शिष्टाचार पर निबंध | Essay on Good Manner in Hindi- एक व्यक्ति की सबसे बड़ी पहचान उसका आचारण यानी व्यवहार होता है. इसी से मित्रता होती है. और इसी से शत्रुता आज हम व्यक्ति के अच्छे आचरण शिष्टाचार के बारे में पढेंगे.
शिष्टाचार पर निबंध | Essay on Good Manner in Hindi
मनुष्य सामाजिक प्राणी है. मनुष्य हर समय समाज से मिला जुला रहता है. मनुष्य अपने समाज में मिल जुलकर रहने के लिए सभी के साथ अच्छा आचरण करता है.
हर व्यक्ति एक समाज में अपना जीवन व्यापन करता है. सभी को परिस्थिति के अनुरूप व्यक्ति के साथ व्यवहार करने चाहिए.
किसी व्यक्ति के साथ निस्वार्थ भाव से अच्छा व्यवहार करना ही शिष्टाचार होता है. शिष्टाचार से व्यक्ति की लोगप्रियता बढ़ती है. साथ ही उसे श्रेष्ठ व्यक्ति भी मन जाता है.
हर व्यक्ति अपने व्यवहार से किसी भी व्यक्ति के साथ रह सकता है. शिष्टाचार शब्द दो शब्दों के मेल से बना है– शिष्ट + आचार {अ + आ= आ (दीर्घ)}जिसका शाब्दिक अर्थ – उच्च आचरण (अच्छा आचरण या व्यवहार)
मनुष्य की असली पहचान उसकी शिष्ठ शक्ति होती है. इसके आधार पर ही व्यक्ति के आचरण की पहचान की जा सकती है. व्यक्ति का अनुसाशन में रहना बड़ो का आदर करना,छोटो के साथ स्नेह पूर्ण रहना तथा अतिथि का सम्मान व्यक्ति की शिष्टाचार की प्रमुख विशेषता होती है.
शिष्टाचार की शिक्षा
प्रत्येक व्यक्ति का प्रथम शिक्षक उसके माता-पिता होते है. जो कि उन्हें जन्म से ही अच्छे आचरण के बारे में सिखाते है.तथा अच्छे संस्कार देते है. तथा उन्हें अपने दोस्तों के साथ रहने परिवार के साथ रहने और शिक्षक के साथ रहने का ज्ञान देते है.
दूसरा शिक्षक अध्यापक ही होता है. जो कि संस्कार के साथ-साथ जीवन जीने का ठंग तथा बातचीत करने का तरीका सिखाते है. जिसके बाद बच्चा ज्ञान प्राप्त कर बड़ो के संस्कारो को देखकर उन्हें फ़ॉलो करता है.
तथा जिसके बाद वह समाज में रहने योग्य बन जाता है. तथा उसका व्यवहार उसे शिष्टाचारी बना देता है. शिष्टाचार की शिक्षा आयु के अनुसार ही प्राप्त की जा सकती है.
इस दुनिया में सबसे बुद्दिमान जीव मनुष्य होता है. मनुष्य के पास विशेष ज्ञान होता है. जिसके प्रयोग से मनुष्य दूसरा का उपकार कर सकता है. सभी के साथ प्रेमपूर्वक रह सकता है. हम हर बात के बारे में सोच सकते है. उसके बारे मी विचार-विमर्श कर सकते है.
हम क्या कहेंगे? जिससे आगे वाले व्यक्ति पर क्या प्रभाव पड़ेगा? आदि के बारे में सोच-समझ सकते है. इसलिए हम किसी भी व्यक्ति से साथ बात-चित करते समय ध्यान रखे कि हम उसे क्या कह रहे है. क्या यह सही है.
हमें भगवान ने एक विशेष सोच दी है. जिसका प्रयोग हमें जरुर करना चाहिए. एक व्यक्ति के प्रति किया जाने वाला व्यवहार जो उस व्यक्ति के लिए लाभदायक हो या जिससे उसके जीवन के कोई बदलाव हो.
इसे हम शिष्टाचार कहते है. अर्थात निस्वार्थ भाव से किसी भी व्यक्ति के साथ अच्छा व्यवहार या आचरण शिष्टाचार कहलाता है.
माता-पिता,शिक्षक तथा बड़े लोगो के साथ किस प्रकार का व्यवहार करना चाहिए. बच्चो के साथ,पडोसी के साथ,दोस्त के साथ आदि सभी के साथ अलग-अलग व्यवहार करने के तरीके होते है.सभी की आयु के अनुरूप सही व्यवहार करना शिष्टाचार के अंतगर्त आता है.
हर व्यक्ति की अपनी अलग-अलग सोच होती है. अलग-अलग भावनाए होती है. उसी प्रकार सभी के साथ अलग-अलग व्यवहार भी करना चाहिए. अच्छे शिष्टाचार के लोग हमेशा बड़ो का आदर करते है.
हर परिस्थिति में वे अपनी अलग सोच बनाकर उसे पर कर लेते है. शिष्टाचार लोगो का अपना अलग पर्यायवरण होता है. जो व्यक्ति भावनाओ से व्यवहार करता है. वही शिष्टाचारी होता है.
