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नशा मुक्ति पर निबंध | Essay on Nasha Mukti In Hindi

नशा मुक्ति पर निबंध-आज के ज़माने में नशा लोगो का शौक बन चूका है.नशा एक अभिशाप है.पर लोग इसमे बढ़ चढ़कर भाग ले रहे है.नशा युवाओ की शान बन चूका है.आज के इस आर्टिकल में हम नशा मुक्ति के बारे में सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त करेंगे.

नशा मुक्ति पर निबंध Essay on Nasha Mukti In Hindi

नशा मुक्ति पर निबंध Essay on Nasha Mukti In Hindi

देश के लिए युवा उसकी सबसे बड़ी सम्पति होते है. पर आज हमारे देश के युवा नशे की गंभीर बीमारी से ग्रसित हो रहे है. 

आज के युवाओ के जीवन में नशा एक लत बन चुकी है. तथा नशे के गुलाम बन चुके है. इसलिए हमारा दायित्व बनता है, कि युवाओ को नशे की इस बीमारी से मुक्त किया जाए.

आज देश के युवाओ के लिए शराब, सिगरेट, बीड़ी, अफीम, हीरोइन जैसे मादक पदार्थ गुलाम बना चुके है. नशे की बीमारी से मुक्ति के लिए नशा मुक्ति अभियान भी चलाए जा रहे है.

सरकार द्वारा नशा मुक्ति के लिए कई नशीली वस्तुओ पर प्रतिबन्ध लगाया गया है, पर आज देश में कई लोग नशीली चीजो की भी तस्करी करते है. जिस कारण यह पदार्थ प्रतिबंधित होने के बाद भी युवाओ तक पहुँच जाता है.

देश में कई जगह नशा मुक्ति केंद्र भी स्थापित किये गए है, जिनका उद्देश्य नशे से ग्रसित व्यक्ति को मुक्त करना है. पर युवा इसके लिए तैयार नही है. इसलिए हमें सभी को इसके प्रति सभी को जागरूक करना होगा.

देश का भविष्य युवाओ को माना जाता है. इसलिए देश की प्रगति के लिए युवाओ का सही कदम पर चलना बहुत ही जरुरी होता है. देश के सञ्चालन में आज की युवा का विशेष योगदान होने वाला है.

पिछले कुछ सालो से नशा लोगो को अपना आदी बना रहा है. लोग नशेड़ी बनकर अपना तथा अपनों का भविष्य बर्बाद करने को तुले हुए है. इसलिए हमें नशे से मुक्ति के लिए प्रयास करने की आवश्यकता है.

आज की युवा गुटका, बीडी, सीक्रेट और शराब पीकर खुद को शाही जीवन देना का प्रयास करता है. पर नशे से जीवन में सुधार नहीं किया जा सकता है. नशा जीवन की बर्बादी का सबसे बड़ा माध्यम है.

लोगो में शिक्षा का अभाव होने के कारण लोग अपनी भलाई को नहीं समझ पा रहे है. इसलिए इस समय हमें नशा मुक्ति योजना के माध्यम से सभी को नशे से होने वाले नुकसान से अवगत करवा कर नशा छुडवाने का प्रयास करना चाहिए.

हमारे देश के युवा अपना आदर्श भगत सिंह या गांधी को न मानकर फ़िल्मी हीरो को मानती है. जो फिल्म इंडस्ट्री में काम करते है. पर आज के युवाओ के हीरो युवाओ का ही जीवन बर्बाद कर रहे है.

बड़े बड़े अभिनेता अपने स्वार्थ के लिए तथा कम्पनियों से मिल रहे पैसो के लिए नाशो का प्रसार करते है. आज फिल्म इंडस्ट्री के बड़े नाम शाहरुख़, सलमान और अक्षय कुमार जैसे बड़े अभिनेता गुटके का विज्ञापन करते नजर आते है.

