प्राकृतिक आपदा सुनामी पर निबंध-नमस्कार दोस्तों आज हमारे दैनिक जीवन में बढ़ते प्रदुषण तथा प्रकृति के बिगड़ते संतुलन के कारण हमें अनेक प्राकृतिक आपदाओ का सामना करना पड़ता है. आज हम उन्ही में से एक आपदा सुनामी के बारे में तथा इससे बचाव के बारे में जानेंगे.
सुनामी पर निबंध Essay On Tsunami In Hindi
आज हमारे इस संसार में हमें अनेक आपदाओ का सामना करना पड़ता है.जैसे भूकम्प, बाढ़, अनावृष्टि, अतिवृष्टि तथा आदि है.पर इनमे सबसे प्रमुख नाम सुनामी का आता है.
प्रकृति के साथ किये जा रहे खिलवाड़ का कारण सुनामी के रूप में आपदा सामने आ रही है. यह एक भयानक तथा प्राकृतिक संतुलन बिगड़ने पर दिखने वाला दृश्य है, जो शहरो को तबाह करने का सामर्थ्य रखता है.
ये आज की सबसे बड़े प्राकृतिक आपदा है.इस आपदा का खतरा हमेशा बना रहता है.ये कभी-भी कई भी आ सकती है.इससे कितना नुकसान होगा.इसका हम अनुमान भी नहीं लगा सकते है.
सुनामी को हम समुद्री भूकम्प भी मान सकते है.ये भूकंप जो कि धरती पर आता है.तथा सुनामी है. जो समुद्रो में आती है.ये समुद्रो में भूकंप के कारण उत्पन होती है.पर इसे रोकना मानव के लिए असंभव है.
इसे कोई मानव निर्मित साधन नहीं रोक सकता है.इतनी तेजी से इसका बहाव होता है.सुनामी आने से समुद्र का जल धाराओ के रूप में ऊपर उठने लगता है.सुनामी का दवाब इतना ज्यादा होता है.कि एक बार सुनामी के दौरान लगभग 500 मीटर तक एक पहाड़ पर सुनामी की धारा गई थी.
इस आपदा का प्रमुख कारण समुद्री ज्वालामुखी विस्पोट ही है.ओस विस्पोट के कारण समुद्री भूकंप सुनामी का रूप ले लेता है.इसलिए सुनामी को समुद्री भूकंप कहते है. ये जब भी आती है.
बहुत तेजी से आती है. जिस क्षेत्र में सुनामी आती है.वहा सब कुछ नष्ट कर देती है.इसी कारण सुनामी सबसे बड़ी आपदा है. सुनामी भूस्खलन तथा भूकंप की सहायता से उत्पन्न होता है.
ये बहुत नुकसान दायक है.इससे मानव जाति के साथ-साथ प्रकृति को भी काफी नुकसान का सामना करना पड़ता है.इस पर नियंत्रण नहीं किया जा सकता है.इसलिए ये सबसे खतरनाक आपदा है.
सुनामी का वर्णन Description of tsunami
बड़े-बड़े समुद्रो में जब भूकंप की स्थति बन जाती है.तब समुद्र का उपरी जल धाराओ का रूप ले लेता है.और ऊँचा उठने लगता है.समुद्र के जल की इन्ही धाराओं को हम सुनामी कहते है.
सुनामी का जल तेज बहाव से बहता है.इसका सम्पूर्ण रूप से वर्णन नहीं किया जा सकता है पर मोटे तौर पर इसका निर्माण और इसकी यही प्रोसेस होती है.
सूनामी को रोखना असंभव Tsunami impossible to stop
जो भी प्राकृतिक आपदा होती है.उन पर मानव नियंत्रण नहीं कर सकता है.इसी प्रकार सुनामी पर भी नियंत्रण बनाना मानव के लिए असंभव के बराबर है.
सुनामी भूकंप की अपररूप होती है.बस इन दोनों में अंतर ये होता है.कि सुनामी है.जो समुद्रो में बनती है.तथा भूकंप जमीन पर बनते है.बड़े-बड़े महासागरो में सुनामी का जन्म होता है.वहा पर नियंत्रण हम नहीं बना सकते है.
आज तक की सबसे ऊंची सुनामी Highest tsunami to Date
सुनामी बहुत ऊंचाई तक जाती है.इस पर हम पहले से गौर कर चुके है.पर अब है.ये भी जाने कि सबसे बड़ी सुनामी कौनसी थी.व कब और कहा पर बनी थी?
