नदी सरंक्षण पर निबंध- इस संसार के सभी प्राणियों को जीवित रहने के लिए जल की जरुरत पड़ती है.पर वर्तमान में बढ़ती जनसँख्या के लिए जल सिमित ही रह गया है.इसलिए हमें जल संरक्षण की जरुरत है.आज के इस आर्टिकल में हम नदियों के सरंक्षण के बारे में जानेंगे.
नदी संरक्षण पर निबंध Essay on River Conservation in Hindi
जल ही जीवन है.ये कहावत आपने सुनी ही होगी.ये कहावत ही नहीं सच्चाई है.जल के बिना जीवन संभव ही नहीं है.वर्तमान समय में जल का सबसे बड़ा संसाधन नदिया है.इसलिए हमें जल के सरंक्षण के लिए नदियों को सरंक्षित करना होगा.
वर्तमान समय में बढ़ते प्रदुषण और जल के दुरूपयोग के इस समय में जल स्तर को नियंत्रित बनाए रखने के लिए नदियों के प्रदूषण को रोकना और पानी की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए नदी संरक्षण की मुहीम चलाई गई.
नदियों के आस पास के क्षेत्र में रहने वाले लोगो द्वारा अपशिष्टो का उत्सर्जित करना तथा खेती के लिए रासायन का अधिक उपयोग से जलीय जीव तथा जल की गुणवता को नुकसान पहुँचता है.
बढती जनसँख्या को जल की अत्यधिक जरुरत पड़ रही है.और वर्तमान में जल का स्तर बहुत सिमित ही है.इसलिए हमें नदियों का सरंक्षण कर जल को बचाना होगा. हमारे देश में ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण संसार में लगभग 40 प्रतिशत आबादी के जल का संसाधन नदिया ही है.इसलिए नदियों का सरंक्षण जरुरी है.
वैसे तो इस संसार में आधी से ज्यादा स्थान पर जल ही जल है.कही बर्फ तो कही ग्लेशियर और कही समुद्र और झीले है.पर हमारे पीने योग्य जल केवल नदियों में ही सिमित है.और नदियों की संख्या बहुत कम है.
आज के लोग जल का महत्व नहीं जान पाने के कारण जल का दुरुपयोग कर रहे है.जो कि हमारे लिए संकट बन रहा है.हमारे जीवन के सरंक्षण का दूसरा नाम जल सरंक्षण ही है.इसलिए कहते है जल है तो कल है.
नदियों के जल की जरुरत बढ़ती जा रही है.तथा जल के संसाधन बहुत कम है.तथा जल का सबसे प्रमुख संसाधन नदियों को प्रदूषित किया जा रहा है.हमारे देश की सबसे पवित्र कही जाने वाली गंगा नदी सबसे गन्दी नदी बन चुकी है.ये हालात गंगा के ही नहीं बल्कि सभी नदियों के बन चुके है.
जल को विषैला बना दिया जा रहा है.कुछ नदिया प्रदुषण से प्रदूषित हो रही है.कई नदिया उद्योगों और कारखानों के अवशेषों से तो कई नदिया लोगो के घरेलु कचरे और मृत जानवरों से इस प्रकार नदियों को प्रदूषित करने और गंदी बनाने के अनेक स्रोत है.जिनसे हमारी नदिया आज प्रदूषित हो रही है.जल का एकमात्र संसाधन समाप्ति की ओर बढ़ रहा है.
जल के हमारे जीवन में अनेक उपयोग है.जल की स्वच्छता की और हमें अपना ध्यान देना चाहिए.हमारे जीवन तथा भविष्य के लिए जल सरंक्षण जरुरी है.जल के उपयोग निम्नलिखित है-
अपनी प्यास को बुझाने की लिए जल पीने की जरुरत होती है.जल से प्यास बुझती है. जल से पेड़ पौधों का विकास संभव है.जल के बिना प्रकृति का होना असंभव होगा,और प्रकृति नहीं होगी तो हमारा जीवन ही नहीं होगा.हमारे जीवन के साथ-साथ प्रकृति भी जल पर टिकी है.
जल से सिंचाई कर खेती बाड़ी का काम किया जा सकता है.किसान लोग खेती से अपना गुजारा करते है.तथा जल से खसल की उगती है.और हर समय फसल को जल की जरुरत होती है.इसलिए अनाज भी जल से ही प्राप्त होता है.जल नहीं होगा तो अनाज भी संभव नहीं है.
आज हमारे लिए हर कार्य को करने के लिए बिजली की जरुरत होती है.पर बिजली का निर्माण भी जल की उपस्थिति में होता है.यदि जल न होता तो बिजली का निर्माण संभव नहीं होता इसलिए बिजली भी जल की देन है.
बाग,बगीचे तथा सब्जियों आदि भी जल से ही उत्पन्न होती है.जल से ही हम उनकी उत्पादन कर सकते है.
उद्योग और कारखानों में कार्य करने के लिए जल की जरुरत होती है.पर कारखानों से जल को प्रदूषित भी किया जाता है.तथा जल का प्रयोग भी किया जा रहा है.