आज के विज्ञापनों से बचाकर युवाओ के भविष्य को सुरक्षित बनाना होगा.  क्योकि आज के युवाओ के हीरो खुद लोगो के भविष्य के साथ पैसो के लिए खिलवाड़ कर रहे है. तथा खुद कुछ पैसे लेकर विज्ञापन करते है.

Essay 2 

नशा की लत तथा नशीली चीजो का सेवन हमारे स्वास्थ्य के लिए अस्वस्थाकारी साबित होती है. नशा एक नशे की बजाय लत बन जाती है, जो हमारा विनाश करके ही छोडती है. यह न केवल नशा करने वाले को ही प्रभावित करती है. इससे समाज तथा परिवार भी प्रभावित होता है.

यदि हमारे परिवार या समाज का कोई बड़ा व्यक्ति यदि नशा करता है, तो सभी उसको देखकर नशे करने लगते है. इस प्रकार एक समाज में नशाखोरी का होना समाज में नशा फ़ैलाने का काम करता है.

यदि हम अपने जीवन में दृढ़ संकल्प और समर्थन के द्वारा जीवन में कभी नशा न करने तथा सभी को नशे से दूर रखने का संकल्प लें तो इससे मुक्ति भी पाई जा सकती है. नशे का हिंदी में अर्थ व्यसन होता है.

नशा के आज अनेक प्रकार के मादक पदार्थ आज हमारे बिच समाज में स्थित है, जिनका सेवन करके सरे युवा इससे प्रभावित होते है. मुख्य मादक पदार्थो में सेवन, शराब, जुआ, गुटका, अफीम आदि है. जिन्हें हम अपने समाज के सामने परिभाषित करके उनके द्वारा होने वाली हानियों तथा प्रभाव को समझाकर सभी को नशा मुक्ति के प्रति जागरूक कर सकते है.

नशा आज हमारे युवाओ का फैशन वही कुछ समय बाद एक बीमारी बन जाती है. जिसका निस्तारण करना असंभव सा है. इसलिए मादक पदार्थो से हमेशा दूर रहे तथा इसे एक बीमारी की भांति समझकर संक्रमित होने से अपने आप को बचाए.

नशा मुक्ति का महत्व:

नशे को जड़ से समाप्त करने के लिए हमारे देश में नशा मुक्ति अभियान जारी किया गया है. इस अभियान के माध्यम से आमजन को नशामुक्ति के लिए जागरूक बनाया जाता है. इस अभियान के तहत नशा छुड़ाने के कैम्प भी लगाए जाते है.

व्यक्तियों, परिवारों और समाज को नशा मुक्ति से होने वाले लाभ तथा इससे हमारे जीवन में पड़ने वाले सकारात्मक प्रभावों पर चर्चा करके सभी को नशा मुक्ति की पहल में जोड़ सकते है.

बढ़ते नशे को आज के युवा से मुक्त कराना हम सभी का उद्देश्य है. इसलिए सभी को इसके प्रति सहानुभूति, समझ और समर्थन की आवश्यकता है. समाज को एक अच्छा माहौल प्रदान करने के लिए नशे को छोड़ना सबसे पहला काम है. 
समाज को एक दयालु वातावरण बनाने के लिए प्रोत्साहित करें जो नशा मुक्ति को बढ़ावा देता है और व्यक्तियों को अपने जीवन के पुनर्निर्माण में मदद करता है।

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आज हर युवा नशे की छपेट में है.कोई अफीम का नशा करता है,कोई शराब का तो कोई जर्दा गुटका या बीडी का इस प्रकार देखा जाए तो सभी नशे के अधीन बन चुके है.लोग नशे में अंधे हो गए है.

हमारे देश में होने वाली दुर्घटनाओ के अधिकांश मामले नशे में ही पाए जाते है.जो व्यक्ति नशा करता है.वह अपने जीवन की उन्नति नहीं कर सकता है.नशा शुरू तो जीवन की बर्बादी शुरू यही नियम है.

आज के इस वैज्ञानिक युग में हर देश को उन्नति के लिए युवाओ के सहयोग की जरुरत है.वही हमारे देश में आज अधिकांश लोगो का सबकुछ नशा ही है.अपनी शुरूआती दौर में ही लोग नशा करना शुरू कर देते है.

