वायु प्रदूषण पर निबंध- हमारी मानव जाति तथा पृथ्वी के लिए वायु सबसे महत्वपूर्ण तत्व है.पर लोग इसे विषैला बना रहे है.जिस कारण हमारा भविष्य बर्बाद हो सकता है.आज के इस आर्टिकल में हम वायु प्रदुषण पर निबंध के माध्यम से वायु प्रदुषण के बारे में सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त करेंगे.
वायु प्रदूषण पर निबंध Essay on Air Pollution in Hindi
वायु हमारे जीवन का आधार है. इसके बिना हम पलभर भी नहीं रह पाते है. ऐसे में वायु का शुद्ध होना बहुत ही जरुरी है, क्योकि सबसे अधिक उपयोगी वायु ही है. वायु वह पदार्थ होता है.जिसके बिना जीवन संभव नहीं है.
दुसरे शब्दों में कहे तो वायु पर हमारा सम्पूर्ण जीवन टिका का हुआ है.वायु से ही हम श्वास ले पाते है.वायु है तो जीवन है. वायु का सबसे शुद्धतम अनुभव प्रकृति की गोद में किया जा सकता है.
पिछले कुछ सालो से बढ़ रहे शहरीकरण ने लोगो को प्रकृति से अलग कर भीडभाड वाले इलाके भी भेज दिया है. जिस कारण शहरी लोग शुद्ध वायु का सुखद अनुभव नहीं कर पाते है.
बढती जनसख्या और उसकी मांगो ने उद्योगों और वाहनों की संख्या को बढ़ा दिया है. और व्यवसाय के लिए शुद्ध वायु देने वाले पेड़ पौधों की कटाई कर रहे है. जिस कारण वायु दूषित हो रही है. इसे मलिन कर दिया गया है.
वायु को दूषित करना ही वायु प्रदुषण कहलाता है, जो वर्तमान समय में सबसे बड़ी समस्या बन चुकी है. चारो ओर धुँआ ही धुँआ श्वास लेने के लिए शुद्ध हवा भी पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल पा रही है.
देश के बड़े बड़े शहर आधुनिक व्यवस्थाओ के लिए काफी प्रसिद्द है, जहा हर कोई रहकर सुविधापूर्वक जीवन जीना चाहता है, पर देश की बड़ी सीटियो में वायु प्रदुषण सबसे अधिक है, जो जानलेवा होता है.
इस सब से बेहतर यह है, कि हमें प्रकृति की शरण में जीवन बिताना चाहिए जिससे बेहतर वातावरण की प्राप्ति हो. ऐसा नहीं है, कि शहरो को प्रकृति की गोद नहीं बनाया जा सकता है. हम शहरो में पेड़ पौधे लगाकर शहरी जीवन को शुद्ध और सुखी बना सकते है.
वायु प्रदुषण क्या है?
वायु प्रदुषण पर्यावरण प्रदुषण का ही हिस्सा है.वायु के प्रदुषण से पर्यावरण तथा प्रकृति को भी नुकसान होता है. वायु यानि हवा को प्रदूषित करना ही वायु प्रदुषण है.
वायु में रसायन, सूक्ष्म पदार्थ, धूल, विषैली गैसें, जैविक पदार्थ, कार्बन डाइऑक्साइड जैसे अवांछित पदार्थो के मिल जाने से वायु प्रदूषित तथा विषैली हो जाती है.प्रदूषित वायु को ही वायु प्रदुषण का नाम दिया गया है.
वायु प्रदुषण की परिभाषा
वायु में अनावश्यक पदार्थ रसायन, सूक्ष्म पदार्थ की मिल जाने पर वायु का विषैला होना अर्थात वायु को प्रदूषित करना ही वायु प्रदुषण है.वायु को ऐसा रूप देना जो हमारे लिए उपयोगी न हो.यानि वायु का दुरुपयोग करना ही वायु प्रदुषण है.
वायु प्रदुषण पर 10 लाइन 10 lines on air pollution in hindi
- दूषित वायु को वायु प्रदुषण कहते है.
- प्रदूषित वायु में नाइट्रोजन एवं कार्बन डाईऑक्साइड जैसी जहरीली गैसे होती है.जो हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है.
- वायु प्रदुषण से अस्थमा,लंग कैंसर तथा तीव्र श्वसन संक्रमण जैसी बीमारियों से खतरा रहता है.
