100- 200 Words Hindi Essays 2024, Notes, Articles, Debates, Paragraphs Speech Short Nibandh Wikipedia Pdf Download, 10 line

हनुमान बेनीवाल का जीवन परिचय | Hanuman Beniwal Biography In Hindi

हनुमान बेनीवाल का जीवन परिचय | Hanuman Beniwal Biography In Hindi- हनुमान बेनीवाल राजनीती का सबसे चर्चित नाम, तथा जाट राजनीतज्ञों में सबसे चर्चित नेता हनुमान बेनीवाल को राजस्थान आगामी चुनाव का भावी मुख्यमंत्री माना जाता है। परंतु आज का हमारा निबंध है। 

सभी के लोगप्रिय नेता, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) के संस्थापक तथा राजस्थान के सबसे चर्चित नेता, जाट राजनीतिज्ञो मे सबसे ज्यादा पसंदीदा नेता हनुमान बेनीवाल है। इन्हे राजस्थान के आगामी चुनाव का भावी मुख्यमंत्री उम्मीदवार माना जा रहा है।

हनुमान बेनीवाल का जीवन परिचय Hanuman Beniwal Biography In Hindi

हनुमान बेनीवाल का जीवन परिचय Hanuman Beniwal Biography In Hindi

वर्तमान समय में राजस्थान के सबसे लोकप्रिय नेता तथा छतीस कौम के हितेषी किसान नेता हनुमान बेनीवाल जिन्हें हम अपना भावी मुख्यमंत्री मान रहे है. उनके जीवन के बारे में आज हम सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त करेंगे.


पिछले कई सालो से हनुमान बेनीवाल बढ़ते भ्रष्टाचार और अपराधो के बीच आमजन की सहायता करने के लिए रात-दिन तैयार रहते है. बेनीवाल ने बजरी माफियो के खिलाफ हाल में ही चलाए गए अभियान से आमजन को काफी राहत मिली है.


आमजन का कहना है, कि हम भाजपा और कॉंग्रेस मुक्त राजस्थान चाहते है, इन पार्टियों ने किसानो और पिछड़े वर्गों का शोषण किया है. आपसी राजनीती से आमजन को ही नुकसान होता है. इसलिए जनता तीसरे मोर्चे के रूप में उभर रही रालोपा को समर्थन दे रही है.


हनुमान बेनीवाल के उत्साहित भाषण तथा शानदार रेलियों ने सभी किसान भाइयो और राजस्थान के सभी निवासियों का दिल जीत लिया।हनुमान बेनीवाल जी को 2013 मे खीवसर विधानसभा से निर्विरोध विधायक के रूप मे हनुमान बेनीवाल को चुना गया। 


हनुमान बेनीवाल ने 2018 मे अपनी अलग पार्टी के साथ थर्ड पार्टी के रूप मे चुनाव लड़ा। हालांकि इन चुनावो मे हनुमान बेनीवाल को विजय नहीं मिली परंतु बेनीवाल अब ठहरने वाले नहीं है। वे राजस्थान के मुख्यमंत्री बनकर किसानो की सेवा करने के लिए कई सालो से उत्सुक है।
हनुमान बेनीवाल का जीवन परिचय (Life introduction & Biography of Hanuman Beniwal)

किसानो का मशीहा, सभी के लिए हितेशी जाट नेता बेनीवाल हनुमान जाटो के इस वीर का जन्म सन 2 मार्च 1972 को श्री रामदेव चौधरी के घर मे इस महान हस्ती ने जन्म लिया था।

इस वीर पुरुष के माता का नाम मोहनी देवी था। जो कि पिण्डेल गौत्री जाट, सिलगांव, मुंडवा के रहने वाली थी। हनुमान बेनीवाल के ननिहाल के लोग उन्हे बहुत ज्यादा प्यार देते थे, इसलिए वह ज्यादा समय ननिहाल मे ही रहा करते थे।

 बेनीवाल ने एलएलबी व को-ओपरेटिव में डिप्लोमा राविसे से अपनी शिक्षा पूरी की जिसके बाद उन्होने अपने जीवन को एक राजनेत के रूप मे ढाल दिया। 