सबसे बड़ी सुनामी अलास्का नामक खाड़ी में 9 जुलाई 1958 को बनी और ये दुनिया की सबसे बड़ी सुनामी थी. इस सुनामी से काफी नुकसान हुआ.
तथा वहा पर के पहाड़ भी समुद्र में मिल गई.इतना तेज बहाव था.इस सुनामी की लहरों की ऊंचाई 524 मीटर थी.जो कि आज तक की सबसे ऊँची सुनामी की लहरे थी.
सुनामी लहरों का आकार Tsunami wave size
सुनामी की लहरों का आकार समुद्र की लहरों पर निर्भर होता है. और समुद्र की लहरे ही सुनामी की जिम्मेदार है.समुद्र की लहरे छोटी होने पर भी वे भूकंप के साथ मिल जाने पर ये आकार में बड़ा हो जाता है.सुनामी की धाराए जितनी बड़ी होती है. उतनी ही सुनामी की गति तीव्र होती है.
सुनामी समुद्रो तथा झीलों में उत्पन होती है.समुद्र की सुनामी झीलों की सुनामी में काफी तीव्र तथा लम्बी चलती है.झीलों की सुनामी समुद्र की सुनामी से कम दूर पर ही रुक जाती है.इसी कारण समुद्री सुनामी की तुलना में झीलों की सुनामी कम नुकसान पहुंचाती है.
साल 2004 की सुनामी Tsunami of the year 2004
कई बड़ी-बड़ी सुनामियो को आपने सुना होगा. पर साल 2004 की सुनामी में भारत में चपेट में आ गया.इस सुनामी की शुरुआत इन्डोनेशिया से हुई थी.
और ये आगे बढ़ाते हुए,भारत सहित थाईलैंड, भारत, इंडोनेशिया, श्रीलंका, बांग्लादेश और मालदीव जैसे देशो तक फ़ैल गई इस सुनामी में लाखो लोगो ने अपनी जान गंवाई ये सुनामी भारत की सबसे बड़ी सुनामी थी.
सुनामी होने के कारण Causes of Tsunami in Hindi
सुनामी कई आपदाओ के चलते उत्पन्न हो सकती है.जिसमे प्रमुख भूकम्प,भूस्खलन,ज्वालामुखी का फटना तथा कोई उल्का पिंड का गिरना आदि है. तो चलिए इनके बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करते है.
1. भूकंप Earthquake
जब भी समुद्र में भूकम्प की स्थिति बन जाती है.तथा भूकंप आने के कारण समुद्र में कई जगह जमीन में गद्दे हो जाते है.इन गद्दों के कारण समुद्र का उपरी जल प्रभावित होता है.
और ये तेज स्पीड पकड लेता है.और तट की तरह लहरों के रूप में बहाना शुरू हो जाता है.ये लहरे तक़रीबन 40 से 50 मीटर ऊँची लहराती हुई.
300 से तेज स्पीड से जब तट की ओर जाती है.तो वहा पर सुनामी की स्थिति पैदा हो जाती है.इस प्रकार समुद्री भूकंप भी सुनामी का प्रमुख कारण है.
2. भूस्खलन Landslide
जब समुद्र के किनारे भूस्खलन की स्थिति बनती है.तब समुद्र के किनारे पर खड़े पेड़-पौधे तथा बड़े-बड़े पत्थर समुद्र में गिर जाते है.जिस कारण समुद्र का दवाब ज्यादा बढ़ जाता है.जिससे सुनामी की स्थिति बनती है.ओर ये विनाशकारी बन जाती है.
3. ज्वालामुखी का फटना Volcano Eruption
ज्वालामुखी फटने से समुद्र के जल में गिर जाने के कारण समुद्र में सुनामी की स्थिति बन सकती है.ज्वालामुखी की आग इतनी तेज होती है.
कि ये समुद्र के जल को धाराओ में बाँट देता है.ज्वालामुखी के ताप कारण ये धराए तीव्र गति में चलने लगती है.इसे हम सुनामी कहते है.
4. क्षुद्रग्रह या उल्का के गिरने से Falling of Asteroids & Meteors
आज तक ऊपर बताए गए इन तीन कारणों से ही सुनामी उत्पन्न हुई है.पर उल्का पिंड या क्षुद्र गृह का गिरना भी इसका एक कारण बन सकता है.पर आज तक कभी-भी क्षुद्रग्रह या उल्का का गिरने से सुनामी उत्पन्न नहीं हुई है.
