वनों का महत्व पर निबंध | Essay on Importance of Forests in Hindi
वन एक राष्ट्रीय संसाधन है, जो प्रकृति द्वारा उपहार के रूप में हमें दिया जाता है, इसलिए इस उपहार की सुरक्षा का जिम्मा हमारा होता है. वनों की अधिकता मानव जीवन के लिए अति महत्वपूर्ण है.
प्रकृति के संतुलन और वातावरण को शुद्ध बनाने के लिए वनों का विशेष महत्व होता है. जहा वन है, वहा तन है. तथा जीवन है. वन हमें कई वस्तुए देते है, जो सामाजिक जीवन में हमारे लिए बहुत उपयोगी होती है.
वैश्विक स्तर पर वन संपदा का विशेष महत्व हैं ये हमें कई सारे संसाधन हमें भेट करते हैं, जो हमारे लिए अवमुल्य है, जिनमें ईधन के लिए लकड़ी, औषधि तथा ईमारती लकड़ी मुख्य वन उत्पाद हैं।
कई सारे उद्योग जो वनों पर निर्भर रहते है, उनकी वजह से वनों का स्तर कम होता जा रहा है , उन्हें कच्चे माल की प्राप्ति वनों द्वारा ही प्राप्त होती हैं. इसलिए कहा जाता हैं वन ही जीवन है।
- वन पर्यावरणीय संतुलन को ठीक करने के साथ साथ प्राकृतिक सौंदर्यता को बढ़ाते हैं।
- वनों से ईंधन एवं जलाऊ लकड़ी प्राप्त होती है।
- वनों से प्राप्त वस्तुओं से लघु एवं कुटीर उद्योगों का विकास होता है।
- वनों से पशुओं को पौष्टिक आहार प्राप्त होता है।
पशु-पक्षियों तथा जानवरों के लिए आवास तथा हम मनुष्यों के लिए आजीविका का साधन प्रदान करने के साथ ही , जंगल जलसंभर सुरक्षा भी प्रदान करते हैं, मृदा अपरदन जैसी कई समस्याओ को समाप्त कर देते हैं और जलवायु परिवर्तन को कम करते हैं।
भारत एक कृषि प्रधान देश है. यहाँ के किसान खेती पर निर्भर होते है. वन खेती को काफी प्रभावित करते है. वन हमें खेती के लिए खाद देते है. और समय समय पर फसल को जिन्दा रखने के लिए वर्षा कराते है.
वनों से मिलने वाली ओषधिया बड़े बड़े रोगों से मुक्त करती है. ये हमें अत्यधिक प्रदुषण और ओजोन परत के क्षय को कम करते है. तथा हमारे जीवन की रक्षा करते है. ये हमारे लिए मित्र के समान होते है.
भारत में प्राचीन काल से ही पेड़ पौधों को विशेष महत्व दिया जाता है. यहाँ इनके महत्व को प्रदर्शित करने के लिए इनकी पूजा की जाती है. जिसे संस्कृति की एक भाग बना लिया गया है. कई पेड़ो की पूजा की जाती है. और उनकी सुरक्षा का जिम्मा लिया जाता है.
भारत में कई बार पेड़ पौधों के लिए संघर्ष हुए है. जिसमे जोधपुर का खेजडली आन्दोलन और हिमाचल प्रदेश का चिपको आन्दोलन प्रमुख उदाहरण है. इस प्रकार देश में वनों की सुरक्षा के लिए लोगो ने अपने बलिदान तक दिए है. इसलिए वनों के महत्व को नहीं भूलना चाहिए.
ऐसे में हम सभी को मिलकर हमारे मित्र वनों की रक्षा करनी चाहिए. क्योकि इनके जीवन की समाप्ति से हमारा आस्तित्व ही ख़त्म हो जाएगा. जब तक पेड़ है. तब तक हम है. इसलिए इनकी रक्षा ही हमारी रक्षा है.
वनों का महत्व
वन हमारे लिए बहुत मूल्यवान है.जो हमारे जीवन के लिए महत्वपूर्ण है. वनों के बिना हमारा कोई आसित्व नहीं है. यदि वन न होते तो आज पृथ्वी भी अन्य ग्रहों को तरह बिना जीवन के होती. पर वनों के कारण आज पृथ्वी पर जीव जंतु विद्यमान है.
