शिक्षक दिवस पर निबंध- हमारे जीवन को संवारने में तथा ज्ञान का पाठ पढ़ाने में शिक्षक अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है.जीवन के हर पड़ाव में गुरु का ज्ञान हमारे लिए सहयोगी होता है.आज के इस आर्टिकल में हम शिक्षक दिवस पर छोटे-बड़े निबंध प्रस्तुत करेंगे.
शिक्षक दिवस पर निबंध Essay on Teachers Day in Hindi
दुनिया में माता-पिता के बाद सबसे बड़ा कोई रिश्ता होता है, तो वह गुरु शिष्य का होता है. खासकर इसे भारतीय संस्कृति में अनमोल माना जाता है. गुरु माता-पिता भी होते है.
और शिक्षक भी जो हमें अपने जीवन में आगे बढ़ने के लिए तथा उन्नति करने के लिए प्रेरित करते है. जीवन का असली अर्थ गुरु से ही सिखने को मिलता है.
विश्व के कुछ देशों में शिक्षकों के सम्मान के लिए शिक्षक दिवस का आयोजन होता है। उन्ही में से एक हमारा प्यारा भारत भी है, जहाँ हम गुरु को भगवान से बढ़कर मानते है.
कुछ देशों में छुट्टी रहती है जबकि कुछ देश इस दिन कार्य करते हुए मनाते हैं। भारत के भूतपूर्व राष्ट्रपति राधाकृष्णन जी के जन्मदिन भारत में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है।
देशभर में सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती के उपलक्ष्य में हर साल 5 सितंबर को अपना शिक्षक दिवस मनाता है। हालांकि, विश्व स्तर पर शिक्षक दिवस एक महीने बाद 5 अक्टूबर को मनाते है।
विश्व शिक्षक दिवस अथवा अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक दिवस शिक्षकों की स्थिति पर 1966 ILO और यूनेस्को की सिफारिश को अपनाने की सालगिरह के प्रतीकात्मक स्मृति के रूप में मनाया जाता है।
शिक्षक हमारा सबसे बड़ा गुरु होता है. उन्ही के सम्मान में हम हर साल शिक्षक दिवस मनाते है. हर साल 5 सितम्बर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है.
इस दिन एक महान शिक्षक और देश के पूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी का जन्म हुआ था. उन्होंने जीवन में एक महान गुरु की तरह कार्य किया इसलिए उनकी जयंती के अवसर पर हर साल शिक्षक दिवस मनाया जाता है.
इस दिन गुरुओ को खूब साम्मान दिया जाता है. यह दिन गुरुओ को समर्पित होता है. गुरु का जीवन में तथा समाज में एक विशेष स्थान होता है. गुरु के बिना एक व्यक्ति का कोई महत्व नही है. सामान्यत विद्यालय में शिक्षक पढाई करवाते है. पर इस दिन पढाई शिष्य द्वारा बच्चो को करवाई जाती है.
विद्यालय में वार्षिक उत्सव का आयोजन किया जाता है, जिसमे शिक्षको को सम्मानित किया जाता है. इस दिन गुरुओ द्वारा परामर्श लेकर जीवन में सफल हुए शिष्य अपने गुरु के पास उनका धन्यवाद करने आते है.
जीवन को सफल तथा साकार बनाने में शिक्षक अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है.शिक्षक हमें अन्धकार से उजाले की ओर अग्रसर करते है.इसलिए शिक्षक को गुरु की संज्ञा दी जाती है.गुरु जीवन को सुख-समृद्ध बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है.
गुरु से ही हमें ज्ञान, कौशल स्तर, विश्वास आदि की प्राप्ति होती है.हमें जन्म माँ देती है.पर हमें ज्ञान का पाठ पढ़ाकर इस संसार में जीने योग्य इन्सान गुरु बनाते है.गुरु हमारे जीवन को आकार देते है.हमारे जीवन में गुरु की महिमा अपरम पार है.गुरु हमारे जीवन की कठोर नीव डालते है.
गुरु के ज्ञान से जीवन में प्रगति होती है.गुरु को सम्मान देने के लिए हमारे देश में 5 सितम्बर को शिक्षक दिवस के रूप में एक विशेष दिवस मनाया जाता है.
हमारे देश के प्रथम उपराष्ट्रपति तथा दुसरे राष्ट्रपति के रूप में भूमिका निभाने वाले राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधकृष्णन पूर्व में के शिक्षक थे.
5 सितम्बर 1962 को कुछ बच्चो ने शिक्षक तथा राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधकृष्णन को जन्मदिन मनाने का आग्रह किया इस अवसर को राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधकृष्णन ने शिक्षक दिवस के रूप में मनाया इस प्रकार पहला शिक्षक दिवस 1962 में मनाया गया.