जल में लोग मत्स्य पालन जैसा व्यापार कर अपनी जीविका चलाते है.यदि नदिया और जल ही नहीं होता तो मछलियों का पालन करना संभव ही नहीं होता. घरेलु कार्यो में जल का बड़ा महत्व है.कपडे धोने से लेकर खाना बनाने तक जल की आवश्यकता होती है.
जल प्रकृति का दिया गया अनमोल उपहार है.हमें इसका सदुपयोग करना चाहिए.मनुष्य जीवन जल से ही संभव है.हमें जल सरंक्षण के लिए नदियों का सरंक्षण करना होगा.
आज कई बड़ी बड़ी नदिया ऐसी है,जिसमे जल की मात्रा ज्यादा होने के बाद भी जल पीने योग्य नहीं है.इसके जिम्मेदार मानव है.इसलिए हमें जल सरंक्षण तथा नदियों के सरंक्षण के लिए अहम कदम उठाने चाहिए तथा लोगो में जागरूकता फैलानी चाहिए.
सभी की जागरूकता से ही जल का बचाव किया जा सकता है.कई नदिया ऐसी है.जिनकी देखभाल नहीं कर पाने के कारण आज वे विलुप्त हो गई है.जिससे हमें काफी नुकसान हुआ है.पर लोग इनके सरंक्षण के बजाय इन्हें गन्दा और प्रदुषण करने में लगे हुए है.जो कि हमारे भविष्य के लिए चिंता का विषय है.इस पर हमें अम्ल करना चाहिए.
गंधे जल को पीना कोई नसीब नहीं करता है.पर जल को गन्दा करने में सभी लगे हुए है.कई लोग अपने कपडे धोते है.तो कोई अपने पशुओ को नहलाते है.और कई कचरे को नदियों में डालकर प्रदूषित कर रहे है.गंदगी से भर रहे है.नदिया हमारे लिए है.हमें इसका सदुपयोग करना चाहिए.न कि जल को गन्दा बनाकर उसका दुपयोग.
आज के केवल अशिक्षित ही नहीं बल्कि शिक्षित लोग भी इस कार्य को होड़ के साथ कर रहे है.एक कचरा डालता है.उसे समझाने की बजाय सभी पीछे कचरा डालने लगे.इस संकट के समय में हमें जल की बचत करनी है.
हमारे देश की सबसे बड़ी नदिया गंगा और यमुना अपनी पवित्रता के लिए विख्यात है.पर आज की स्थिति में ये नदिया सबसे प्रदूषित नदिया है.इन नदियों का जल व्यर्थ हो गया है.इन नदियों को गन्दगी से भर दिया गया है.
हमें नदियों की सुरक्षा करनी चाहिए.हमें अशिक्षित लोगो को नदियों के महत्व के बारे में बताना चाहिए.तथा नदियों की सफाई के लिए कार्यक्रमो में भाग लेना चाहिए.तथा जल को जहाँ तक हो फ़िल्टर कर उसका प्रयोग करना चाहिए.
नदियों के प्रदुषण से हमें अनेक नुकसान होते है.नदियों के विषाक्त जल को पशुओ और जानवरों द्वारा पिया जाता है.प्रदूषित जल जानवरों और पालतू पशुओ के जान का कारण भी बनता है.
रासायनिक पदार्थो का जल में विलय हो जाने के कारण जलीय जीवो तथा जलीय पौधों को भारी नुकसान होता है.जलीय जीव जन्तुओ और पेड़ पौधों विलुप्त होने की कगार पर है.हमें जल को स्वच्छ रखकर इनके जीवन को बचाया जा सकता है.
लोग नदियों में मल-मूत्र का त्याग करते है.कचरे फैंकते है.तथा मृत पशुओ को नदियों में फेंक देते है.जिससे अनेक बीमारियों का जन्म होता है.इसलिए हमें नदियों की सफाई की ओर ध्यान देना होगा.
आज हमारी सरकार नदियों के सरंक्षण तथा सफाई के लिए अनेक योजनाए तथा अभियान चला रही है.पर लोगो की जागरूकता के बिना नदियों की सफाई संभव नहीं है.इसलिए हमें अभियान चलाकर रेलिया निकालकर लोगो को नदियों की सफाई और सरंक्षण के लिए जागरूक बनाना होगा.
आज के समय में नदियों का सरंक्षण बेहद जरुरी है.इसलिए हमें नदियों के जल को प्रदूषित होने से बचाना है.तथा घरेलु कचरे,मृत पशु,अवशेष तथा रासायनिक पदार्थो को नदियों में विसर्जित नहीं करना है.नदियों को प्रदुषण से बचाना है.हम सभी नागरिको को जिम्मेदारी के साथ नदियों की स्वच्छता की ओर ध्यान देना होगा.
हम सभी को अपने उज्ज्वल भविष्य के लिए तथा अपनी सुरक्षा के लिए जल का सरंक्षण करना जरुरी है.हम सभी को मिलकर संकल्प लेना चाहिए.कि हम जल को स्वच्छ रखेंगे.कचरे को कचरा पात्र में ही डालेंगे.सरकार के अभियानों में सहायता प्रदान करेंगे.
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