मेरा पालतू गाय पर निबंध Essay on Cow in Hindi- गाय एक पालतू पशु है. जिसे हम माता का रूप मानते है. गाय का हमारे जीवन में विशेष महत्व होता है. आज हम गाय पर Cow Short and long Essay for kids i hope you like and shayaer this your friends.
गाय पर निबंध Essay on Cow in Hindi
भारत एक कृषि प्रधान देश है.यहाँ के लोग पशुओ को पालते है. और उनकी जीविका का साधन पशु ही है.पर हमारे देश में सबसे ज्यादा पाया जाने वाला पालतू पशु तथा सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण पशु गाय को माना जाता है.
गाय को हमारे देश में माता का दर्जा दिया जाता है. गाय हमारे देश की अर्थव्यवस्था की रीड की हड्डी है.प्राचीन काल से ही गयो को काफी महत्व दिया जाता है.
गाय किसानो की मित्र होती है.ये हर समय अपना स्वादिष्ट दूध देती है.तथा इसका बछड़ा खेती करता है.गाय के हमारे जीवन में अनेक लाभ है. गाय को हिन्दू धर्म में माता का दर्जा प्राप्त है.
हिन्दू लोग इसे माता की तरह रखते है.इसलिए तो हमारे देश में सबसे ज्यादा गाये पाई जाती है.पर भारत सहित अन्य देशो में भी गायो का वितरण है.पर भारत की तुलना में बहुत ही कम है. यहाँ हर काम गायो के चलते ही होता है.
गाय पर 10 पंक्ति हिंदी में 10 Lines On Cow in Hindi
- गाय एक पालतू पशु है ये घरेलू जानवर है|
- गाय को हिन्दू धर्म में माता का दर्जा दिया जाता है.तथा इसकी पूजा करते है.
- गाय को गौ माता भी कहते है.
- गाय हमें दूध देती है.गाय का दूध स्वादिष्ट होता है.तथा गाय के दूध में विटामिन होते है.जो हमारे लिए बहुत लाभदायक होते है.
- गाय शांत स्वभाव की होती है.तथा ये दयालु हो है.
- गाय में 33 करोड़ देवी-देवता का वास होता है.
- गाय को अनेक नामो से जाना जाता है.जिसमे गौ, गैया, गऊ, धेनु, सुरभी, पयस्विनी, ऋषिभि, माहेयी, दौग्धी, भद्रा, रोहिणी आदि प्रमुख है.
- गाय के गोबर से उच्च क्वालिटी की खाद बनती है.तथा इसके मूत्र से से अनेक बीमारियों का विनाश होता है.
- गाय को किसान का मित्र कहा जाता है.
- गाय के चार पैर,चार धन,दो कान,दो सिंग,तथा एक पूंछ होती है.गाय अलग-अलग रंग की हो सकती है.जिसमे-सफ़ेद तथा काला प्रमुख है.
Essay On Cow In Hindi
गाय हमें स्वादिष्ट दूध देती है.गाय का दूध बहुत मीठा होता है. गाय के दूध से दही घी मक्खन तथा पनीर बनाया जाता है, गाय का दूध स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक होता है.
खासकर बच्चो के लिए गाय के दूध से दिमाक तेज होता है. दूध का प्रयोग हम आहार के रूप में भी करते है.दूध बेचकर कई लोग अपनी जीविका भी चलते है.
दूध के साथ-साथ गाय हमें गोबर तथा गौमूत्र भी प्रदान करती है.गाय के गोबर से खाद बनती है.तथा इससे सौर
उर्जा बनायीं जाती है.गाय के मूत्र से अनेक दवाइयों का निर्माण किया जाता है,
गाय के मूत्र से चमड़ी के सभी रोग दूर हो जाते है.गाय के मूत्र को पीना गंगा जल को पीने के समान माना जाता है. इस प्रकार गाय हमारे लिए बहुत उपयोगी है.
गाय का दूध अन्य पशुओ की तुलना में मीठा होता है.पर गाय के दूध पीने से हमारे शरीर में फुर्ती मिलती है.आपने देखा होगा.कि जिस घर में गाय होती है.उस घर के बच्चे बहुत फुर्तीले होते है.