हनुमान बेनीवाल ने सन 2001 मे कनिका बेनीवाल से शादी की तथा वर्तमान मे उनके एक पुत्री तथा पुत्र है। जिनका नाम दीया बेनीवाल हनुमान की लाडली बेटी है। तथा हनुमान के पुत्र का नाम आशुतोष है। जो कि हनुमान का एकमात्र पुत्र है। 

हनुमान का एक सूखी तथा छोटा परिवार है। बेनीवाल के पिताजी रामदेव चौधरी एक नेता होने के कारण हनुमान कि बचपन से ही राजनीति मे लग्न थी। ये बचपन से ही एक महान राजनेता का बनने का सपना रखते थे। जो कि उन्होने वर्तमान मे अपने इस समय को पूरा कर लिया है।

वर्तमान म हनुमान बेनीवाल की आयु 48 वर्ष है। हनुमान के भाई का नाम नारायण बेनीवाल है। जो कि खीवंसर उपचुनाव मे भारतीय जनता पार्टी के सदस्य को हराकर जीत प्राप्त की तथा एक बार फिर खीवंसर पर अपना प्रचम लहराया।

हनुमान बेनीवाल की लोकप्रियता (Hanuman Beniwal's popularity)

राजस्थान मे पिछले 70 वर्ष मे कोई भी जाट का नेता नहीं हुआ था। जिसने बाकि सभी पार्टियो की टक्कर ली तथा पूरे संसद को हिला कर रख देने वाला जाटो का पहला महान न्रेता है। किसानो का कई सालो से एक ही इंतजार था। जो था। कि किसान का सहायक सरकार बने तथा हम किसानो की भरपूर सहायता करे।

किसान हितेशी हनुमान बेनीवाल किसानो के लिए सबसे ज्यादा लोगप्रिय तथा किसानो का मशीहा बनकर किसानो की सहायता करे । जिससे किसानो का प्यार ऐसे ही मिलता रहे। 

हनुमान बेनीवाल की लोगप्रियता ऐसे ही नहीं बनी उन्होने सभी किसान भाइयो के लिए लड़कर उन्हे अपना हक दिलाकर किसानो का दिल जीत लेने वाले हनुमान बेनीवाल सभी किसानो के लिए लोगप्रिय है। वो हर समय किसानो के समर्थन मे खड़े होते है। 

आज तक कोई भी ऐसा नेता नहीं हुआ है। जो हनुमान की तरह किसानो की सेवा करने वाला कोई भी नेता इस सम्पूर्ण भारत उपलब्ध नहीं है। राजस्थान मे ज़्यादातर लोग जाट समाज के है। तथा बाकि समुदाय के लोग भी हनुमान के कार्यो से प्रभावित होकर समर्थन दे रहे है। 

हनुमान बेनीवाल किसानो के लिए कई सालो से आवाज बने हुए है। परंतु अब बारी है। किसानो के समर्थन तथा सहयोग की जिससे हनुमान बड़े नेता बनकर किसानो की सभी ख्वाइसो को पूरा करे। 

हनुमान बेनीवाल खींवसर विधायक का आरम्भिक जीवन (Early life of hanuman beniwal In Hindi)

वर्तमान के आरएलपी पार्टी के सायोंजक तथा खीवसर के विधायक हनुमान बेनीवाल का राजनीतिक जीवन छात्र संघ अध्यक्ष (राजस्थान विश्वविद्यालय) मे हुआ। 

हनुमान बेनीवाल पहली बार अध्यक्ष बनाते ही उन्होने सरकार से सभी विद्यार्थियो के पाँच अंक अतिरिक्त देने कि मांग की जिसे सरकार ने मंजूरी दे दी। इस मांग से 8 हजार अधिक विद्यार्थियो का आवेदन हुआ।

इस घटना  के बाद कई विधायको ने इस का विरोध भी किया। परंतु हनुमान का कुछ भी नहीं बिगाड़ सकें। विद्यार्थी जीवन मे इन उपलब्धियों की चर्चा पूरे कॉलेज मे होने लगी। 

इसके बाद हनुमान बेनीवाल ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और आज वो इस मुकाम पर खड़े है। हम उम्मीद करते है। कि ये नेता आगे जाकर बहुत ही बड़ा नेता बने। तथा किसानो के लिए शांति का महोल बनाए।

हनुमान बेनीवाल का राजनीतिक करियर (Hanuman Beniwal's political career)

