महिला आरक्षण बिल पर निबंध | Women Reservation Bill 2023 in Hindi- नमस्कार दोस्तों आपका स्वागत है, आज के हमारे इस लेख में दोस्तों आज हम हाल ही में भारतीय संसद में पारित हुए महिला आरक्षण बिल के बारे में हम आज चर्चा करेंगे इससे जुडी सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त करेंगे.
महिला आरक्षण बिल पर निबंध | Women Reservation Bill 2023 in Hindi
भारतीय संसद के लिए यह वर्ष बहुत ही महत्वपूर्ण रहा है इस वर्ष महिला आरक्षण की बिल को पारित किया गया जो भारतीय महिलाओं को 33 फ़ीसदी आरक्षण देने की बात करता है इसे लोकसभा और राज्यसभा में शामिल किया गया.
महिला आरक्षण बिल के पारित होने के साथ ही भारत में महिलाओं को संरक्षण और सशक्तिकरण की एक नई दिशा मिली है यह संकेत देता है कि भारतीय महिला उत्कर्ष की ओर बढ़ रही है उन्नत भारत में महिलाओं की स्थिति को मजबूती मिल रही है।
भारतीय महिला आरक्षण बिल 2023 को भारतीय संविधान के 128 में संविधान संशोधन के द्वारा नारी शक्ति वंदन अधिनियम को शामिल किया गया इस अधिनियम का मुख्य उद्देश्य लोकसभा राज्यसभा विधानसभा और राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली क्षेत्र में होने वाले चुनाव में महिलाओं को 33% आरक्षण देने का अधिकार दिया जाता है.
महिला आरक्षण बिल 2023 पर पूरी जानकारी
ऐसा नियम के अनुसार एससी-एसटी की बिछड़ी हुई महिलाओं के लिए 33वीं साड़ी आरक्षण लागू किया गया है जिसमें प्रत्येक सीट के लिए आरक्षित सीटों को रोशन के द्वारा गतिशीलता प्रदान की जाएगी जिससे हर सीट पर महिलाओं को हक मिलेगा।
महिला आरक्षण के अधिकार को लेकर भारत में काफी प्राचीन समय से इसकी मांग रही है महिला आरक्षण बिल की मांग 1990 के दशक के मध्य से हो रही थी 1996 में देव घोड़ा सरकार की समय में विधेयक को पहली बार संसद में प्रस्तुत किया गया लेकिन इसका कई राजनेताओं ने विरोध किया जिस कारण इसे निरस्त कर दिया गया।
वैसे देखा जाए तो महिला आरक्षण बिल कई बार संसद में प्रस्तुत किया गया लेकिन हर बार इसका विरोध किया गया महिलाओं की सम्मान के लिए इस बिल के लिए किसी न किसी दल ने इसका विरोध करके निरस्त करने में कसर नहीं छोड़ी.
जिसमें 1998 1999 2002 2003 2008 तथा 2010 में इसे संसद में प्रस्तुत किया गया लेकिन सर्व सहमति न होने के कारण हर बार यह बिल तक ही रह सका।
2023 में संविधान (128 वां संशोधन) विधेयक या नारी शक्ति वंदन अधिनियम बिल
भारत जैसे विकासशील देश मैं महिला सम्मान के लिए तथा उनके अधिकारों की प्राप्ति के लिए महिला आरक्षण रिजर्व करने की आवश्यकता पड़ी यदि हम भारत की वर्तमान राजनीतिक स्थिति में महिलाओं के योगदान की बात करें तो लोकसभा में 82 महिलाएं सांसद है जो की 15 फीस दी है.
इसके अलावा राज्यसभा में 31 महिलाएं हैं जो 13 फीस दी है इसका कंपेयर यदि हम अन्य देशों से की करें तो भारत महिला प्रतिनिधित्व के रूप में बांग्लादेश पाकिस्तान जैसे देशों से भी काफी पीछे हैं जो भारतीय महिलाओं के लिए अधिकार वंशिता का संकेत देती है।
महिला आरक्षण विधायक को अनुच्छेद 330 ए में शामिल करने की बात की गई है यह लोकसभा में अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति के लिए सीटों के आरक्षण का प्रावधान करती है.
जिसमें महिलाओं के लिए राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में निर्वाचन क्षेत्र के लिए रोशन के द्वारा आवंटित सीटों पर एक तिहाई रिजर्वेशन करने की मांग करता है।
महिला आरक्षण बिल का कई बार विरोध किया गया लेकिन इसके समर्थन में भी इसके तर्क दिए गए जिसमें लैंगिक समानता और महिला सशक्तिकरण के लिए इस बिल को जरूरी बताया गया.
वहीं विरोध करने वालों का तर्क यह है कि ओबीसी और मुस्लिम वर्ग के लिए जो आरक्षण तय किया गया है उसमें महिलाओं को आरक्षण देने से उनका प्रतिनिधित्व काम होगा इसलिए जनगणना और परिसीमन की आवश्यकता है।
साल 2023 में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद मोदी द्वारा इस बिल को प्राथमिकता दी गई तथा इसे अपनी मन की बात कार्यक्रम में संसद में पेश करने की बात कही उसके बाद फरवरी के माह में इस बिल को संसद में पेश किया जिसके बाद मार्च में यह बिल सर्वसम्मति के साथ पास हुआ तथा इस विधेयक पर सभी ने सहमती जाहिर की.
राष्ट्रपति द्वारा मुहर लगाने के बाद इस बिल को सवैधानिक दर्जा दिया गया तथा 21 सितंबर 2023 को यह बिल अधिकार बन गया तथा इसका सभी ने स्वागत किया कई नेताओ ने इस बिल की प्रशंसा की. नरेंद्र मोदी ने महिलाओ को बधाई दी साथ ही राहुल गाँधी ने भी सभी को बधाई दी. महिला सांसदों ने आभार प्रकट किया.
प्रतिक्रियाएँ और समीक्षाएँ
इस बिल के पारित होने के साथ ही सोशल मिडिया पर इसके समर्थन और विरोध में प्रतिक्रियाएं आने लगी जिसमे कई लोगो ने इसे ऐतिहासिक तथा महिलाओ के लिए वरदान बताया तथा महिलाओ के लिए इसे विशेष अवसर के रूप में देखा. वहीं कई लोगो ने इसके कोई महत्व न होने की बात कही.
वास्तव में यह महिलाओ के लिए मील का पत्थर साबित होने वाला है, यह महिलाओ को अपने हक़ की लड़ाई लड़ने तथा अपने प्रतिनिधित्व को मजबूत करने की दृढ़ता को बढाता है. यह महिला के लिए प्रतिनिधित्व करने का अवसर मिला किसी वरदान से कम नही है.
निष्कर्ष
2023 में पारित यह नियम आगे आने वाले चुनावो से लागू होगा, क्योकि इस बार चुनाव क्षेत्रो का निर्धारण अभी तक नही हुआ है. महिलाओ के लिए अगले चुनाव में लागू होने वाला यह नियम उनकी इस समाज और देश में सम्मान, प्रतिष्ठा, अवसर, सुरक्षा, न्याय और स्वतंत्रता को दर्शाता है.
लीडरशिप का यह गुण महिलाओ को सशक्त, सक्षम और प्रोत्साहित करेगा यह जीवन को उत्कर्ष की ओर ले जाने में कारगर साबित होगा. खासकर पिछड़े वर्ग की महिलाओ को इससे विशेष लाभ मिलेगा.
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