गाय की शारीरिक संरचना :- गाय के चार पैर होते है.जिन पर गाय चलती है.गाय के चार थन होते है.जिससे हमें दूध प्राप्त होता है. गाय के दो सिंग होते है.जो गाय की सोभा बढ़ाते है.तथा इनसे गाय अपनी रक्षा भी करती है.
गाय के दो कान होते है.जिससे ये सुनती है.तथा दो आँखे होती है.इसके एक लम्बी पूंछ होती है.जिसे ये हिलाती रहती है.गाय के अनेक रंग होते है. इसके रंग के साथ-साथ अलग-अलग शहरों में इसके अलग-अलग नाम भी है.
गायों की प्रमुख नस्लें : वैसे देखा जाए तो हमारे देश में गाय की अनेक प्रजातियों पाई जाती है.पर प्रमुख तौर पर भारत में गायो की 43 नस्ल पाई जाती है.पर सभी के आकर रंग में थोडा-थोडा अंतर होता है.
भारत की सबसे श्रेष्ठ गाय दूध देने की दृष्टि से गिर गाय है.ये गुजरात राज्य में पाई जाती है.ये गाय लगभग 40 से 60 लीटर तक दूध देती है. इसके साथ ही हमारे राजस्थान के पश्चिमी भाग में कांकरेज नस्ल पाई जाती है.
गाय का धार्मिक महत्व :- हमारे देश में गाय को माता कहा जाता है.गायो की पूजा की जाती है.तथा गोवर्धन जैसे उत्सव भी मनाये जाते है.हर नया काम गाय के गोबर से शुरू करते है.
भगवान के मंदिरों का निर्माण भी गोबर से ही करते है.गाय में 33 करोड़ देवी-देवता विराजित होते है. इसलिए गाय को धार्मिक महत्व भी दिया जाता है.इसी कारण भारत का सबसे श्रेष्ठ पशु गाय ही है.
गायो को प्राचीन समय से भी महत्व दिया जाता था.पुराने समय में भगवान कृष्ण जी गायो के प्रति प्रेमभाव रखते थे.वे गायो को पाला करते थे.इसलिए उन्हें गौपाल कहा जाता है.
इस प्रकार वीर तेजाजी ने गायो की रक्षा के लिए अपना बलिदान कर दिया इस प्रकार अनेक लोगो ने माता सामान गाय की रक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए.
निष्कर्ष :- आज हमारे देश में लोग गायो को तो रखते है.उनसे दूध प्राप्त करते है.ओर अपना स्वार्थ सिद्ध करते है. पर इस तकनीकी युग में बैलो का कोई महत्व नहीं है. सभी काम मशीनों द्वारा कुछ ही समय हो जाता है.प्राचीन समय में बैलो से खेती की जाती थी.पर अब उनकी जगह ट्रेक्टर ने ले ली है.
प्राचीन समय में लोग बैलो पर पानी लेट थे. गाँव से कुछ सामग्री लाते थे.पर आज बैल का कोई महत्व न होने के करण लोग इसे आवार कर देते है.कोई इन्हें भोजन नहीं देता है.गाय भी अपने बछड़े को खोकर बहुत नाराज होती है.पर वह कुछ कर नहीं पाती है.
लोग बैलो के छोड़ देते है. जिससे वे हर समय सड़को पर घुमते है.तथा भोजन न मिलने के कारण प्लास्टिक की थैलिया खाते है.जिससे उनके पेट में प्लस्टिक न पाच पाने के कारण वह जमा हो जाती है.और कुछ समय पश्चात बैल की मौत हो जाती है.
इसलिए अपनी गाय अपना बैल सभी की सेवा करो. यदि हम अपने बैलो को समय पर भोजन नहीं दे सकते तो हमें इन्हें बड़े गौशाला में छोड़ देना चाहिए. जिससे ये बैल अपना जीवन आसानी से जी सकें. आज कई लोग ऐसे भी है.जो गौ माता को मारकर पैसे कमाते है.उन्हें फांसी होनी चाहिए.
