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मनी ऑर्डर पर निबंध | Essay on Money Order In Hindi

मनी ऑर्डर पर निबंध Essay on Money Order In Hindi : नमस्कार मित्रों आपका स्वागत है आज का निबंध मनी ऑर्डर पर दिया गया हैं. डाक विभाग की धन प्रेषण आदेश क्या है इसका अर्थ लाभ महत्व और उपयोगिता कितनी हैं. इस विषय पर मनी आर्डर निबंध, भाषण, अनुच्छेद, लेख, पैराग्राफ यहाँ सरल भाषा में दिया गया हैं.

मनी ऑर्डर पर निबंध | Essay on Money Order In Hindi

डाक विभाग में मनीऑर्डर एक ग्राहक सुविधा सेवा हैं जिसकी मदद से एक व्यक्ति अन्य व्यक्ति को धन भेज सकता हैं. मनी ऑर्डर के द्वारा भारत में तथा भारत के बाहर के देश जिनके साथ मनी आर्डर करार हैं वहां आसा नी से पैसा भेजा अथवा मंगाया जा सकता हैं.

ज्ञात हो भारत के 27 देशों के साथ मनी आर्डर भेजने की सेवा चलती हैं. यह प्रक्रिया दो तरफा हैं एक पैसा भेजना तथा दूसरा मंगाना. नेपाल तथा भूटान के साथ ही दो तरफा सेवाएं चलन में हैं अन्य 25 देशों से केवल मनी आर्डर आने की सुविधा हैं. इसका अर्थ यह है विदेश में रहने वाला व्यक्ति मनी ऑर्डर के माध्यम से भारत में भुगतान पा सकता हैं.

भले ही आज के जमाने में डिजिटल लेन देन का चलन इतना प्रचलित हैं. पूर्व में धन प्रेषण की उतनी सुविधाएं नहीं थी. अतः एक स्थान से दूसरे स्थान पर मनी ट्रांसफर के लिए भारतीय डाक विभाग द्वारा मनी ऑर्डर सेवा की शुरुआत की गई थी.

मनी ऑर्डर की सुविधा आज भले ही उतनी प्रासंगिक व उपयोगी नहीं रही हो. मगर आज से तीन दशक पूर्व तक यही पैसे की आवाजाही का बड़ा माध्यम हुआ करती थी. उद्योगों के विकास तथा व्यापार की उन्नति में इसका अहम योगदान रहा हैं. भारतीय डाक विभाग द्वारा अंतरराष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक मनी ऑर्डर सुविधा की शुरुआत वर्ष 1986 में की थी.

इलेक्‍ट्रॉनिक मनीऑर्डर सेवा आधुनिक अवधारणा है जो 1986 में पांच देशों के साथ आरम्भ हुई थी. अब भारत 97 अन्य देशों के साथ ई मनी ऑर्डर सेवा से जुड़ा हैं. देश के बड़े शहरों में विदेशी मुद्रा विनिमय कार्यालय खुले हैं जहाँ से विदेशी मुद्रा को भारतीय मुद्रा में परिवर्तित कर संबंधित ग्राहक को डाक सेवा के जरिये पहुचाया जाता हैं.

डाकघर ग्राहकों को मनी ऑर्डर के द्वारा धन भेजने के लिए समर्थ बनाता हैं. यह पोस्ट ऑफिस द्वारा जारी एक आदेश है जिसके मिलने पर प्राप्तकर्ता डाकघर लाभार्थी व्यक्ति को नकद के रूप में भुगतान करता हैं. मनी ऑर्डर में जिस व्यक्ति का नाम लिखा होता हैं. संबंधित ऑर्डर की धनराशी उसी व्यक्ति को प्राप्त हो सकती हैं. इस सेवा का बड़ा लाभ यह है कि कोई व्यक्ति प्रदेश में काम करता हैं तो मनी आदेश के जरिये अपने घर पर पैसे भेज सकता हैं.

एमओ के जरिये पैसे भेजने की प्रक्रिया बेहद आसानी है जितना कि किसी को डाक भेजना हो. इसके लिए सबसे पहले पोस्ट ऑफिस का विजिट करना होगा. काउंटर से मनीऑर्डर का form प्राप्त कर उसमें मांगी गई सभी जानकारी भरे तथा हस्ताक्षर या अंगूठा देकर रकम समेत फॉर्म जमा करा देवे. मनी ऑर्डर के साथ प्रेषक यदि कोई संदेश पहुचाना चाहते हैं तो भी लिख सकते हैं. एक एम ओ की अधिकतम धन की अवधि 5000 हजार रू हैं.

यदि आपके किसी मित्र या रिश्तेदार के नाम मनी ऑर्डर भेजा है तथा प्राप्तकर्ता द्वारा अभी तक उसे प्राप्त नहीं किया हैं तो आप उसमें इच्छित बदलाव करा सकते हैं. डाकघर जाकर एक आवेदन पत्र के माध्यम से आप भेजे गये एमओ में सुधार उसे रोकने, पते विवरण या लाभार्थी का नाम बदलने का अवसर भी रहता हैं. इसके लिए डाक घर आपसे कोई शुल्क भी वसूल नहीं करता हैं.

विश्व में मनी ऑर्डर प्रणाली का इतिहास लगभग दो सौ वर्ष पुराना हैं. इस प्रणाली को पहली बार ब्रिटेन की एक निजी इकाई द्वारा 1792 में चलाया गया. मगर कमिशन शुल्क अधिक होने के चलते विनिमय का यह प्रयास सफल नहीं हो पाया था. उस फर्म ने इस प्रणाली को 1836 में एक अन्य फर्म को बेच दिया जिसने कमिशन के शुल्क को कम करके इसे समूचे ब्रिटेन में लोकप्रिय बना दिया. विश्व में 1 जनवरी 1881 को पोस्टल ऑर्डर सिस्टम की विविधत शुरूआत हो गई.

यदि हम भारत में मनीऑर्डर सेवा के इतिहास व शुरुआत की बात करे तो 140 वर्षों से चली आ रही डाक विभाग की यह सेवा 1880 में शुरू हुई थी, जिसे अब विराम लगाया जा चूका हैं. देश के डेढ़ लाख डाकघरों के माध्यम से मनी ऑर्डर सेवा को संचालित किया जाता था. यह सेवा खासकर मध्यमवर्गीय तबके के लिए धन के लेन देन का अहम साधन हुआ करती थी. देश के अलग अलग स्थानों में बैठे व्यक्ति अपने परिवार जनों को इसी के द्वारा नकद भेजा करते थे.

सदियों से चली आ रही पारम्परिक मनी ऑर्डर को समाप्त करने के बाद डाक विभाग ने इसके स्थान पर बदलते वक्त के अनुकूल इलेक्ट्रॉनिक मनीऑर्डर (ईएमओ) एवं इंस्टैंट मनीऑर्डर (आईएमओ) सेवाएं आरम्भ की हैं.

मनी ऑर्डर की सीमाओं को दूर करते हुए ये प्रणालियाँ ग्राहकों को अधिक सुविधाएं देने का काम करेगी. जहाँ पूर्व की व्यवस्था में अधिकतम पांच हजार रूपये एक एमओ में भेजे जा सकते थे. अब आईएमओ की मदद से एक हजार से लेकर पचास हजार रूपये स्थानांतरित किये जा सकेगे. कागजी फॉर्म के स्थान पर एक इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म भरकर पैसे भेजे जा सकते हैं.

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