विद्यार्थी जीवन पर निबंध | Essay on Students Life in Hindi
राष्ट्र निर्माण में छात्रों का योगदान पर निबंध
विद्यार्थी जीवन पर निबंध हिंदी में | Students Life Essay in Hindi
प्रत्येक व्यक्ति के लिए विद्यार्थी जीवन बहुत कठिन समय होता है. ये समय ज्ञान प्राप्त करने का होता है. इसमे जो सफल हो जाता है.
वह अपना जीवन सवांरने में कायम होता है. और इस समय में जो पढाई नहीं कर पाता वह आगे जाकर कुछ नहीं कर सकता है.
विद्यार्थी जीवन व्यक्ति का साधना और तपस्या करने के सामान जीवन होता है. ये समय पढाई करने तथा ज्ञान प्राप्ति का समय होता है.
इस समय में में हमें अन्य किसी से मतलब नहीं होता है. इसे जीवन का सबसे महत्वपूर्ण तथा चिंता युक्त समय भी कहते है. जो इसमे व्यक्ति अपने चरित्र का निर्माण करता है.
विद्यार्थी जीवन की शुरुआत 6 साल से हो जाती है. जब बालक विद्यालय जाता है. तो वह उसका विद्यार्थी जीवन कहलाता है. जब विद्यार्थी विद्यालय में पाँच वष की आयु से आरंभ हो जाता है।
माता-पिता अपने बच्चो से बड़ी-बड़ी उम्मीदे रखना आरंभ कर देते है। तथा बच्चा इस समय सबसे अच्छी पढ़ाई करता है। उनके माता-पिता बड़ी जिज्ञासा रखते है।
बालक को विद्यार्थी जीवन में अपना दूसरा शिक्षक मिलता है. नए दोस्त मिलते है. तथा नया परिवार के रूप में विद्यालय मिलता है. इस नए दोस्तों के साथ नए शिक्षक तथा परिवार के साथ विद्यालय जीवन की शुरुआत होती है.इस जीवन का प्रभाव सम्पूर्ण जीवन में देखने को मिलता है.
जो इस जीवन को अच्छे ढंग से जी ल्रेता है.अनुशासन रखता है. तथा पढाई करता है. अच्छे संस्कार प्राप्त करता है. और अच्छे दोस्तों की संगती करता है. तो वह बालक अपने जीवन में आगे जाकर अपनी मंजिल हासिल कर पाता है.
अन्यथा इस विद्यार्थी जीवन में मौज-मस्ती की अनुशासन नहीं रखा सर की बाते सुन ही नहीं मेहनत नहीं कर पाए और बुरे दोस्तों की सांगत की संस्कार प्राप्त नहीं किये. वह बालक अपने जीवन में कभी सफल नहीं हो सकता है.
अपने जीवन संवारने का सबसे महत्वपूर्ण समय बचपन ही होता है. इस समय में हमें अपने शिक्षक से अच्छा ज्ञान प्राप्त करना चाहिए.
बड़ो के साथ किस प्रकार बातचीत करें. किस प्रकार समाज में रहे. आदि अनेक प्रकार के संस्कार शिक्षक से लेकर अपने इस जीवन को सफल तथा सुखी बनाया जा सकता है. ये जीवन की नीव होती है. यदि नीव मजबूत होगी. तो जरुर मंजिल भी मजबूत ही होगी.
''अपनी नीव में नमक मत भर मुसाफिर मंजिले तुझे ही मिलनी है''
जो बच्चे बचपन से मेहनती होते है. अपने जीवन की शुरुआत से मेहनत करते है. तथा मंजिल मिलने तक निरंतर मेहनत करते है. सफलता उन्हें ही मिलती है. मेहनत करने वालो के लिए सफल होना कोई बड़ी बात नहीं होती है.
पर जो मेहनत नहीं करते है. सिर्फ मौज-मस्ती करना ही उनका उद्देश्य होता है. उनके लिए नौकरी/सफलता क्या ढंग की मजदूरी मिलना भी मुश्किल होता है. जिसके दिल में ज्ञान से लगाव है.
