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essay On joint family in hindi संयुक्त परिवार पर निबंध

essay On joint family in hindi संयुक्त परिवार पर निबंध: प्रिय मित्रों आपका स्वागत हैं आज हम संयुक्त परिवार के विषय में जानेगे. joint family भारत के प्राचीन परिवार का मूल एवं एकमात्र स्वरूप था. यदि आप संयुक्त परिवार का अर्थ, विशेषताएं, लाभ, हानि, गुण, दोष आदि की जानकारी खोज रहे हैं तो जॉइंट फॅमिली एस्से को पढ़ सकते हैं.

संयुक्त परिवार पर निबंध Essay On joint family in hindi

संयुक्त परिवार पर निबंध Essay On joint family in hindi
संयुक्त परिवार एक वह समूह है जिसमें माता पिता, दादा दादी, बच्चों के बच्चे एक सामान्य निवास स्थान एक सामान्य रसोईघर, एक सामान्य कोष, एक सामान्य धर्म, एक सामान्य पितृ पूजा में विश्वास करते हैं.

संयुक्त परिवार के लक्षण या विशेषताएँ

  1. अनेक विद्वानों ने संयुक्त परिवार के लिए सामान्य निवास का प्रमुख लक्षण बताया हैं.
  2. संयुक्त परिवार के निर्माण हेतु सामान्य रसोईघर का होना भी आवश्यक हैं. आई पी देसाई का मत हैं कि परम्परागत संयुक्त परिवार के लिए सामान्य रसोईघर का होना अत्यावश्यक विशेषता हैं.
  3. संयुक्त परिवार में एक सामान्य कोष का निर्माण किया जाता हैं. परिवार के समस्त सदस्यों की आय इसी सामान्य कोष में जमा हो जाती हैं तथा इसी में से सम्पूर्ण परिवार का व्यय चलता हैं.
  4. नवरात्रि, श्राद्ध पक्ष, जन्म संस्कार, विवाह संस्कार, मृत्यु संस्कार, प्रमुख त्योहारों आदि अनेक पर्वों उत्सवों में परम्परागत संयुक्त परिवार के सभी सदस्य साथ साथ भाग लेते हैं.
  5. संयुक्त परिवार व्यक्तियों का एक ऐसा समूह है जिसके सदस्य परस्पर विशिष्ट रक्त, विवाह अथवा गोद से सम्बन्धित होते हैं. परिवार के सभी सदस्य परस्पर रक्त सम्बन्धी होते है किन्तु पत्नियाँ विवाह सम्बन्धी होती हैं.
  6. संयुक्त परिवार की एक अन्य विशेषता यह है कि इसके सभी सदस्य सामान्य जनरीतियो, रूढ़ियों, परम्पराओं को स्वीकार कर उनका पालन करते हैं.
  7. संयुक्त परिवार में तीन या चार पीढ़ियों के सदस्य एक साथ रहते हैं, जैसे दादा पिता पुत्र उनकी पत्नियाँ और अनेक नाते रिश्तेदार. यह परम्परागत संयुक्त परिवार कहलाता हैं.
  8. रोस के अनुसार संयुक्त परिवार में परिवार के सदस्य कर्तव्य और अधिकार, सत्ता और भावना के प्रतिमान से सम्बद्ध होते हैं. संयुक्त परिवार के सभी सदस्यों में पारस्परिक कर्तव्यपरायणता भी पाई जाती हैं.
  9. परिवार का सबसे बुजुर्ग सदस्य मुखिया के रूप में कार्य करता हैं जिसे कर्ता कहा जाता हैं.
  10. संयुक्त परिवार के सदस्यों के अधिकारों और स्थतियों में भिन्नता और निश्चितता पाई जाती हैं.

Joint family Essay in hindi

भारतीय समाज में परिवार को दो भागो में विभाजित किया जाता है. जिसमे एक संयुक्त और दूसरा एकल परिवार है. भारत के प्राचीन समाज का स्वरूप संयुक्त परिवार है, वहीं आधुनिक समाज का स्वरूप एकल परिवार है.

प्राचीन समय में एक ही परिवार में दादा दादी चाचा चाची ताऊ ताई भुआ माता पिता और बच्चे रहते थे, यानी दो या दो से अधिक पीढ़िया रहती थी. जिसे हम संयुक्त परिवार कहते है. पर आज ये विभाजित होकर एकल परिवार बन गए है.

संयुक्त परिवार वो परिवार होता है. जिसमे सभी एक साथ रहते है. तथा एक ही छत के नीचे खाना खाते है. और एक ही छुले से भोजन बनाते है. और सभी प्रेम से रहते है. वर्तमान में ये परिवार बहुत कम देखने को मिलते है.

एक बड़े परिवार के अनेक सदस्य होते है, जो मुसीबत में काम आते है. जिस कारण संयुक्त परिवार के कई लाभ माने जाते है. जिसमे वित्तीय भागीदारी श्रम भागीदारी तथा मुसीबत में सहायता भी मिलती है.

संयक्त परिवार में सभी जिम्मेदारी दादाजी के पास होती है. जिस कारण परिवार का मुखिया दादाजी होते है. जो सभी को बाँटकर कार्य देते है. और परिवार का उच्च संचालन करते है. जिस परिवार में बड़ा मुखिया होता है. उस परिवार में लड़ाई झगडा भी बहुत कम होता है.