''फांसी हो गौ हत्यारों को''
''फांसी हो गौ हत्यारों को''
गाय पर निबंध हिंदी में Essay on Cow in Hindi
हमारे देश में सबसे ज्यादा पाला जाने वाला पशु गाय है.सम्पूर्ण विश्व में देखे तो लगभग 400 मिलयन गायो को पाला जाता है.इसमे सबसे ज्यादा गायो की संख्या हमारे देश भारत में है. भारत में 200 मिलियन गाये है.
हमारे देश का सबसे ज्यादा पाला जाने वाला पशु गाय ही है.गाय को माता का दर्जा प्राप्त है.गाय को हिन्दू धर्म में पूजा की जाती है. हमारे देश में गायो का विशेष स्थान है. माना जाता है. कि 32 करोड़ देवताओ का निवास गाय में होता है.
इसलिए इसकी पूजा की जाती है.इसके गोबर से मंदिर बनाये जाते है.इसका दूध भगवान को चढ़ाया जाता है. गाय के महत्व को को इतना बढ़ावा दिया जा रहा है. कि भारत में गाय के त्यौहार भी मनाये जाते है..
गाय की रचना
गाय की रचना सबसे सुन्दर होती है.गाय के चार पैर,दो कान,दो आँख,चार थान,दो सिंग,एक मुंह तथा एक लम्बी पूंछ होती है. गायो की शारीरिक बनावट अलग-अलग होती है.जिसमे कई गायो के सिंग छोटे होते है.तो कई गायो के कान छोटे होते है.
एक गाय का वजन लगभग 700 किलोग्राम होता है. गाय हमेशा स्वस्थ्य रहती है. गाय चौपाया पशु होता है.इसके पैरो के नीचे तीखे खुर होते है.जिनकी सहायता से ये कठोर तथा धोरो के स्थानों में भी चलने में सक्षम होती है.
एक चौपाया पशु है और चारों पैरों में खुर्र होते है जिसकी सहायता से भी किसी वे किसी भी कठोर स्थल पर चल सकती है.इसके शरीर पर छोटे-छोटे केश होते है.
गाय का उपयोग
गाय के अनेक उपयोग है.गाय अपने जीवन में जन्म से लेकर मरणोपरांत तक गाय हमें कुछ न कुछ देती है.गाय हमें स्वादिष्ट दूध देती है.जिससे हम मिष्ठान बना सकते है.
तथा गाय के दूध को बेचकर लोग अपना व्यवसाय भी चलाते है. कई लोगो की जीविका का साधन गाय ही है.गाय के गोबर का प्रयोग इंधन के रूप में किया जाता है. साथ ही इससे गोबर गैस भी बनाई जा सकती है.
गाय के मूत्र से अनेक रोगों से मुक्ति पाई जा सकती है.गाय के मूत्र को पीने से शरीर स्वस्थ्य हो जाता है.तथा मन पवित्र हो जाता है. आज हम जिन दवाइयों का प्रयोग करते है.
वह गाय की ही देन है. गाय के मरने के बाद भी इसकी हड्डियों से अनेक साधन बनाये जा सकते है. ये अपने जीवन मरे हर समय लोगो की सेवा करती है.ये बदले में लोगो से कुछ भी नहीं मांगती है.
गाय का बछड़ा बड़ा होकर बैल बनता है.तथा खेतो में हल जोतता है.रात-दिन मेहनत करता है.इस प्रकार गाय हमारे लिए सबसे श्रेष्ठ पशु है. गाय हमें पालती है।
कई लोग ये सोचते है. कि हम गाय को पालते है. इसलिए हमें खुद पर गर्व है. पर ये बात सरासर गलत है. क्योकि गाय को हम नहीं पलते बल्कि गाय हमें पालती है.
गाय हमें सबकुछ देती है. बदले में हम उसे क्या देते है. सुखा भूसा और क्या? गाय इतना सुखा भूसा तो कुछ ही समय में कमा लेती है. पर हमारे लिए कितना काम करती है. इसलिए गाय को हम नहीं बल्कि गाय हमें पालती है।
फांसी हो गौ हत्यारों को
गाय के इतने उपयोग होने के बाद भी आज गायो की संख्या संकट में आ रही है. कई लोगो ने गायो को काटना और बेचना शुरू कर दिया है. वे लोग जो गायो को काटते है.वे गायो को नहीं बल्कि वास्तव में अपनी माँ को काटकर खा रहे है.