- आंकड़ो के मुताबिक हर साल 30 लाख लोग वायु प्रदुषण के कारण अपना जीवन खो देते है.
- वायु प्रदुषण फ़ैलाने के प्रमुख स्रोत वाहनों से निकलने वाला धुँआ तथा फैक्ट्रियो और कारखानों से निकलने वाली हानिकारक गैस वायु प्रदुषण का स्रोत है.
- वायु प्रदुषण से हमारे स्वास्थ्य तथा प्रकृति पर इसका गहरा दुष्प्रभाव पड़ता है.
- वायु प्रदुषण को कम करने का प्रमुख स्रोत पेड़ पौधे है.इसलिए हमें ज्यादा से ज्यादा पेड़ पौधे लगाने चाहिए.
- वायु प्रदुषण को नियंत्रण बनाकर ही अपने उज्ज्वलता की ओर बढ़ सकते है.
- वायु प्रदुषण से हमारी ओजोन परत को क्षति पहुँच रही है.
- वायु प्रदुषण एक वैश्विक समस्या है.इसका समाधान हमें जल्द ही निकलना होगा.इसलिए पेड़ पौधे लगाए प्रकृति को सजाए तथा प्रदुषण को दूर भगाएँ.
वायु हमारे जीवन का आधार है.पर वर्तमान में लोगो द्वारा वायु के प्रदुषण को बढ़ावा दिया जा रहा है.जिस कारण वायु प्रदुषण वैश्विक संकट बन गया है.बढ़ते औद्योगिकीकरण के धुंए तथा वाहनों से निकलने वाली विषैली गैसे ही वायु को प्रदूषित करती है.
वायु प्रदुषण से अनेक नई बीमारिया उत्पन्न होती है.तथा इसका प्रभाव मानव जाति के स्वास्थ्य पर भी पड़ता है.आज सबसे ज्यादा वायु प्रदुषण शहरों में ही होता है.जहाँ अधिक वाहन होते है.तथा अधिक औद्योगिकीकरण प्रक्रिया तथा फैक्ट्रिया होती है.
वायु प्रदुषण को शहरों में उच्च स्तर पर देखा जाता है. वायु में किसी भी प्रकार से पराग-कण, धूल, मिट्टी के कण, प्राकृतिक गैसें आदि के मिल जाने पर वायु अशुद्ध हो जाती है.और ये हमारे लिए हानिकारक बन जाती है.
वायु प्रदूषण का खतरा दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है.और ये हमारे लिए भयानक हो सकता है.कारखानों की बढती संख्या ही प्रदुषण का प्रमुख कारण है. प्रदूषित गैसे वायुमंडल को काफी प्रभावित करती है.जिस कारण ओजोन परत को काफी क्षति हो रही है.
वायु प्रदुषण से मानव की जान भी जाती है.इसका अनुमान आप इन आकड़ो से लगा सकते है. प्रदुषण के कारण हर साल 20 लाख लोगो की मौत होती है.इसलिए हमें अपने जीवन तथा भविष्य को बचाने के लिए वायु प्रदुषण को कम करना होगा.
वायु प्रदूषण के मानवीय कारण
- उद्योग धंधे तथा फैक्ट्रियो से निकलने वाला धुँआ वायु प्रदुषण का प्रमुख कारण है.आपने कई बार देखा होगा जब फैक्ट्रियो की सिमनियो से धुँआ निकलता है.ये वायु प्रदुषण का सबसे बड़ा स्रोत है.इसलिए फैक्ट्रियो के उद्योग धंधो को कम किया जाए.
- वनों की अंधाधुंध कटाई के कारण वायु प्रदुषण पर नियंत्रण नहीं बनाया जा रहा है.वैसे वनों से कटाई से प्रदुषण नहीं फैलता है.पर वनों की उपस्थिति में वायु प्रदुषण की मात्रा को कम किया जा सकता है.इसलिए पेड़ पौधे लगाए और वायु प्रदुषण के कम करें.
- मानव संसाधनों की जरुरत को पूरा करने के लिए लोग वनों की कटाई कर रहे है.वनों की कटाई जनसंख्या वृदि के कारण ही हो रही है.और अन्य कारणों से भी मानव की जरुरत को पूरा करने के लिए वायु प्रदुषण फैलता है.अत्यधिक जनसँख्या वायु प्रदुषण का प्रमुख कारण है.
