संविधान दिवस पर निबंध | Essay on Constitution Day in Hindi
भारत देश के सविंधान निर्माण को आज ७३ साल हो चुके है. देश का सविंधान 26 नवंबर, 1949 को लागु किया गया था, जिसे बनाने में भारत के लोगो ने २ साल ११ माह और १८ दिन का लम्बा समय लिया.
भारत का सविंधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित तथा कठोर सविंधान है. इसमे संसोधन किया जा सकता है. भारतीय सविंधान की एक और मुख्य विशेषता यह है, कि यह लचीला सविंधान है.
हर साल 26 नवम्बर को देशभर में राष्ट्रीय पर्व के रूप में सविंधान दिवस मनाया जाता है. भारतीय सविंधान के महत्व को केवल भारतीय ही समझ सकते है. यह केवल सविंधान ही नहीं बल्कि हमारे लिए प्रेरणादायक साधन है, जो हमें बेहतर से बेहतर करने की सलाह देता है.
वैसे भारत का सविंधान १९४९ को लागु हुआ पर पहली बार सविंधान दिवस 2015 में मनाया गया. भारतीय सविंधान में बाबा साहेब भीमराव का महत्वपूर्ण योगदान रहा उन्हें संविधान का पिता कहा जाता है.
सविंधान दिवस का महत्व हर भारतीय के लिए है, जहा इस दिवस से देश के सभी नागरिको को सविंधान तथा भारतीय व्यवस्था के बारे में बताया जाता है. तथा इस दिन सभी को सविंधान के बारे में बताया जाता है.
सभी भारतीयों को यह कर्तव्य होता है, कि वे सविंधान के सभी नियमो का पालन करे तथा सविंधान में लिखित सभी नियमो की पालना करते हुए अपना कार्य करें. सविंधान हमें राष्ट्र भक्ति सिखाता है.
यह हमें सुरक्षा दिलाता है. हमें जीने के तरीके सिखाता है. हमें कमाने, पढने, खेलने, बोलने तथा अपने धर्म की रक्षा जैसे अनेको अधिकार देता है. इसलिए हमें सविंधान दिवस के उपलक्ष में इसे बेहतर रूप से जानकार अपने लिए बनाए गए सविंधान का सम्मान करें.
भारत एक गणतंत्र देश है, यहाँ लोकतंत्र चलता है, इस देश में सभी को आजादी से जीने का अधिकार है. ये सभी अधिकार तथा हर क्षेत्र में आजादी का अवसर हमें सविंधान प्रदान करता है.
सविंधान हमें जीवन का असली अर्थ और देश के के लिए सम्मान की भावना को जगाता है. यह देश का सर्वोच्च विधान है. इसके निर्माण में भारतीय देशभक्तों ने दो साल का समय लिया तथा देश के लिए महत्वपूर्ण विधान सविंधान लिख दिया.
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