वनों की कटाई पर भाषण Speech on deforestation in Hindi: नमस्कार दोस्तों आपका स्वागत है आज के निबंध भाषण अनुच्छेद में हम वनों की कटाई (deforestation) पर शोर्ट स्पीच स्टूडेंट्स के लिए बता रहे हैं. क्लास 1,2,3,4,5,6,7,8,9,10 के लिए यहाँ सरल भाषा में निबंध मिलेगा.
वनों की कटाई पर भाषण Speech on Deforestation In Hindi
नमस्कार दोस्तों आज के जीवन का स्वार्थीपन बहुत तेजी से बढ़ रहा है. अपना स्वार्थ अपने ही पैरो को काट रहा है. जो संसाधन हमारे लिए उपयोगी होते है. उन्हें काटकर हम अपना नुकसान कर रहे है.
आज हमारे सामने उत्पन्न समस्याओ में प्रदुषण तथा ओजोन परत का क्षय प्रमुख है. इन दोनों समस्याओ का एक ही हल है, और वह है, पेड़ पौधे तथा वन. इनकी सहायता से हम प्रदुषण को कम कर सकते है. तथा ओजोन परत की रक्षा कर सकते है.
वन हमें अनेक वस्तुए देते है, जो हमें उपहार के रूप में देते है. जिसमे गोंद, लकड़ी, छाया और औषधि प्रमुख है. ये सभी हमारे लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है. जिसकी हमें हमेशा जरुरत पड़ती है.
हम किस संसाधन पर कितने निर्भर है, यह हम नहीं जानते है. हमारे जीवन का आधार पेड़ पौधे है. और हम पेड़ पौधों की अंधाधुंध कटाई कर रहे है. अर्थात हमारे जीवन के आधार को समाप्त कर रहे है.
हमें जीवन में वनों के महत्व को समझकर इसकी रक्षा करनी चाहिए तथा सभी को इससे अवगत करवाना चाहिए. वनों की रक्षा इस सृष्टि की रक्षा है. इसलिए वनों को बचाओ जीवन बचाओ.
Speech on Deforestation In Hindi
सभी को नमस्कार और प्रणाम, आज हमारी दुनिया ग्लोबल वार्मिंग को लेकर बेहद चिंतित नजर आती हैं ऐसे में आज के कार्यक्रम में मुझे वनों की कटाई के ज्वलंत मुद्दे पर बोलने का अवसर दिया, इसके लिए आयोजकों का आभार प्रकट करता हैं.
जिस तेजी से आज वनों की कटाई की जा रही है उसका परिणाम हम आए दिन विविध रूपों में भुगत रहे हैं जैसे कभी अकाल, अधिक गर्मी तो कहीं बाढ़ के हालात. दिल्ली जैसे शहरों में अब तो मास्क लगाएं बिना बाहर निकलना भी मुश्किल हो गया हैं.
इन समस्त क्रियाकलापों का जब हम मूल कारण खोजते है तो हमें पर्यावरण का मानव द्वारा अति दोहन हैं जिसमें अवैध रूप से वनों की कटाई भी शामिल हैं.
जिस तेजी से संसार की जनसंख्या बढ़ रही हैं इस कारण लोगों की मूलभूत आवश्यकताओं यथा आवास,ईधन आदि के लिए जंगलों को काटा जा रहा हैं. जिसका प्रत्यक्ष दुष्परिणाम समूची मानव जाति और जीव जगत को भुगतना पड़ रहा हैं.
वनों की कटाई का बड़ा कारण घरेलू ईधन के लिए लकड़ी भी हैं. इसके अलावा कुछ उद्योगपति जंगल के आस पास बसने वाले लोगों को धन का लालच देकर अपने औद्योगिक फायदे के लिए वनों की कटाई करवा लेते हैं. आगे जाकर इनका उपयोग फर्नीचर बनाने आदि में काम में लिया जाता हैं.
यदि आज भी हम नहीं सभले तथा अनियंत्रित वनों की कटाई को नहीं रोका, तो वह दिन दूर नहीं होगा जब हमारी पृथ्वी पर हरी घास का एक तिनका भी नहीं होगा.
पेड़ न केवल हमें ऑक्सीजन, छाया, फल, फूल और दवाइयां देते हैं बल्कि ये जीवन के आधार हैं इनके कारण ही वर्षा होती है तथा जमीन पर खेती हो पाती है जिससे हमारा पेट भरता हैं. यदि पेड़ ही नहीं रहेगे तो हमें भूखा प्यासा मरना पड़ेगा.
पेड़ों की कटाई को रोकने के लिए जनता और शासन को मिलकर कड़े कदम उठाने होंगे. सरकार अपने स्तर पर वनों की कटाई करने वालों के लिए कठोर सजा का प्रावधान करे. आमजन को नयें पेड़ लगाने तथा वनों के संरक्षण के लिए प्रोत्साहित किये जाने की आवश्यकता हैं.
एक क्षण के लिए यह सोचे यदि धरा पर वन नहीं होंगे तो क्या होगा. वातावरण में जहरीली गैसों की मात्रा बढ़ जाएगी, मानव जाति संक्रामक रोगों से आक्रांत हो उठेगी.
लोगों को घर बनाने के लिए तथा जलाने के लिए लकड़ी उपलब्ध नहीं होगी. पेड़ नहीं होंगे तो वर्षा भी नहीं होगी अकाल की मार से समूचा जीव जगत समाप्त हो जाएगा.
आज के कार्यक्रम में उपस्थित सभी दोस्तों से यह गुजारिश करना चाहूँगा कि जब तक जंगल है तब तक ही मंगल हैं. यदि जिस गति से वन उजड़ रहे है यह चक्र चलता रहा तो हमारी सृष्टि का अंत करीब हैं.
हमें अपने तथा आने वाली पीढ़ियों के भविष्य के लिए आज जागना होगा तथा वनों की अनियंत्रित कटाई को रोकने के लिए अपने अपने स्तर पर शुरुआत करनी ही होगी.
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