स्वर्ण मंदिर पर निबंध | Essay on Golden Temple in Hindi-नमस्कार दोस्तों आज के आर्टिकल में हम भारत के सबसे महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल तथा सिखों के गुरूद्वारे प्रसिद्ध स्वर्ण मंदिर के बारे में विस्तार से जानेंगे.
स्वर्ण मंदिर पर निबंध | Essay on Golden Temple in Hindi
भारत को पर्यटन का देश माना जाता है यहां सबसे अधिक पर्यटन स्थल है जो लोगों को अपनी और आकर्षित करते हैं। स्वर्ण मंदिर भारत का एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल है जो पंजाब राज्य के अमृतसर में स्थित है। स्वर्ण मंदिर को हरी मंदिर साहिब तथा दरगाह साहिब के नाम से भी जाना जाता है।
यह मंदिर सिख धर्म के लोगों के लिए एक पावन धरा है यह सिख धर्मावलंबियों का मुख्य गुरुद्वारा माना जाता है। स्वर्ण मंदिर पंजाब राज्य का सबसे आकर्षण स्थल माना जाता है जहां प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में पर्यटक आते हैं तथा इस आकर्षित मंदिर का दर्शन करते हैं।
इस मंदिर का निर्माण सिक्खों के चौथे गुरू रामदास ने करवाया था पर कुछ मान्यताओं के अनुसार इसका निर्माण संत मियां मीर द्वारा 1588 में करवाया गया था। इस मंदिर को कई बार तोड़ दिया गया इस मंदिर पर अनेक बार हमले हुए पर इसका पुनर्निर्माण करवाया गया। इस मंदिर के पुनर्निर्माण में हिंदुओं का सबसे महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
मुख्य रूप से स्वर्ण मंदिर सिख धर्मावलंबियों का पवित्र स्थल है लेकिन इस मंदिर में लाखों की संख्या में अनेक धर्म के लोग आते हैं तथा मंदिर के दर्शन करते हैं।
जब इस गुरुद्वारे का निर्माण करवाया गया था तब यह पत्थर का बना हुआ था लेकिन इस पर हो रहे लगातार हमलों के कारण भक्तों ने इसका पुनर्निर्माण कराते समय इस पर सोने की परत चढ़ा दी जिस कारण से स्वर्ण मंदिर के नाम से जानते है|
इस गुरुद्वारे के चारों ओर अमृतसर नाम से प्रसिद्ध है एक सरोवर है जिस कारण इस शहर को अमृतसर के नाम से जाना जाता है यह सरोवर इस मंदिर की सुरक्षा का कार्य करता है।
इस मंदिर को चेकों का सबसे बड़ा गुरुद्वारा माना जाता है यह गुरुद्वारा विश्व भर में प्रसिद्ध है जिस कारण देश विदेश से अनेक सिख धर्मावलंबी लोग यहां इस मंदिर के दर्शन के लिए आते है|
लोग यहां किसी भी मंगल कार्य करने से पहले आते हैं शादी विवाह जैसे कार्यक्रम की शुभारंभ इस गुरुद्वारे में आने के बाद से की जाती है.
सिक्कों का यह गुरुद्वारा अपनी खूबसूरती और धार्मिक अखंडता एकता के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है सिख धर्म के साथ ही अनेक धर्मों के लोग भी यहां अपने दर्शन के लिए इस मंदिर पर आते हैं। इस मंदिर का दूसरा नाम भगवान का घर है जिसे हम हरिमंदिर साहिब के नाम से जानते हैं।
यह एक ऐसा गुरुद्वारा है जहां हर रोज लाखों लोगों को भोजन करवाया जाता है तथा यहां सबसे बड़ा लंगर भी लगता है। इस मंदिर के आसपास रहने वाले गरीब लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था भी मंदिर की तरफ से की जाती है जो पुण्य का कार्य है।
इस मंदिर की स्थापना के लिए अकबर से जमीन को खरीदा गया था तथा उस पर इस भव्य मंदिर का निर्माण करवाया गया आज इस मंदिर की स्थिति को देखकर कोई भी यह नहीं कह सकता कि इस पर हमला किया गया हैं इससे इस मंदिर के प्रति भक्तों की सादगी को पहचाना जा सकता है।
क्यों है स्वर्ण मंदिर इतना प्रचलित?
भारत तथा दुनियां के कोने कोने में रहने वाले सिख समुदाय के लोगों के लिए अमृतसर का स्वर्ण मन्दिर दिल में बसता हैं. मौका हाथ लगते है वे गोल्डन टेम्पल के दर्शन करने अवश्य पहुचते हैं. हर दिन मन्दिर में हजारों की संख्या में श्रद्धालु आकर मत्था टेकते थे.
सालाना करीब 50 लाख देशी व विदेशी मेहमान स्वर्ण मन्दिर आते हैं. यहाँ दुनियां का सबसे बड़ा लंगर भी लगता हैं. गुरूद्वारे के इस लंगर में जाति मत पन्थ के भेद के बगैर सभी को एक साथ बिठाकर भोजन करवाया जाता हैं. एक महत्वपूर्ण धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में आज स्वर्ण मन्दिर ने वैश्विक ख्याति अर्जित की हैं.
स्वर्ण मंदिर का अकाल तख्त | Akal Takht of Golden Temple In Hindi
गुरूद्वारे से निकासी पर सीधे हाथ की तरफ बना अकाल तख्त गोल्डन टेम्पल की पहचान से जुड़ा हैं. इसका निर्माण वर्ष 1606 में करवाया गया था. इसका शाब्दिक अर्थ होता है अनादिकाल से ईश्वर का सिंहासन. सिख समुदाय से जुड़े बड़े निर्णय इसी स्थान से लिए जाते है.
हालांकि देश के कई गुरुद्वारों में इस तरह के तख्त की परम्परा है मगर अकाल तख्त सभी से प्राचीन एवं महत्वपूर्ण तख्त हैं. छठे सिख गुरु हरगोबिन्द जी के करकमलों से इसे स्थापित किया गया था. न्याय और पंचायत से जुड़े कामों के लिए इसे बनाया गया था. शुरुआत में इसे मिटटी से बनाया गया था कालान्तर में हुए आक्रमणों से क्षतिग्रस्त हो जाने पर इसे पुनः संगमरमर से बनाया गया हैं.
स्वर्ण मंदिर का सरोवर | Lake of Golden Temple In Hindi
हरमंदिर साहिब में बने भव्य सरोवर की खुदाई का कार्य गुरु रामदास जी ने सम्पन्न करवाया था. अमृत तुल्य जल के इस सरोवर के मध्य से एक रास्ता गोल्डन टेम्पल की तरफ जाता हैं. इसे अमृतसर के नाम से भी जानते है सम्भवतः शहर का नाम भी इस सरोवर के नाम पर पड़ा हैं. सिख धर्म की मान्यता के अनुसार इस सरोवर में स्नान करने वाला व्यक्ति समस्त सांसारिक दुखो व कष्टों से छुटकारा पा लेता हैं.
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