- वाहनों के द्वारा छोड़ा गया धुँआ अत्यधिक प्रदुषण फैलाता है.पर लोग अपनी पसंद के लिए वाहन खरीदते है.और प्रदुषण की बढ़ाते है.इसलिए हमें वाहनों के सिस्टम को इलेक्ट्रिक बनाना होगा.
- कूड़े कचरे तथा प्लस्टिक को जगह जगह पर फेंकने से वायु प्रदुषण बढ़ता है.प्लास्टिक में रासायनिक पदार्थ होते है.जो वातावरण को प्रदूषित करते है.इसलिए कचरे तथा अवशेष को कचरा पात्र में डाले या गढ्ढे में गाढ़ दें.
- वृक्षों की कटाई के कारण आज हम इस समस्या के अधीन है.पेड़ पौधों द्वारा प्रदुषण को कम किया जा सकता है.इसलिए हमें नए पेड़ पौधे लगाने चाहिए.तथा वृक्षों को काटने वालो की सजा दिलाकर ही हम प्रदुषण से अपना बचाव कर सकते है.
- ईधन के रूप में पेड़ पौधों को जलाने से प्रदुषण फैलता है.तथा इससे प्रकृति को भारी नुकसान होता है.इसलिए इंधन में गैस सिलेंडर का प्रयोग करें. तथा इंधन के रूप में लकड़ी का प्रयोग सिमित कर प्राकृतिक खाद का प्रयोग करें.
वायु प्रदुषण के प्राकृतिक कारण
- ज्वालामुखी विस्फोट हो जाने के कारण चारो और तबाही मच जाती है.पेड़ पौधे मृदा मानव जाति तथा प्रकृति सभी को इससे भारी नुकसान होता है.
- जंगलो में आग लगाना वायु प्रदुषण का प्राकृतिक कारण है.जंगलो में आग से पेड़ पौधों के साथ साथ जीव जंतु भी नष्ट होते है.तथा पेड़ पौधे और घास फूस के जलने से अत्यधिक प्रदुषण फैलता है.
- तेज बहती हवा से वायु प्रदुषण दूर दूर तक फैलता है.
- मृत पशुओ से आने वाली बदबू वायु प्रदुषण तथा गन्दगी फैलाती है.
- प्रकृति में पेड़ पौधों की कमी होने के कारण वायु प्रदुषण पर नियंत्रण नहीं बनाया जा रहा है.प्राकृतिक कारणों से प्रदुषण को हम प्रकृति द्वारा ही कम कर सकते है.इसलिए पेड़ पौधे लगाए और उनका सरंक्षण करे.
- रेत संकुचन,समुद्री लवण तथा तूफान आदि प्राकृतिक प्रदुषण के स्रोत है.
वायु प्रदूषण के दुष्प्रभाव
वायु प्रदुषण से हानिकारण गैसे कार्बन तथा नाइट्रोजन की मात्रा बढ़ती है.आज हमारे वातावरण में मात्र 20 प्रतिशत ही ऑक्सीजन बची है.जो कि हमारे लिए चिंता का विषय है.नाइट्रोजन तथा कार्बन की बढती मात्रा को रोकने होगा.
वायु प्रदुषण से हमारे स्वास्थ्य पर गहरा दुष्प्रभाव पड़ता है.जिससे रोग होने की संभवना रहती है.वायु प्रदुषण से कैंसर ,दमा,अस्थमा तथा एलर्जी जैसे अनेक रोग फैलते है.इसलिए हमें इन रोगों से बचने के लिए वायु प्रदुषण को कम करना होगा.
वायु प्रदुषण से कई नए रोग जन्म लेते है.जिससे हमें बच पाना मुश्किल होता है.जिसमे आज हमारे लिए संकट बन रहा कोरोना भी प्रदुषण के कारण ही फैला है.
वायु प्रदुषण से ओजोन परत को नुकसान होता है.जिस कारण हमारा वातावरण असुरक्षित बन रहा है. वायु प्रदुषण अत्यधिक तापमान का प्रमुख कारण है.
वायु प्रदुषण से प्रकृति तथा जीव-जन्तुओ को पर्याप्त मात्रा में शुद्द वायु नहीं मिल पाती है.जिससे इनका आसितत्व खतरे में जा रहा है.कई जीव जंतु विलुप्त हो चुके है.तथा कई कगार पर है.
वायु प्रदुषण से पृथ्वी का संतुलन बिगड़ रहा है.जिस कारण अनेक प्राकृतिक आपदाओ का सामना करना पड़ रहा है.भूकंप,सुनामी,तूफ़ान,अनावृष्टि,अतिवृष्टि तथा बाढ़ आदि आपदाओ का प्रमुख कारण प्रदुषण ही है.
