आदर्श विद्यार्थी पर निबंध | Essay on Ideal Student in Hindi: नमस्कार दोस्तों आज हम आदर्श छात्र पर निबंध बता रहे हैं. एक आदर्श विद्यार्थी किसे कहा जाता है इस विषय पर शोर्ट निबंध, भाषण, स्पीच अनुच्छेद यहाँ सरल भाषा में स्टूडेंट्स के लिए दिया गया हैं.
Essay on Ideal Student in Hindi
एक आदर्श विद्यार्थी शिक्षा के साथ ही संस्कार, तथा अपने व्यक्तित्व के लिए विख्यात होता है. आदर्श विद्यार्थी उस समय बनता है, जब वो स्कूली शिक्षा ग्रहण कर रहा होता है. इसी समय वो अपनी प्रतिभा से सभी को आश्चर्य चकित कर देता है. तथा अपने कृतित्व से सभी को प्रभावित करता है.
आदर्श विद्यार्थी के कई गुण होते है. जो उन्हें सभी से अलग बनाता है. एक आदर्श छात्र-छात्रा हमेशा सत्यता, ईमानदारी, दृढ़ता तथा मानभाव से कार्य करता है. तथा सभी के साथ प्रेमभाव से रहता है.
भारत में शिक्षा व्यवस्था को जन जन तक पहुंचाया जा रहा हैं. आज हर छोटे से गाँव से लेकर कस्बें नगर में प्राथमिक विद्यालय, महाविद्यालय और विश्वविद्यालय खुले हैं.
यहाँ अध्ययन करने वाली छात्र पीढ़ी को देश का भविष्य माना जाता हैं. छात्र समाज, संस्था के सामान्य कानून का पालन करते हुए चरित्रवान बने इसे ही आदर्श छात्र कहा गया है जो अपने कर्तव्यों की पालना सही ढंग से करे.
विद्यार्थी के अध्ययनकाल को जीवन का स्वर्णिम काल कहा जाता हैं. इसी समय पर बालक का भविष्य निर्भर करता हैं. जो इस काल में मेहनत के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन करता हैं, उसे जीवन में हर अवसर सफलता हाथ लगती हैं.
और जो इस काल में पढ़ाई की बजाय दूसरे कामों में लग जाते है और अपनी पढ़ाई पर ध्यान नहीं देते है उन्हें सिर्फ असफलता ही हाथ लगती हैं. आजकल छात्र जिनकी आयु पढ़ने की होती हैं.
वह मोबाइल, टीवी रेडियो या अन्य किसी यंत्र के साथ अपने अमूल्य समय की बर्बादी कर रहे होते है, जिन्हें आदर्श विद्यार्थी नहीं कहा जा सकता.
एक विद्यार्थी का उद्देश्य शिक्षा प्राप्त करना होता हैं. शिक्षा एक जीवन भर चलने वाली प्रक्रिया हैं. इसके द्वारा व्यक्ति आत्मनिर्भर बनता है एवं अपने चरित्र का निर्माण करता हैं. आदर्श विद्यार्थी वह होता है जो अपने उद्देश्यों पर खरा उतरता हैं.
इसी प्रकार एक विद्यार्थी का ईमानदार होना भी जरुरी है और उन्हें अपने भले बुरे की पहचान करने की समझ भी होनी चाहिए. दोस्तों के साथ रहकर उनका सहयोग करता है और आवश्यकता पड़ने पर उन्ही की सहायता लेता हैं. एक आदर्श विद्यार्थी अपने से बड़ों का आदर सत्कार करता है तथा उनकी बताई बातों का अपने जीवन में पालन भी करता हैं.
सुबह जल्दी उठकर अपने नित्य कर्म करता है जैसे योग व्यायाम और स्नान आदि के बाद अपने ध्यान पढ़ाई में देने लगता हैं. एक आदर्शी विद्यार्थी अपने समाज में भी स्नेह प्राप्त करता हैं. अक्सर वह शिष्टाचार के साथ पेश आता हैं.
वह बात बात पर अपने साथियों के साथ झगड़ा नहीं करता है विद्यार्थी को जीवन में सुख की प्राप्ति कठिन है उसे रात दिन एक करके अपनी पढ़ाई पर पूरा ध्यान केन्द्रित करना होता हैं. एक आदर्श विद्यार्थी पर संस्कृत के श्लोक में कहा गया है सुखार्थिन कुत्तों विद्या विध्यार्थिन कुतो विद्या अर्थात सुख चाहने वालों को विद्या की प्राप्ति एवं विद्या की अभिलाषा रखने वाले को सुख की प्राप्ति नहीं हो सक्तो.
एक आदर्श विद्यार्थी से ही देश के अच्छे भविष्य की आशा की जाती हैं. इस तरह आदर्श छात्र देश के भविष्य एवं समाज के गौरव होते हैं.
आदर्श छात्र पर निबंध Hindi Essay on Ideal Student
आज तक आप सब ने अपने अपने आदर्श निश्चित किए होंगे किसी का आदर्श एपीजे अब्दुल कलाम तो किसी का महेंद्र सिंह धोनी किसी का अक्षय कुमार तो किसी का राकेश शर्मा किसी का किरण बेदी तो किसी का नरेंद्र मोदी हजारों आदर्श हो सकते हैं.
