जैव विविधता पर निबंध | Essay on Biodiversity in Hindi- नमस्कार दोस्तों आपका स्वागत है, हमारे ब्लॉग पर आज के आर्टिकल में हम जैव विविधता के बारे में सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त करेंगे. कई प्रकार के जीव-जन्तुओ और पेड़ पौधों का एक साथ होना ही जैव विविधता कहलाता है.
जैव विविधता पर निबंध | Essay on Biodiversity in Hindi
संपूर्ण पृथ्वी पर लाखों प्रकार की प्रजातियां विद्यमान है जो इस पृथ्वी पर अपना जीवन यापन कर रहे हैं उनमें मानव भी एक प्रजाति है अनेक प्रकार के जीवो का एक पर्यावरण में उपस्थित होना जैव विविधता कहलाता है।
या इसे दूसरे शब्दों में इस पृथ्वी पर विद्यमान जीव जंतुओं के भौगोलिक क्षेत्र के आधार पर जीवों के आंकड़े और जीवो में पाई जाने वाली विविधता को ही जैव विविधता कहा जाता है।
जैव विविधता विशेषता है जो पृथ्वी को जीवित ग्रह बनाती है तथा पृथ्वी को सबसे अलग ग्रह बनाती है पृथ्वी पर पाया जाने वाला अनुकूल वातावरण यहां की जैव विविधता के लिए सबसे महत्वपूर्ण कारक है विविध प्रकार के जीवो के लिए विद्यमान यह वातावरण हमें जैव विविधता प्रदान करता है।
पर्यावरण और पारिस्थितिकी तंत्र या प्राकृतिक चक्र को सही ढंग से क्रियान्वित करने के लिए जैव विविधता महत्वपूर्ण स्रोत है। जैव विविधता से ही प्राकृतिक संतुलन बना रहता है तथा सभी जीव सही ढंग से रह पाने में सक्षम होते हैं।
जैव विविधता के अभाव में जीवन की कल्पना करना संभव ही नहीं है जैव विविधता से ही खाद्य जाल संतुलित रूप से संचालित होता है।
जय विविधता जीवन के लिए प्रकृति द्वारा दिया गया एक तोहफा है जो पृथ्वी पर प्राकृतिक संतुलन बनाए रखता है इसके अभाव में प्राकृतिक आपदाओं के संकट मंडरा सकते हैं।
जागरूकता के अभाव में जैव विविधता को नुकसान पहुंच रहा है जिस कारण प्राकृतिक संतुलन बिगड़ रहा है जो हजारों जीव प्रजातियों के विलुप्त होने का एक कारण बन रहा है। इसलिए हमारा दायित्व बनता है कि हम जीवो के प्रति जागरूकता के साथ जैव विविधता को संतुलन प्रदान करें।
विविधता में एकता हमारे भारत की पहचान है, यह केवल मानव मात्र के लिए ही नहीं है, यथा यहाँ मानव पशु पक्षी सभी में विविधता के साथ प्रेम और आपसी सद्भाव पाया जाता है.
प्रकृति के बिगड़ते संतुलन को नियमित बनाने के लिए सबसे महत्वपूर्ण कारक के रूप में भूमिका अदा करते है, पशु पक्षी और सूक्ष्म जीव जो खाद्य जाल को संतुलित बनाकर यहाँ की स्थिति को नियमित करते है.