पर समुद्र के किनारे पिंड का गिरने से भविष्य में ये सुनामी का कारण बन सकती है.यदि कोई पिंड समुद्र में गिर गया तो सुनामी इतना विकरार रूप धारण कर सकती है.जिससे पूरा संसार संकट में पड़ सकता है.
सुनामी के प्रभाव Tsunami Effects in Hindi
सुनामी के आने के लोगो पर बहुत गहरा प्रभाव देखने को मिलता है.लोगो के साथ-साथ जीव-जन्तुओ पेड-पौधों तथा सरकार पर इसका असर देखा जाता है.
ये सुनामी भूकम्प की तरह एक ही झटके में लाखो लोगो की जान ले सकती है. इसके साथ ही कई बड़े-बड़े शहर गाँव तथा लोगो की धन सम्पदा सुनामी के कारण नष्ट हो जाती है.
सुनामी की स्थिति में लोगो को अपने घर अपने परिवारजन सभी को छोड़ना पड़ता है.इसमे वे कुछ नहीं कर पाते देखते ही देखते लाखो की संख्या में लोग मर जाते है.पर कोई कुछ नहीं कर पात इससे लोगो पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है.
सुनामी की आपदा के समय ही नहीं बल्कि इसके बाद भी जो लोग जीवित रहते है.उनके लिए जीना भी मुश्किल हो जाता है.कई अपने परिवार को खो देते है.
तो कई अपने घर को इस प्रकार सभी अपनी-अपनी समस्याओ का दुःख सहन करते है.साथ ही इस स्थिति में भोजन के लिए अन्न नहीं मिलता है.पीने के लिए स्वच्छ जल नहीं मिलता है.
तथा ज्यादा समय तक पानी इकठ्ठा रहने के कारण वहा गन्दगी छा जाती है.जिससे अनेक बीमारियों का खतरा रहता है. इसका उदहारण आप बाढ़ से ही लगा सकते है.
गुजरात में आई बाढ़ से प्लेग जैसी बीमारी का जन्म हुआ.तो आप अनुमान लगा सकते है. कि यदि सुनामी की समस्या आई तो हमें कितनी बीमारियों का सामना करना पड़ेगा.
इस स्थिति में लोग आत्महत्या करते है.तथा कई लोग पागल हो जाते है.इससे बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है.पर भगवान् से यही प्रार्थना करते है.कि भविष्य में हमारे सामने इस प्रकार की कोई आपदा न आने दें.
सुनामी चेतावनी Tsunami Warning
साल 1948 में प्रशांत महासागर पर आपदाओ की जानकारी प्राप्त करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय नेटवर्क को लगाया गया था.ये नेटवर्क सुनामी जैसी आपदा की स्थिति बनने पर सभी को चेतावनी देता है.
ये बहुत तेजी से जानकारी को प्राप्त करता है.जिससे सुनामी जैसी आपदा आने से पूर्व ही लोग सुरक्षित हो सकें.और अपनी जान बचा सकें.
सुनामी के संकेत के लिए लगाये गए.इन अंतराष्ट्रीय नेटवर्क से काफी सहायता भी मिली है.जिसका एक उदहारण जापान की सुनामी है.जिसमे संकेत मिल जाने के कारण लोगो को इसकी पूर्व में ही जानकारी दी गई.इसमे लाखो लोगो ने अपनी जान बचाई.
भारत में सुनामी की चेतावनी देने वाला तंत्र (Tsunami Warning System in India):
हमारे देश को आज तक सुनामी की इस आपदा का सामना नहीं करना पड़ा है.इसलिए हमारे देश में संकेत के व्यापक साधन नहीं है.
पर कई भूकम्पो के आने के कारण अरब सागर, बंगाल की खाड़ी तथा अंडमान व निकोबार द्वीपों पर कुछ यंत्रो को लगवाया गया है.पर अभी भी हमारे देश को इस पर ध्यान देना चाहिए.
जिससे कारणवश यदि सुनामी आ जाये तो हमारे देश के नागरिक सुरक्षित रह सकें.इसलिए हमारे देश को अभी इस बात पर अम्ल करने की जरुरत है.
सुनामी से सुरक्षा कैसे करे? How to protect against Tsunami?
