Independence Day Speech In Hindi Short - स्वतंत्रता दिवस पर भाषण: दोस्तों हमारा स्वतंत्रता दिवस आ रहा हैं. ऐसे में बच्चे इंटरनेट पर Independence Day Speech, Short 15 August Speech, स्वतंत्रता दिवस भाषण स्पीच 15 अगस्त पर भाषण हिंदी में खोज रहे हैं. हम आपकी समस्या का निदान करने के लिए सरल हिंदी भाषा में Short Independence Day Speech यहाँ कक्षा Class 1,2,3,4,5,6,7,8,9,10 के बच्चों के लिए तैयार भाषण बता रहे हैं.
2019 Independence Day Speech In Hindi Short - स्वतंत्रता दिवस पर भाषण
स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त को हिंदी में निबंध/Essay Short Speech on Independence Day 15th August in Hindi: दिनकर ने लिखा हैं जो भरा नहीं भावों से बहती जिसमें रसधार नहीं, वह दिल नहीं पत्थर हैं जिसमें स्व देश का प्यार नहीं. इन्ही शब्दों के साथ मैं आप सभी को नमन करता हूँ. गगन में उन्मुक्त लहराते राष्ट्रीय ध्वज के नीचे अमर शहीदों को मेरा नमस्कार वन्दन, माँ वीणावादिनी के आंगन में आए आगंतुकों का हार्दिक अभिनंदन करता हूँ.
आज बहुत बड़े उत्सव का दिन हैं साथ ही हमारे अमर शहीदों के सम्मान का दिन भी हैं. आज का दिवस भारत की आन बान और शान का दिन हैं. स्वतंत्रता और स्वतंत्र भारत का सपना सुभाष, भगत जैसे वीरों के बिना साकार होना सम्भव नहीं था.
देश 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाता हैं आजादी के जश्न में बच्चा बच्चा झूम उठता हैं, मगर हमने देखा हैं ५ अगस्त का वो दिन जब जम्मू कश्मीर से धारा ३७० को हटाने का ऐलान हुआ तो मंजर हमने देखा, कुछ ऐसा ही नजारा रहा होगा 15 अगस्त 1947 के दिन जब भारत स्वतंत्र हुआ था.
आज का दिन हमारे आंकलन का दिन भी हैं जब हम यह विचार करे कि हमने अतीत में क्या गलतियाँ की जिसके परिणाम आज भी देश भुगत रहा हैं तथा ही उन वीरों को भी याद करे जिन्होंने हमारी खुशियों की खातिर अपनी खुशियों का परित्याग कर दिया था.
अतिथि देवो भव की भारतीय संस्कृति ने जो भी शरण में आया उसे अपना मेहमान बनाया, ऐसी ही एक भूल १७ वीं शताब्दी में हुई, जब टॉमस रो को जहाँगीर ने भारत में व्यापार करने की अनुमति प्रदान की थी. व्यापारी के भेष में आए गोरे दरिंदों ने २०० साल तक हमारे देश को गुलाम बनाकर रखा.
आजादी के दौर में भीड़ पर गोलीयां चलाना, किसी को पकडकर जेल में डाल देना, फांसी पर लटका देना, गोलियों से भून देना आम बात हो चुकी थी, इन नताईज से भी आजादी के दीवाने नहीं ठिठके और माँ भारती की गुलामी की जंजीर को तोड़ने के लिए क्रांति करते रहे.
हम उन हजारों क्रांतिक्रारी वीरों के ऋणी हैं, जिन्होंने हमारी खातिर फांसी के फंदे को चुना और अपना जीवन राष्ट्र के नाम समर्पित कर दिया.
इतिहास को हम ध्यान से पढेगे तो पाएगे कि जब जब हम बंटे या उदासीन हुए हम पर विदेशियों ने आक्रमण किये और सत्ता स्थापित की. गौरी के १७ आक्रमण के बाद न जाने कितनी जातियों ने भारत पर शासन किया.
हमारी उदासीनता और राष्ट्र धर्म के प्रति विमुखता ने विदेशी लोगों को यह संदेश दिया कि भारत सोने की खान हैं जो चाहे उतना लूटकर ले जा सकता हैं. वहां के लोग आपस में बंटे हुए हैं.
हमें इतिहास की इन भूलों से सबक सीखना चाहिए तथा एक राष्ट्र के सपूतों के रूप में हमें एकता दिखानी होगी, यदि हम ऐसा कर पाए तो कोई गौरी भारत पर चढ़ाई करने की नहीं सोचेगा और न ही कोई जयचंद उनकी मदद करेगा.
हमारा देश बाहरी सुरक्षा के लिए पूरी तरह तैयार हैं, मगर आंतरिक खतरे व चुनौतियां बेहद गम्भीर होती जा रही हैं. यदि वक्त रहते हम नहीं जगे तो यह अलगाववादी सोच राष्ट्र को विघटन तक ले जा सकती हैं.
बड़ा अफ़सोस होता हैं जब ६० सालों तक भारत पर शासन करने वाली पार्टी के नेता विरोध करने के नाम पर देश का विरोध करने लगते हैं. आज उनके स्वर पाकिस्तान जैसे दुश्मन स्वर से मिलते हैं. हमें चाहिए कि देश को अंदर ही अंदर खोखला बनाने वाले इन लोगों को पहचान करे और उचित अवसर पर उन्हें सबक सिखाए.
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