हनुमान बेनीवाल ने अपने जीवन मे सन 2003 मे(18साल पूर्व) रजीनीत जीवन की शुरुआत की उन्होने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप मे अपनी नीव रखी परंतु इस चुनावी नतीजो मे हनुमान बेनीवाल को 2 हजार मतो से हार का सामना कारना पड़ा। इसके बाद हनुमान बेनीवाल ने 2008 मे भारतीय जनता पार्टी की और से चुनाव लड़ा। तथा भरी मतो से विजय रहे।

हनुमान तथा वसुंदरा के विवाद तथा मतभेद के चलते हनुमान ने इस पार्टी को छोड़ दिया तथा 2013 मे एक बार फिर निर्दलीय के रूप मे चुनाव लड़े। 

इस चुनाव मे हनुमान बेनीवाल का सामना हुआ दुर्गसिंह चौहान से और इस चुनाव मे हनुमान बेनीवाल को 24 हजार मतो से हार का  समान करना पड़ा। हनुमान बेनीवाल ने अभी तक एक ही लोकसभा चुनाव लड़ा है। जिसमे इन्हे 2 लाख लोगो ने समर्थन दिया।

हनुमान  बेनीवाल ने सभी की मांगो को पूरा करने का ऐलान किया तथा राजस्थान मे हर जगह पर रेलिया  निकालकर कर अपनी स्थिति दर्ज कराई। और राजस्थान मे ताल ठोककर अपनी पकड़ को मजबूत बनाया।

रामदेव चौधरी (पिताजी) विधायक 

हनुमान के राजनीति मे आने के पीछे उनके पिता रामदेव चौधरी प्रमुख कारण है। हनुमान के पिताजी एक महान नेता थे। उन्होने अपने राज मे बहुत विकास किया। तथा सभी के मनमोहक बन गए। उनके पिता नेता होने के कारण हनुमान बचपन से ही एक नेता बनने की ठान ली। रामदेव चौधरी 3 बार विधायक रह चुके है।

हनुमान बेनीवाल की पार्टी का नाम (Hanuman Beniwal's party name)

हनुमान बेनीवाल ने भारतीय जनता पार्टी के लिए चुनाव लड़े परंतु मतभेदो के कारण उन्होने इस पार्टी को त्याग दिया। तथा 29 अक्टूम्बर 2018 को जयपुर हुंकार रैली से अपनी नई पार्टी कांग्रेस भाजपा विरोधी पार्टी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) का गठन किया तथा राजस्थान मे तीसरे मोर्चे के रूप मे अपनी पार्टी की शुरुआत की 

हनुमान बेनीवाल ने कांग्रेस एवं बीजेपी जैसी बड़ी राजनीतिक पार्टियो को अपने शक्ति प्रदर्शन से खुले आम चुनोती दी। तथा अपनी अलग पार्टी की घोषणा करते हुए। वे कांग्रेस व बीजेपी का जमकर सामना करेंगे। हनुमान बेनीवाल की जयपुर हुंकार रैली सबसे बड़ी रैली मानी जा रही है। 

राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी ने लोकसभा मे 3 सीटे ही प्राप्त कर सकी जिसके कारण ये पार्टी इस चुनाव की नहीं जीत सकी। परतू हम आशा करते है। कि आने वाले चुनाव मे ये पार्टी विजय बने। तथा विकास के कार्य को प्रगति पर लाए।

Hanuman Beniwal की राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी क्या है (What is Hanuman Beniwal's National Democratic Party)

राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी एक राजनीतिक पंजीकृत दल है। इस दल की स्थापना 29 अक्टूबर 2018 को नागौर विधानसभा के विधायक हनुमान बेनीवाल ने इस पार्टी का गठन किया तथा राजस्थान मे तीसरे मोर्चे के रूप मे अपनी नीव रखी। इसे राजस्थान का प्रथम पंजीकृत क्षेत्रीय दल है। और देश का 59वी पार्टी  है। 

वर्तमान मे इस दल की और से तीन विधायक कार्यरत है। तथा एक सदस्य लोकसभा मे भी उपस्थित है। नागौर विधानसभा के उपचुनाव मे हनुमान के छोटे भाई नारायण बेनीवाल विजय रहे। इस पार्टी का मुख्यालय नागौर मे स्टेडियम के सामने स्थित है।