इसी कारण आज तक हमारा देश विकसित नहीं हो सका है.सभी लोग अपनी-अपनी मर्जी के हिसाब से चल रहे है.भारत सरकार ने नशा मुक्ति के लिए कई कानून चलाये और आज तो लोगो को निशुल्क नशा छुड़वाया जाता है.पर लोग सरकार की एक भी नहीं सुन रहे है.और नशे के इस अन्धकार में जा रहे है.

आज हर देश का विकास देश की युवा पीढ़ी पर टिकी हुई होती है.उसी प्रकार हमारे देश की उन्नति भी युवाओ पर है.और हमारे देश के युवा इस जिम्मेदारी को अनसुना कर रहे है.हमारे देश में लगभग 50 प्रतिशत से ज्यादा लोग नशा करते है.

वहीँ कई लोग अपने जीवन का महत्व नशा करना ही मानते है.देश में आज नशा करने पर रोक लगाई गई है.पर फिर भी लोग नशा करते है.अनेक लोग नशे की वजह से कैंसर जैसे कई भयानक रोगों के शिकार होते है.पर इस बात को मानाने को तैयार ही नहीं है.सभी नशे को सही बताते है.

पुराने समय में जब कोई पार्टी होती थी.तो लोग मिलते थे.एक दुसरे से बातचीत करते थे.और खाना खाकर घर चले जाते थे.पर आज की पार्टिया कुछ अलग किस्म की होनी लगी है.पार्टी में खाना तो होता ही नहीं है.और कई पेकेट शराब और गुटका और तम्बाकू लाया जाता है.

शराब के बिना पार्टी होती ही नहीं है.कई लोग पार्टी का जश्न मानाने के चक्कर में इस मौत के मुंह में अपना हाथ डाल देते है. आज के लोग अपने शरीर में होने वाली हानि की तरफ नजर भी नहीं लगाते है.

बस नशे को अपना शोक बना लिया है.और इसे अपनी पहली पसंद मानते है.पर जितना ये लोग इसे अच्छा मानते है.उतना ही ये उनके लिए हानिकारक होता है.नशा लोगो की जान तक ले लेता है.पर लोग इसे समझ नहीं रहे है.

आज के युवा लोग सरकार को पागल समझते है.सरकार उन्हें भले के लिए सभी नशीले पदार्थो पर बन लगाया गया है. सिगरेट,गुटका तथा शराब पर खुला-खुला लिखा होता है.ये आपके सेहद के लिए हानिकारक है.फिर भी लोग इसका सेवन करते जा रहे है.

आज युवाओ के साथ-साथ नव पीढ़ी भी इसका सेवन कर रही है.10 साल के लड़के नशा करते है.हमारा देश आज भी गुलाम है.पहले मुगलों का बाद में अंग्रेजो का और आज नशे का गुलाम बना हुआ है.हमारे देश के किराणे के सामान से ज्यादा नशीली वस्तुओ का निर्यात हो रहा है.

नशे से व्यक्ति के शरीर में हानि के साथ साथ उनके शारीरिक तथा मानसिक रूप से भी गहरा असर पड़ता है.नशा करने वाले व्यक्ति के घर में हमेशा लड़ाई-झगडा होता रहता है.इससे पारिवारिक सम्बन्ध टूट जाते है.

नशा करने के बाद व्यक्ति दानव बन जाता है.लोग नशा करके किसी को गाली गलोज करते है.जिससे कभी मार भी पड़ सकती है.कई बार नशा ज्यादा करने के कारण लोग सड़को पर गिरते उठाते घुमते है.तथा घर जाते समय दुर्घटना का खतरा रहता है.इस प्रकार नशे से प्राण भी जा सकते है.

जो व्यक्ति नशा करते है.इसका सम्मान नहीं होता है.उसे पागल की तरह रखा जाता है.आज हमारे देश को नशा मुक्ति की आवश्यकता है.आज ज्यादातर लोग गरीब होने का कारण नशा ही है.

