छत्रपति शिवाजी पर निबंध- छत्रपति शिवाजी हिन्दू धर्म के प्रमुख शासन थे.छत्रपति शिवाजी एक महान योद्धा तथा साहसी पुरुष थे.वे भय को समझते भी नहीं थे.इसलिए तो उन्होंने अपनी छोटी सी सेना के साथ मुगलों से संघर्ष किया और विजय भी प्राप्त की.शिवाजी स्वभाव से धार्मिक थे.वे अपनी माता का अनुसरण करते थे.वे एक सच्चे देश भक्त तथा सेनानायक भी थे.
छत्रपति शिवाजी पर निबंध | Essay on Chhatrapati Shivaji in Hindi
मराठा साम्राज्य के संस्थापक छत्रपति शिवाजी थे। शिवाजी का जन्म 10 अप्रैल1627 में शिवनेरी किले में एक हिन्दू परिवार में हुआ.शिवाजी के पिता का नाम शाहजी भोंसले था.तथा माता का नाम जीजाबाई था.शिवाजी के जन्म के कुछ समाय पश्चात् शाहजी भोंसले ने दूसरी शादी कर ली पर जीजाबाई भी वापस आ गई.
शिवाजी का बचपन उनकी माता जीजाबाई के साथ बिता जीजाबाई धार्मिक महिला थी.जो कि धर्म में आस्था रखती थी.वे हमेशा अपने धर्म की रक्षा करती थी.तथा दुसरे धर्मो का सम्मान करती थी.शिवाजी ने ये गुण अपनी माता जीजाबाई से ही प्राप्त किये थे.
शिवाजी भी अपनी माता की धर्म एक धर्म रक्षक के रूप में सामने आए.पर इस समय देश पर मुगलों का साम्राज्य था.जो कि हिन्दू धर्म के लोगो को इसाई बनाने के लिए उनके साथ काफी जुल्म कर रहे थे.इसे शिवाजी सहन नहीं कर सकें. और मराठा सम्राज्य की स्थापना कर दी.
शिवाजी ने हिन्दुओ के साथ हो रहे अपराधो का बदला लेने की ठान ली.और मुगलों को देश से भागने का प्रण ले लिया.और अपनी छोटी से सेना के साथ शिवाजी ने मुगलों पर आक्रमण की योजना बनाई.
शिवाजी ने मुगलों की विशाल सेना से पूर्व छोटे-छोटे किलो को अपने वश में किया.शिवाजी के प्रभुत्व को देखकर मुग़ल सेना भी युद्ध के लिए तैयार हो गई.शिवाजी से चल करने के कई लोगो ने प्रयास किये पर सभी असफल ही रहे.
पर आख़िरकार शिवाजी को छाल में फंसना पड़ा और एक सेनानायक शिवाजी के पास चल के इरादे से आया था.पर शिवाजी ने इसकी छाल को समझ लिया और उसे मार डाला.मामला या से खत्म नहीं होता है.इस बार मुग़ल दूसरी योजना बनाकर शिवाजी को फंसाने का प्रयास कर रहे थे.पर इस समय शान्ति संधि की गई थी.
इसके कुछ समय पश्चात मुग़ल शासन औरंगजेब ने शिवाजी को बंदी बनाने का आदेश दिया पर शिवाजी को बंदी कौन बना सकता था.सभी सेनानायको को मौत के घात उतार डाला.अब औरंगजेब ने नई तकनीक का सहारा लिया और शिवाजी के साथ चल कर उन्हें बंदी बनाया.पर कुछ समय तक बंदी रहने के बाद शिवाजी औरंगजेब की छपेट से भाग निकले.अब युध्द तो होना ही था.
मुगलों की कैद से निकलने के बाद उन्होंने दुबारा मुगलों पर आक्रमण करने की योजना बनाई.और तुरंत सेना तैयार की इसके बाद शिवाजी अपनी सेना के साथ जोश और नई उमंग के साथ मुगलों के किले की तरफ आगे बढ़े.इसके बाद शिवाजी ने एक के बाद एक आक्रमण कर मुगलों को भागने के लिए मजबूर कर दिया.और एक बार फिर कई सालो बाद हिन्दू धर्म का सम्राज्य चलाया.शिवाजी रायगढ़ के शासक बने.
छत्रपति शिवाजी के हौसले तथा बल को आज भी प्रणाम किया जाता है.शिवाजी से बढाकर हमारे पुरे देश में कोई शासक नहीं हुआ.शिवाजी ने अपने साहस तथा अपनी सत्य के बल पर युद्ध लडे. और शिवाजी ने सबसे लम्बे अन्तराल बाद अपने साम्राज्य को प्राप्त किया था.
हमारे देश को मुगलों से मुक्त कराने में शिवाजी को श्रेय जाता है.शिवाजी ने मुगलों से जंग लड़कर उन्हें भागने के लिए मजबूर बनाया.इसी कारण आज तक शिवाजी को याद किया जाता है.
शिवाजी महाराज की वीरता
शिवाजी बचपन से ही वीर पुरुष तथा साहसी थे.उन्होंने अपनी शुरूआती जीवन में ही आदर्शवाद का अनुसरण किया.और मात्र 17 वर्ष की आयु में तोरण के किले पर हमला बोला और उसमे विजय पाने के बाद एक के बाद एक आक्रमण कर शिवाजी ने सन 1654 तक कोंकण तट पर कोंडाना, रायगढ़ किला और पश्चिमी घाटों पर अपना शासन स्थापित कर दिया.
इसके बाद शिवाजी के पिता को छल के माध्यम से बंदी बना दिया गया और शिवाजी के भाई संभाजी के विरुद्ध सेना भेज दी.पर शिवाजी और बीजापुर के सैनिको के बीच प्रतापगढ़ का महायुद्ध हुआ.इस युद्ध में शिवाजी ने विजय प्राप्त की.
इसके बाद 1674 में मुगलों के खिलाफ युद्ध जीतकर शिवाजी ने रायगढ़ के किले को जीत लिया और इसके बाद शिवाजी ने अपने नाम के साथ में छत्रपति का उपाधि जो जोड़ दिया था.कई सालो के इंतजार के बाद शिवाजी ने एक बार फिर मुगलों को हारकर शासन बने और 6 वर्ष पश्चात 1680 में शिवाजी की मौत हो गई.
छत्रपति शिवाजी जयंती
छत्रपति शिवाजी के जन्म दिन के उपलक्ष में हर साल 19 फरवरी को महाराष्ट्र राज्य में परेड निकालकर छत्रपति शिवाजी की जयंती मनाई जाती है.शिवाजी हिन्दू धर्म के अनुनायी थे.पर उनके धर्म सम्मान के चलते सभी धर्म के लोग इस जयंती में भाग लेते है.और शिवाजी को जन्मदिन की बधाईयाँ देते है.इस दिन अनेक कार्यकर्मो का आयोजन किया जाता है.तथा शिवाजी के गीतों का गान किया जाता है.
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