वही शिक्षित हो सकता है. जिसको ज्ञान का स्वाद प्यारा होता है. वही मंजिल पाता है.अन्यथा पढाई करने से मंजिल नहीं मिलती इसी कारण हमारे देश में बेरोजगारों की संख्या निरंतर बढ़ती जा रही है.
पढाई की राह पर चलना मुश्किल होता है. पर जब एक बार इस पथ पर कदम रख लिया फिर कुछ भी असंभव नहीं होता है. इस पथ पर चढ़ाना मुश्किल है. इस पथ पर हमें चढाने का प्रयास हमारे शिक्षक करते है. जो इस राह को अपना लेता है. वह सफल हो जाता है.
पर कई लोगो में इस बात की समझ देरी से आती है.पर वे भी इस पथ पर अपने भविष्य को संवार सकते है. आज के इस वैज्ञानिक ज़माने में शिक्षा के बिना कुछ भी हासिल नहीं किया जा सकता है. शिक्षा ही सफलता का मूल-मन्त्र है.
विद्यालय के शिक्षक बच्चो अपने बच्चो की तरह मनाकर शिक्षा देते है. इस आयु में विद्या अर्जित करना ही हमारा काम होता है. इस आयु में जो बच्चा संस्कार प्राप्त कर लेता है. उसे जिंदगी कभी ठोकरे नहीं खानी पड़ेगी. प्राचीन समय में विद्यालय नहीं हुआ करते थे.
उस समय में बालक ज्ञान प्राप्त करने तथा अच्छे संस्कारो के लिए गुरुकुल में जाते थे. जहा उन्हें अच्छे आचरण के बारे में बताया जाता था.
बहुत कम बालको को ही गुरुकुल में प्रवेश मिलता था. कई बालक अपनी परस्थिति के अनुरूप नहीं जा पाते थे. पर आज हमारे हर छोटे-बड़े गाँव में विद्यालय विद्यमान है. जहा शिक्षक निशुल्क पढ़ाते है. तथा अच्छा ज्ञान देते है.
आज जिसके पास ज्ञान रूपी धन नहीं है. उसका इस संसार में कोई महत्व नहीं है.इसलिए हमें बचपन से ही अपने विद्यालय में अच्छे संस्कार प्राप्त करने चाहिए.
तथा विद्या प्राप्त करनी चाहिए. जो संस्कारवान होता है. उसे सबसे ज्यादा महत्व दिया जाता है. संस्कार माता-पिता के साथ-साथ शिक्षक भी देते है.
विद्यार्थी जीवन एक ऐसा जीवन है. जिसमे सबकुछ सीखने का अवसर मिलता है. ये समय गुजर जाने के बाद इन छोटी-बड़ी चीजो को सिखना बहुत मुश्किल कार्य हो जाता है.
विद्यार्थी जीवन में हमें जो चीजे छोटी लगती है. पर वास्तव में यही महत्वपूर्ण होती है. इसके बिना जीवन अधुरा है. इस समय में हमें अच्छा ज्ञान प्राप्त करना चाहिए. जिससे हम अपना,अपने परिवार का और सभी का नाम रोशन कर सकें.
इस जीवन में ऐसा कोई कार्य नहीं है. जिसे करने में मेहनत नहीं करनी पड़ती है. हर मंजिल को पाने में कठोर मेहनत करनी पड़ती है. जिसमे चाहे डॉक्टर बनाना हो या शिक्षक.
हमें अपने जीवन में सफलता पाने के लिए सबकुछ त्याग करना पड़ता है. हमारे जीवन में मेहनत के महत्व का अनुमान हम इस बात से लगा सकते है.
कि एक व्यक्ति साईकल चला रहा है. जिस प्रकार हमारा जीवन चल रहा है. साईकल वाला व्यक्ति मेहनत करके चढ़ाई को पार करता है. इस चढ़ाई को पार करने का फल उसे ढलान मिलती है.
इसी प्रकार मेहनत करने पर एक दिन आनंद भी मिलेगा. ख़ुशी भी प्राप्त होगी. तथा ,मनोरंजन करने का समय भी मिलेगा. पर हमें ये सब प्राप्त करने के लिए अपनी सफलता को प्राप्त करना होगा. यानि कठोर मेहनत करनी होगी.