लोग अपना नशा ही पूर्ण कर पाते है.अपने परिवार को भूखा रखते है.पर खुद कमाकर अपना नशा करते है.यही सबसे बड़ी कमजोरी है. नशे की शुरुआत मजे से होती है.कई बार नशा करने पर खूब मजा आता है.

मजे के चक्कर में हर कोई नशा सिख जाता है.पर जब नशा लोगो का मजा लेना शुरू कर देता है.उस समय नशा नहीं छोड़ पाते है.नशे जीवन को नरक बना देता है.जो व्यक्ति नशा नहीं करता है.उस व्यक्ति को आज के जीवन का सबसे महान व्यक्ति माना जाता है.और नशा मुक्ति से ही जीवन की उन्नति संभव है.

नशा करने वाले व्यक्ति को अपनी वास्तविक स्थिति का ज्ञान नहीं होता है.इसलिए वह जो मन में आए व् नशा करते है.भलेही उनके नशे से उनका परिवार भूखा रहे.

नशा एक ऐसा जाल में जिसमे फंसने के बाद इस लत को छुड़ाना बहुत मुश्किल होता है.इसलिए पहले से ही सावधान रहे.किसी भी हालात में नशा ना करें. न मजे के लिए ओर न ही चैन के लिए नशा जीवन की बर्बादी है.नशा जीवन को अन्धकार में झोंक देता है.

देश की सरकार ने नशा मुक्ति के लिए नशीली पदार्थो को बंद कर दिया गया है.पर लोग अवैध रूप से इसका व्यापार करते है. उन लोगो पर भारत सरकार की ओर से सजा का प्रावधान किया गया है.कड़ी सजा होने के बावजूद भी लोग पैसो के लालच में इस अवैध कार्य को करते है.

हमारे देश के सभी नागरिको को नशे से होने वाले नुकसान के बारे में जानकारी दें. तथा उन्हें नशे से दूर रहने के लिए प्रेरित करें. और जो लोग आज नशे के इस जाल में फंसे हुए है.उन्हें नजदीकी किसी नशा छुड़वाने वाले केंद्र में भेजे तथा उनसे नशा छोड़ने की प्रार्थना करें.

अंतरराष्ट्रीय नशा निषेध दिवस का इतिहास

नशीली दवाओं और नशा निषेध और अवैध तस्करी के विरुद्ध में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक दिवस की घोषणा की गई. अन्तराष्ट्रीय स्तर पर अवलोकन टी तथा एजेंडा के मुताबिक फैसला किया गया तथा 1989 में पहली बार नशा निषेध दिवस मनाया गया. जिसके बाद हर साल यह दिवस मनाया जाता है.

नशा मुक्ति तथा अवैध व्यापार को प्रतिबंधित करने के लिए इस दिवस की शुरुआत की गई. यह दिवस समाज को जागरूक बनाने के उद्देश्य से मनाया जाता है. अवैध नशा व्यापारियों तथा नशाखोरी को बंद करना इसका उद्देश्य है.

नशा मुक्ति का विषय आज उजागर नही हुआ है. यह कई सदियों का चिंतनीय विषय रहा है. 26 जून के दिन पहली बार नशे के खिलाफ आवाज उठाई गई, इसलिए इस दिन को नशा निषेध दिवस के रूप में चुना गया था.

नशा मुक्ति विषय तब चर्चा में आया जव 25 जून 1839 के दिन चीन में प्रथम अफीम युद्ध हुआ. जो नशा निषेध के लिए पहली पहल मानी गई. इसके बाद कई बार अवलोकन किया गया.

इसके बाद 26 जून 1987 को अन्तराष्ट्रीय स्तर पर एक नशा निषेध या नशा मुक्ति दिवस मानाने की मांग रखी गई. इस सिफारिश के आधार पर अवैध तस्करी को प्रतिबंधित करने तथा नशा मुक्ति के समर्थन में दिवस मनाया गया.