गुरु के द्वारा हमारे ऊपर किये गए.उपकारो का सुक्रिया करने के लिए हर साल शिक्षक दिवस मनाया जाता है.
शिक्षक दिवस पर 10 लाइन
- शिक्षक को सम्मान देने के लिए शिक्षक दिवस एक विशेष दिवस है.
- शिक्षक दिवस एक राष्ट्रीय पर्व है.
- हर वर्ष 5 सितम्बर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है.
- पहला शिक्षक दिवस 5 सितम्बर 1962 को मनाया गया था.
- शिक्षक दिवस राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधकृष्णन के जन्म दिन के अवसर पर मनाया जाता है.
- अंतराष्ट्रीय शिक्षक दिवस 5 अक्टुम्बर को मनाया जाता है.
- शिक्षक दिवस भारत सहित 100 से अधिक देश अलग-अलग तिथि को मनाते है.
- इस दिन विद्यार्थी शिक्षक की भूमिका निभाते है.तथा बच्चो को पढ़ाते है.
- बच्चो द्वारा शिक्षको को सम्मानित किया जाता है.तथा भेंट दी जाती है.
- 5 सितम्बर को भारत सहित 21 देशो में शिक्षक दिवस मनाते है.
शिक्षक निस्वार्थ भाव से हमें शिक्षा प्रदान करवाते है.शिक्षको को सम्मान देने के लिए तथा उनके इस उपकार की प्रशंसा के लिए हर साल भारत में 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है।
शिक्षक दिवस बच्चो के लिए खास उत्सव होता है.क्योकि इस उत्सव को बच्चो द्वारा मनाया जाता है. शिक्षक सड़क की तरह कार्य करते है.खुद एक जगह ही रहकर दूसरो को अपनी मंजिल तक पहुंचाते है.
शिक्षको के सम्मान के लिए ये एक विशेष दिवस है इस उत्सव को भारत में ही नहीं बल्कि वैश्विक स्तर पर मनाया जाता है.पर अलग-अलग तिथियों को मनाया जाता है.भारत ओर अन्य 21 देश शिक्षक दिवस 5 सितम्बर को मानते है.
अंतराष्ट्रीय शिक्षक दिवस//विश्व शिक्षक दिवस हर वर्ष 5 अक्टुम्बर को मनाया जाता है.हर साल शिक्षक दिवस बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है.इस दिन विद्यालयों को दुल्हन की तरह सजाया अत है,
तथा शिक्षको को इस उत्सव में भेंट द्वारा सम्मानित किया जाता है.इस दिन को सभी सरकारी कार्यालयों में अवकास रखा जाता है.जिससे सभी इस दिवस में भाग ले सकें.
इस दिन को विद्यालय में बच्चे शिक्षक का किरदार निभाते है.तथा अपने योग्य कक्षा के बच्चो को पढ़ते है.तथा शिक्षक जीवन को अनुभव करते है.
इसके बाद शिक्षक दिवस का भव्य कार्यक्रम प्रस्तुत किया जाता है.जिसमे अनेक प्रतियोगिताए होती है.तथा बच्चो और शिक्षको द्वारा शिक्षको के सम्मान में भाषण की प्रस्तुति की जाती है.
5 सितंबर को शिक्षक दिवस क्यों मनाया जाता है?
भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति तथा दुसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी ने अपने जीवन में 40 वर्ष तक शिक्षक के रूप में भूमिका निभाई. जब राधाकृष्णन जी भारत के राष्ट्रपति बने उस समय उनके जन्मदिन के अवसर पर उन्होंने अपने जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया था.
डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की 50वीं के अवसर पर 1962 में प्रथम शिक्षक दिवस मनाया जिसके बाद हर साल 5 सितम्बर को शिक्षक दिवस मानाने की घोषणा की गई.और आज भी हम इसी दिन शिक्षक दिवस के रूप में मना रहे है.ये शिक्षको के लिए विशेष दिवस है.
डॉ. राधाकृष्णन ने अपने शिक्षक दौर के समय में बच्चो को काफी प्रभावित किया तथा संस्कारवान बनाया.राधाकृष्ण खुद भी शिक्षको का खूब सम्मान करते थे.इसी कारण राधाकृष्णन को काफी पसंद किया जाता था.और आज भी किया जाता है. शिक्षक उनका अनुसरण करते है.
शिक्षक दिवस का महत्व- शिक्षक दिवस भारत के प्रमुख राष्ट्रीय पर्वो में से एक है.ये पर्व शिक्षको के लिए सबसे महत्वपूर्ण उत्सव है.ये उत्सव शिक्षको के सम्मान को दर्शाने के लिए मनाया जाता है.