वन प्रकृति का एक अनमोल उपहार है. जो हमारी हर जरुरत को पूरा करता है. प्रकृति के संतुलन में वनों का विशेष महत्व है. वनों से हमें शुद्ध प्राणवायु मिल रही है. जो हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है.
वनों से हमें ठंडी छाया फल और ऑक्सीजन प्राप्त होती है. वन मृदा अपरदन को कम करता है. और हानिकारक गैसों को अपनी श्वसन क्रिया में उपयोग कर शुद्ध वायु देता है.
हमारे लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है वन प्रकृति का एक अनमोल उपहार है जो हमारे लिए काफी महत्वपूर्ण है वनों से हमें लकड़ी औषधियां तथा इस जीवन को ज्ञापन करने के लिए शुद्ध वायु भी वनों से मिलती है।
वन मानव जाति के साथ-साथ जीव जंतुओं और पशु पक्षियों के लिए भी महत्वपूर्ण है पशु पक्षियों का आवास वन ही होता है पशु पक्षी अपना भोजन भी वनों के वृक्षों से प्राप्त करते हैं।
इस पृथ्वी पर जीवित रहने के लिए पंचतत्व में प्रमुख तत्व वायु हमें वनों से ही प्राप्त होती है। वनों के कारण ही प्रकृति का संतुलन बना हुआ है। वनों को तपस्या करने का श्रेष्ठ स्थान माना जाता है क्योंकि वह हमेशा शांत रहते हैं।
वन पेड़ पौधों का भंडार होते हैं जहां हमें अनेक प्रकार की औषधियां लकड़ियां मिलती है आज की सबसे महंगी लकड़ी चंदन भी वनों से प्राप्त होती है.
वनों के कारण ही आज हम लकड़ी के घर बना पाते हैं तथा हम अपनी शिक्षा में जिन किताबों और कॉपियां उनका निर्माण वृक्षों को काटकर किया जाता है।
वन हमें शुद्ध ऑक्सीजन देते हैं तथा हमारे लिए हानिकारक कार्बन डाइऑक्साइड जो हम शोषण क्रिया के दौरान छोड़ते हैं उसे पेड़ पौधे ग्रहण कर लेते हैं और हमारे लिए उपयोगी ऑक्सीजन को बाहर छोड़ते हैं।
यदि वन नहीं होते तो आज पृथ्वी पर जीवन का होना असंभव था वायु के अभाव में पृथ्वी पर जीवित नहीं रहा जा सकता इसीलिए वनों के संरक्षण के लिए हमारी सरकार कई सालों से प्रयासरत है और हमें जरूरत है कि वनों का संरक्षण किया जाए वनों के संरक्षण से ही हमारा संरक्षण है।
आज से बीते कुछ दशकों पहले अनेक प्रकार के पशु पक्षी वनो में देखने को मिलते थे पर लोगों द्वारा अपने स्वार्थ को सिद्ध करने के लिए पशु पक्षियों के घर को जाट दिया गया और वनों की कटाई करनी शुरू कर दी गई इसी कारण आज कई पशु पक्षियों की प्रजातियां विलुप्त हो गई है और अनेक प्रजातियां विलुप्त की कगार पर है।
यदि इस प्रकार लोग वनों को काटते गए और उनके संरक्षण के लिए कदम नहीं उठाए तो आने वाले कुछ समय में पशु पक्षियों की संपूर्ण प्रजातियां विलुप्त हो जाएगी और देखते ही देखते इस पृथ्वी पर मानव जीवन भी समाप्त हो जाएगा।
हमें अपने जीवन और अपनी पीढ़ियों के उज्जवल भविष्य के लिए पेड़ पौधों को लगाना चाहिए उनका संरक्षण करना चाहिए ना कि उन्हें काटना चाहिए। वनों को काटकर हम खुद के पैरो पर कुलाड़ी मार रहे है.
वनों के कारण ही पृथ्वी पर समय-समय पर बारिश होती है यदि वृक्षों को काट दिया गया तो वर्षा नहीं होगी और जब वर्षा नहीं होगी तो बिना जल के मानव जीवन का होना असंभव होगा। इसलिए कहते है.जल ही जीवन है.पर बिन जल जीवन संभव नहीं ही पायेगा.
