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पिता का हमारे जीवन में महत्व पर निबंध | Essay On Importance Of Father In Our Life In Hindi

Essay On Importance Of Father In Our Life In Hindi इस निबंध में हमारे जीवन में पिताजी के महत्व उनके योगदान पर सरल भाषण, अनुच्छेद पैराग्राफ के रूप में यह निबन्ध दिया गया हैं. हम उम्मीद करते हैं पिता के बारे में हिंदी में दिया गया निबंध आपको पसंद भी आएगा.

Essay OnImportance Of Father  In Our Life In Hindi

पिता का हमारे जीवन में महत्व पर निबंध | Essay On Importance Of Father In Our Life In Hindi

नमस्कार दोस्तों आपका हार्दिक स्वागत और अभिनंदन आज के इस लेख के द्वारा  पिता के प्रति भावनाएं व्यक्त करूंगा. पिता शब्द बाकी सभी शब्दों से अलग है अनोखा है.

अद्वितीय है लाजवाब है इसका विशिष्ट अर्थ समझाना जटिल है पिता शब्द सुनते ही प्रत्येक व्यक्ति एक समय के लिए सब कुछ भूल जाता है उसका कारण पिता ही होता है.

पिता यानी जीने की एक वजह. माँ जन्म देती है, संस्कार देती है, शिक्षा देती है, पर जीवन में ज्ञान संस्कार तथा शिक्षा सभी को अनुशासित तरीके से लागू कराने का जिम्मा एक पिता ही उठाता है, इसके लिए उसे कई बार अपने ही बच्चो को डांटना पड़ता है. नाराज करना पड़ता है.

एक पिता ही वो इन्शान है, जो अपनों के अच्छे के लिए अपनों से ही लड़ जाता है, बच्चो के खिलौने से लेकर हर वो चीज लाता है, जो उनकी पहली पसंद होती है, खुद बच्चा बनकर भी उनके साथ खेलता है, वो होता है, पिता..

पैसा जीवन में हर मोड़ पर चाहिए होता है, पर हर समय अपनों के लिए पैसा जैसे भी हो हाजिर करता है, एक पिता. क्या नही करता एक पिता जन्म से लेकर अपनी मृत्यु तक हर लम्हा अपनों के लिए समर्पित करता है, एक पिता..

हर बड़ी से बड़ी जिद्द पूरी करता है, पिता. पिता का जीवन में होना उतना ही जरुरी होता है, जितना हमारे लिए वायु. संस्कार से लेकर शिक्षा तथा अनुशासन से लेकर व्यवहार करने तक, बात करने के तरीके से लेकर, काम करने के तरीके सभी सिखाता है, पिता.

इस दोगले संसार में पिता एक ऐसा व्यक्ति है, जिस पर हम आँख मूंदकर भरोसा कर सकते है. तथा वो हमें कभी जीवन में गिरने नही देता है, हमेशा खुद गिरकर अपनों को उठा लेता है. खुद से ज्यादा अपनों की चिंता करता है.

पिता दुनिया का सबसे अच्छा योद्धा सबसे मजबूत सबसे ताकतवर इंसान होता है एक पिता ही वह व्यक्ति होता है जो संतान को बिना किसी लोभ लालच के प्यार करता है. पिता दिखावटी प्रेम नहीं बल्कि मन से प्रेम करता है, पर हमें कभी महसूस नही होता उनका प्रेम अनोखा है, जो कभी फटकार में तो कभी मार के रूप में निकलता है.

संतान के प्रति पापा का गुस्सा गुस्सा नहीं बल्कि सर्वोत्तम प्यार एक आशा तथा उसके पीछे छुपा हुआ दर्द होता है और उसकी वजह संतान की कोई ना कोई गलती होती है जो उसे गलत रास्तों की ओर ले जाती है.

एक पिता 100 अध्यापकों के बराबर होता है जो जन्म से ही अच्छे संस्कार देकर अपने बच्चों को गुणवान और शिक्षित तथा दुनिया का सबसे सफल व्यक्ति बनाना चाहता है .

पिता सदैव ही संतान की प्रगति देखना चाहता है खुद से ज्यादा कामयाब देखना चाहता है. संतान के लिए पिता की जेब कभी खाली नहीं होती चाहे वह बचपन में हो या बड़े होने पर इसीलिए उक्ति प्रसिद्ध है
बच्चों के पिता से ही ढेर सारे सपने है
पिता साथ हो तो बाजार के सारे खिलौने अपने है
व्यक्ति के सामाजिक मूल्यों के विकास में परिवार का योगदान होता है परिवार का मुखिया पिता होता है पिता परिवार को निर्देशित करते है इस कारण संतान में किन प्रारंभिक मूल्यों का विकास होगा यह पिता पर ही निर्भर करता है.

परिवार का मुखिया होने के नाते पिता परिवार के लिए स्वर्ग जन्नत से भी बढ़कर होते हैं पिता के अभाव में किसी परिवार में अनुशासन तथा प्रगति की आशा नहीं की जा सकती पिता परिवार को बांध के रखते हैं सही दिशा प्रदान करते हैं.

इस प्रकार कहा जा सकता है कि पिता मार्गदर्शक निर्देशक होने के साथ-साथ परिवार का नेता होते हैं तथा परिवार जनों के लिए पिता होने के साथ-साथ दोस्त जैसा व्यवहार रखकर दोहरे रिश्ते निभाते हैं.

पिताजी की प्रमुख विशेषताओं में अनुशासन धैर्यवान साहसी त्याग समर्पण का भाव तथा प्रेम है संतान के लिए पिता से बढ़कर त्याग करने वाला व्यक्ति कोई और नहीं हो सकता चाहे पिता कितनी ही मुश्किल में क्यों ना हो अपनी संतान को हमेशा ही मुस्कुराता हुआ चेहरा ही दिखाने का प्रयास करते हैं.

परिवार के सभी सदस्यों में पिता ही सबसे ज्यादा मेहनती होते हैं. पिता परमेश्वर है पिता पालनहार है पिता से ही भव्य संसार है पिता ही जीवन का आधार है पिता  जीवन रेखा है

निसंदेह परिवार में सभी सदस्यों का अहम किरदार और महत्व होती हैं. जहाँ माँ ममता का सागर और सभी का ख्याल रखने वाली होती हैं तो पापा परिवार के पोषक और प्रतिनिधि की भांति होते हैं. समस्त तरह की परिवार की परेशानियों और दायित्वों को पूरा करने में उन्ही का साथ होता हैं.

सन्तान के लिए पिता घर की छत की तरह होता हैं जिसके बिना उसे खुले आसमान के तले सोना पड़ता हैं. बिना पिता के घर चलाना बेहद मुश्किल होता हैं. 

पिता को खोने का दर्द वे लोग ही समझ सकते है जिन्होंने अपने पापा को खोया हैं. यदि सन्तान अपने माता पिता की राह पर चले और उनके आदेश को ईश्वर का आशीर्वाद माने तो दुनियां में बड़ी से बड़ी कामयाबी आसानी से हासिल की जा सकती हैं.