मेरा जीवन लक्ष्य पर निबंध My Aim In Life In Hindi
प्रत्येक व्यक्ति के जीवन के निर्धारित लक्ष्य होने चाहिए। जब भी आप किसी से पूछते हो ,आप भविष्य में क्या बनना चाहते हो? तब उनके जवाब अलग-अलग होते हैं जैसे कोई कहता है मैं डॉक्टर बनना चाहता हूं चाहती हूं। कोई कहता है मेरे जीवन का लक्ष्य शिक्षक बनना है.
हमारे जीवन में लक्ष्य की अहम भूमिका है. जीवन में सपने पूरे हो इससे पहले सपने देखना जरूरी है. प्रत्येक व्यक्ति का लक्ष्य अलग हो सकता है परंतु उसको प्राप्त करने के लिए दृढ़ निश्चय और निरंतरता आवश्यक होती है।
लक्ष्य निर्धारण में इच्छाएं तथा काबिलियत महत्वपूर्ण होती है। प्रत्येक व्यक्ति अपनी योग्यताओं के आधार पर तथा अपनी रूचि के अनुसार लक्ष्य का निर्धारण करता है।
लगभग प्रत्येक व्यक्ति लक्ष्य का निर्धारण कर लेता है परंतु अपने लक्ष्यों को साकार करने में कुछ ही चुनिंदा लोग सफल हो पाते हैं।
जीवन में किसी लक्ष्य का होना सबसे महत्वपूर्ण बात है। लक्ष्य के बिना व्यक्ति मेहनत करेगा, अच्छा ही होगा ऐसी अपेक्षा नहीं की जा सकती. दूसरे शब्दों में लक्ष्य विहीन व्यक्ति उस राहगीर की तरह है.
जिसे ना तो मंजिल का पता है और ना ही अपने शुरुआती स्थान का। इसलिए जीवन में लक्ष्य का निर्धारण को सफलता का पहला पायदान माना जाता है।
मेरे जीवन का लक्ष्य शिक्षक बनना है. शिक्षक बनकर में नए भारत में अपना योगदान देना चाहता हूं। परंतु शिक्षक बनने के लिए पहले मुझे शिक्षक बनने की योग्यताओं का अर्जन करना पड़ेगा.
शिक्षक बनने के लिए मैं अच्छे प्रशिक्षण संस्थान से आवश्यक डिग्री तथा डिप्लोमा करूंगा। मेरे मार्ग में आने वाली प्रत्येक बाधा काम है डटकर मुकाबला करते हुए अपने लक्ष्य तक पहुंचने के लिए दृढ़ निश्चय के साथ कड़ी मेहनत करूंगा। मुझे खुद पर पूरा यकीन है कि मैं एक बेहतर शिक्षक बन जाऊंगा.
मै शिक्षक बनना चाहता हूँ पर निबंध
मेरे जीवन का मुख्य लक्ष्य शिक्षक बनने के बाद ही शुरू होगा. शिक्षक बनना तो एकमात्र जरिया था जिसके द्वारा में अपने सर्वोत्तम लक्ष्य को प्राप्त करने में सफल हो सकूं.
मैंने मेरे जीवन का लक्ष्य शिक्षक बनना इसलिए चुना क्योंकि एक शिक्षक ही इस दुनिया को अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाता है। शिक्षा वह बुनियाद है जो व्यक्ति को मानव बनाती है।
शिक्षा के बिना जीवन उस दुर्गम पथ की तरह है जिसकी ना तो कोई मंजिल है और ना ही पद की बाधाओं का समुचित हल।
मैं भारत के पूर्व राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी से बहुत ज्यादा प्रभावित हूं। उनके विचारों को धरातल पर लाने का समय आ चुका है ।
मैं उनके तुझे हुए मार्ग पर चलकर एक आदर्श शिक्षक बनने की पूर्ण कोशिश करूंगा । उनकेेे जैसा व्यक्तित्व खोज पाना काफी जटिल है। परंतु उनके आदर्शों पर चलकर कुछ हद तक कामयाबी हासिल की जा सकती है।
जीवन का सर्वोच्च लक्ष्य अलग अलग हो सकते हैं जैसे कुछ व्यक्ति बिजनेसमैन बनना चाहते है तो कुछ नेता. कुछ व्यक्ति चिकित्सक तो कोई वैज्ञानिक. इस प्रकार सर्वोच्च लक्ष्य अलग-अलग हो सकते हैं .
शिक्षक बनने के बाद मेरी पहली प्राथमिकता शिक्षण रहेगी । शिक्षण से मेरा अभिप्राय केवल पाठ्यक्रम को पूरा करवाने तक सीमित नहीं रहेगा। मैं शिक्षण की प्रक्रिया में आवश्यकतानुसार बदलाव करने की कोशिश करूंगा
शिक्षा से वंचित समाज के तबके को शिक्षा से जोड़ने का हर संभव प्रयास करूंगा । शिक्षक बनने के बाद मेरा प्रयास रहेगा की समाज में व्याप्त कुरीतियों और अंधविश्वासों को जनजागृति के द्वारा कम हो।
शिक्षक बनने की प्रेरणा मुझे उस समय मिली जब मैं माध्यमिक विद्यालय में पढ़ता था। तब मैंने देखा कि बहुत से मेरे जैसे बच्चे शिक्षा से वंचित हैं।
उसी दिन मैंने ठान लिया कि मेरे जीवन का लक्ष्य एक अच्छा शिक्षक बनकर शिक्षा से वंचित वर्गों को भी शिक्षा से जोड़ना है। उन दिनों जब मैं बच्चों को बाल मजदूरी करते हुए देखता था तो मुझे बड़ा दुख होता था आज भी होता है.
लेकिन मैं कुछ कर नहीं पा रहा था। तभी मैंने ठान लिया कि शिक्षक बनकर ना केवल में शिक्षा दूंगा बल्कि पूरा प्रयास करूंगा कि बच्चे से कम से कम बाल मजदूर बने। इसके लिए बहुत सी चुनौतियां हैं।
एक शिक्षक की हैसियत से व्यापक स्तर पर बाल मजदूरी को रोकना कठिन सा है परंतु ना मुमकिन तो नहीं। इसके लिए मैंं शिक्षा को अपना हथियार ही अपना हथियार बना सकता हूं ।
जिससे शिक्षा प्राप्त विद्यार्थी भी मेरा सहयोग करते रहेंगे। यह बात समझआई कि शिक्षा ही वह माध्यम है जिसके द्वारा इन सभी का निवारण खोजा जा सकता है।
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