100- 200 Words Hindi Essays 2024, Notes, Articles, Debates, Paragraphs Speech Short Nibandh

Translate

चिड़ियाघर की सैर पर निबंध Essay On Zoo Park Visit in Hindi

चिड़ियाघर वह स्थान होता है.जहाँ पर पशु पक्षियों को सरंक्षित रखा जाता है.और वहां लोग उन जानवरों को देखने के लिए अपने बच्चो सहित जाते है.चिड़ियाघर एक मनोरंजन का साधन भी है.जहाँ से हम अपना मनोरंजन भी कर सकते है.और पशु-पक्षियों को देख सकते है.और उनके बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते है.आज के इस आर्टिकल में हम चिड़ियाघर की सैर पर निबंध Essay On Zoo Park Visit in Hindi लेकर आए है.इस लेख के माध्यम से हम चिड़ियाघर के अनुभव को आपके साथ शेयर करेंगे.

चिड़ियाघर की सैर पर निबंध Essay On Zoo Park Visit in Hindi

आज के ज़माने की सबसे लोगप्रिय तथा बच्चो के लिए मजेदार जगह चिड़ियाघर है.जहाँ पर अनेक प्रजातियों के पशु-पक्षियों को रखा जाता है.

तथा हमें उन जानवरों को दिखाया जाता है.और बदले में हमें टिकट के पैसे देने पड़ते है.संकटापन्न पशु-पक्षियों के सरंक्षण लिए चिड़ियाघर सबसे प्रमुख स्थान है.

चिड़ियाघर में हर साल अनेक लोग घुमने आते है.जिसमे कई लोग विदेशो से भी आते है.हमारे देश में वर्तमान में कई जानवर तथा पक्षी ऐसे है.जिनका आसितत्व खतरे में है.

उनका जीवन समाप्त होने की कगार पर है.ऐसे पशु पक्षियों को चिड़ियाघर में रखा जाता है.जिससे इन जीवो का सरंक्षण भी हो.तथा लोगो को इन जानवरों को देखने का मौका मिले.

चिड़ियाघर में जाने पर हमें सुरक्षित रहना पड़ता है.चिड़ियाघर को जंगल या वनों की तरह बनाया जाता है.जहाँ पर अनेक पशु-पक्षी होते है.

तथा सभी के लिए अपने-अपने अलग-अलग घर होते है.चिड़ियाघर में यात्रा के दौरान हमारे साथ एक गार्ड भी चलता है.जो जानवरों के बारे में जानकारी देता है.तथा जानवरों से सुरक्षा भी करता है.

चिड़ियाघर में ही सभी जानवरों को देखा जा सकता है.चिड़ियाघर पशु-पक्षियों के लिए एक विशेष जगह होती है.जहाँ पर पशु-पक्षियों को रखा जाता है.

तथा उन्हें भोजन भी कराया जाता है.और उनका सरंक्षण भी किया जाता है.चिड़ियाघर में सभी जीवो को अपने अपने स्थान पर रखा जाता है.जिससे जानवर आपस में नहीं लड़ सकें.

शेर और बाघ जैसे खतरनाक जानवरों को एक बड़े बाड़े में रखा जाता है.तथा उनके भोजन के लिए मांस को भी रखा जाता है.शेर का बाड़ा बहुत मजबूत होता है.

जिससे शेर चाहकर भी बाहर नहीं जा पाता है.इसलिए लोग स्वतन्त्र रूप से शेर को देखते है.तो आनंद अनुभव करते है.

चिड़ियाघर की यात्रा (सैर)

मैंने मेरे दोस्तों के साथ चिड़ियाघर जाने का प्लान बनाया पर समय ही नहीं मिल रहा था. सर्दियों की छुट्टिया थी.ठंडा मौसम था. इस दिन को मैंने मेरे दोस्तों को चिड़ियाघर जाने के लिए कहा तो इस ठंडे मौसम और छुट्टी को देखकर सभी दोस्त यात्रा के लिए तैयार हो गए.

मैंने सबसे पहले भोजन किया.नए कपडे पहने और तैयार हो गया.फिर मेरे दोस्त को फोन किया वह तीन दोस्तों के साथ गाड़ी लेकर आ गया.हम सभी सुबह 10 बजे अपने गाँव से निकले.