गाय हमारी माता है.इसकी हमें रक्षा करनी चाहिए. न कि हमें इसे खुद मरना चाहिए. ऐसे कई पापी इस जग में है.जो गौ माता को मारने में लगे है.ऐसे लोग जो गौ माता को मारते है.वे बहुत बुरी हालत से मरेंगे. गौ माता को कष्ट देने वालो तुम्हे जल्दी ही फंसी होगी.
गाय की नस्लें
गायो की अलग-अलग नस्ल अलग-अलग कार्य करती है.कई गाय ऐसी होती है.जो कार्य करती है.और कई गाये ऐसी होती है.जो दूध देती है. गाय वास्तव में परोपकारी होती है. ये कुछ भी नहीं मांगती है.और हर समय अपनी मदद करती है.इसका यही स्वभाव है.
उपसंहार
गाय सबसे शांत पशु होती है.ये हमेशा अपनी धुन में ही रहती है. ये भोले स्वभाव की होती है. इसलिए तो गाय सबसे प्रिय पशु है.इसे जितना काम दिया जाए ये करती है. और जो खाने को दिया जाता है. उसे स्वीकार करती है. गाय जीवन भर एक माँ की भांति हमारी सेवा करती है. इसलिए इसे गौ माता कहते है.
पालतू पशु गाय पर निबंध
गाय एक उपयोगी पालतू पशु है. जो माँ की भांति हमारी सेवा करती है. जिस कारण हिन्दू ग्रंथो में गाय को माता का दर्जा प्राप्त है. गाय एक विशाल पशु होती है. जो अपने बड़े और सुंदर तन से सभी के मन को मोहित कर देती है.
गाय पुरे विश्व में पाया जाने वाला पशु है. इसकी अनेक प्रजातियाँ है, जो अलग अलग शरीर आकार रंग रूप के लिए अपनी अलग पहचान बनाती है. भारतीय संस्कृति में गाय को विशेष महत्व दिया गया है.
गाय ग्रामीण इलाको में बहुयात पायी जाती है. गाय हमें दूध देती है. जिससे हम छाछ दही तथा घी बनाते है. गाय का दूध किसी औषधि से कम नहीं होता है. गाय का दूध कई प्रकार की बीमारियों से हमारी रक्षा करता है.
गाय के मूत्र भी अतिउपयोगी होते है. जिससे श्रम रोग दूर होता है. गाय को सबसे पवित्र पशु माना जाता है. गया की खाद किसानो की उपज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. तथा बैल खेती करने में उपयोगी होते है.
इस प्रकार हम कह सकते है. कि गाय हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है. गाय जीवन के साथ भी ओर जीवन के बाद भी हमारे लिए उपयोगी होती है. गाय की खाल से कई प्रकार की वस्तुए बनाई जाती है. जो काफी महत्वपूर्ण होती है.
गाय के दूध की प्रशंसा की जाए उतनी कम है. गाय के दूध से हमें प्रोटीन मिलता है. जो हमारे लिए आवशयक होता है. छोटे शिशुओ को गाय का दूध पिलाया जाता है. जिससे उनका विकास जल्द हो सकें. गाय के दूध का सेवन करने से हमेशा शांति बनी रहती है.
गाय के प्रकार
भारत में अनेक प्रकार की गाय पायी जाती है. जो अलग अलग प्रजाति की है. हर प्रजाति की गाय अपने अलग अलग रंग रूप और अकार के लिए प्रसिद्ध है. कुछ गाय दूध अधिक देती है. तो कुछ गाय कम कुछ बड़ी तो कुछ छोटी होती है.
साहीवाल- साहिवाल प्रजाति की गाय को भारत की सबसे श्रेष्ठ और सबसे अधिक पायी जाने वाली गाय माना जाता है. ये सबसे अधिक दूध देती है. तथा इसका दूध काफी शुद्ध होता है. जिस कारण ये सेहत के लिए महत्वपूर्ण है.
गिर- गिर प्रजाति की गाय गुजरात राज्य में पायी जाती है. गुजारत के गिर जंगलो में इस प्रजाति की गाय पाई जाती है. जिस कारण इस प्रजाति की गाय को गिर गाय कहते है. ये दूध का सर्वाधिक उत्पादन करती है.