भाजपा और रालोपा में हुआ गठबंधन (Bjp And Ralopa Combine In Hindi )

विधानसभा चुनावो 2018 के बाद भारतीय जनता पार्टी को राजस्थान में बहुत ही कम समर्थन मिलने लगा। जिससे बीजेपी पर खतरा मडरा रहा था। 

2019 के चुनाव से पहले बीजेपी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी से गठबंधन करना चाहती थी। इस कदम से बीजेपी को बहुत ही ज्यादा फायदा भी हुआ। हनुमान बेनीवाल ने भी इस आमंत्रण को स्वीकार किया तथा बीजेपी से गठबंधन कर दिया। जिससे दोनों पार्टियो को फायदा हुआ।

शाह चाहते थे रालोपा का भाजपा में विलय

लोकसभा चुनाव 2019 से पहले बीजेपी का शीर्ष नेतत्व करने वाले हनुमान बेनीवाल के बोलने का तरीका उनकी फुर्ती तथा उनके अहम निर्णय से प्रभावित होकर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह चाहते थे। कि राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी से विलय किया जाए। 

हनुमान बेनीवाल ने बीजेपी के लि कई साल तक काम किया जिससे सभी को उनकी ताकत का अंदाजा था। इसलिए शाह गठबंधन करना चाहते थे। हनुमान ने शाह के इस मुद्दे को नहीं ढुकराते हुए। बीजेपी से  गठबंधन करने का फैसला कर दिया। 

लोकसभा चुनाव में बीजेपी को मिला फायदा तथा किसानो को आर्थिक सहायता देने का किया ऐलान 

हनुमान बेनीवाल तथा बीजेपी की जो आशाए थी। नतीजे उन आशाओ के मुताबिक ही रहे। लोकसभा मे अभूतपूर्व विजय प्राप्ति के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने हनुमान बेनीवाल को जीत की खुशी मे गुलदस्ता देकर बधाई दी। तथा पीठ थापकर आशीर्वाद दिया। 

इसके बाद हनुमान बेनीवाल ने संसद मे मोदी जी के द्वारा किए गए। देश के हित मे कार्यो की प्रसंशा कर सभी महत्वपूर्ण मुद्दो पर खुलकर बाते की तथा राजस्थान मे टिड्डी प्रकोप से किसानो को हुए नुकसान की पूर्ति करने की सरकार से मांग की और किसानो को आर्थिक सहायता करने का ऐलान किया है। हमारी आशा है। कि ये ऐलान जल्द ही पूर्ण हो तथा किसान भाइयो को सहायता मिल सकें। 

पीएम ने पीठ ठोककर दिया आशीर्वाद

लोकसभा चुनाव के परिणाम के बाद 25 मई 2019 को हनुमान बेनीवाल को संसद भवन मे नरेंद्र मोदी ने हनुमान को गुलदस्ता भेंट कर जीत की बधाई दी। तथा राजस्थानी अंदाज मे पीठ ठोककर आशीर्वाद दिया था। 

किसान हितेशी हनुमान ने इस संसद भवन की सभा मे अपने प्रदेश के सभी किसानो की सहायत करने का ऐलान किया तथा सरकार से सभी युवाओ तथा किसानो को आर्थिक सहायता देने की मांग की और टिड्डी प्रकोप के कारण किसानो की फसलों को हुए नुकसान की पूर्ति करने की भी मांग कर सभी का दिल जीत लिया।

राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी का उद्देश्य (aim of Hanuman Beniwal's National Democratic Party RLP In Hindi)

राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के गठन के पीछे कई कारण हो सकते है। जिसमे सबसे प्रमुख है।  सभी युवाओं को रोजगार, किसानों को पूर्ण कर्ज माफी, कानून व्यवस्था, मुफ्त बिजली तथा मजबूत लोकपाल के मुद्दों को लेकर इस पार्टी की घोषणा की गई। 

जवानो व किसानो की सहायता करना इस पार्टी का प्रमुख उद्देश्य है। इसे कई  बार हनुमान बेनीवाल ने अपने बयान मे कहा है। हनुमान पूर्व मे बीजेपी के कार्यकर्ता हुआ करते थे। परंतु मतभेदो के चलते उन्होने इस पार्टी को छोड़ दिया। 

