Hello Guys Here Is Short Info About Self Defence in Hindi. आत्मरक्षा पर निबंध- Essay on Self Defence in Hindi Language For School Students & Kids Class 1,2,3,4,5,6,7,8,9,10. atma raksha par nibandh Yaha 100,200,250,300,400, 500 Words Me Diya Gya Hai.
आत्मरक्षा के अधिकार के तहत व्यक्ति अपने प्राणों के बचाव के लिए किसी भी हद तक जा सकता हैं यहाँ तक कि उसे जीवन के खतरे को पैदा करने वाले को समाप्त करने का हक भी हैं.
आत्मरक्षा पर निबंध- Essay on Self Defence in Hindi
सेल्फ डिफेन्स अर्थात आत्म रक्षा का अर्थ है स्वयं की रक्षा करने हैं. अपने जीवन की रक्षा के प्रयत्न में व्यक्ति को शारीरिक नुकसान क्षति भी सम्भव होती हैं साथ ही जिससे जीवन का खतरा हो उसके प्राण लिए जा सकते हैं.
भारत का संविधान देश के प्रत्येक नागरिक को स्वयं की रक्षा हिफाजत के अधिकार देता हैं. इंडियन पीनल कोड की धारा 96 से 106 तक व्यक्ति के सेल्फ डिफेंस के अधिकार का विस्तृत विवेचन दिया गया हैं.
आज के समय में जहाँ हर समय जीवन खोने का खतरा बना हुआ हैं ऐसे में खासकर बच्चियों तथा महिलाओं को स्व रक्षा की ट्रेनिंग देने की वेशेष आवश्यकता है.
हरेक नागरिक आत्मरक्षा के तरीकों के बारे तथा विकट परिस्थति से निपटने की शिक्षा देने की व्यवस्था की महत्ती आवश्यकता हैं जिससे वे अपने जान माल के नुकसान को होने से बचा सके.
आत्मरक्षा के अधिकार के तहत व्यक्ति अपने प्राणों के बचाव के लिए किसी भी हद तक जा सकता हैं यहाँ तक कि उसे जीवन के खतरे को पैदा करने वाले को समाप्त करने का हक भी हैं.
आत्म रक्षा का अधिकार का उपयोग या दुरूपयोग उस समय की स्थिति और हालातों पर ही निर्भर करता हैं. मगर आत्मरक्षा के अधिकार की ओट में किसी के घर आदि में जाकर मारपीट हमला या लूट को वैधानिक नहीं माना हैं.
इसका अस्तित्व परिस्थितियों से हैं जहाँ व्यक्ति के जीवन पर अकस्मात खतरा उत्पन्न हो जाए तथा जहाँ से बचने या मदद मांगने के समस्त राह समाप्त हो जाती हैं.
वहां आप वार कर अपनी क्षमता का उपयोग कर जीवन की रक्षा कर सकते हैं. प्रत्येक व्यक्ति को चाहिए कि वो स्वयं की रक्षा के तरीकों को जानकर स्वयं को इतना योग्य बनाए कि विकट हालातों में वह अपने जीवन का बचाव कर पाए.
संविधान प्रदत्त स्वयंरक्षा के अधिकार के गलत प्रयोग न करते हुए इसे जीवन उपयोगी बनाए रखने का प्रयत्न करना चाहिए. यदि हमें जीवन के खतरे का पूर्व आभास हो तो प्रशासन से सुरक्षा की मांग करनी चाहिए.
तथा उनके सुरक्षा कवच का उपयोग करे, हमारे जीवन की रक्षा का दायित्व हमारे हाथ में हैं अतः प्रत्येक भाई बहिन सबल बने तथा आत्मरक्षा की शिक्षा पाए जिससे निडर व बेखौफ होकर जीवन को जीया जा सके.
सभी को अपने जीवन की रक्षा करना महत्वपूर्ण होता है. आत्मरक्षा हमारा कर्तव्य है. खासकर आजकल बढ़ते भ्रष्टाचार तथा लूटमार के समय में खुद को बचाना काफी जरुरी है.
आत्मरक्षा के लिए कई बार लोगो की जान भी जा सकती है. पर अपने जान को सुरक्षित करने के लिए दूसरी की जान लेना बेहतर है. खुद की रक्षा खुद कर हम जीवन में प्रगति कर सकते है.
आत्मरक्षा पर अनुच्छेद | paragraph on self defense in Hindi
आत्मरक्षा का सामान्य अर्थ होता है खुद की हिफाजत करता. आत्म रक्षा के लिए व्यक्ति सामने वाले की हत्या अथवा उसकी पिटाई कर सकता हैं.
प्रत्येक राष्ट्र के कानून में सेल्फ डिफेन्स के लिए प्रावधान किये जाते हैं. पर्याप्त सबूत की उपलब्धता के बाद व्यक्ति को कोई दंड नहीं दिया जाता हैं. इंडियन पीनल कोड एक्ट 96 से 106 के मध्य व्यक्ति को आत्म रक्षा का अधिकार प्रदान किया गया हैं.
प्रत्येक नागरिक को अपने इस अधिकार के प्रति जागरूक रहना चाहिए तथा उसे स्वयं रक्षा के प्रत्येक तरीके के सम्बन्ध में जानकारी होनी आवश्यक हैं. खासकर महिलाओं तथा लड़कियों को विपरीत परिस्थतियों में इस अधिकार का उपयोग करना चाहिए. ताकि स्वयं को खतरे में महसूस करने की स्थिति में वह अपने अधिकार का सही उपभोग कर सके.
अपनी आत्मरक्षा अथवा जीवन बचाने के प्रयास में व्यक्ति दूसरे को नुक्सान पहुंचा सकता हैं. एक व्यक्ति को यह भी अधिकार होता है कि वह दूसरे की जान की रक्षा के लिए भी लड़ सकता हैं.
मगर किसी के धन के बचाव में इस तरह का प्रयास नहीं कर सकता हैं. भारतीय कानून में आत्मरक्षा की स्थतियों का स्पष्ट प्रावधान हैं.
व्यक्ति किसी के घर में घुसकर मारपीट या धमकाने के एक्ट को आत्मरक्षा नहीं कहा जा सक्ता हैं. आत्म रक्षा का अधिकार वही लागू होता हैं जहाँ आपकें समक्ष जीवन का खतरा मौजूद हो अथवा कोई आपके साथ जबरदस्ती के प्रयास करता हो तब आप उस पर बचने के लिए वार कर सकते हैं.
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