लेकिन आज हम बात करेंगे की एक आदर्श छात्र किस प्रकार से परिवार विद्यालय तथा अन्य स्थानों पर अपना व्यवहार करता है और अन्य साथी किस प्रकार प्रेरित होते हैं.
विद्यालय हो या कॉलेज या फिर विश्वविद्यालय मे अध्ययनरत व्यक्ति छात्र के कहलाता है. यह समय प्रत्येक व्यक्ति के जीवन का स्वर्णिम युग होता है. पूरे जीवन काल में वह क्या करेगा कितनी बुलंदियों को छू लेगा यह सब इसी छात्र जीवन में निर्धारित होता है.
आदर्श छात्र की सीधी सी परिभाषा होगी कि वह छात्र आदर्श है. जो अपने समय का सदुपयोग अनुशासन के साथ करते हुए अपनी निगाहों को हमेशा अपने लक्ष्य पर एकाग्रता के साथ गड़ाए रखें.
शिक्षा की कई सारे आयाम हैं. जो प्रत्येक व्यक्ति को किसी न किसी माध्यम से जिंदगी भर मिलती रहती है. शिक्षा व्यक्ति को आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ समग्र विकास तथा चरित्र निर्माण में आवश्यक है.
प्राचीन काल में शिक्षा के उद्देश्यों में चरित्र निर्माण सामाजिक उत्तरदायित्व तथा व्यक्तित्व विकास को प्राथमिकता दी जाती थी.
आधुनिक समय में इन उद्देश्यों के साथ राष्ट्रीयता का विकास तथा छात्र का नैतिक और आध्यात्मिक उत्थान करना भी शामिल है. एक आदर्श छात्र की परिधि में वही छात्र आता है जो शिक्षा के उपयुक्त उद्देश्यों पर खरा उतरता हो.
एक आदर्श छात्र इमानदार होता है. काम चोरी नहीं करता उसमें सहयोग की भावना होती है. वह माता-पिता तथा गुरुजनों का आदर व सम्मान करता है. बड़ों का आदर करता है.
अपने कार्य के प्रति लगन शील होता है. उसकी दिनचर्या निश्चित होती है. जिसमें योग खेल और मनोरंजन को भी शामिल किया जाता है. इस प्रकार एक आदर्श छात्र की प्रमुख लक्षणों में कठोर परिश्रम समय का सदुपयोग बड़ों का आदर व सम्मान इमानदारी अनुशासन विनम्रता इत्यादि गुण होते हैं.
आदर्श छात्र खेल को खेल की भावना से खेलता है. सहयोग की भावना प्रबल होती है. तथा वह नेतृत्व की क्षमता रखते हुए अपने जूनियर को शिष्टाचार सिखाता है. एक आदर्श छात्र अपने कर्तव्यों के प्रति जागरूक होता है. तथा विद्यालय कॉलेज की सांस्कृतिक गतिविधियों में भी बढ़-चढ़कर भाग लेता है.
आदर्श छात्र की भाषा सहज तथा शिष्ट होती है. और कभी गलती से अशिष्ट भाषा का प्रयोग करता है. तो वह तुरंत माफी मांग लेता है घबराता नहीं है.
एक विद्यार्थी अपने छात्र जीवन में सुख की प्राप्ति की इच्छा नहीं कर सकता. क्योंकि उसे दिन रात मेहनत करनी होती है और मेहनत करना प्रत्येक व्यक्ति के लिए आसान नहीं होता.
विद्या की प्राप्ति बिना त्याग की नहीं की जा सकती. छात्र अपने छात्र जीवन में सुखों का त्याग कर लक्ष्य की ओर तीव्र गति से बढ़कर संपूर्ण जीवन को सुखदाई बना सकता है
आदर्श छात्र में देशभक्ति का गुण कूट कूट कर भरा होता है साथ ही समानता पर भी बल देता है. और धर्म जाति लिंग भाषा स्थान जन्म या वंश के आधार पर किसी के साथ भेदभाव नहीं करता है.
आदर्श छात्र में अनुशासन शिष्टाचार त्याग की भावना होती ही है साथ ही साथ नेतृत्व का गुण भी विद्यमान रहता है विद्यार्थी देश का भविष्य होते हैं. इसलिए विद्यार्थियों में राष्ट्रीयता की भावना कर्तव्य पालना सहयोग की भावना शिष्टाचार अनुशासन त्याग समर्पण नेतृत्व इमानदारी जैसे गुणों का विकास होना अति आवश्यक होता है. आदर्श छात्र देश को नई ऊंचाइयां प्रदान करने में अपना अहम योगदान देगा.
तथा समाज का विकास करने के साथ ही समाज का गौरव भी बनेगा. प्रिय विद्यार्थियों आप भी आदर्श छात्र बनकर अपने परिवार समाज तथा देश को नवीन ऊंचाइयों तक पहुंचाने में अहम योगदान दे सकते हैं.
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