महारानी महाविद्यालय मे हुए एक कार्यकर्म के दौरान हनुमान ने वसुंदरा पर भ्रष्टाचार के कई आरोप लगाए। उन्होने बताया कि वह राजस्थान को विशेष दर्जा देने की मांग को लेकर चलते रहेंगे जब तक कि राजस्थान को कुछ विशेष राहत न मिल जाए। ये ऐलान हनुमान बेनीवाल ने लोकसभा चुनाव 2019 से पहले किया था।

राजस्थान में जाट मुख्यमंत्री बनाने का मिशन (Mission to make Jat Chief Minister in Rajasthan)

हनुमान बेनीवाल वर्तमान मे राजस्थान मे सर्वमान्य नेता बने हुए है। किसानो का कई सालो से एक ही मिशन था। ये किसानो का मिशन पूरा करने के लिए जात नेता हनुमान बेनीवाल आगे आए है। जनता चाहती है। कि राजस्थान पर जाट का बेटा (किसान ) मुख्यमंत्री बने। 

हनुमान बेनीवाल की इस तीसरी पार्टी का गठन करने के बाद बाकी सभी पार्टियो को चिंता मे डाल दिया है। राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी तथा हनुमान बेनीवाल की चर्चा आज हर प्रदेश मे देखी जा सकती है।

किसान आंदोलन 2020 में हनुमान बेनीवाल (Hanuman Beniwal in peasant / farmers movement 2020)

वर्तमान मे दिल्ली किसान आंदोलन ही नहीं चल रहा है। बल्कि राजस्थान के किसानो कि हालत भी कुछ इसी प्रकार कि नजर आ रही है। राजस्थान के अलवर मे शाहजहांपुर-खेड़ा मे अभी तक किसान आंदोलन जारी है।

किसानो के सहायक बेनीवाल जी वह पर पहुंचे। तथा किसानो से चर्चा की। आरएलपी नेता और नागौर से सांसद हनुमान बेनीवाल हजारो की तादाद मे किसानो के साथ दिल्ली रवाना होने से पूर्व उन्होने एनडीए से अलग होने की धमकी दी थी।हनुमान ने कहा बीजेपी को जवाब देना होगा। हनुमान के साथ 2 लाख किसान दिल्ली के लिए कूच कर रहे है।

हनुमान बेनीवाल पहली बार विधायक बनने से आज तक का सफर 

हनुमा बेनीवाल वर्ष 2003 मे ओमप्रकाश चौटाला की इंडियन नेशनल लोकदल पार्टी से हार के बाद सन 2008 मे बीजेपी की और से चुनाव लड़ा तथा इस चुनाव मे हनुमान बेनीवाल अपने जीवन मे पहली बार विधायक बनें। 

बीजेपी की और से हनुमान ने चुनाव लड़ते हुए। अपने जीवन मे प्रथम बार इस मुकाम को हासिल किया। वसुंदरा तथा हनुमान के आपसी विवाद को देखते हुए। 

हनुमान को इस पार्टी से निष्कासन कर दिया गया। इस घटना के बाद हनुमान ने ठान लिया कि वह वसुंदरा को हराकर ही छैन लेंगे। उन्होने 2019 चुनाव मे वसुंदरा को हारा दिया। हालांकि वह इस चुनाव मे जीत नही सके। परंतु उन्होने वसुंदरा राजे के राज को तहस-नहस कर दिया। इन दोनों के विवाद के कारण कांग्रेस के नेता ने इस चुनाव मे अपना प्रचम लहराया।

हनुमान बेनीवाल कि एक खास बात ये है। कि वे हर समय किसान युवा की बात करते रहते है। प्रत्येक कार्यक्रम, आंदोलन एवं सम्मेलनों मे वे हर समय सरकार के सामने खड़े होते है। जिसमे जाती या  वर्ग से भी संबंधी क्यो न हो। इसलिए वे किसानो तथ युवाओ के लिए सबसे लोगप्रिय माने जाते है।

किसान हूंकार महारैली नागौर (Hanuman Beniwal's farmer amnar Maharali Nagaur)

हनुमान बेनीवाल के नेतृत्व में 7 दिसम्बर 2016 को किसान हूंकार महारैली का आयोजन किया गया था। इस रैली मे लाखो लोगो ने भाग लिया तथा बाकी पार्टियो को चुनौती दी। 