नशा प्रतिबंधित होने के बाद भी अवैध तरीके से तस्करी की जा रही है. नशीली दवाई के मिस यूज़ के खिलाफ में सरकार द्वारा अभियान चलाया गया. पर 2007 की विश्व नशा रिपोर्ट से वैश्विक स्तर पर 300बिलियन डॉलर का मुनाफा हुआ है. जो लूटमार को दर्शाता है.

नशीली दवाओं से हमारे जीवन में होने वाले दुरुपयोग, अवैध तस्करी और नशा निषेध को लेकर इस दिवस के अवसर पर जनजागरूकता फैलाए. राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अभियान, रैलियां तथा पोस्टर के द्वारा आमजन में इसके प्रति जागरूकता फैलाए.

सरकार तथा जनता सभी मिलकर इस समस्या से निपटारा पाने की योजना तैयार करें तथा उसे क्रियान्वित करें. सरकार आंकड़े निकालकर उसके अनुसार अपनी जनता को बचाने के लिए प्रयत्न करें.

अंतरराष्ट्रीय नशा निषेध दिवस का महत्व

हमारे देश में युवाओ के ऊपर बढ़ रहे इस संकट को कम करने के लिए सरकार द्वारा नशा निषेध दिवस को मानाने का फैसला किया गया तथा इसके द्वारा आमजन को स्वस्थ जीवन प्रदान कर सकते है.

हम सभी को मिलकर नशा मुक्ति का अभियान चलाना होगा, तथा सभी की जागरूकता से हम सामाजिक स्वच्छता को सुनिश्चित कर सकते है. नशामुक्ति के लिए हम सभी को “वैश्विक समुदाय और एकजुटता के लिए कदम उठाने होंगे.

अंतर्राष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस कब मनाया जाता है?

नशीली दवाओं के दुरुपयोग को रोकने,  अवैध तस्करी के खिलाफ आवाज उठाने तथा नशामुक्ति के उद्देश्य से हर साल 26 जून को नशा मुक्ति दिवस या नशा निषेध दिवस मनाया जाता है. इस दिवस का उद्देश्य आमजन में जाग्रति फैलाना तथा सभी को नशे की छपेट से दूर रखना है.

हर साल इसकी अलग अलग थीम होती है. जो उस साल का मुख्य उद्देश्य होता है. इस साल नशा निषेध दिवस की थीम  “People First: Stop Stigma and Discrimination, Strengthen Prevention”, को रखा गया है. जो बेहतर स्वास्थ्य तथा नशामुक्त जीवन की सलाह देता है.

हम बाह्य रोगों से अपनी मुक्ति के लिए नशा त्याग सकते है. नशा तथा नशीली दवाइयों का अवैध रूप से व्यापार करने वाले हम में से ही कई लोग है, जो इस व्यापार को चलाते है.

नशा मुक्‍ति के उपाय | Nasha Mukti ke Upay
  • देशभर में हर क्षेत्र में नशे के व्यापार की दूकान की बजाय नशा मुक्ति केंद्र स्थापित करें. जिससे लोगो को नशा छोड़ने के लिए अवसर मिल सकें.
  • नशा मुक्ति के लिए सबसे पहला उपाय यही है, कि नशे को पूर्ण रूप से प्रतिबंधित कर दिया जाए तथा नशेडी लोगो के लिए इलाज की सुविधा की जा सकें.
  • सभी को नशा छोड़ने के लिए प्रेरणा दी जाए. इसके लिए रैली तथा कार्यक्रमों का आयोजन कर सकते है.
  • कई ऐसी दवाइया आज बन चुकी है. जिसके सेवन के बाद हम नशे से मुक्त हो पाने में सक्षम होते है. जिनका प्रयोग करें.
  • नशा मुक्ति के लिए सबसे जरुरी यह है, कि हम खुद इसके लिए जागरूक बने तथा इसे अपनी जिम्मेदारी समझकर अपने तथा अपने समाज के सभी लोगो को इस समस्या से मुक्त कराए.

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