नदी पर निबंध हिन्दी में Essay on River in Hindi
मनुष्य को अपने जीवन में हर समय जल की आवश्यकता होती है. बिना जल व्यक्ति एक पल भी जीवित नहीं रह सकता है. हमारे जीवन में हमें जल प्राप्त करने के अनेक संसाधन है. जिसमे कुछ प्राकृतिक तथा कुछ मानव निर्मित होते है. आज के इस लेख में हम जल के सबसे बड़े संसाधन नदी पर निबंध के माध्यम से नदी के बारे में सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त करेंगे.
हमारे लिए नदी एक प्रकृति का उपहार है. नदियों से ही हमारा जीवन संभव है. नदिया प्रकृति की अनूठी देन है. नदिया हमारे जीवन का अभिन्न अंग है. जल का सबसे प्राचीन तथा सबसे महत्वपूर्ण संसाधन नदी ही है. नदी से ही पृथ्वी पर मानव का जीवन संभव हो सका है.
नदी एक प्राकृतिक संसाधन है। इससे हमें स्वच्छ जल प्राप्त होता है. नदी को अंग्रेजी में रिवर (River) कहते है. ये निरंतर चलती रहती है.नदियो को अनेक नमो से जाना जाता है। जिसमे-प्रवाहिनी सरिता आदि प्रमुख है। नदी जहा से आरंभ होती है। उस स्थान को नदी का उदगम स्थल कहते है। तथा नदी की धारा को घाटी कहते है। अधिकांश नदिया बर्फ पिघलकर बनती है।ये बहुत लंबी दूरी तय करती है। जिससे अनेक गांवो शहरो को जल ग्रहण कराती है।
देश के विकास में नदिया बहुत ही महत्वपूर्ण संसाधन है.ये देश के हर कोने में निशुल्क जल ग्रहण कराती है. नदी से ही हर व्यक्ति जल ग्रहण करता है. नदी वर्षा के जल को इकठ्ठा कर लेती है.तथा हमारे लिए जल प्रदान करती है. नदी हमारे लिए प्रकृति द्वारा दिया गया. एक उपहार है.
नदियाँ हमारे व्यवसाय का प्रमुख साधन है. ये व्यापर तथा वाणिज्य के सहायता प्रदान करता है.नदियों के किनारे लोग ठेला डालकर पैसे कमाते है. कई लोग नदियों के किनारे बंदरगाह बनाकर लोगो से पैसे वसूल करते है.नदियों में नाव चलाकर लोगो को एक स्थान से दुसरे स्थान तक पहुंचकर लोग अपनी जीविका चलाते है.
नदियो से बिजली का भी निर्माण किया जाता है। जो कि हमारे दैनिक जीवन के लिए बहुत उपयोगी होती है। कई नदिया बारह मासी होती है। जो पूरे वर्ष चलती है। इसमे हर समय जल भरा रहता है। तथा कुछ नदिया मौसमी होती है। जो मौसम के अनुसार चलती है।जिसमे वर्षा के मौसम मे ही वर्षा होती है।
भारत में अनेक नदिया पाई जाती है. जिसमे सबसे बड़ी नदी गंगा है. जिसका विस्तार हिमालय से लेकर बंगाल की खाड़ी तक है. ये भारत की सबसे बड़ी पवित्र नदी है. यहाँ लोग तीर्थ करने भी आते है.इसी प्रकार भारत में अनेक नदिया है. जो पवित्र तथा बड़ी-बड़ी नदिया है.जैसे-गंगा यमुना,सरस्वती आदि प्रमुख है. नदिया जहा से बहती है. वह क्षेत्र उपजाऊ बन जाता है.
भारत में कई नदी प्रणालिया भी बनी हुई है. जिसमे सिन्धु सबसे प्रमुख है. ये नदी पंजाब से शुरू होकर हिंदमहासागर में जाकर प्रवाहित होती है. ये नदी भारत सहित कई अन्य देशो को भी जल ग्रहण कराती है. इसकी अनेक सहायक नदिया भी है. जिसमे-झेलम, चेनाब, रावी, सतलज और ब्यास आदि प्रमुख सहायक नदिया है.
नदियों को अपवाह तंत्र के आधार पर तीन मुख्य भागो में बाँटा गया है. जो कि निम्न है-
1. बंगाल की खाड़ी के अपवाह तंत्र वाली नदिया
बंगाल की खाड़ी का अपवाह तंत्र का मतलब है. कि वे नदिया जो अपने उद्गम से बहती हुई. बंगाल की खाड़ी में जाकर प्रवाहित हो जाती है. अर्थात वे नदिया जिनका अंतिम बिंदु बंगाल की खाड़ी हो वे बंगाल की खाड़ी अपवाह तंत्र वाली नदिया कहलाती है.बंगाल की खाड़ी की अपवाह वाली नदिया गंगा,पद्मा,हुगली, ब्रह्मपुत्र,जमुना, मेघना, इरावती, गोदावरी, महानदी, कृष्णा, कावेरी आदि अनेक नदिया बंगाल के अपवाह तंत्र में जाकर गिरती है.