वायु प्रदुषण के कारण हर साल लाखो की संख्या में लोग अपनी जान गवां रहे है.आंकड़ो के मुताबिक 2019 में 17 लाख लोगो की जान गई तथा 260,000 करोड़ आर्थिक नुकसान का कारण बना वायु प्रदुषण बना.
वायु प्रदुषण का समाधान
हर समस्या का समाधान भी होता है. वायु प्रदुषण के समाधान के अनेक उपाय है.जिनसे हम वायु प्रदुषण को कम कर सकते है.वायु प्रदुषण को रोकने के उपाय निम्न है-
वायु प्रदुषण के फैलाव को रोकने के लिए हमें अत्यधिक पेड़ पौधे लगाने होंगे.पेड़ पौधे प्रदूषित वायु को ग्रहण कर शुद्द वायु देते है.जिससे हम वायु प्रदुषण पर नियंत्रण बना सकते है.इसलिए ज्यादा से ज्याद वृक्ष लगाएं.
अधिक जनसख्या के कारण अधिक संसाधनों की जरुरत पद रही है.जिस कारण पेड़ पौधों की अंधाधुंध कटाई की जा रही है.तथा अधिक जनसँख्या होने के कारण अधिक प्रदुषण फैला रहे है.इसलिए जनसँख्या नियंत्रण से वायु प्रदुषण का निवारण किया जा सकता है.
सबसे ज्यादा वायु प्रदुषण कारखानों तथा फैक्ट्रियो से होता है.इसलिए हमें कारखानों और फैक्ट्रियो में इंधन का सिमित प्रयोग ही करना है.क्योकि सबसे ज्यादा प्रदुषण यही फैलाते है.किसी अन्य तरीको से जैसे इलेक्ट्रिक उपाय द्वारा फैक्ट्रियो को चलाया जाए.जिससे वायु प्रदुषण कम हो.
ऊर्जा के निर्माण में काफी वायु प्रदुषण फैलता है.इसलिए हमें सौर उर्जा का उपयोग करना चाहिए.तथा उर्जा के नए संसाधनों की खोज करनी चाहिए.
वायु प्रदुषण को कम करने के अत्यधिक सार्वजानिक वाहनों की शुरुआत करनी होगी.जिससे सभी एक ही वाहन में यात्रा कर सकें.जिससे प्रदुषण तथा ईंधन की बचत होगी.
वायु प्रदुषण के निवारण के लिए सभी नागरिको की जागरूकता की आवश्यकता है.इसलिए हमें लोगो को वायु के महत्व के बारे में जानकारी देकर वायु प्रदुषण के निवारण के प्रति जागरूक करना होगा.नागरिको की जागरूकता से वायु प्रदुषण पर मुहर लगाई जा सकती है.
निरंतर बढ़ता प्रदुषण मानव जाति तथा प्रकृति के लिए हानिकारक साबित हो रही है.वायु प्रदुषण से ही ग्लोबल वार्मिंग का खतरा बढ़ता जा रहा है.समुद्री तूफान,ग्लेशियर का पिघलना तथा मानसून में निरंतर बदलाव का प्रमुख कारण वायु प्रदुषण ही है.
वायु प्रदुषण से अनेक जानलेवा बीमारियों को बढ़ावा मिल रहा है.तथा अनेक पेड़ पौधों और वन्य जीवो की प्रजातिया पर संकट छा रहा है.वायु प्रदुषण हमारे वातावरण के लिए हानिकारक है.इसलिए हमें प्रदुषण को कम करने के लिए प्रयास करने होंगे.
वायु प्रदुषण से ही अनेक प्राकृतिक आपदाओ का सामान करना पड़ रहा है.वायु प्रदुषण हमारे लिए संकट बन रहा है.इसलिए हमें जागरूक होकर प्रदुषण को कम करने के प्रयास करने होंगे.तथा पेड़ पौधों को लगाकर हमारी प्रकृति को बचाना है.तथा प्रदुषण को दूर भागना है.
प्रदुषण का निर्माता मनुष्य ही है.और इसका निवारण ही मनुष्य ही है.इसलिए हमें अपने इरादे बदलकर स्वय को सुरक्षित बनाना होगा.प्रदुषण हमारा सबसे बड़ा शत्रु है.हमें इससे जंग जीतनी ही होगी.
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