इस महारैली मे 5लाख की तादाद मे किसान तथा युवा वर्ग हनुमान बेनीवाल के समर्थन मे खड़े हुए। तथा किसानो की ताकत को सभी के सामने दर्शाया गया। इस रैली के बाद पूरे राजनीति मे हड़कंप मच गया। सभी ऐसा नजारा देखकर आश्चर्यचकित रह गए।

हनुमान बेनीवाल की बाड़मेर हुंकार महारैली  (Hanuman Beniwal's Barmer Hunkar Maharali)

हनुमान बेनीवाल की बाड़मेर महारैली 7 जनवरी को इस आयोजित की गई। हनुमान बेनीवाल की बाड़मेर रैली नागौर रैली की तुलना मे बहुत ही अधिक लोगो ने इस रैली मे भाग लिया। इस रैली मे 8 लाख लोगो ने भाग लिया। इस रैली मे भाग लेने वाले लोग सुबह से शाम तक भाग ले रहे है।

हनुमान बेनीवाल ने बाड़मेर रैली मे अपना बयान देते हुए कहा। कि राजस्थान मे पूरी तरह से टोल मुक्त होना चाहिए। हनुमान ने राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंदरा को भ्रष्ट्राचार की देवी कहा। तथा साथ ही किसानो की आत्महत्या का का जिम्मेदार सरकार को बताया था।

हनुमान बेनीवाल की जयपुर हुंकार महारैली (Hanuman Beniwal's Jaipur Hunkar Maharali)

हनुमान बेनीवाल की जयपुर हुंकार महारैली 29 अक्टूम्बर को जयपुर मे हुई। इस रैली मे लोगो ने बढ़-चढ़कर भाग लिया था।  राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के संयोजक तथा नागौर के वर्तमान संसद हनुमान बेनीवाल की सबसे बड़ी युवाआक्रोश रैली को फ्लॉप शो बताया.

जयपुर रैली मे हनुमान बेनीवाल ने बयान देते हुए कहा कि अशोक गहलोत बार-बार राहुल गांधी को राजस्थान मे बुलाकर जिस मुद्दे से वोट मांगे थे। उन्हे भड़काने का कार्य कर रहे है। हनुमान बेनीवाल ने कहा कि राजस्थान मे राहुल गांधी को मजाल का पात्र माना जाता है। उन्होने कहा कि कॉंग्रेस को बेरोजगार का भत्ता माना जाता है।  

हनुमान बेनीवाल ने 3 संसदीय समितियों से दिया इस्तीफा, NDA का भी छोड़ सकते हैं साथ

बीजेपी सरकार द्वारा चलाये जा रहे वर्तमान कृषि कानूनों का विरोध करती नजर आ रही है। पीएम मोदी केतीन प्रमुख कृषि कानूनों का पंजाब, हरियाणा तथा दिल्ली के किसान विरोध कर रहे है। और दिल्ली मे तो पिछले कई दिनो से किसान आंदोलन(Farmers Protest) जारी है। 

इस कानून का बीजेपी के सहयोगी पार्टियो ने भी इसका विरोध किया। यहा तक कि हनुमान बेनीवाल ने किसानो के लिए कई पार्टियो को इस्तीफा दे दिया। अब लगता है। कि यदि उन्होने किसानो का साथ नहीं दिया तो हनुमान बेनीवाल NDA पार्टी को भी इस्तीफा दे सकते है।

निष्कर्ष

हमारे देश मे हनुमान बेनीवाल जैसा वीर नेता इस देश मे शासन चलाये तथा हम किसानो की भरपूर सह्यता करे हम यदि उम्मीद करते है। कि जल्द ही हमारे राज्य मे हनुमान बेनीवाल की पार्टी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी आगे जाकर एक बहुत ही बड़ी राजनीतिक पार्टी बनें।

ये भी पढ़ें

आज का हमारा लेख था। हनुमान बेनीवाल का जीवन परिचय Hanuman Beniwal Biography In Hindi आज का ये हमारा लेख आपको कैसा लगा कमेन्ट मे अपनी राय जरूर दे। यदि आपको ये अच्छा लगा हो तो इसे अपने दोस्तो के साथ शेयर करे।