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रुस-युक्रेन युद्ध Essay On Russia Ukrainian War In Hindi 2022

रुस-युक्रेन युद्ध Essay On Russia Ukrainian War In Hindi- नमस्कार दोस्तों हाल ही में रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने अपने पडौसी देश युक्रेन पर मिसाइलो सेव हमला कर दिया. युक्रेन USSR समूह का हिस्सा हुआ करता था, पर आज वह नेटो के साथ जा रहा है. जिस कारण रूस उसे रोकने के लिए उस पर हमला कर रहा है. आज के आर्टिकल में हम रूस युक्रेन विवाद और युद्ध के बारे में जानेंगे.

रुस-युक्रेन युद्ध Essay On Russia Ukrainian War In Hindiरुस-युक्रेन युद्ध Russia Ukrainian War In Hindi

युक्रेन जो रूस का पडोसी देश है. ये देश यूरोप महाद्वीप में आता है. जो यूरोपीय देशो के शक्तिशाली संगठन नाटो समूह के साथ जुड़ने के लिए रूस जैसे विशाल देश से भीड़ गया है.

रूस ने युक्रेन पर ताबड़तोड़ हमला कर दिया. पिछले कई दिनों से ये युद्ध चल रहा है. जिसमे रूस ने युक्रेन के अधिकांश भाग पर अधिकार कर दिया है. पर युक्रेन झुकने को तैयार नहीं है.

एक तरह जहा रूस को रोकने के लिए सभी देश उस पर प्रतिबन्ध लगा रहे है. वही भारत ने किसी का भी रुख नहीं अपनाया. चाइना रूस का सहयोग कर रहा है. पर नाटो समूह के देश और अन्य देशो ने रूस पर कई व्यापारिक प्रतिबन्ध झोंक दिए है. जिससे रूस को काफी नुकसान हुआ है.

युक्रेन अपना अधिकांश क्षेत्र खो देने के बाद भी अमेरिका और अन्य देशो से सहायता की गुहार लगा रहा है. पर कोई भी रूस से टकराने को तैयार नहीं है. यहाँ तक कि अमेरिका भी पीछे हट रहा है.

यदि नाटो समूह के देश युक्रेन की सहायता करते है, तो ये विश्वयुद्ध का रूप ले सकता है, क्योकि रूस की सहायता में भी चाइना जैसे देश तैयार है. और अमेरिका और रूस जैसे परमाणु सम्पन्न देशो के बीच युद्ध से पूरा विश्व नष्ट हो सकता है.

अभी तक हजारो की संख्या में दोनों देशो के लोग मारे जा चुके है. यहाँ तक कि इस बार आम लोगो ने भी युक्रेन की तरह से युद्ध में भाग लिया है. जिस कारण कई आम लोग भी मारे गए.

युक्रेन में फंसे भारतीय विद्यार्थियों की सुरक्षा के लिए रूस ने उन्हें भारतीय ध्वज के साथ युक्रेन से निकलने के लिए कहा जिससे वे भारतीयों की सुरक्षा कर सकें. इस प्रकार रूस ने इस स्थिति में भी भारतीय लोगो को बचाया.

रुस-युक्रेन युद्ध Essay On Russia Ukrainian War In Hindi

रूस और युक्रेन के बीच हाल ही में चल रहे विवाद ने युद्ध का रूप ले लिया है. रूस ने पडोसी देश युक्रेन पर मिसाइल दाग दी है. तथा इससे कई लोगो की जान भी जा चुकी है. यदि इसमे नेटो देश भाग लेते है, तो ये विश्वयुद्ध का रूप ले सकता है.

1991 के साल से पहले रूस तथा युक्रेन दोनों 25 दिसंबर 1991 तक USSR के भाग हुआ करते थे. पर इस दिन 15 देशों में ussr का विभाजन हुआ. इस संगठन का संचालित रूस करता था.

1945 से 1991 के बीच चले शीत युद्ध में अमेरिका तथा रूस दोनों महाशक्तिया एक दुसरे को बेहतर बताने के लिए कई बार युद्ध करने तक की स्थिति में आ गई. रूस और अमेरिका के पास आज के समय में सबसे अधिक परमाणु हथियार है.

हाल में में नेटो संगठन (नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी आर्गनाइजेशन) में युक्रेन जा रहा है. जिसे रूस मना कर रहा है. रूस के इस हमले को लेकर नेटो के देशो ने रूस को अपनी सेना वापस हटा लेने के लिए कहा है. वही रूस ने किसी भी देश को हस्तक्षेप न करने की चेतावनी दी है.

रुसी राष्ट्रपति पुतिन ने कहा यदि किसी देश ने इस मामले को लेकर हस्तक्षेप किया तो वो हाल होगा, जो आज तक इतिहास में नहीं हुआ यानी सभी को रूस ने खुली चेतावनी दी है. तथा युक्रेन को सरेंडर करने की बात कही है.

रूस के हमले के साथ ही युक्रेन भी जवाबी करवाई कर रहा है. युक्रेन के राष्ट्रपति ने कहा हम अपनी रक्षा करना बखूबी जानते है. तथा हम अपनी रक्षा भी करेंगे. और जीत भी प्राप्त करेंगे.

इस समय यदि नेटो महाशाक्ति अमेरिका जैसे देश रूस पर हमला कर देते है, तो ये विश्वयुद्ध का रूप ले सकता है. और इससे कई प्रकार की हानिया हो सकती है. रुसी राष्ट्रपति पुतिन ने भारत से सहायता मांगी है.

इस समय भारत के लिए एक बड़ा इम्तिहान है. भारत किसकी मदद करें. एक तरफ भारत का पुराना साथी रूस जिसने भारत की सहयता कई बार की है. तथा दावा किया है, कि आगे भी सहायता की जरुरत होने पर की जाएगी.

वही दूसरी ओर भारत का नया दोस्त अमेरिका जिसका भारत के साथ हाल ही में अच्छे सम्बन्ध चल रहे है. पर इतिहास में भारत अमेरिका के सम्बन्ध अच्छे नहीं रहे है. पर भारत इस युद्ध को सुलझाने का प्रयास करेगा.

नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी आर्गनाइजेशन संग में जाने का फैसला लेना ही युक्रेन से युद्ध करने का सबसे बड़ा कारण बना है. युक्रेन अपनी शक्ति बढाने के लिए नेटो में शामिल होना चाहता है.

युक्रेन अपनी सुरक्षा करने तथा युद्ध से बचने के लिए युक्रेन को नेटो में शामिल होने के इस कदम को पीछे हटा लेना चाहिए. जिससे शांति स्थापित की जा सकें. युक्रेन के लिए कोई भी देश सीधे तौर से रूस से नहीं भिड़ेगा.

क्योकि अभी तक युक्रेन NATO समूह का हिस्सा नहीं है. जिसे नाटो का हिस्से बनाने के लिए कोई देश रिस्क नहीं लेना चाहेगा. रूस एक परमाणु संपन्न देश है. जो किसी को भी बर्बाद कर सकता है.