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भैंस पर निबंध Essay On Buffalo In Hindi

भैंस पर निबंध Essay On Buffalo In Hindi- नमस्कार साथियों स्वागत है, आपका आज के हमारे इस लेख में आज हम आपके समक्ष पालतू पशु तथा दुधारू भैंस के बारे में विस्तार से जानकरी प्राप्त करेंगे.

भैंस पर निबंध Essay On Buffalo In Hindi

भारत मे कई पालतू पशुओ को पाला जाता है। परंतु  ज़्यादातर लोग भैंस को पालते है।  भैंस को गांवो मे ज्यादा पाला जाता है। भारत मे भैंस दो प्रकार की पाई जाती है। 

जंगली तथा घरेलू। घरेलू भैंस की तुलना मे जंगली भैंस ज्यादा शक्तिशाली होते है। भारत मे सबसे ज्यादा दूध देने वाला पालतू पशु भैंस है। इसे दूध व्यापार के उद्देश्य से पाला जाता है। भैंस भारत तथा अन्य कई देशो मे पाई जाती है। पालतू पशु मे भैंस का महत्व सबसे ज्यादा माना जाता है।   

परिचय 

भैंस को लोग सबसे ज्यादा पसंद करते है। मेरे घर मे भी एक भैंस है। मै इसकी सेवा करता हूँ। ये हमे बहुत दूध देती है। इसका दूध पोष्टिक होता है। मेरी भैंस सभी के साथ अच्छा व्यवहार करती है। हर रोज 15 लीटर दूध देती है।  ज़्यादातर भैंसो का रंग काला होता है।

 भैंस का शरीर बहुत विशाल होता है।भैंस के शरीर पर छोटे-छोटे बाल होते है। भैंस के चार पैर होते है। जिससे ये आसानी से चल सकती है। इसका भार 400 किलोग्राम तक होता है। तथा इसकी लम्बाई 5-6 फिट तक होती है।  इसकी ऊँचाई 4-5 फिट होती है। 

 भैंस के एक नाक होती है। जिससे ये श्वास लेती है। इसके एक मुंह होता है। जिससे यह अपना खाना खाती है। इसके दो कान होते है। जिससे ये सुनने का कार्य करते है। 

इसके दो सिंग होते है। जिनसे ये शत्रुओ को मारने तथा अपनी सुरक्षा के लिए उपयोगी होती है। इसके एक पुंछ होती है। तथा चार थन होते है। जिससे ये दूध निकालने का कार्य करती है। इसके खुर नुकीले होते है।

 भैंस बहुत दूध देती है।परंतु इसके पालन-पोषण मे ज्यादा खर्चा होता है। जिससे इसे गरीब लोग नहीं पाल सकते है। ये कई लोगो की आमदनी बन चुकी है। भैंस का दूध लोग पीना पसंद करते है। 

ये बहुत लाभदायी है। भैंस हर साल भैंस या भैंसे को जन्म देती है। बछड़ा बड़ा होकर खेती करता है। तथा भरी वस्तु को उढ़ाने का कार्य करता है। तथा बछड़ी बड़ी होकर दूध देती है। इस प्रकार भैंस बढ़ती है। एक भैंस का जीवनकाल 35 वर्ष तक का होता है।

भैंस हमारे लिए उपयोगी 

भैंस का हमारे लिए बहुत उपयोगी पशु है। भैंस हमे दूध देती है। भैंस के दूध से परिवार का पालन-पोषण होता है। भैंस के बछड़े तथा बछड़ी को बेचकर पैसे प्राप्त किए जा सकते है। 

भैंस मरने के बाद भी हमारे लिए उपयोगी होती है। मरने के बाद इसकी खाल से रस्सियों तथा अन्य महत्वपूर्ण वस्तुओ का निर्माण भी किया जा सकता है। भैंस को खरीदना लोगो के लिए सबसे मुश्किल काम है। क्योकि इसकी कीमत बहुत ज्यादा होती है। इसे खरीदने के बाद हम इसे नही बल्कि ये हमे पालती है। 

भैंस का स्वभाव 

मेरे घर मे भी एक पालतू भैंस है। जो कि सभी के साथ अच्छा व्यवहार करती है। पालतू भैंस बहुत शांति के साथ अपना जीवन व्यतीत करती है। जब इसे परेशान किया जाता है। तो ये बहुत खतरनाक तथा नुकसानदायी बन जाती है। ये हमेशा सभी के साथ अच्छा व्यवहार करती है। ये बिना वजह किसी को नुकसान नहीं पहुंचाती है। 

निष्कर्ष 

हमारे भारत मे भैंस की संख्या अन्य पालतू पशुओ की तुलना मे बहुत कम है। गाय हमारी माता इसलिए इसे ज्यादा पाला जाता है। परंतु भैंस लोगो के जीवन को सुधार सकती है। 

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