पहली बार हम सभी चिड़ियाघर की सैर करने जा रहे थे.इससे पहले किसी ने चिड़ियाघर नहीं देखा इसलिए मन और भी उत्साहित हो रहा था.

हम आपस में एक दुसरे से बाते कर रहे थे.कि कैसा होगा चिड़ियाघर,कौन-कौनसे जानवर होंगे? शेर ने हमारा पीछा किया तो क्या करेंगे? इस प्रकार बाते करते-करते हम चिड़ियाघर की ओर चल रहे थे.

कुछ समय बाद हम चिड़ियाघर पहुंचे वहां गाडी को बाहर पार्क किया और हम पैदल यात्रा के लिए चल पड़े.सबसे पहले सभी दोस्तों की जाँच की गई.क्योकि कोई हतियार नहीं ले जा सकें.

जांच करने के बाद सभी ने टिकट ली जिसका हमें भुगतान करने के बाद हमें चिड़ियाघर में प्रवेश दिया गया. चिड़ियाघर में प्रवेश के बाद हमें गाड़ी में चलने के लिए कहा पर दोस्तों ने मना कर दिया और हम इस यात्रा को पैदल ही कर रहे थे.

जब चिड़ियाघर में हम कुछ दुरी पर चले हम लगा जैसे किसी जंगल में घुस गए हो.पर पहले मैंने किताबो में पढ़ा था.कि चिड़ियाघर जंगल के जैसा ही होता है.

कुछ दुरी पर चलने के बाद सबसे पहले मैंने चिंकारा को देखा जो कि एक विशाल बाड़े में सुरक्षित खड़ा था.तथा उस बाड़े में हरी-हरी घास लगी हुई थी.जो दिखने में बहुत सुहावनी थी.

चिंकारा का आकर हिरण के समान ही था.पर गार्ड ने बताया कि ये चिंकारा है.चिंकारा को देखने के बाद हम पक्षियों के घरो में प्रवेश किये जहाँ पर सबसे पहले तालाब में हंस तथा बतख को देखा जो कि पानी में तैर रही थी.पर इस तालाब में मगरमच्छ नहीं थे.

तालाब के पास ही एक बड़ी छतरी बनाई गई थी.जिसके ऊपर पक्षियों को दाना डाला हुआ था.पक्षी वहां पर भोजन कर रहे थे.तथा प्यास लगने पर तालाब पर आकर पानी पी रहे थे.

वहां पर एक विशाल पेड़ था.जो कि आकर में बहुत बड़ा था.जिस पर अनेक पक्षियों के घोंसले बने हुए थे.पर मैंने उस वृक्ष का नाम नहीं पूछा.

सभी पक्षियों के लिए अलग-अलग घर बनाये गए थे.जिसमे गोडावण के लिए घास का घर था.जो की एक वृक्ष के नीचे था.तथा एक अँधेरे में उल्लू का घर था.क्योकि उल्लू को अँधेरा सबसे ज्यादा पसंद होता है.चारो और पक्षी गीत गा रहे थे.

इस चिड़ियाघर में मैंने पहली बार कोयल को देखा कोयल का आकर तथा रंग देखकर मैंने इसे कौआ समझ लिया पर जब कोयल ने अपनी मीठी राग से गीत गाया तब मुझे समझ आया कि ये कौआ नहीं कोयल है.

पक्षियों के घरो को देखने के बाद आगे बढ़ने पर एक बाडा था.जिसमे बड़े-बड़े तथा घने वृक्ष लगे हुए थे.जिन पर बन्दर बैठे थे.तथा वे एक पेड़ से दुसरे पेड़ पर घूम रहे थे.

बंदर की हरकतों को देखकर हमें डर लगा इसलिए हम वहां पर ज्यादा समय तक नहीं रुके और आगे चल दिये.
आगे चलने पर हमें शेरो की दहाड़ सुनाई दी.एक बार हमें डर लगा पर गार्ड हमारे साथ थे.उन्होंने बताया कि शेर तथा अन्य सभी जानवर घरो में बंद है.फिर राहत की साँस लेते हुए हम शेर के बाड़े के पास गए.वहां पर शेरो के लिए बड़ा बाड़ा बनाया गया था.

