अटल बिहारी वाजपेयी का जीवन परिचय-प्रतिभा के धनी भाजपा पार्टी की ओर से राजनेता आदर्शवादी व्यक्ति अटल बिहारी वाजपेयी ने हमारे देश के लिए अनेक कार्य किए इसी कारण अटल बिहारी वाजपेयी नेहरु चाचा के बाद लगातार तीन बार प्रधानमंत्री बनने वाले दूसरे भारतीय राजनेता बने। आज के इस आर्टिकल के माध्यम से हम अटल बिहारी वाजपेयी के जीवन परिचय के बारे में विस्तार से जानेंगे।
अटल बिहारी वाजपेयी पर निबंध Essay On Atal Bihari Vajpayee In Hindi
भारतीय जनता पार्टी के महान नेता तथा अटल हिमालय से स्वभाव के इस व्यक्ति ने देश की प्रगति और पडोसी देशो के साथ अच्छे सम्बन्ध बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया.
जीवन को टुकड़ों में नहीं बांटा जा सकता, उसका ‘पूर्णता’ में ही विचार किया जाना चाहिए।
अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 सितंबर 1924 को कृष्णा देवी तथा कृष्णा बिहारी वाजपेयी के घर हुआ। अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म ग्वालियर मध्यप्रदेश में हुआ।
अटल बिहारी वाजपेयी को हम ''अटल'' जी के नाम से जाना जाता है अटल जी का जन्म एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ अटल जी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा लक्ष्मीबाई कॉलेज से की अटल जी पढ़ाई में श्रेष्ठ नहीं थी पर वह लेखन और कवि की भूमिका निभाते थे.
आपको सुनकर हैरानी होगी कि अटल जी एकमात्र ऐसे प्रधानमंत्री रहे हैं जिन्होंने अपने जीवन में कभी शादी नहीं की और वे संपूर्ण जीवन 93 वर्ष की आयु तक कुंवारे रहे थे।
अटल जी राजनीती के साथ साथ अपने वचनों से भी लोगो को प्रभावित करते थे, कई ऐसे जवाब जो आज भी हमें उनकी याद दिलाते है. उन्ही में से एक है. भारत-पाकिस्तान के एकता पर चर्चा करने के लिए जब अटल जी पाक गए.
उस समय की बात है, पाकिस्तान की एक महिला ने अटल जी से पूछा ''आप अभी कुंवारे है, आप मुझसे शादी कर लो पर हमें कश्मीर देना होगा, इस पर अटल जी का जवाब सुनकर आप भी हैरान रह जाएँगे.
पाकिस्तानी महिला के इस सवाल का जवाब अटल जी ने प्रेमभाव के साथ दिया और कहा '' मै कुंवारा हूँ, और आपसे शादी कर लूँगा, पर दहेज़ में मुझे पूरा पाकिस्तान चाहिए. इस जवाब से सभी हैरान रह गए.
अटल जी बचपन से ही देश भक्ति मैं लीन थे इसलिए उन्होंने अपनी पढ़ाई को बीच में छोड़ दिया और आजादी के लिए लड़ रहे स्वतंत्रता सेनानियों का साथ देने खड़े हुए थे अटल जी एक लेखक होने के नाते उन्होंने देश की स्वतंत्रता के लिए अनेक न्यूज़ एजेंसी के लिए कार्य भी किया.
सेवा-कार्यों की उम्मीद सरकार से नहीं की जा सकती । उसके लिए समाज-सेवी संस्थाओं को ही आगे उगना पड़ेगा ।
वाजपेयी जी ने भारत के लिए स्वतंत्रता के बाद प्रधानमंत्री, विदेश मंत्री तथा संसद का पद ग्रहण किया.अपने बचपन में ही वाजपेयी जी देश के लिए अपना योग्दान देना चाहते थे.वाजपेयी एक होनहार विद्यार्थी थे.इसका परिचय उन्होंने भारत का प्रतिनिधित्व कर दिखाया.
देश नागरिकों को न्यूज़ के जरिए देश के नागरिकों को देश की आजादी के लिए प्रेरित किया और इसका असर जनता पर देखने को भी पड़ा।
अटल जी ने 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन भारत के अनेक स्वतंत्रता इसके साथ ही अटल जी का राजनीतिक जीवन शुरू हुआ अटल जी ने श्यामा प्रसाद मुखर्जी से राजनीति जीवन के बारे में सीखा और अपने आप को एक राजनेता बनाने के लिए प्रेरित किया इसके बाद मुखर्जी की मौत हो गई।
लम्बे समय तक बीमारियों से घिरे रहने के बाद 16 अगस्त 2018 को अस्पताल में अटल जी की मृत्यु हो गई और अटल जी की मृत्यु के शौक के रूप में भारतीय सरकार ने 7 दिन तक सरकारी कार्यालयों में आधे दिन अवकाश तथा भारत के तिरंगे को आधा झुका रखकर अटल जी को सादर श्रद्धांजलि दी.
इस दिन सभी विद्यालय में अवकाश की घोषणा की गई और कई राज्यों में 2 दिन तक का भी अवकाश रखा गया इससे हम अटल जी के महत्व का अनुमान लगा सकते हैं.
परमात्मा भी आकर कहे कि छुआछूत मानो, तो मैं ऐसे परमात्मा को भी मानने को तेयार नहीं लेकिन परमात्मा ऐसा कर ही नहीं सकता।
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