सुनामी एक प्राकृतिक आपदा है. इसे मानव रोक नहीं सकते है. पर इससे बचाव करना हमारा कर्तव्य है. इससे हमारी सुरक्षा करने के लिए हमें चेतावनी संकेत का प्रयोग करना चाहिए.
जिससे हम समय रहते अपने परिवार अपने पशुओ तथा अपनी धन सम्पदा को सुरक्षित स्थान पर ले जा सकें. खासकर चेतावनी की जरुरत समुद्रो के किनारे बसे लोगो को है. क्योकि वहा पर इस आपदा का सबसे बड़ा खतरा रहता है.
हमारी सरकार को इन प्रकार की आपदा से सुरक्षा पाने के लिए हमारे देश में आपातकालीन निकासी की व्यवस्था करनी चाहिए. जिससे इस स्थिति में लोग अपनी जान बचा सकें.
कई लोग इस सुनामी का इंतजार करते है. इसके दृश्य को देखने का प्रयास करते है. वे ये हरकते कर मौत को बुलावा देते है. ऐसे लोगो को सुनामी का दृश्य दिखाने के लिए हमें अन्तरिक्ष में कुछ उपग्रह लगवाने चाहिए.
जिससे सभी इस दृश्य को देख सकें. और इसके भय को समझ सकें. और समय रहते बिना किसी हरकत किये सुरक्षित जगह पर पहुँच सकें।
भारत सरकार ने इस विपदा की चेतावनी प्राप्त करने के लिए कई यंत्रो को लगवाया गया है.जिससे हम समय पर सचेत होकर अपने प्राण बचा सकें.
अन्यथा सुनामी आने के बाद कुछ भी नहीं किया जा सकता है. क्योकि इसकी रफ़्तार बहुत तेज होती है. ये बड़े-बड़े शहरों को बहाकर ले जाता है.
समुद्री तट के लोगो मो हमेशा आपदा की सूचनाओ से जुड़े रहना चाहिए. जिससे किसी भी आपदा की जानकरी प्राप्त कर सकें. तथा अपने जीवन में बहुमूल्य चीजो को साथ ले जा सकें.
तथा महत्वपूर्ण चीजे जो व्यक्ति के लिए हमेशा जरुरी होती है. जैसे-दवाई,खाद्य सामग्री आदि को इकठ्ठा का सकें. तथा किसी सुरक्षित स्थान पर पहुँच सकें.
सुनामी का इतिहास History Of Tsunami
आज तक सुनामी के कम ही मामले देखने को मिले है. पर जो भी हुए है. बड़े खतरनाक तथा विनाशकारी हुए है. दुनिया की सबसे बड़ी सुनामी आल्सका महासागर में आई थी.
और इसमे लगभग 3 लाख लोगो ने अपनी जान गंवाई थी. इसमे समुद्र की धाराओ की ऊंचाई 550 तक चली गई थी. और इसकी रफ़्तार बहुत तीव्र थी.
जिससे अनेक शहर इसमे बह गए.इसलिसे हुई थी.और इसकी गति अधिक होने के कारण ये अनेक देशो में फ़ैल गई. जिससे लाखो लोगो को जान भी गई और काफी संख्या में पशुओ और धन का नुकसान भी हुआ था.
सूनामी आने से पहले क्या करे
हमारे देश में भी सुनामी की सूचना प्राप्त करने के लिए यंत्रो को लगाया गया है. जिससे हमें सुनामी की अपडेट हमें मिलती रहती है.
इस समय में यदि सुनामी आने की संभावना व्यक्त की जा रही हो तो हमें किसी सुरक्षित स्थान पर पता कर वहां पर जाना चाहिए.
यदि आप समुद्र के क्षेत्र के पास में निवास करते है. तो आपको अपनी जरुरत सामग्री को पैक कर किसी सुरक्षित स्थान पर जाना चाहिए.
अपनी कीमती चीजो तथा अपने पशुओ को लेकर समय रहते किसी सुरक्षित स्थान पर जाना चाहिए. जिससे अपने प्राण बचा सकें.
इस समय हमें अपने प्राणों की रक्षा करनी चाहिए.तथा अपने आस-पास के लोगो को भी ये जानकारी देनी चाहिए.जिससे सभी जीवित रह सकें. तथा जो व्यक्ति कमजोर है.उनकी सहायता करनी चाहिए.
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