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सुबह जल्दी उठने पर कविता | Wake Up Poem In Hindi

Wake Up Poem In Hindi | सुबह जल्दी उठने पर कविता : हर व्यक्ति को सुबह वक्त पर उठकर अपनी दैनिक दिनचर्या करनी चाहिए, सुबह जल्दी उठने wake up time poem के कई सारे फायदे हैं. आज की हिंदी कविता में हम know how to wake up early in the morning के बारे में आपकों बता रहे हैं.

Wake Up Poem In Hindi | सुबह जल्दी उठने पर कविता

सुबह जल्दी उठने पर कविता | Wake Up Poem In Hindiसुबह जल्दी उठने पर कविता | Wake Up Poem In Hindi
भई सूरज
जरा इस आदमी को जल्दी जगाओं
भई पवन
जरा इस आदमी को हिलाओं
यह आदमी जो सोया पड़ा हैं
जो सच से बेखबर
सपनों में खोया पड़ा है
भई पंछी
इसके कानों पर चिल्लाओं
भई सूरज जरा इस आदमी को जगाओं
वक्त पर जगाओं
नहीं तो जब बेवक्त जागेगा यह
तो जो आगे निकल गये हैं
उन्हें पाने घबरा के भागेगा यह
घबरा के भागना अलग है
क्षिप्र गति अलग है
क्षिप्र तो वह है
जो सही क्षण में सजग है
सूरज इसे जगाओं
पवन इसे हिलाओं
पंछी इसके कानों पर CHILLAAON
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सूर्योदय पर कविता wake up wake up poem in hindi

मुरगा बोला हुआ सवेरा
बिस्तर छोड़ो जगो उठो
छाई लाली, बड़ी निराली
मिटा अँधेरा, जगो उठो

धीरे धीरे तारे डूबे
किरने कहती जगो उठो
तितली नाचे कोयल गाए
चिड़िया चहके जगो उठो

आलस छोड़ो प्यारे जागो
आँखे खोलो, जगो उठो
अब सोने का समय नहीं है
काम करो तुम जगो उठो.

सुबह के दृश्य पर कविता

उगते सूर्य की किरणें
लगी रही है, आँखों पर
बोल रही है, हमसे
उठा जा हो गई सुबह अब

प्रभात में मीठी-मीठी ध्वनी में
पक्षी आवाज लगाए
उठ जा हो गई सुबह अब

नदियों का ठंडा शीतल जल
अपनी ध्वनि से बोल रहा है
सुबह हो गई अब उठ जा

पेड़ो से गिरते पत्ते
आस पास के छोटे बच्चे 
चलती हुई हवा मधुर
बोल रही है, एक ही वाणी
सुबह हो गई अब उठ जा रे प्राणी..!!

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