इस दुनिया में माँ-बाप के बाद शिक्षक ही वह व्यक्ति होता है.जो अपनी मेहनत ईमानदारी के बल पर बच्चो को इस संसार में आसानी से जीविन व्यापन करना सिखाता है.
शिक्षक का जीवन- शिक्षक बनाना आसन कार्य नहीं होता है.शिक्षक बनने लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है.और शिक्षक हमेशा हमारे बारे में भले को ही सोचते है.शिक्षक कभी-भी बच्चो को बुरी शिक्षा नहीं देते है.
ये उनकी सबसे बड़ी विशेषता है.हमारे जीवन में शिक्षक का होना अतिआवश्यक है.शिक्षक के बिना ज्ञान की प्राप्ति नहीं की जा सकती है.
शिक्षक की नौकरी करते हुए बच्चो के साथ प्रेमभाव बनाए रखना बहुत मुश्किल कार्य होता है.क्योकि शिक्षक को पुरे विद्यालय के सभी विद्यार्थियों को नियंत्रण में करना पड़ता है.
कई बच्चे शरारती होते है.कई बच्चे सीधे साधे होते है.कई होशियार होते है तो कोई कमजोर सभी के साथ शिक्षक एक ही भाव से देखता है.
शिक्षक अपनी हर जिम्मेदारी को ईमानदारी के साथ पूर्ण करता है.बच्चो को संस्कार देना,शिक्षा देना जीवन जीने की राह दिखाना सभी कार्य शिक्षको के ही होते है.
तथा जो बच्चे शिक्षक को मानते है.अनुशासन में रहते है.शिक्षक की बताई गई राह पर चलते है.निसंदेह वह विद्यार्थी अपने जीवन को सफल बनाएगा.
शिक्षक दिवस पर भाषण 2024
हमारे देश में हर साल 5 सितम्बर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है.शिक्षको के महत्व को समझते हुए शिक्षक दिवस को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर भी मनाया जाता है.
शिक्षक दिवस तथा अन्तर्राष्ट्रीय शिक्षक दिवस में भेद है.अन्तर्राष्ट्रीय शिक्षक दिवस 5 अक्टुम्बर को मनाया जाता है.ये वैश्विक स्तर पर मनाया जाता है.
शिक्षक दिवस की शुरुआत भारत के दुसरे राष्ट्रपति राधाकृष्णन ने की.डॉ सर्वपल्ली राधा कृष्णन जी ने अपने 50 वे जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में शुरू किया.राधाकृष्णन जी खुद राष्ट्रपति से पूर्व शिक्षक के पद पर 40 वर्ष तक कार्यरत रहे.ये बच्चो से बहुत प्यार करते थे.
शिक्षक के बिना इस संसार में संस्कार तथा ज्ञान की प्राप्ति नहीं की जा सकती है.शिक्षक ही वह व्यक्ति होता है.जो बच्चे की प्रतिभा को समझते हुए उनके जीवन को निहारने का कार्य करता है.जीवन में सफलता के लिए गुरु का होना आवश्यक है.गुरु बिन जीवन में अन्धकार ही छाया रहता है.
कई भारत के साहित्यकारों ने भगवान्म से भी बढ़कर गुरु को बताया है.भगवान्हा हमें इस सृष्टि में भेजते है.इस संसार में सही ढंग से जीने का पाठ गुरु ही सिखाते है.शिक्षक का ज्ञान हर दुविधा में हमारा साथ देता है.गुरु एक दीपक की तरह है.जो खुद जलकर दूसरो के जीवन में उजाला प्रकट करते है.
गुरु की महिमा का कोई पार ही नहीं है.इसलिए हमें गुरु को हमेशा सम्मान देना चाहिए.गुरु की आज्ञा की पालना करनी चाहिए.गुरु को अपना आदर्श मानना चाहिए.किसी भी परस्थिति में गुरु को गलत साबित नहीं करना चाहिए.गुरु हमारा गुरुर होते है.
हमें खुद पर गर्व होना चाहिए.कि हमारे पास एक शिक्षा देने योग्य गुरु है.जो हमारे जीवन को संवारने में हमारी सहायता करते है.तथा जीवन में सही राह दिखाते है.गुरु की हमें इज्जत करनी चाहिए.तथा हमेशा गुरु के हित में कार्य करना चाहिए.
इस संसार में माँ बाप के बाद सबसे ज्यादा भरोसा करने योग्य इन्सान शिक्षक ही होते है.गुरु के कहने पर हमें हर कार्य कर लेना चाहिए.क्योकि ओ गुरु करते है.वे हमेशा हमारे भले के लिए ही करते है. गुरु से हमें हमेशा कुछ न कुछ सिखाने को मिलता है.