शिष्टाचार व्यक्ति शिल विनम्रता और दया भाव बनाये रखता है. शिष्टाचार हर समय अच्छे सम्बन्ध बनाये रखता है. जो शिष्टाचारी होते है. वे कभी न तो घमंड करते है. और न ही किसी का अपमान करता है.
शिष्टाचारी हमेशा व्यक्ति से ज्यादा उसकी भावनाओ का ख्याल रखता है.उसकी भावनाओ के साथ खिलवाड़ नहीं होने देता है.
शिष्टाचारी व्यक्ति का सम्पूर्ण जीवन परोपकार में ही निकल जाता है, इसलिए उनके कभी महसूस नहीं होता है. कि मैंने किसी का भला किया या किसी का जीवन सवांरा.
उन्हें कभी खुद पर गर्व या अभिमान नहीं होता है. अच्छे आचरण से साथ रहना तथा शिष्टाचार को बढ़ावा देना ही मानवता की गुणवत्ता होती है.
शिष्टाचार का महत्व
हर व्यक्ति एक समाज का हिस्सा होता है. तथा उसे हर समय समाज की जरुरत पड़ती है. एक दुसरे के साथ रहकर सहायता करना समाज होता है. समाज के साथ हम खिलवाड़ नहीं कर सकते क्योकि समाज से साथ हमें अपना सम्पूर्ण जीवन व्यतीत करना पड़ता है.
इसलिए कुछ लोगो की तरह ''मुंह पर राम बगल में चोरी'' नहीं करना चाहिए. आज उसके काम होने पर हम उसकी सहायता नहीं करेंगे. तो आने वाले कल हमें भी उसकी जरुरत पड़ेगी. हर व्यक्ति से साथ प्रेमपूर्वक रहना समाज के लिए बहुत ही लाभदायक होता है.
हमारा अच्छा आचरण हमारे लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होता है. हमारा अच्चा आचरण हमारे बोलने का तरीका लोगो का दिल जीत सकता है. आज के ज़माने में सभी अपना-अपना कार्य करते है.
कोई किसी से भी पैसे नहीं मांगता है. इसलिए हमें मात्र अपने मुंह से निकाले जाने वाले शब्दों को नियंत्रण में करना चाहिए. तथा अमूल्य समाज के साथ अच्छा चरित्र रखना चाहिए.हमारा सुरुचिपूर्ण व्यवहार हमारी सफलता का कारण भी बन सकता है
शिष्टाचार एक ऐसा विधान है. जो व्यक्ति को व्यवहार पूर्ण जीने का अवसर प्राप्त कराता है. अपना चरित्र व्यक्ति को लोगो के संघ रहने की आज्ञा देता है. इसके चलते ही व्यक्ति समाज में शांन्ति पूर्ण रह सकता है.शिष्टाचार जीवन को सुकून से रहना सिखाता है. इसके बिना जीवन अधुरा है.
एक व्यक्ति अपने जीवन में सदाचार के माध्यम से जीवन मे उन्नति कर सकता है. ये जीवन का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होता है.जीवन में सफलता पाने के लिए शिष्टाचार एक ही सरल तथा सहज साधन है.
निष्कर्ष
हर व्यक्ति के लिए शिष्टाचार बहुत ही महत्वपूर्ण होता है. ये हमें जीवन जीना सिखाता है. ये हमें लोगो में हमारी ख्याति अर्जित कराने में सहयता करता है.
अच्छे चरित्र वाले व्यक्ति के साथ हर कोई रहना पसंद करता है.जीवन में शिष्टाचारचुम्बक की तरह कार्य करता है. ये जीवन को जीना का नया तरीका प्राप्त कराता है.जीवन में हमेशा हमें सभी के साथ अच्छा व्यवहार रखना चाहिए.
शिष्टाचार के नियम
- बड़े लोगो से कोई भी कार्य करवाने पर कृपा शब्द का प्रयोग करें.
- सहायता करने वाले व्यक्ति को धन्यवाद कहे.
- बड़ो के साथ इज्जत से पेश आए. छोटो के साथ प्रेम से बात करें.
- गलती होने पर माफ़ कीजिए शब्द का प्रयोग करें.
- किसी की निंदा ना करें. हो सके तो अच्छाई करें.
- अथितियो का सम्मान करें. तथा अच्छा व्यवहार करें.
- किसी भी स्थिति में लोग को उपहास नहीं करना चाहिए.
- जब फ्री समय मिले तो माता पिता या अन्य लोगो के कार्य में हाथ बटाए.
- हमेशा अनुशासन में रहे.
- बड़ो की बात को कभी नहीं ठुकराना चाहिए.
- बड़ो का मार्गदर्शन करना चाहिए.
- अच्छे लोगो से मित्रता करनी चाहिए.
- किसी भी व्यक्ति द्वारा गलती स्वीकार करने और माफ़ी मांगने पर उसे छोड़ देना चाहिए.
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