लाल सिंधी- लाल सिन्धी प्रजाति की गाय का रंग लाल होता है. जिस कारण इसे लाल सिन्धी गाय कहते है. ये गाय कर्णाटक और तमिलनाडु में बहुयात पायी जाती है. ये गाय लगभग 5 लीटर दूध देती है.
राठी नस्ल, कांकरेज, थारपरकर- ये राजस्थान में सबसे अधि पायी जाती है. ये गाय 10 लीटर तक दूध देती है. इसका दूध काफी स्वादिष्ट होता है. ये मरुथल के जिलो में अधिक होती है. इन्हें थारपरकर तथा कोंकरेज कहते है.
दज्जल और धन्नी प्रजाति- ये गाय पंजाब में अधिक पायी जाती है. ये शरीर में काफी बड़ी होती है. पर फुर्तीली और ताकतवर होती है. ये गाय अन्य गाय की भांति दूध नहीं देती है. ये द्ज्ज्ल देती है.
मेवाती, हासी-हिसार- मेवाती हासी हिसार नस्ल की गाय हरियाणा में बहुयात में पायी जाती है. ये गाय खेती करने और दूध देने के लिए उपयोगी है. यहाँ के लोग गाय का दूध बेचकर जीविका चलाते है.
हरियाणा में अधिक खेती होती है. जिस कारण अधिक गायो का पाला जाता है. यहाँ हर घर में दो या उससे अधिक गाय देखने को मिलती है. इसे मेवाती तथा हासी हिसार भी कहते है.
Cow Essay
Essay on cow In English
role: Although the cow has great importance in the whole world, but in the context of India, it has been the backbone of India's economy since ancient times. Whether it is a matter of milk or of bulls used in farming. The number of cows used to be the standard of prosperity of a person in the Vedic period. Being a milch animal, it is a very useful domestic animal.
Utility:
Cow's milk is very nutritious. It is considered a very useful diet for the sick and children. Apart from this, many types of dishes are made from milk. It also makes curd, cheese, butter and ghee from milk. Cow's ghee and cow urine are also useful in making many Ayurvedic medicines. Cow dung is the best fertilizer for crops. After the death of a cow, all its organs, including its thumbs, bones and horn, are used in some way.
Cow's milk is very useful as compared to other animals. Children are especially advised to feed cow's milk, because while buffalo milk brings dullness, cow's milk maintains versatility in children. The buffalo baby (pada) is believed to fall asleep after drinking milk, while the cow's calf jumps after drinking its mother's milk.
The cow is not only useful for people in her life, but even after dying every part of her body is used. Daily living utilities are prepared with cow's leather, horn, hoof. Manure prepared from cow bones is useful for farming.
Body composition:
The cow has one mouth, two eyes, two ears, four udder, two horns, two nostrils and four legs. The hoofs of the feet act as shoes for the cow. The cow has a long tail and there is a bunch on its side, which she uses to fly flies etc. Most species of cow do not have horns.
Major breeds of cows:
There are many breeds of cows, but in India there are mainly Sahiwal (Punjab, Haryana, Delhi, Uttar Pradesh, Bihar), Gir (South Kathiawar), Tharparkar (Jodhpur, Jaisalmer, Kutch), Karan Fry (Rajasthan) etc. The Jersey cow is the most popular of the foreign breeds. This cow also gives more milk. Cow is of many colors like white, black, red, badami and brindle. The Indian cow is smaller, while the body of the foreign cow is slightly heavier.
Religious importance of cow in India:- In India, cow has the status of a goddess. It is believed that 33 crore gods live in the body of the cow. This is the reason why on the second day of Diwali, special cows are worshiped on the occasion of Govardhan Puja and they are decorated with peacock feathers etc.
The cow was considered a symbol of prosperity in ancient India. During the war, cows were also looted along with gold, jewelery. The state in which cows used to be is considered as rich. Who doesn't know Krishna's cow love. For this reason, his name is also Gopal.
Conclusion: Overall, cow has great importance in human life. Cow is still the backbone of rural economy. Unfortunately, in cities, the manner in which polythene is used and thrown away causes the cows to die prematurely. In this direction, everyone will have to think seriously so that the cow dynasty can be told the symbol of our faith and economy.
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