हमारे पर्यावरण को प्रदूषण करने के लिए आज के जमाने में अनेक संसाधन उपलब्ध हैं जिसमें वाहन प्रदूषण और फैक्ट्रियों के धुए से हमारा पर्यावरण प्रदूषण होता है पर वर्तमान में वनों की संख्या ठीक-ठाक होने के कारण वन इस प्रदूषण को नियंत्रण में बना लेते हैं.
अन्यथा बढ़ते प्रदूषण से ग्लोबल वार्मिंग को नुकसान हो जाने के कारण सूर्य से आने वाली पराबैंगनी करने हमारे से पूरे जगत को जलाकर राख कर देगी।
ग्लोबल वार्मिंग को नुकसान होने के कारण कई बार अम्ल वर्षा हो चुकी है जिससे पशु पक्षियों और लोगों को काफी नुकसान हुआ है अम्ल वर्षा से लोगों के चमड़ी उतर जाती है।
वनों के महत्व को समझकर वनों के संरक्षण से इन सभी संकटों को दूर किया जा सकता है। सभी संकटों की एक ही जड़ है इसलिए हमें इन संकटों से बचने के लिए वनों को महत्व देना चाहिए और कांटे जा रहे हो बना पर रोक लगानी चाहिए।ज्यादा से ज्यादा वृक्ष लगाएं और उनका संरक्षण करें।
वैसे हमारी सरकार ने वन संरक्षण के लिए अनेक प्रावधान किए हैं जिसमें वन काटने वाले व्यक्ति को अपराधी माना जाता है और उनके लिए सजा का प्रावधान भी किया गया है.
लोग वनों के महत्व को जब तक नहीं समझेंगे। जब तक देश के समस्त नागरिकों में वनों के प्रति जागरूकता नहीं बढ़ेगी तब तक वनों की कटाई इसी प्रकार चलती रहेगी।
इसलिए हमें जल्दी से जल्दी देश के सभी नागरिकों को वन संरक्षण के लिए जागरूक करना होगा। वनों का संरक्षण सभी के द्वारा मिलकर ही किया जा सकता है। इसके लिए भारत सरकार पिछले कई सालों से प्रयास कर रही है जिससे काफी वनों का संरक्षण भी हुआ है।
हमें राजस्थान के राजसमंद जिले के लोगों का अनुसरण करना चाहिए जिस प्रकार राजसमंद के लोगों ने अपने जिले में पिपलांत्री गांव में पिपलांत्री के सरपंच द्वारा वृक्षारोपण का एक नियम बनाया है जिसके तहत बेटी का जन्म होने पर 111 वृक्ष लगाए जाते हैं और उनकी सुरक्षा की जाती है।
पिपलांत्री गांव की यह रीत हमारे देश में काफी प्रसिद्ध है और यह रीति स्वीडन के रीती स्वीडन के सिलेबस में भी शामिल की गई है। यह पहल विश्व प्रसिद्ध है। हमारे देश को इसी प्रकार की नई पहल की जरूरत है।
वनों के महत्व और इसके संरक्षण के बारे में आज की नवीन पीढ़ी को बचपन से ही आवा गत करवाना चाहिए। जिससे आने वाले समय में लोगों को वृक्षारोपण के लिए जागरूक करने की जरूरत ना पड़े।
जब सभी लोग वृक्षों के महत्व को समझेंगे तभी वनों का संरक्षण हो सकता है और नए पेड़ पौधों का विकास किया जा सकता है। वनों का संरक्षण हमारी मानव जाति का प्रमुख उत्तरदायित्व है.इसे हमें निभाना चाहिए.
वनों का संरक्षण करना चाहिए. वनों को काटने वाले व्यक्तियों को इसके बारे में समझाना चाहिए। नए पेड़ पौधों को लगाना चाहिए और संरक्षण करना चाहिए। हमें वन संरक्षण की काफी जरूरत है हमारे चारों और कोई प्रकृति को शुद्ध बनाए रखना और अपने भविष्य को उज्जवल बनाने के लिए वनों का संरक्षण महत्वपूर्ण है।
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