अपने जीवन को बचपन से अनुशासित बनाये तथा खुद मेहनती बने और दूसरो को भी इसके लिए प्रेरित करें. मेहनत के बिना कुछ भी हासिल नहीं किया जा सकता है.
विद्यार्थी जीवन ज्ञान प्राप्त करने का समय होता है. इस समय में हमें अनुशासित तथा नियमित रहना चाहिए. इस समय में की गई मेहनत हमारे भविष्य के रंग लाती है.
विद्यार्थी जीवन में शिक्षा ही नहीं बल्कि हमें व्यायाम तथा आसन भी करने चाहिए. जिससे हमारा शरीर स्वस्थ रहे. जब हमारा शरीर स्वस्थ होगा. जब हम ज्ञान प्राप्त कर सकते है. कहते है. पहला सुख निरोगी काया यानि शरीर स्वस्थ है. ये हमारा पहला सुख होता है.
इसलिए नियमित रूप से पढाई के साथ-साथ व्यायाम भी करने चाहिए. और दिन में दो घंटे मनोरंजन भी करना चाहिए.
कोई मन पसंद खेल-खेलना चाहिए. पर कई बच्चों को आदत हो जाती है. कि वे पुरे दिन खेलते रहते है. इससे कई नुकसान होते है.
पुरे दिन खेलने से समय की बर्बादी होती है, साथ ही समय पर उर्जा भी नहीं मिल पाती है. जिस कारण थकान महसूस होती है.
विद्यार्थी जीवन में हमें अच्छे बुरे की पहचान होनी चाहिए. क्या हमारे लिए उचित है. हमारे लिए गुण- अवगुण, अच्छा-बुरा, पुण्य-पाप, धर्म- अधर्म सभी के बारे में जानकारी होनी चाहिए. तथा अच्छे को अपने जीवन में प्रवेश करवाना तथा बुरे को त्याग देने वाला बालक ही सबसे श्रेष्ठ बालक होता है.
अच्छी आदतों को अपने जीवन में अपनाना चाहिए तथा बुरी आदतों को छोड़ना चाहिए. बड़ो का सम्मान करना चाहिए. छोटो के साथ प्रेम भाव से रहना चाहिए.
आज सबसे ज्यादा अनपढ़ लोग नशा करते है. उन्हें नशे से होने वाले नुकसान के बारे में बताये तथा किसी भी परस्थिति में नशे से दूर रहे. नशा एक लत है.
हमें अपने जीवन में खुद के स्वास्थ्य को सबसे ज्यादा महत्व देना चाहिए. तथा सभी को नियमित रूप से स्वस्थ्य का ध्यान रखने तथा व्यायाम करने की सलाह देनी चाहिए.
अपने जीवन का सबसे सुखी काल विद्यार्थी जीवन ही होता है. इस जीवन की प्रेम से बिताना चाहिए. इस समय में हमें अनेक प्रकार के लाभ उठाने चाहिए.
जैसे विद्या का लाभ,ज्ञान का लाभ तथा संस्कारो का लाभ उठाना चाहिए. इसा समय से ही हमें अपने भविष्य को निर्धारित कर लेना चाहिए. जिससे आने वाले समय में हमें परेशानी का सामना न करना पड़े.
हमें अपने विद्यार्थी जीवन को बड़ी समझदारी तथा सावधानी के साथ जीना चाहिए. इस समय में लगी लत या बुरी आदते हमारे जीवन को बर्बाद कर सकती है. इसलिए हमें बुरी चीजो से दूर रहना चाहिए. तथा अच्छी चीजो का आचरण करना चाहिए. अच्छे दोस्त से दोस्त बनानी चाहिए.
Essay 3
छात्र जीवन: ज्ञान का प्राप्ति का अद्वितीय समय
ये भी पढ़े
- स्कूल के बाद का जीवन पर निबंध
- अनुशासन पर निबंध
- आदर्श विद्यार्थी पर निबंध
- विद्यार्थी और अनुशासन पर निबंध
- विद्यार्थी जीवन में माता-पिता की भूमिका पर निबंध
प्रिय दर्शको आज का हमारा लेख विद्यार्थी जीवन पर निबंध | Essay on Students Life in Hindi आपको कैसा लगा? कमेन्ट में अपनी राय दें. तथा पसंद आया तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करे.