ही क्षमा मांग लेता है अथवा किसी दूसरे से भूलवंश गलती हो जाने पर उसे माफ़ कर देता हैं. दोस्ती का रिश्ता हो या स्वजनों से सम्बन्ध वही इन रिश्तों को अच्छे से निभा सकता है जिन्हें क्षमा मांगने में झिझक न हो और क्षमा करने में कंजूसी न हो.
एक मनुष्य होने के नाते हमें इस तथ्य को स्वीकार कर लेना चाहिए कि गलती एक मानव स्वभाव है जो किसी अपने या पराए से कभी भी हो सकती हैं.
यहाँ तक कि हम स्वयं भी बार बार गलती कर सकते हैं. इसलिए किसी की गलती को दिल पर लेने की बजाय बड़ा दिल दिखाकर माफ़ कर देने में ही महानता हैं.
हमारी संस्कृति में ईश्वर को सभी पापों को मिटाने वाले तथा क्षमाकारी माना जाता हैं. क्षमा का गुण बड्डपन को दर्शाता हैं, इस ईश्वरीय गुण को अपनाना हर मानव के लिए सम्भव नहीं होता हैं.
अगर हो सके तो छोटी छोटी त्रुटियों के लिए लोगों को माफ़ करने की एक अच्छी आदत हमें विकसित करनी चाहिए, यह गुण हमारे चरित्र का उत्थान कर व्यक्ति को मानव से महामानव बना देता हैं.