ईद पर निबंध Essay On Eid In Hindi- ईद का पर्व मुस्लिम समुदाय के लोगो का पवित्र त्यौहार होता है. ये पर्व रमजान के बाद आता है. इस पर्व पर सभी मुस्लिम लोग मिलकर नमाज पढ़ते है. तथा इस त्यौहार को सेलिब्रेट करते है. आज के आर्टिकल में हम ईद पर्व के बारे में जानेंगे.
ईद पर निबंध Essay On Eid In Hindi
भारत जैसे धर्मनिरपेक्ष देश में दिवाली होली और ईद सभी त्योहार बड़ी धूमधाम के साथ मनाए जाते है. ईद मुस्लिम धर्म का प्रमुख त्योहार है. यह अप्रैल, मई माह में मनाई जाती है.
ईद मुस्लिम लोगो का एक धार्मिक त्यौहार है. जो साल में एक बार मनाया जाता है. ये पर्व मुस्लिम पवित्र माह रमजान के बाद आता है. रमजान के एक महीने में लगातर मुस्लिम लोग रमजान पढ़ते है. तथा उपवास करते है.
एक महीने के बाद ईद का दिन आता है. ये दिन रमजान का अंत होता है. इस दिन से सभी लोग उपवास छोड़कर भोजन करते है. तथा इस त्यौहार को मिलकर मनाते है.
मान्यताओ के अनुसार इस पर्व की शुरुआत पैगंबर मुहम्मद द्वारा मक्का से की गई थी. तथा इसका अनुसरण कर आज भी ये पर्व इसी दिन को मनाया जाता है. ये मुसलमानों का सबसे लोकप्रिय त्यौहार है.
रमजान माह की शुरुआत से ही इस पर्व की तैयारिया शुरू हो जाती है. इस पर्व से पूर्व लोग घरो में साफ सफाई करते है. तथा नए नए कपडे खरीदते है. महिलाए नई चुडिया, ड्रेस खरीदती है. पुरुष कुर्ता पजामा सिलाते है.
ईद पर्व की रात को लोग चाँद को देखते है, इस दिन के चाँद को ईद चाँद के नाम से जानते है. तथा सभी चाँद को ईद की बधाईयाँ देते है. तथा सभी एक दुसरे के घर जाते है. तथा भोजन करते है.
इस पर्व के भोजन के रूप में मुख्य रूप से कबाब, बिरयानी, कोरमा बनाया जाता है. लोग एक दुसरे के मेहमान बनकर जाते है. तथा प्रेम बांटते है. और इस पर्व का आनंद उठाते है.
ईद के त्यौहार पर सभी लोग अल्ला से प्रार्थना करते है. तथा सभी अपनी अपनी मन्नत माँगते है. रमजान के महीने में किए गए उपवास का वरदान मांगते है. तथा दान करते है.
ईद के त्यौहार से सभी लोग भाईचारे की मिशाल उत्पन्न करते है. इस त्यौहार के समापन के साथ ही सभी लोग अपने अपने काम पर चले जाते है. इन त्योहारों की वजह से लोग अपने घरवालो से मिल पाते है.
ईद उल फितर पर निबंध Essay On Eid Al Fitr In Hindi
ईद उल फितर मुस्लिम समुदाय का एक प्रमुख धार्मिक त्योहार है। यह पर्व मुस्लिम कैलेंडर के रमजान के महीने के बाद आता है। ईद उल फितर को हम ईद त्योहार भी कहते हैं। इस पर्व के अवसर पर सभी लोग एक दूसरे के घर जाते हैं तथा इस त्यौहार को मिलकर मनाते हैं। यह प्रेम भाईचारे का पर्व है।
ईद के अवसर पर संपूर्ण देश में सार्वजनिक अवकाश घोषित किया जाता है ताकि सभी लोग इस अवसर को मनाने का आनंद उठा सकें। इस वर्ष ईद का पर्व मंगलवार, 9 अप्रैल को मनाया जाएगा।
ईद मुस्लिम समुदाय का सबसे बड़ा धार्मिक त्योहार माना जाता है। इस त्योहार से लेकर कई कहानियां प्रचलित हैं जिसमें सबसे अधिक लोकप्रिय कहानी इस्लाम धर्म के संस्थापक मोहम्मद साहब के ब्रद युद्ध में विजय की है।
मोहम्मद साहब ब्रद युद्ध में विजय होने के उपलक्ष में ईद के त्यौहार को मनाया जाता है। यह पर्व भारत में ही नहीं वरन पूरे विश्व में इस्लाम धर्म के द्वारा मनाया जाता है इस धर्म को बड़े ही प्रेम और उत्साह के साथ मनाया जाता है।
इस पर्व के अवसर पर सभी लोग एक दूसरे के घर जाकर इस पर्व की बधाइयां देते हैं तथा एक व्यक्ति के घर इस दिन दावत रखी जाती है तथा सभी लोग वहां जाकर भोजन करते हैं। और इस उत्सव का आनंद लेते हैं।
यह पर्व विशेष रूप से मनाया जाता है इस पर्व को अपने परंपरागत रीति रिवाजों के अनुसार ही मनाया जाता है। इस पर्व की तैयारियां रमजान के महीने के साथ ही शुरू कर दी जाती है। जैसे ही रमजान का महीना खत्म होता है इस पर्व को मनाया जाता है। सुबह स्नान कर सभी लोग नमाज पढ़ने के लिए जाते हैं इस दिन सभी सफेद ड्रेस पहनते हैं।
Eid ul fitr इस तरह के अवसर पर नमाज स्थल पर भक्तों के लिए विशेष रूप से व्यवस्था की जाती है। इस दिन के अवसर पर नमाज पढ़ने से पहले इत्र लगाना तथा खजूर खाना विशेष रूप से मंगलम माना जाता है।
इस दिन नमाज स्थल पर भीड़ को देखा जा सकता है सभी लोग मिलकर एक दूसरे को ईद की बधाइयां देते हैं तथा एक दूसरे को भेंट करते हैं। ईद के अवसर पर मुस्लिम लोग अपने घर में सेवई नामक का भोजन बनाते हैं जो हर घर में बनाया जाता है।
माना जाता है कि अपने रिश्तेदारों तथा अपने दोस्तों को सेवई का भोजन करवाने से प्रेम बना रहता है। तथा आपसी बहस के कारण नाराज लोगों को इस दिन से सेवई का भोजन करवा कर खुश किया जाता है।
इस दिन बड़े लोग छोटे लोगों को भाइयों को तथा बच्चों को उपहार के रूप में पैसे देते हैं और इन पैसों को ईदी कहते हैं। अन्य त्योहारों की भांति ईद में भी परंपरागत रूप से बदलाव किया गया है।
इन बदलावों के कारण ईद दिनोंदिन लोकप्रिय होता जा रहा है। पहले यह त्यौहार केवल मुस्लिम समुदाय के लिए ही था लेकिन आधुनिक समय में यह त्यौहार अन्य धर्म के लोगों द्वारा भी काफी पसंद किया जाता है। इस पर्व में सभी धर्म के लोग भाग लेते हैं।
इस त्यौहार से धर्मों के बीच में आपसी सामंजस्य बना रहेगा। जो की बहुत ही महत्वपूर्ण है। यह पर्वत धार्मिक एकता तथा भाईचारे का संदेश देता है। इस दिन मुस्लिम लोग अपने दोस्त परिजन तथा अपने पड़ोसी को दावत पर बुलाते हैं। जिस कारण समाज में व्यवहारिक प्रेम बना रहता है।
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