संयुक्त परिवार में सभी मिलकर कमाते है. और सभी मिलकर खाते है. हर सम्पति में सभी का समान अधिकार होता है. और सभी समान रूप से श्रम करते है. सभी अपना मुखिया एक को ही मानते है. जिससे परिवार का सञ्चालन करना सरल हो जाता है.

कुछ समस्याएं होती है, जो एकल परिवार में होती है. पर संयुक्त परिवार में नहीं होती है. जैसे एकल परिवार में निर्णय खुद द्वारा लिया जाता है. जो गलत भी हो सकता है. पर संयुक्त परिवार में बड़ो द्वारा हर निर्णय लिया जाता है. और उसे कई बार निहारकर कार्य किया जाता है. जिससे गलती की कोई गुंजाईश नहीं रहती है.

एकल परिवार में माता पिता और बच्चे होते है, जो किसी भी संकट में फंस सकते है. पर संयुक्त परिवार एक समूह होता है. जो हर बाधा को तोड़ने की क्षमता रखता है.

संयुक्त परिवार की भांति एकल परिवार में अत्यधिक घरेलु विवाद होते है. क्योकि एकल परिवार में कोई समझाने वाला भी नहीं होता है. जिस कारण विवाद बढ़ते है. पर संयुक्त परिवार में इसकी कोई गुंजाईश भी नहीं होती है.

कई बार बच्चे बड़े होकर अपनी पत्नी को लेकर माता पिता को घर से निकाल देते है. पर इस समय उन्हें कोई समझाने और उनके जीवन को सही दिशा दिखाने वाला नहीं होता है. जिस कारण एकल परिवार से संयुक्त परिवार श्रेष्ठ है. 

संयुक्त परिवार का सञ्चालन करना एक राष्ट्र के संचालन के समान है. और ये दायित्व दादाजी के पास होता है. जो अपने आत्मविश्वास और बुद्दि से इस कार्य को करते है. परिवार के भी अपने नियम होते है. जिनके अनुसार सभी को चलना पड़ता है.

परिवार के नियम सविंधान की तरह ही होते है. उनका उलंघन करना अपराध है. ओर परिवार के नियमो को तोड़ने पर फांसी तो नहीं दी जाती है. पर बड़ो से डांट खानी पड़ती है. और परिवार के सभी नियमो को पालना हर सदस्य करता है. क्योकि परिवार के नियम ही सुरक्षा है.

संयुक्त परिवार को हम स्वर्ग भी कह सकते है. क्योकि इस परिवार का परिवेश भी स्वर्ग के सामान ही होता है. माता पिता दादा दादी और चाचा चाची का साथ मिलता है. ताऊ ताई का प्यार बच्चो को बहुत भाता है. और संयक्त परिवार के बच्चे सबसे अधिक संस्कारवान होते है.

एकल परिवार में बच्चो के पास न कोई सहपाठी होता है. और न ही कोई खेलने लायक बच्चा वहीं संयुक्त परिवार में चाचा का हो या ताऊ का बच्चा सभी सहजता के साथ मिलकर खेलते है. और पढ़ते है. जिससे उन्हें बहुत आनंद आता है.
 
संयुक्त परिवार का सबसे बड़ा नियम बडो का सम्मान और छोटो से प्रेम होता है. जिस कारण इस परिवार में प्रेमभाव हमेशा बना रहता है. इस गुण के कारण इस परिवार के लोग संस्कारवान होते है.

आज के समय में वे संयुक्त परिवार जिसमे 40-50 लोग रहते थे. दादाजी संचालन करते थे. वे परिवार आज  न के बराबर ही सिमित है. किसी न किसी कारणवश लोग एकल परिवार में टूटते जा रहे है. और अकेले जीवन व्यतीत कर रहे है.

आज के ग्रामीण इलाको में फिर भी गिने चुने संयुक्त परिवार विद्यमान है, पर शहर में ये विलुप है. जिस कारण आज अपराध आवारागर्दी तथा चोरी जैसे मामले बढ़ रहे है. संस्कारो को कमी लोगो में नजर आ रही है.

संयुक्त परिवार के कई लाभ है. जिस कारण ये हमे बहुत पसंद आता है. पर इसके कई नुकसन भी है, जिस कारण आज संयुक्त परिवार कम हो रहे है. और एकल परिवार बढ़ रहे है. लोग अकेलापन पसंद कर रहे है.

संयुक्त परिवार में कुछ लोग ऐसे भी होते है, जो दूसरो की कमाई से जीवन जीते है. और खुद ऐशो आराम का जीवन जीते है. जिस कारण कमाई करने वाला सोचता है. मै इन्हें क्यों कमाकर खिलाऊ इसके बजाय में अलग होकर खुद कमाकर धन इकठ्ठा कर लूँ. इस स्वार्थ में आकर सभी एकल परिवार को अपनाते है.

कुछ परिवार बच्चो के कारण टूट जाते है. जिससे बच्चो के बीच के झगड़े को बड़ा रूप देकर लड़ाई झगडा कर देते है. जिस कारण विवाद्वश परिवार टूट जाता है. बच्चो के लिए अहम निर्णय लेना परिवार के लिए संकट साबित होता है.

संयुक्त परिवार में ख़ुशी से जीवन जीने के लिए सभी कार्य सभी की सहमती से हो तथा सभी अपनी सहभागिता से कार्य को करे. संयुक्त परिवार से ही हमारा विकास संभव है.

आज हमें संयुक्त परिवार को विलुप्त होने से बचाना है. और सभी को मिलझुलकर एक सरल जीवन जीना है. संयुक्त परिवार का निर्माण करे. तथा अपने जीवन में उन्नति करें.

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