माँ बाप ने कोरे पन्ने का निर्माण करते है. जिस का सही प्रयोग करना गुरु सिखाते है.हमें शिक्षक दिवस के इस पावन अवसर पर संकल्प लेना चाहिए.कि हम जीवन भर शिक्षको का सम्मान करेंगे.तथा गुरु की कोई बात नहीं टालेंगे.और जीवन भर गुरु को सम्मान करेंगे.
शिक्षक दिवस पर निबंध
शिक्षक दिवस एक राष्ट्रीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय पर्व है. ये पर्व विद्यालयों में विद्यार्थियों द्वारा बड़ी धूम धाम के साथ मनाया जाता है.इस उत्सव के दिन विद्यालय में अनेक कार्यक्रम होते है.जिसमे सभी गाँववासी भी शामिल होते है.इस दिवस के दिन सरकारी कार्यलयो में अवकाश रखा जाता है.
शिक्षक दिवस 5 सितंबर को क्यो मानाया जाता है?
शिक्षक दिवस 5 सितम्बर को मनाए जाने के पीछे एक विशेष कारण है.हमारे देश के दुसरे राष्ट्रपति तथा प्यारे शिक्षक सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी के जन्मदिन के अवसर में शिक्षक दिवस मनाया जाता है.यही इसका प्रमुख कारण है.
शिक्षक दिवस का महत्व
शिक्षक दिवस हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण दिवस है.इस दिन हमें अपने जीवन को संवारने वाले गुरु को सम्मानित करने के लिए एकमात्र अवसर मिलता है.शिक्षक हमें शिक्षा तथा संस्कार देते है.तथा उनके बदले में हमें उनका सम्मान करने का अवसर मिलता है.
शिक्षक दिवस शिक्षको का आभार ज्ञापित करने के लिए मनाया जाता है.जिस प्रकार गुरु सभी बच्चो को एक समान मानकर सभी को पढ़ाते है.इसी प्रकार हमें भी इस दिन शिक्षको को अपने पूर्वजो के सामान मानकर उनका सम्मान करना चाहिए.ये दिवस शिक्षको के लिए समर्पित है.
विद्यालयों में शिक्षक दिवस का उत्सव
शिक्षको को सम्मान देने के लिए ये दिवस विद्यालयों में मनाया जाता है.इस दिन विद्यालयों को अच्छी तरह से सजाया जाता है.इस दिन सभी विद्यार्थी बड़े उत्साह के साथ इस दिवस को मानाने के लिए आते है.
इस दिवस के दिन सभी शिक्षको को लहर कक्षा में आराम करने के लिए बैठाया जाता है.तथा उनकी सेवा तथा सम्मान किया जाता है.तथा इस दिन शिक्षको के सभी कार्यो को बच्चो द्वारा किया जाता है.बच्चो द्वारा विद्यालय को संभाला जाता है.इस दिन बच्चे छोटी कक्षाओ में जाकर बच्चो को पढ़ाते है.तथा शिक्षको का रोल निभाते है.
विद्यालय में शिक्षको द्वारा बच्चो को मंच पर बुलाया जाता है.तथा सभी विद्यार्थी व्यवस्थित रूप से मंच पर विराजित हो जाते है.इसके बाद बच्चो द्वारा इस अवसर की शुरुआत एक मधुर गीत के साथ होती है.
तथा इसके बाद एक से बढकर एक प्रस्तुति देकर शिक्षक गण का सम्मान ज्ञापित करते है.इस दिवस के दिन बच्चो को अभिभावक सहित विद्यालय में बुलाया जाता है.कई अभिभावक गुरुजनों के लिए भाषण देते है.
इस विद्यार्थी अपने अनुशासन का प्रदर्शन करते है.तथा इस दिवस शिक्षको को माला पहनाकर उनका स्वागत किया जाता है.शिक्षक भी अपना अनुभव बच्चो के साथ शेयर करते है.तथा अंत में शिक्षको को विद्यालय की ओर से मिष्ठान का वितरण किया जाता है.
इस कार्यक्रम के दुसरे दिन सबसे श्रेष्ठ प्रस्तुति करने वाले छात्रो को भेंट देकर उनको सम्मानित किया जाता है.तथा शिक्षको को बच्चो द्वारा अनेक भेंट दी जाती है.जिसमे कई बच्चे फुल भेंट करते है,तो कई साफा तो कोई मिष्ठान की सामग्री इस प्रकार हर वर्ष ये उत्सव मनाया जाता है.
इस विशेष दिन छात्र-छात्राएं अपने शिक्षको के लिए ग्रीटिंग कार्ड, फूल और तमाम तरह के कई उपहार लाते है, अपने विद्यार्थीयो से इस तरह के तमाम उपहार पाकर शिक्षक भी काफी प्रसन्नता महसूस करते है।
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