पर्यावरण पर निबंध | Environment Essay in Hindi- नमस्कार दोस्तों स्वागत है, आपका आज के हमारे इस आर्टिकल में आज के आर्टिकल में हम पर्यावरण यानी चारो ओर के आवरण को विस्तार से जानेंगे.
पर्यावरण पर निबंध | Environment Essay in Hindi
जीव-जंतु, पेड़-पौधे, वृक्ष यह सभी पर्यावरण के अंतर्गत ही आते हैं अर्थात हमारे आसपास में जो भी सजीव अथवा निर्जीव चीजें मौजूद हैं वह सभी कहीं न कहीं पर्यावरण से ही जुड़ी हुई है।
आज के समय में अगर पृथ्वी पर जीवन संभव हो पाया है तो इसका सबसे बड़ा कारण पर्यावरण ही है क्योंकि अगर पर्यावरण हमारे अनुकूल ना होता तो शायद ही इस धरती पर हम जीवित रह पाते।
हम अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में जिन चीजों के साथ जुड़े हुए हैं वह सभी चीजें पर्यावरण के अंदर ही मौजूद है। पर्यावरण के द्वारा हमें शुद्ध और ताजा हवा दी गई है साथ ही पीने के लिए शुद्ध पानी दिया गया है।
इसलिए हमेशा इस प्रयास को करना चाहिए कि हमारे द्वारा पर्यावरण को कोई भी नुकसान ना हो बल्कि हम ऐसे काम करें जो पर्यावरण के लिए ही अनुकूल हो और पर्यावरण के लिए फायदेमंद साबित हो।
हम सभी इस बात से भलीभांति परिचित है कि हम इंसानों को साथ ही साथ सभी सजीव चीजों को जिंदा रहने के लिए ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है जो हमें हवा से प्राप्त होती है परंतु क्या आपने कभी सोचा है कि हमें जो ऑक्सीजन प्राप्त होती है आखिर वह कहां से आती है।
बता दें कि हमारे आसपास जो पेड़ पौधे मौजूद हैं यह सभी पर्यावरण का ही हिस्सा है और यही पेड़ पौधे कार्बन डाइऑक्साइड का ग्रहण करते हैं और बदले में शुद्ध ऑक्सीजन छोड़ते हैं जो इंसानों के काफी काम आती है।
प्राचीन काल का मानव पर्यावरण के महत्व को अच्छी तरह से समझता था और जानता भी था। इसलिए वह हर प्रकार से पर्यावरण को स्वच्छ बनाए रखने का प्रयास करता था क्योंकि उसे यह अच्छी तरह से पता था कि जीवन के लिए जो भी कुछ जरूरी है.
वह कहीं ना कहीं पर्यावरण से ही हासिल होता है परंतु वर्तमान के समय में इंसान पर्यावरण के महत्व को भूलता जा रहा है और इसका सीधा सीधा असर इंसानों को दुष्प्रभाव के तौर पर झेलना पड़ रहा है।
पहले के समय के इंसान लंबी दूरी आसानी से तय कर लेते थे परंतु आज के लोग थोड़ी दूर जाने में ही थक जाते हैं और उनकी सांसें फूलने लगती है, क्योंकि प्राचीन काल में प्रकृति के द्वारा इंसानों को ताजे फल और पौष्टिक सब्जियां प्राप्त होती थी
जिसका सेवन करने से इंसानों को अच्छी उर्जा मिलती थी और उन्हें जल्दी कोई भी बीमारी अपनी गिरफ्त में नहीं ले पाते थी।
परंतु आज के समय में इंसानों के द्वारा बड़े पैमाने पर अधिक पैदावार प्राप्त करने के लिए पर्यावरण के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। इंसान सब्जियों और फलों में हानिकारक दवाइयों का इस्तेमाल कर रहा है
और जब इन्हीं दवाइयों से तैयार हुई फल सब्जियों का सेवन इंसान करता है तो उसके सेहत पर खराब असर पड़ता है क्योंकि हानिकारक केमिकल सब्जियों और फलों को दूषित कर देते हैं।
यही वजह है कि वर्तमान के समय में 10 में से 5 व्यक्ति किसी न किसी बीमारी की गिरफ्त में है, परंतु इसके बावजूद भी पर्यावरण को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है और पर्यावरण का दोहन किया जा रहा है।
पर्यावरण का दोहन करने से इंसानों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इन समस्याओं से बचने के लिए इंसानों को ही अपने कदम आगे बढ़ाने होंगे।
पर्यावरण के प्रदूषण को रोकने के लिए सबसे जरूरी है कि इंसान बड़े पैमाने पर पेड़ पौधे लगाए क्योंकि पेड़ पौधे कार्बन डाइऑक्साइड का ग्रहण करते हैं और बदले में ऑक्सीजन देते हैं जो इंसानों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होता है।
इसके अलावा फैक्ट्री में से निकलने वाले हानिकारक धुए पर भी नियंत्रण लगाने की आवश्यकता है साथ ही यह भी ध्यान रखने की आवश्यकता है कि नदी और तालाब फैक्ट्री के गंदे पानी से मिलने की वजह से दूषित ना हो पाए।
इसके अलावा पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाने के लिए हमें व्यक्तिगत गाड़ियों का इस्तेमाल कम से कम करना चाहिए साथ ही ग्रीन एनर्जी सोर्स का अधिक से अधिक इस्तेमाल करना चाहिए और जहां तक हो सके हमें पैदल ही अपने आवश्यक कामो को निपटाना चाहिए।
अगर यह सभी प्रयास किए जाते हैं तो निश्चित ही पर्यावरण के प्रदूषण में काफी कमी आएगी जिससे प्रकृति का दोहन भी बंद होगा और इंसानों के स्वास्थ्य में भी सुधार आएगा।
इसके अलावा हमें व्यक्तिगत तौर पर भी पर्यावरण में सुधार हेतु आवश्यक कदम उठाने चाहिए और अन्य लोगों को भी इसके लिए जागरूक करना चाहिए।