बंगाल की खाड़ी का अपवाह तंत्र का मतलब है. कि वे नदिया जो अपने उद्गम से बहती हुई. बंगाल की खाड़ी में जाकर प्रवाहित हो जाती है. अर्थात वे नदिया जिनका अंतिम बिंदु बंगाल की खाड़ी हो वे बंगाल की खाड़ी अपवाह तंत्र वाली नदिया कहलाती है.बंगाल की खाड़ी की अपवाह वाली नदिया गंगा,पद्मा,हुगली, ब्रह्मपुत्र,जमुना, मेघना, इरावती, गोदावरी, महानदी, कृष्णा, कावेरी आदि अनेक नदिया बंगाल के अपवाह तंत्र में जाकर गिरती है.
बंगाल की खाड़ी के अपवाह तंत्र में गिरने वाली राजस्थान की नदिया
B–बनास
B–बाण गंगा
B–बेड़च
K–कालीसिंध
K–खारी
K–कोठारी
C–चम्बल
P–पार्वती
G–गम्भीरी
B–बनास
B–बाण गंगा
B–बेड़च
K–कालीसिंध
K–खारी
K–कोठारी
C–चम्बल
P–पार्वती
G–गम्भीरी
2. अरब सागर अपवाह तंत्र वाली नदिया
अरब सागर में भी बंगाल की खाड़ी की भांति अनेक नदिया प्रवाहित होती है. जिसमे कई नदिया बड़ी नदिया भी है.इस अपवाह की सबसे बड़ी नदी सिन्धु नदी है. जिसकी लम्बाई 2880 किलोमटर है. अरब सागर के अपवाह में गिरने वाली प्रमुख नदिया ट्रिक के साथ
TRICK-सालू की माँ भानमती सोजा
सा-साबरमती
लू-लूनी“की-silent”
माँ-माही
भा-भारत पुझा या पोन्नानी
न-नर्मदा(खम्भात की खाड़ी)
म-मांडवी
ती-ताप्ती (खम्भात की खाड़ी)
सो-सोम
जा-जाखम
3. आतंरिक अपवाह तंत्र वाली नदिया
आंतरिक अपवाह तंत्र का अर्थ होता है. वे नदिया जिनका विस्तार कम होता है. तथा वे अपने उदगम स्थल से कुछ दूर पर ही समाप्त हो जाती है. आंतरिक अपवाह तंत्र वाली नदिया कहलाती है. आंतरिक अपवाह तंत्र की प्रमुख नदिया घग्घर नदी, साबी नदी, काकनी नदी, रूपनगढ़ नदी, कांतली नदी, रूपारेल नदी, मेंथा नदी आदि है.
अरब सागर में भी बंगाल की खाड़ी की भांति अनेक नदिया प्रवाहित होती है. जिसमे कई नदिया बड़ी नदिया भी है.इस अपवाह की सबसे बड़ी नदी सिन्धु नदी है. जिसकी लम्बाई 2880 किलोमटर है. अरब सागर के अपवाह में गिरने वाली प्रमुख नदिया ट्रिक के साथ
TRICK-सालू की माँ भानमती सोजा
सा-साबरमती
लू-लूनी“की-silent”
माँ-माही
भा-भारत पुझा या पोन्नानी
न-नर्मदा(खम्भात की खाड़ी)
म-मांडवी
ती-ताप्ती (खम्भात की खाड़ी)
सो-सोम
जा-जाखम
3. आतंरिक अपवाह तंत्र वाली नदिया
आंतरिक अपवाह तंत्र का अर्थ होता है. वे नदिया जिनका विस्तार कम होता है. तथा वे अपने उदगम स्थल से कुछ दूर पर ही समाप्त हो जाती है. आंतरिक अपवाह तंत्र वाली नदिया कहलाती है. आंतरिक अपवाह तंत्र की प्रमुख नदिया घग्घर नदी, साबी नदी, काकनी नदी, रूपनगढ़ नदी, कांतली नदी, रूपारेल नदी, मेंथा नदी आदि है.
संसार के हर देश में अनेक नदियों का विस्तार है. पर दुनिया की सबसे बड़ी नदी इथियोपिया नमक देश में स्थित नील नदी है. जिसकी लम्बाई 6650 किलोमीटर है. तथा इसके बाद दूसरी सबसे बड़ी नदी अमेजन है. जिसकी लम्बाई 6400 किलोमटर लम्बी है.
नदियों में कचरा डालने के बजाय कचरे को कचरा पात्र में डाले तो हमारे लिए उचित रहेगा. जल का सबसे बड़ा संसाधन नदी ही है. यदि आने वाले समय में जल चाहिए. तो हमें नदियों को सुरक्षित करना होगा. नदियों को सुरक्षित करके हम अपने भविष्य को सुरक्षित बना सकते है.
उम्मीद करता हूँ, दोस्तों आज का हमारा लेख,निबंध,अनुच्छेद,पैराग्राफ नदी पर निबंध हिन्दी में Essay on River in Hindi//nadi par nibandh आपको पसंद आया होगा. यदि आज का लेख अच्चा लगा तो इसे अपने दोस्तों के साथ ज्यादा से ज्यादा शेयर करें.