तथा बाड़ा बहुत बड़ा और मजबूत था.शेर के भोजन के लिए मांस भी रखा गया था.इस चिड़ियाघर में पहली बार मैंने शेर के दर्शन किये.शेर शारीर में बहुत विशाल था.

इसके पास ही बाघों के लिए भी बड़े बाड़े का निर्माण किया गया था.जहाँ पर बाघों को रखा गया था.बाघ दिखने में बहुत शांत लग रहे थे.और बाड़े के अन्दर ही चक्कर लगा रहे थे.

काफी दुरी से लगातार चलने के बाद हम थक गए थे.इसलिए हम बाघ के बाड़े के पास आराम किया और मेरे दोस्त ने वहां पर विडियो बनाया और फोटो भी खिंची.

बाघों के पास ही गोरिल्ले का पिंजरा भी था.जहाँ पर गोरिल्ले पिंजरे में बंद थे.कई लोग उन्हें छिड़ा रहे थे.तथा कई लोग उन्हें भोजन करा रहे थे.इसके पास ही हाथियों के लिए बड़ा बना हुआ था.जहाँ पर हाथी जोर-जोर से चिल्ला रहे थे.हाथी खड़े-खड़े कान हिला रहे थे.

चिड़ियाघर बहुत विशाल था.जिसे हम पूरा नहीं देख सकें.पर रात हो रही थी.तथा जोरो की भूख भी लग रही थी.इसलिए घर जाने के लिए रवाना हुए.लगातार पांच घंटे तक चिड़ियाघर में रहने के बाद लगभग हम चिड़ियाघर के बीच में पहुँच गए थे.

इसलिए वहां से हम रैल दौड़ में बैठे और कुछ ही समय में चिड़ियाघर के बाहर पहुँच गए.इसके बाद अपने बैगो को बाहर से लेकर हम अपनी गाड़ी में वापस सवार होकर घर की ओर निकल पड़े. 

ये चिड़ियाघर बहुत मजेदार तथा मनोरंजन करने योग्य था.साथ ही इस चिड़ियाघर में शेर,बाघ,हाथी,कोयल,हंस तथा गोरिल्ला जैसे पशु पक्षियों को पहली बार देखा जिससे काफी आनन्द अनुभव हुआ.चिड़ियाघर का नजारा बहुत मनोरम था.इस चिड़ियाघर में अनेक सुविधाए भी उपलब्ध थी.

इस चिड़ियाघर में यात्रियों के लिए भी अच्छी व्यवस्था की गई थी.जिसमे जगह-जगह पर पानी की व्यवस्था की गई थी.तथा कई जगहों पर भोजन के लिए कमरे बनाए हुए थे.

और कचरे का निस्तारण के लिए कचरा पात्र भी लगाए गए थे.और लोगो को यात्रियों की व्यवस्था के लिए लगाया गया था.जो देखकर मुझे बहुत अच्छा लगा.

चिड़ियाघर की यात्रा मेरे जीवन की सबसे मजेदार यात्रा रही.इस यात्रा में बहुत आनंद आया.चिड़ियाघर की सैर को आज भी मन को खुश करती है.

आप को भी अपने जीवन में कभी चिड़ियाघर की यात्रा अ मौका मिले तो जरुर जाना चाहिए.इससे काफी अच्छा महसूस होता है. पर चिडिया घर में कभी भी लापरवाई नहीं करनी चाहिए.वहां के दिशा निर्देश के अनुसार ही यात्रा करनी चाहिए.

उम्मीद करता हूँ, दोस्तों आज का हमारा आर्टिकल चिड़ियाघर की सैर पर निबंध Essay On Zoo Park Visit in Hindi आपको पसंद आया होगा.आपको हमारी चिड़ियाघर की यात्रा कैसी लगी कमेन्ट में अपनी राय दें.यदि अच्छी लगी तो इस अनुभव को अपने दोस्तों के साथ शेयर करें. तथा एक बार चिड़ियाघर की यात्रा जरुर करें.